हर चूत पर लिखा है किसी लंड का नाम- 5
(Hot Hot Xxx Story)
हॉट हॉट Xxx स्टोरी में पूरी रात जीजू से चुदाई का मजा लेने के बाद भी उसका मन नहीं भरा था. वह सुबह नींद खुलते ही अपना जीजा का लंड चूसने लगी.
कहानी के चौथे भाग
पुराने आशिक के बड़े लंड का मजा
में आपने पढ़ा कि उल्फत को अपने शहर से चुदाई का पूरा मजा नहीं मिलता था तो उसने अपनी बहन के शौहर यानी अपने जीजू का बड़ा लंड अपनी चूत में घुसवा लिया.
अब आगे हॉट हॉट Xxx स्टोरी:
सुबह मोहसिन की आँख खुली.
उल्फ़त उसका लंड चूस रही थी.
मोहसिन ने मुस्कुराते हुए उसे अपने ऊपर खींच लिया और नीचे से ही लंड दोबारा उसकी चूत में कर दिया और उछल उछल कर चोदने लगा.
सेक्स का पूरा मजा लेने के बाद मोहसिन ऊपर चला गया.
उल्फ़त ने कमरा सब ठीक किया. काम वाली आती होगी. नाश्ता करतके मोहसिन चला गया.
उल्फ़त ने उससे कहा- एक दो दिन वर्क फ्रॉम होम कर लो.
मोहसिन ने मुस्कुराते हुए उससे कान में कहा- सारी कसर रात में पूरी किया करेंगे.
उल्फ़त नहाने गयी तो उसे अपने जिस्म पर कई जगह मोहसिन के नोचने खसोटने के निशान मिले.
मम्मे तो अभी तक गुलाबी हो रहे थे. छूने पर दर्द भी हो रहा था.
पर उल्फ़त अपनी हालत देख कर मुस्कुरा रही थी और मोहसिन का शुक्रिया अदा कर रही थी.
उल्फ़त ने गर्म पानी के तरेड़े लगाए अपने मम्मों और चूत पर.
दिन में वो जम कर दो घंटे सोयी.
उठी तो एकदम से फ्रेश थी.
डिनर तैयार करके वो मोहसिन का इंतज़ार करने लगी.
मोहसिन को आते-आते आज 8 बज गए.
उल्फ़त ने उसे कई बार फोन किया था.
आते ही उल्फ़त उससे नाराज हुई- ज्यादा भाव खा रहे हो क्या?
मोहसिन हँसते हुए बोला- तुम्हारे लिए कल की छुट्टी ली है. कुछ जरूरी काम निपटाना था तो देर हो गयी.
उल्फ़त की बांछें खिल गयीं, बोली- फटाफट नहाकर आ जाओ. भूख लगी है. मैंने तो दिन में भी कुछ नहीं खाया.
मोहसिन जल्दी से ही नहाकर शॉर्ट्स और टी शर्ट पहनकर आ गया.
आज उल्फ़त ने भी नहाकर एक फ्रॉक पहन ली थी.
अब मोहसिन से क्या शर्म?
फ्रॉक में वो और ज्यादा नमकीन लग रही थी मोहसिन को.
ऊँची फ्रॉक, बाहर झंकते मम्मे, गोरी टांगें और खिला हुआ चेहरा, उस पर से लाल लिपिस्टिक और उसकी कलर के नेल पेंट.
कुल मिला कर उल्फ़त बिल्कुल डॉल लग रही थी.
मोहसिन ने आते ही उसे लिपटा लिया अपने से और चूमा चाटी शुरूं हो गयी.
मोहसिन ने गोदी में उठा लिया था उसे.
उल्फ़त का ये सपना भी पूरा हुआ.
मोहसिन के हाथ नीचे फिसले तो उसे अहसास हुआ कि उल्फ़त ने नीचे कुछ नहीं पहना था.
उसने उल्फ़त को नीचे उतारा और नीचे बैठ कर फ्रॉक ऊँची कर दी और अपनी जीभ उसकी जन्नत की गुफा पर लगा दी.
उल्फ़त कसमसा गयी.
उसने आज अपनी चूत को भी महका रखा था तो मोहसिन के नथुनों में खुशबू घुस गयी.
उसे पहली बार फायजा की चूत चूसने और उसमें से निकलने वाली बदबू का ख्याल आ गया.
उल्फ़त उसके सपनों की रानी थी और हर तरीके से उसके लिए मुकम्मिल थी.
मोहसिन ने हाथ और ऊपर किये और उसके मम्मे लपक लिए.
मोहसिन उसकी फ्रॉक उतारना चाहता था पर उल्फ़त ने रोक लिया- अभी शुरू हो गये तो फिर डिनर बेकार हो जाएगा. मन तो मेरा भी नहीं मान रहा … पर आओ पहले डिनर ले लें.
दोनों ने जैसे तैसे डिनर निबटाया और फ्रेश होकर बेड पर आ गये.
डिनर लेते समय उल्फ़त ने मोहसिन को बताया कि परसों शाम को एक रात के लिए इकबाल यहाँ आयेगा.
बेड पर आते ही दोनों एक दूसरे से इसे लिपटे मानों बरसों से बिछड़े हों.
दोनों के कपड़े उतर गए.
मोहसिन ने हँसते हुए उल्फ़त को अपनी पीठ दिखाई जहां उल्फ़त ने नाख़ून से धारियां बना दी थीं.
उल्फ़त ने धारियों को चूम लिया.
अब उल्फ़त ने पहल करते हुए मोहसिन का लंड मुंह में ले लिया. लंड चूसते चूसते उल्फ़त रुकी और मोहसिन के गले लग गयी.
मोहसिन चौंका और बोला- क्या बात हुई?
उल्फ़त रो रही थी और बोली- मुझे अपनी बना लो.
मोहसिन ने उसे चूमते हुए कहा- तुम मेरी ही तो हो.
पर उल्फ़त चुप हो गयी और फिर झटके से बोली- मुझे इकबाल से तलाक दिलवा दो. मैं तुम्हारी रखैल बन कर रह लूंगी.
मोहसिन बोला- हम ऐसे ही रह सकते हैं. न तो इकबाल का सेक्स में कोई इंटरेस्ट है, न फायज़ा का. तो बस हम दोनों मौक़ा मिलने पर सेक्स करते रहेंगे.
उल्फ़त बोली- नहीं. मैं चोरी छिपे नहीं खुले आम सेक्स करना चाहती हूँ तुम्हारे साथ.
कहकर उल्फ़त लिपट गयी मोहसिन से.
मोहसिन ने उसके मम्मे चूसते चूसते उसकी चूत में उंगली कर दी और जोर जोर से मसाज करने लगा।
उल्फ़त बेचैन हो उठी.
उसकी चूत और मम्मे दोनों मोहसिन ने कब्ज़ा रखे थे.
उल्फ़त बहकती हुई बोली- अब ऊपर आ जाओ.
कहकर उसने अपनी टांगें पूरी खोल दीं.
मोहसिन ने उसकी टांगों को ऊपर किया और अपने लंड को सहलाते हुए उसकी चूत पर थूक लगाया और पेल दिया अंदर.
उल्फ़त को ऐसा लगा कि किसी ने बहुत मोटा खीरा या पूरी की पूरी लौकी उसकी चूत में घुसा दी हो.
हॉट हॉट Xxx सेक्स से उसकी आँखें भिंच गयी.
मोहसिन के धक्के शुरू हो गये.
उल्फ़त को ऐसा लगने लगा कि वो जन्नत की सैर कर रही हो.
मोहसिन बार बार आगे झुक कर उसे चूमता.
उसके दोनों हाथ उसके मम्मों पर थे.
अचानक उसने पोज बदला और उल्फ़त को घोड़ी बना दिया.
उल्फ़त को लगा कि वो उसकी गांड मारेगा.
उल्फ़त ने उससे कहा- पीछे से आज नहीं. अभी दो चार दिन पूरे मजे ले लें, फिर हिम्मत करुँगी.
मोहसिन ने अपनी हथेली पर थूक लगाया और उल्फ़त की चूत और अपने लंड पर लगाकर, लंड पीछे से खड़े होकर उसकी चूत में पेल दिया.
अब उसने अपने हाथ आगे बढ़ा कर उल्फ़त के लटकते हुए मम्मे दबोच लिए और धक्के देने शुरू कर दिये.
उल्फ़त अपने हाथों पर टिकी थी पर मोहसिन के धक्कों से बार बार आगे पीछे हो रही थी.
उसने गर्दन घुमाई तो मोहसिन ने उसके होंठों से होंठ मिला दिए.
उल्फ़त ने मोहसिन से कहा- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.
मोहसिन खड़ा हो गया और उल्फ़त ने उसका फनफनाता हुआ लंड मुंह में ले लिया और लगी हाथ और जीभ की मदद से उसकी मलाई निकालने में.
मोहसिन का होने को आ गया.
उसने उल्फ़त के मुंह से लंड बाहर निकालते हुए धार छोड़ दी जो उल्फ़त के मम्मों, चेहरे और बाहर निकली जीभ पर जा पड़ी.
उल्फ़त ने मुस्कुराते हुए उसे अपने जिस्म पर मल लिया और जीभ की मलाई वो चाट गयी.
मोहसिन ने उसे गोदी में उठाया और शावर के नीचे खडा कर दिया.
थक कर दोनों ऐसे ही लिपट कर सो गये.
अगली सुबह दोनों ही देर से उठे.
उल्फ़त ने कपड़े पहनने चाहे तो मोहसिन बोला- मेड के आने तक बिना कपड़ों के ही रहो.
ऊपर वाले फ्लैट का एक जीना अंदर से भी था जो अक्सर बंद रहता था।
पर रात को मोहसिन उसी से आया था तो खुला था.
मोहसिन बोला- जब मेड आएगी तो मैं ऊपर चला जाऊँगा और तुम कपड़े पहन लेना.
उल्फ़त उसकी इस बदमाशी की प्लानिंग पर मुस्कुराई.
उसे यही सब तो चाहिए था.
खैर वो उठी और चाय बनायी.
एक बड़े मग में वो चाय ले आई और मोहसिन की गोदी में बैठ गयी.
दोनों एक ही मग से घूँट लेते रहे.
मोहसिन बड़े धीरे धेरे उसके मम्मे सहला रहा था.
दोनों के होंठ बार बार मिल जाते.
नीचे से उसका लंड उल्फ़त को परेशान कर रहा था.
उल्फ़त बार बार इधर उधर होती.
आखिरकार मोहसिन ने उल्फ़त को ऊपर उठाया और उसका मुंह अपनी और करके बिठाया और नीचे से लंड उसकी चूत में कर दिया.
अब उल्फ़त ने हिलडूल कर उसे ढंग से अंदर कर लिया.
उल्फ़त के मम्मे मोहसिन की छाती से चिपट गए थे और होंठ होंठों से.
मोहसिन नीचे से दबाव बना रहा था.
उल्फ़त बोली- चुपचाप चाय पी लो. मेड आती ही होगी. मुझे कमरा भी ठीक करना है.
वो कह ही रही थी कि मेन गेट की घंटी बजी.
उल्फ़त झटके से मोहसिन के ऊपर से उतरी और कपड़े पहनने भागी.
दिन में मेड 12 बजे तक रही.
बीच में फायज़ा का फोन आ गया था कि मेड से ऊपर की सफाई भी करवा दें.
मेड के जाने के बाद उल्फ़त ऊपर गयी तो देखा मोहसिन सोया हुआ है.
उल्फ़त ने उसे उठाया तो मोहसिन ने उसे बेड पर ही खींच लिया.
वह फिर लिपट गयी उससे.
उल्फ़त बोली- मुझे नहाना है, तुम भी नहा लो. फिर मूवी चलेंगे.
मोहसिन झटपट खड़ा हो गया और अपना टॉवेल लेते हुए बोला- चलो दोनों साथ नहायेंगे.
उल्फ़त बोली- मैं कपड़े नहीं लायी हूँ.
तो मोहसिन बोला- कपड़ों की जरूरत क्या है, टॉवेल मैं फ्रेश दे देता हूँ.
मोहसिन ने जबरदस्ती उल्फ़त को गोदी में उठाकर वाशरूम में खड़ी कर दिया.
उल्फ़त बोली- कपड़े तो उतारने दो.
खैर दोनों लिपटे चिपटे शावर के नीचे खड़े हो गये.
ऊपर से ठंडी फुहारें उनके जिस्म की आग को और भड़का रही थी.
उल्फ़त नीचे झुकी और मोहसिन का लंड मुंह में ले लिया और लगी चूसने.
मोहसिन का लंड तो अब मचल उठा अंदर आने के लिए.
मोहसिन ने उल्फ़त को खड़ी किया और उसकी एक टांग उठा कर दीवार से टिकाई और अपना लंड पेल दिया नीचे से.
अब चुदाई शुरू हो गयी.
ऊपर से पानी की फुहारें पड़ रही थीं.
नीचे दोनों एक दूसरे को थामे चुदाई में लगे थे.
उल्फ़त को मजा नहीं आ रहा था.
उसने शावर की फुहारों को बदला एक मोटी धार में और नीचे लेट गयी और अपनी टांगें चौड़ा दीं.
अब पानी की फुहार उसकी चूत की फांकों पर सीधे पड़ रही थी.
उल्फ़त को मजा आ रहा था.
उसे चुदाई जैसा मजा आ रहा था कि कोई मोटा लंड उसकी चूत में घुस रहा हो.
मोहसिन बोला- चल बेड पर एक राउंड लगाते हैं.
पर मूवी का प्रोग्राम बन गया था तो दोनों जल्दी से तैयार होकर बाइक से निकल लिए.
मूवी और उसके बाद डिनर बाहर लेकर मोहसिन उसे लेकर शहर के बाहर सुनसान सड़क पर घुमाने ले गया.
उल्फ़त बिल्कुल चिपट कर बैठी थी उससे.
उल्फ़त मोहसिन की शर्ट के बटन खोल कर उसकी छाती पर उंगलियाँ घुमा रही थी.
वो अपने लम्बे नाखूनों से उसके निप्पलस पर घेरा सा बना रही थी और बार बार उसे चूम रही थी.
अब दोनों के मन में चुदास छा गयी थी तो घर आ गए.
उल्फ़त ने जैसे ही डोर बंद किया, मोहसिन ने उसे गोद में उठा लिया और धीरे से बेड पर ला पटका.
फिर तो जो धमाल मचा बेड पर की पूछो मत. उनके बिना रुकावट के सेक्स की आखिरी रात थी.
कल तो इकबाल रहेगा और फिर शायद फायज़ा का आने का प्रोग्राम था.
तो दोनों आज हर कसर पूरी करना चाह रहे थे.
उल्फ़त के लाख मना करने पर भी मोहसिन ने उसकी गर्दन और मम्मों पर दांत के निशान डाल ही दिए.
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लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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