मिशन चुदाई- 4

(Garam Sali Ki Chudai)

गरम साली की चुदाई कहानी में जब साली ने अपने जीजू और बहन को दूसरे कपल से सेक्स करके देखा तो उसे भी अपने जीजू का लंड लेने की तलब लग गयी.

कहानी के तीसरे भाग
बहन ने दीदी को जीजू के दोस्त से चुदती देखा
में आपने पढ़ा कि रीमा बाइक पर अशोक से चिपट कर बैठी, बोली- आइसक्रीम तो कहीं से भी ले लेंगे, चलो लॉन्ग ड्राइव पर चलें.

अशोक ने बाइक एअरपोर्ट की ओर मोड़ दी.

अब आगे गरम साली की चुदाई:

रास्ते भर रीमा अशोक को छेड़ती रही.
वो बार बार उसे चूम भी लेती.
कभी उसकी टी शर्ट पर से उसके निप्पलस पर लबे नाखूनों से गोला बनाती.

एक एकांत सी जगह पर अशोक ने बाइक रोकी तो रीमा ने आइसक्रीम ली और अपनी में से ही अशोक को भी खिलाने लगी.

अशोक की निगाहें उसकी टी शर्ट से झांकते निप्पल पर अटक रही थी.
रीमा समझ गयी.
उसने पूछा- क्या देख रहे हैं?
अशोक खिसिया गया, बोला- तुमने ब्रा नहीं पहनी.
रीमा बोली- तो क्या हुआ.

अशोक मुस्कुराते हुए बोला- चुभ रहे थे. तुम्हारे सीमा से भी बड़े हैं न शायद?
रीमा ने आसपास देखा कोई नहीं था.
उसने अशोक का हाथ अपनी टी शर्ट के अंदर कर लिया और बोली- छूकर बताओ किसके बड़े हैं.

इस अचानक के हमले से अशोक चौंक गया.
उसने हाथ बाहर निकल लिया और बोला- चलो घर चलें.

रीमा ने बाइक पर बैठते हुए उसे चूम लिया और बोली- चलिए. रास्ते में उसने अशोक के लंड पर ऊपर से हाथ फिराया और बोली- अरे आपका तो खड़ा हो गया. घर तक पहुँच पायेगा या यहीं काम निबटा लें.
अशोक हंस पड़ा और बाइक की स्पीड बढ़ा ली.

रीमा ने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा- आपके रूम से रात को बहुत शोर आ रहा था. सीमा से पूछा तो वो टाल गयी. आज हम तीनों मस्ती करेंगे. सीमा कुछ नहीं कहेगी.
अशोक कुछ नहीं बोला बस हाथ पीछे करके रीमा के हाथ को दबा दिया.

घर पहुँच कर रीमा ने सीमा को हल्के से कह दिया- तुम बीच में मत पड़ना, आज मैं तुम दोनों के बीच पड़ूँगी. प्लीज कोई ड्रामा नहीं करना.

डिनर करके तीनों बेड पर बैठ कर हंसी मजाक करने लगे.

रीमा बोली- मैं फ्रेश होने जा रही हूँ. मन किया तो आऊंगी, वरना तुम दोनों सो जाना. डोर लॉक मत करना.

सीमा असमंजस में थी.
उसने अशोक से कहा- चलो सोते हैं!
कहकर वो लाइट बंद करने उठी.

अशोक बोला- क्या कुछ बात है जो आज तुम इन कपड़ों में सोने आ रही हो. रोज तो छोटी सी नाईटी पहनती हो.
सीमा बोली- आज रीमा घर पर है.

अशोक बोला- वो तो पहले भी आती रही है. उसके सामने भी तुम बेड टाइम पर तो वही शोर्ट ड्रेस पहनती हो. ऐसे ही रीमा भी पहनती है. हमें तो कभी फर्क नहीं पड़ा, आज क्या बात है?
सीमा चुप रही और चुपचाप फ्रेश होकर शोर्ट नाईटी पहन कर आ गयी और अशोक से लिपटती हुई उसका लंड सहलाती हुई बोली- रीमा अब नहीं आएगी, चलो सो जाएँ. तुम्हारा तो ये पूरा तना हुआ है. क्या इरादा है.

अशोक ने उसकी फ्रॉक ऊपर कर दी और उसके मम्मे मुंहं में लेते हुए बोला- पहले तो तेरे ये आम चूसने हैं, फिर तेरी रेल बनानी है.
सीमा हंसते हुए बोली- देखते हैं कौन किसकी रेल बनाता है!
कहकर सीमा ने अपनी फ्रॉक और अशोक का बरमूडा उतार दिया.

अब दोनों नंगे थे. दोनों के होंठ मिले हुए थे.

तभी रीमा रूम में आ गयी.

कमरे में बहुत हल्की रोशनी थी.
रीमा सीमा से लिपट कर लेट गयी और अशोक से बोली- जीजू, अकेले अकेले दावत उड़ा रहे हो. ये नहीं देखा की घर में कोई मेहमान भी है.

सीमा करवट बदलती हुई बोली- तू कब से मेहमान हो गयी.
रीमा बोली- मेहमान हूँ तभी तो कल रात की पार्टी में मुझे नहीं बुलाया.

सीमा हंसते हुए बोली- पागल, कल वाली पार्टी वाइल्ड पार्टी थी, पता नहीं तू क्या सोचती.
रीमा बोली- तो अब क्या इरादा है?
सीमा ने हंसते हुए रीमा को होंठों पर चूम लिया और बोली- यार तुझसे तो हमेश सब कुछ बांटा है, आज अशोक भी सही.

सुनते ही रीमा कूद कर दोनों के बीच आ गयी और अशोक को ताबड़तोड़ चूमने लगी.
उसने अशोक का लंड कस के पकड़ लिया.

पीछे से सीमा भी उससे लिपट गयी और उसके मम्मे दबाने लगी.
सीमा ने रीमा की फ्रॉक भी उतार दी.

अब तीनों नंगे थे.

रीमा के होंठ अशोक के होंठ से भिड़े थे और हाथ उसका लंड मसल रहे थे.

अशोक का हाथ उसकी मखमली चूत पर पहुंचा.

बिल्कुल मक्खन जैसी चूत थी रीमा की.
उसने अभी चिकनी की थी इसीलिये उसे आने में देर लगी.

उसकी उंगली अंदर पहुँचते ही रीमा का जिस्म काँप गया.
सीमा नीचे हुई और अशोक का हाथ हटा कर अपनी जीभ रीमा की फांकों में घुसा दी.

रीमा पलटी और उसने भी सीमा की चूत में अपनी जीभ घुसा दी.

अब दोनों नागिनें एक दूसरे की चूत में आग लगा रही थीं.

अशोक पीछे से लिपटा हुआ रीमा के नंगे जिस्म को यहाँ वहां चूम रहा था.

रीमा ने अब सीमा को छोड़ा और वो अशोक के लंड को चूसने लगी.
अशोक ने उसे अपने ऊपर किया और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी.

रीमा ने अशोक के लंड पर जीभ और होंठ से ऐसा दबाव बनाया कि अशोक को अपने को छुड़ाना पड़ा.

सीमा उसके ऊपर आना चाहती थी.
पर रीमा बोली- आज पहले ममैं … फिर तू तो सारी रात घुड़सवारी करना इनकी. मैं अभी हरीश से कहकर आई हूँ कि थोड़ी देर में बात करती हूँ.

अशोक बोला- वापिसी पर हरीश को भी यहीं बुला लें, चारों मस्ती करेंगे.

इससे पहले की रीमा कुछ कहती, सीमा बोली- मैंने और रीमा ने तय किया है कि हरीश को इसमें कभी शामिल नहीं करेंगे, उसे रीमा कुछ बताएगी भी नहीं. अब तुम दोनों जल्दी करो, मेरी चूत में तो आग लगा दी है इसने चूसकर.

अशोक को नीचे लिटाकर रीमा चढ़ गयी उसके ऊपर और पीछे से सीमा ने अशोक का लंड पकड़कर उस पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने हाथ से ही रीमा की चूत में कर दिया.

अशोक ने नीचे से पेल मारी तो लंड पूरा का पूरा घुस गया रीमा की चूत में.

रीमा की एक बार तो बड़ी जोर से आह निकली.
पर जल्दी ही उसने उछल कूद शुरू कर दी.

अशोक भी नीचे से धक्के दे रहा था और गरम साली की चुदाई कर रहा था, साथ ही रीमा के मम्मे मसल रहा था.

सीमा उठी और अशोक के मुंह पर बैठ गयी.
अब अशोक की जीभ उसकी चूत में थी.

सीमा और रीमा दोनों आमने सामने थीं.

सीमा ने रीमा का चेहरा पकड़ कर उसके होंठों से होंठ मिला दिये.
सीमा ने महसूस किया कि वो रीमा और अशोक की मस्त चुदाई में बाधा बन रही है. तो वो अभी आई कहकर वाशरूम में चली गई.

अशोक ने अब रीमा को नीचे पलटा और उसकी टांगों को पूरा चौड़ाते हुए ऊपर की ओर किया और फिर एक बार अपना मूसल पेल दिया उसकी चूत में.
उसके हाथ रीमा की मम्मों को मसल रहे थे.

अब रीमा को असली चुदाई का मजा आ रहा था.
वो अशोक को पंजाबी में गाली बकते हुए उकसा रही थी.

अशोक को भी पंजाबी लड़की को चोदने का मजा रहा था.
सीमा उसके सामने बहुत शांत और सीधी थी.

रीमा तो पलटवार करके बराबर का दंगल खेल रही थी.
पर अशोक की मजबूत पकड़ ने रीमा का पानी निकाल दिया.

अशोक भी हांफ रहा था.
उसने पूछा- कहाँ निकालूं?
रीमा बोली- की अंदर ही निकाल दो और फिर हिलना मत. पूरा अंदर घुसेड़े रखना, बहुत मजा आ रहा है.

अशोक ने एक झटके में सारा माल रीमा की चूत में निकाल दिया और फिर उसके ऊपर ही लुढ़क गया.

सीमा वाशरूम से आ चुकी थी.
उसने दोनों को हैण्ड टॉवेल दिए पोंछने के लिए.

रीमा उठती हुई बोली- जीजू मजा आ गया. मन तो नहीं भरा अभी, पर सीमा की आग भी तो बुझानी है आपको. इसलिए अभी माफ़ कर रही हूँ. कल तो मैं चली जाऊंगी. पर अगली बार आऊंगी तो सीमा से पूछ कर आऊंगी, इसकी छुट्टी के दिनों में आऊंगी.

कहकर वह मुस्कुराती हुई अपनी गांड मटकाते हुए रूम में चली गयी.

अगले दिन अशोक जब ऑफिस जाने लगा तब तक रीमा उठी नहीं थी.
सीमा उसे उठाने गयी तो वो नंग धड़ंग ऐसे ही सो रही थी.

सीमा ने उसके ऊपर चादर डाल दी.
रीमा ने कुनमुना कर आँख खोलीं, तो सीमा बोली- अशोक ऑफिस जा रहे हैं.

रीमा ने जोर से अलसाते हुए अशोक को आवाज लगाई.
सीमा ने बाहर जाकर अशोक से कहा- वो नहीं उठ रही. तुम निकलो, तुम्हें देर हो जायेगी. ये तो दोपहर बाद वापिस चली जायेगी.

सुनकर अशोक रीमा के कमरे में गया.
रीमा ने आँख खोल रखीं थी.
उसने अशोक को इशारे से बुलाया और उसे चूमते हुए उसका एक हाथ बेड शीट के अंदर करके मम्मों पर रख दिया और बोली- सच बहुत मजा आया रात को!

अशोक ने उसे चूमा और फिर ऑफिस के लिए चला गया.

दिन में रीमा सीमा साथ ही नहायीं.
रात के बारे में अब कोई बात नहीं हुई.

दोपहर बाद रीमा चली गयी.
गरम साली की चुदाई स्टोरी लम्बी चलेगी.
हर भाग पर आप अपने विचार देते रहें।
धन्यवाद.

गरम साली की चुदाई स्टोरी का अगला भाग:

What did you think of this story

Comments

Scroll To Top