पापा के बाद मैंने भी मामी को चोदा
(Hard Xxx In Family)
हार्ड Xxx इन फॅमिली का नजारा मैंने देखा जब मेरे पापा को मैंने मामी की चूत चुदाई करते देखा. उसके बाद मैं भी मामी को चोदने की इच्छा रखने लगा.
फ्रेंड्स, मेरे घर में बस तीन लोग हैं. मैं, मेरे पापा और मेरी माँ.
ये हार्ड Xxx इन फॅमिली की बात कुछ साल पहले की है जब कोविड के कारण मेरा वर्क फ्रॉम होम चल रहा था.
मैं दिल्ली से वापस अपने घर बिहार आ गया था और वहीं से काम करता था.
कोविड के समय अचानक मेरी माँ की तबीयत खराब हो गई.
हमने उन्हें डॉक्टर को दिखाया और माँ की देखभाल के लिए मेरी मामी हमारे घर आईं.
मैंने गौर किया कि मेरे पापा बार-बार मामी से अकेले में बात करने का बहाना ढूँढते थे.
मुझे थोड़ा शक हुआ.
मैंने सोचा कि आखिर इन दोनों के बीच बात क्या है?
तब मैंने पता लगाने का फैसला किया.
फिर चार दिन बाद की बात है, मैं अपने लंच ब्रेक पर था.
मैं किचन में कुछ खाने गया, तभी मैंने देखा कि मामी खाना बना रही थीं और पापा उनके पीछे से उनकी चूचियों को पकड़े हुए थे.
मैं देखकर दंग रह गया.
मुझे समझ आ गया कि पापा और मामी के बीच नाजायज संबंध हैं.
मैं चुपके से खिड़की के पीछे छिपकर देखने लगा.
मैंने देखा कि पापा मामी को पीछे से पकड़ कर हल्के-हल्के से उनकी चूचियां दबा रहे थे और अपना लंड को उनकी गांड पर रगड़ रहे थे.
मामी खाना बना रही थीं और बार-बार पापा की तरफ देखकर मुस्कुरा रही थीं.
फिर पापा ने मामी को अपनी तरफ घुमाया और उनके होंठों पर एक चुम्मा दे दिया.
मामी शर्माती हुई बोलीं- अभी नहीं, कोई आ जाएगा.
पापा ने जवाब दिया- कोई नहीं आएगा. कुणाल अपने ऑफिस के काम में बिजी है और उसकी माँ सो रही है.
मामी ने फिर कहा- नहीं, अभी नहीं!
लेकिन पापा ने उनकी बात अनसुनी कर दी और उनकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.
अब मामी भी मस्त हो गईं और हवस भरी नजरों से पापा को देखने लगीं.
पापा ने मामी का ब्लाउज खोल दिया और उनकी ब्रा के ऊपर से चूचियों को दबाने लगे.
साथ ही, एक हाथ उनकी जांघों के बीच ले जाकर उनकी चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाने लगे.
मामी मस्त होकर दबे मुँह से सिसकारियां लेने लगीं और चुदाई भरी नजरों से पापा को देखने लगीं.
पापा ने मामी की साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.
पेटीकोट गिरते ही मामी की नंगी, काले घने बालों वाली चूत मुझे साफ दिखने लगी.
ये सब देखकर मेरी तो हालत खराब हो गई.
मेरे मन में कभी भी मामी के लिए बुरे ख्याल नहीं आए थे लेकिन उन्हें इस तरह नंगी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
उधर पापा ने मामी को किचन के स्लैब पर बिठाया और उनकी टांगें चौड़ी करके उनकी चूत पर अपनी जीभ लगा दी.
पापा की जीभ लगते ही मामी एकदम सिसक उठीं और उन्होंने पापा के सिर को अपनी जांघों में दबा लिया.
मैं इधर अपने खड़े लंड को सहला रहा था और खिड़की से चुपके चुपके देख रहा था.
दो मिनट की चूत चटाई के बाद मामी से बर्दाश्त नहीं हुआ, उन्होंने पापा के बाल पकड़ कर उनका सिर बाहर खींचा और उनके होंठों को चूसने लगीं.
फिर वे बोलीं- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा!
पापा ने बिना वक्त गंवाए मामी को स्लैब से नीचे उतारा और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.
मामी मस्ती से लंड चूसने लगीं.
पापा का लंड मेरे साइज का ही था, लगभग 6 इंच का.
मामी के लंड चूसने से पापा आनंद में डूब गए.
उन्होंने आंखें बंद कर लीं और मामी के बाल पकड़ कर लंड को उनके मुँह में अन्दर-बाहर करने लगे.
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद मामी ऊपर आईं और बोलीं- अब चोदो मुझे!
पापा ने मामी को उल्टा किया, उन्हें किचन के स्लैब पर झुकाया और उनकी टांगें चौड़ी करके एक ही बार में अपना लंड उनकी बालों वाली चूत में डाल दिया.
लंड जाते ही मामी उछल पड़ीं और ‘उफ्फ’ की आवाज के साथ पापा की तरफ देखकर मुस्कुराईं, जैसे उनकी चूत में लंड का स्वागत कर रही हों.
मैं यहां अपने कंट्रोल से बाहर हो रहा था.
मैंने अपना लोअर नीचे करके अपना लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा, साथ ही पापा और मामी की चुदाई देखने लगा.
पापा धीरे-धीरे मामी की चूत में लंड डाल रहे थे और पीछे से हाथ आगे करके मामी की नंगी चूचियों को दबा रहे थे.
मामी के मुँह से ‘उफ्फ … आह्ह.’ की आवाज़ निकल रही थी और वे पापा से बोल रही थीं- चोदो … आज बहुत दिनों बाद मौका मिला है!
पापा ने कहा- हां यार पिछली बार जब तुमको चोदा था, तब बहुत जल्दी में था. आज सही में तेरी चूत चोदने का मौका मिला है!
मुझे पता चल गया था कि यह इनकी पहली चुदाई नहीं थी; इससे पहले भी इन्होंने कई बार ऐसा किया था.
मैं अपना लंड हिला रहा था, उधर पापा मामी की चूत में धक्के दे रहे थे.
आज पहली बार मेरा मन हो रहा था कि मैं मामी की चूत में लंड डालूँ.
मन कर रहा था कि पापा को हटाकर मैं जाऊं और मामी की चूत में लंड डाल कर उनकी चूचियों को पीते हुए चोदूँ.
लेकिन मैं अभी बस देख ही सकता था.
मामी ने कहा- आप नीचे लेट जाओ. मुझे लंड की सवारी करनी है.
पापा किचन में नीचे लेट गए.
मामी ने अपनी जांघें फैलाकर अपनी चूत को पापा के लंड पर सैट किया और उनके लंड पर बैठ गईं.
पापा का लंड मामी की चूत में समा गया और दोनों के मुँह से एक साथ ‘आह’ निकली.
मामी अपनी गांड उछाल-उछाल कर लंड लेने लगीं और पापा भी नीचे से धक्का लगा कर चूत में लंड घुसेड़ने लगे.
मैं यह सब देखकर भूल गया था कि मुझे ऑफिस का काम करना है और बस लंड हिलाकर मुठ मार रहा था.
उधर पापा मामी की चूत को चोद रहे थे और बोल रहे थे- कब से तेरी चूत में लंड डालने को बेचैन था. आज अच्छे से मौका मिला है.
मामी बोलीं- जीजा जी, मुझे भी आपके लंड का इंतज़ार था.
पापा ने एक ज़ोरदार धक्का दिया और मामी की गांड पकड़कर बोले- तो ले ना … आज पूरा मज़ा देता हूँ!
मामी भी मस्ती में गांड हिलाती हुई बोलीं- हां जीजाजी … चोदो ना … आह आज फाड़ दो मेरी इस चूत को!
पापा और मामी की चुदाई देखकर मेरा बुरा हाल था और मेरा लंड पानी छोड़ रहा था.
उधर पापा ने मामी को अपने ऊपर से हटाया और नीचे लिटा दिया.
फिर मामी के ऊपर आकर पापा ने उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया और धकापेल चोदने लगे.
इस बार पापा के धक्के बहुत तेज़ लग रहे थे और मामी हर धक्के पर उछल कर ‘आह्ह … उफ्फ’ कर रही थीं.
पापा के हर धक्के से मामी की चूचियां उछल रही थीं.
पापा ने पूछा- आज तो तू बहुत मस्त होकर चुदवा रही है!
मामी ने कहा- हां … मेरी चूत की आग बुझाने का बहुत दिन से मन था. आज मौका मिला है.
पापा ने एक ज़ोरदार धक्का दिया और उनकी चूचियों का दूध पीने लगे.
मामी ने पापा का सिर अपनी चूचियों पर दबाते हुए कहा- पी जाओ … आह आज सारा दूध मेरा … और अपने लंड से मेरी चूत का पानी निकाल दो. बुझा दो मेरी चूत की आग!
पापा दूध पीते हुए नीचे मामी की चूत में धक्के देने लगे.
मामी भी गांड हिलाकर हर धक्के का जवाब देने लगीं.
मैं यहां एकदम कंट्रोल नहीं कर पा रहा था और अपना लंड हिलाए जा रहा था.
पापा के धक्के इतने तेज़ थे कि किचन में ‘छप-छप’ की आवाज़ गूंजने लगी.
पापा ने मामी की दोनों चूचियों को बारी-बारी से पिया और बोले- आज भी तेरे दूध में वही स्वाद है.
मामी बोलीं- आह्ह … ये आपके लिए ही तो है!
पापा मुस्कुराए और मामी की चूत से लंड बाहर निकाला.
मामी कुछ समझ पातीं, इससे पहले ही पापा ने ज़ोरदार धक्के के साथ एक ही बार में लंड उनकी चूत में गाड़ दिया.
मामी उछल पड़ीं, चीखती हुई अपनी आंखें बंद करके कराहने लगीं.
वे मस्ती में अपने होंठ काटने लगीं.
पापा ने मामी के होंठों पर अपने होंठ रखकर चूत में लंड पेलना जारी रखा.
मामी अब हर धक्के के बाद पापा को ज़ोर से पकड़ लेती थीं.
ऐसे ही चुदाई के बाद मामी ने पापा से कहा- चोदो मुझे आह और ज़ोर से चोदो … निकाल दो मेरा पानी आज!
पापा ने धक्के और तेज़ कर दिए.
मामी ने एक चीख के साथ पापा को जकड़ लिया और अपना पानी पापा के लंड पर छोड़ दिया.
पापा इधर जोर-जोर से धक्के लगाकर मामी की चूत का भोसड़ा बना रहे थे.
मैं यह सब देखकर स्तब्ध था.
मैं इधर अपना लंड हिलाने में व्यस्त था.
पापा ने दो मिनट की तीव्र चुदाई के बाद मामी की चूत में अपना पानी छोड़ दिया और उनके ऊपर ही ढह गए.
यह हार्ड Xxx इन फॅमिली का दृश्य देखकर मेरी हालत खराब हो गई.
मैं जल्दी से वॉशरूम में भागा और अपने लंड को जोर-जोर से हिलाने लगा, मामी की चूत को कल्पना में लाकर मेरा पानी निकल गया.
फिर मैं अपने ऑफिस के काम में जुट गया.
लेकिन मेरा मन काम में बिल्कुल नहीं लग रहा था.
बार-बार मामी और पापा की चुदाई का वह दृश्य मेरे सामने घूम रहा था.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
मैं बाहर निकला तो देखा कि पापा अपने कमरे में चले गए थे और मामी नहाने गई थीं क्योंकि वॉशरूम से पानी की आवाज़ आ रही थी.
मुझे किसी भी तरह मामी को दोबारा नंगी देखना था.
मैं वॉशरूम के गेट के छेद से उन्हें देखने लगा.
तभी अचानक मामी ने गेट खोला और मुझे वहां पकड़ लिया.
उन्होंने पूछा- तुम यहां क्या कर रहे हो?
मैंने झट से कहा- मैं वॉशरूम यूज करने आया था.
मामी ने तीखे स्वर में कहा- झूठ बोलते हो … तुम मुझे देख रहे थे!
मैं डर गया और बोला- नहीं मामी.
लेकिन फिर मैंने सोचा, यही मौका है.
मैंने हिम्मत जुटाकर कहा- हां, मैं देख रहा था … और सिर्फ़ यही नहीं, किचन में जो हुआ, वह भी देखा था!
यह सुनकर मामी घबरा गईं और बोलीं- क्या? किचन में कुछ नहीं हुआ था.
मैंने कहा- मैंने देखा, आप पापा के साथ कैसे मज़े ले रही थीं.
मामी का चेहरा लाल हो गया.
वे मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगीं- किसी को कुछ मत बताना. मुझसे गलती हो गई.
मैंने कहा- नहीं बताऊंगा, लेकिन आपको मेरा एक काम करना होगा.
‘कैसा काम? मामी ने पूछा.
मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया.
मामी तुरंत समझ गईं कि मुझे क्या चाहिए.
‘नहीं, कुणाल ये गलत है!’ उन्होंने कहा.
मैंने तपाक से जवाब दिया- क्यों? जब पापा का लंड पर गांड उछाल उछाल कर मजा ले रही थीं, तब गलत नहीं था?
मामी चुप हो गईं.
मैंने वॉशरूम का गेट बंद किया और मामी के कपड़े उतार दिए.
वे पूरी तरह नंगी मेरे सामने खड़ी थीं, नज़रें झुकाए.
मैं भी नंगा हो गया और उनका हाथ अपने लंड पर ले गया.
उन्होंने मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया और मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा.
मामी एक बार झड़ चुकी थीं इसलिए मुझे पता था कि उन्हें गर्म करने में वक्त लगेगा.
मैंने आराम से उनके होंठों पर अपने होंठ रखे और उनकी चूचियों को दबाने लगा.
धीरे-धीरे मामी गर्म होने लगीं.
मैंने नल बंद कर दिया और फव्वारे के नीचे मामी को लिटाकर उनके ऊपर चढ़ गया.
मैंने उनके पैर फैलाए और उनकी चूत चाटने लगा.
मामी ने ‘आह्ह’ की सिसकारी भरी और मेरे सिर को पकड़ लिया, अपनी चूत को मेरे मुँह में और धकेलने लगीं.
मुझे उनकी चूत के नमकीन पानी का स्वाद मज़ेदार लग रहा था.
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मुझसे रहा नहीं गया, मैंने मामी को फव्वारे के नीचे सीधा लिटाया और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया.
मामी उछल पड़ीं और बोलीं- धीरे-धीरे करो!
मैं धीरे-धीरे उन्हें चोदने लगा, उनके निपल्स को मसलने और होंठों को चूमने लगा.
मामी ‘उफ्फ आआह्ह’ की आवाज़ें निकाल रही थीं.
उनकी चूत की गर्माहट मेरे लंड पर महसूस हो रही थी.
मैं जोरदार धक्कों के साथ उनकी चूत में लंड पेल रहा था और मामी हर धक्के में मेरी आंखों में देखकर ‘आह्ह’ कर रही थीं.
दस-बारह मिनट की ऐसी चुदाई के बाद मैं और मामी एक साथ झड़ गए.
मेरा सारा पानी उनकी चूत में गिर गया और उनके पानी से मेरा लंड भीग गया.
चुदाई के बाद हमने एक-दूसरे को साफ किया.
मामी ने कहा- किसी को कुछ मत बताना!
मैंने जवाब दिया- कभी नहीं बताऊंगा, लेकिन अब रोज़ आपको मेरे साथ चुदना होगा!
मामी मुस्कुरा कर बोलीं- इसमें भी कहने की बात है.
यह कह कर उन्होंने मुझे एक चुम्बन दिया.
मैंने भी उनके होंठों को चूसा और फिर हम अलग हो गए.
पहले मैं वॉशरूम से बाहर आया, फिर थोड़ी देर बाद मामी भी बाहर आईं.
उनके चेहरे पर एक अजीब-सी खुशी थी.
इस हार्ड Xxx इन फॅमिली कहानी का अगला भाग जल्दी ही लेकर आऊंगा, तब तक के लिए विदा.
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