बहन के ससुराल में रंगरलियां- 1

(Xxx Jija Sali Sex Kahani)

Xxx जीजा साली सेक्स कहानी में पढ़ें कि नए लंड की तलाश में मैंने अपने जीजू को सेट किया और उनका लंड लेने उनके शहर चली गयी. जीजू ने मुझे गोदाम में पेला.

नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी अपनी अंजलि भाभी, जामनगर, गुजरात से हूं।
मेरी उम्र 32 साल है।

आप मेरी पिछली कहानियों में मैंने मेरी पूरी इंट्रो आपके सामने प्रस्तुत की है।
यह मेरी तीसरी कहानी है।
मैं मेरी सेक्स एक्सप्रेस की शृंखला लिखने जा रही हूं जिसमें मैं मेरी बेहतरीन किस्से आप के साथ साझा करना चाहती हूं।

मेरी पिछली कहानी थी: रण्डी मॉम के साथ लेस्बियन लव

आज आप के सामने ऐसी ही एक चटपटी और मादक Xxx जीजा साली सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं।

मेरी बड़ी दीदी की शादी चुकी थी। वे मेहसाना में एक रसूखदार फैमिली में ब्याही थी।
जीजू का इलेक्ट्रॉनिक्स का शोरूम था।

दीदी एकदम शांत स्वभाव वाली थी और जीजू भी बिल्कुल वैसे ही!

अक्सर जब भी मैं उनसे मिलती या फोन पर बात होती, तो मैं उन्हें छेड़ती मगर वो एकदम सीधे शरीफ आदमी … ज्यादा कुछ नहीं कहते।
आपको तो पता है ही कि मेरी जवानी और मेरी मुनिया यानि मेरी चूत रानी तो हर दम उछलकूद करती रहती।

अब मेरे दिल ने ठान लिया मेरी चूत का अगला शिकार क्यों न जीजू को बनाया जाए!
वैसे जीजू भी थे हैंडसम।
30 के कुछ एक आगे की उमर, गोरे रंग वाले और थोड़ा सा पेट निकला हुआ।
मगर दिखने में ठीक ठाक।

आज तक उनके मन में मेरे लिए क्या था वो तो पता नहीं चला, मगर आप जानते ही हैं कि अगर औरत अपने असली रंग में आ गई तो बड़े बड़े तुर्रम खां भी उसके हुस्न के आगे लेट जाते हैं।

तो मैंने प्लान बनाया।
मैं अब जीजू से फोन पर डबल मीनिंग बात करने लगी और सेक्सी चैट भी।

जैसा मैंने कहा कि मर्द कितना भी नजरंदाज करें लेकिन औरत उसे अपने जाल में फंसाकर ही लेती है।
जीजू भी अब थोड़ा सा खुलने लगे।

उनका पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला तो मेरी हिम्मत और स्पीड दोगुनी हुई।
हर बार मैं उन्हें सेक्सी बाते करके उकसाती और वो भी अब मुझमें रुचि रखने लगे।

जी हां अब मैं एक चांस की तलाश में जुटी हुई थी।
और मेरा नसीब जल्द ही मुझ पर मेहरबान हुआ।

मेरी एक कॉम्पिटेटिव एग्जाम थी, तो मैंने उसका परीक्षा केंद्र मेहसाना में ले लिया ताकि मैं दीदी के घर भी जा सकूं और लगे हाथों अपने नए शिकार जीजू से अपनी मुनिया की प्यास मिटा सकूं।

तो मैं एग्जाम के एक दिन पहले ही मेहसाना पहुंच गई।

मैं ट्रेन से गई थी तो पहुंचने पर मैंने जीजू को कॉल किया।
शाम के छह बजे थे।

जीजू स्टेशन पर मुझे लेने आए।
स्टेशन से घर बहुत दूर था और छह सात घंटे के यात्रा से मैं थक गई थी और भूख भी लगी हुई थी।

हम दोनों गाड़ी में बैठकर निकल पड़े।

तो मैंने जीजू से कहा- जीजू, मैं बहुत थक गई हूं. और मुझे इतनी भूख लगी है कि आपको खा जाने का मन कर रहा है। मुझे फ्रेश होकर नाश्ता चाहिए कुछ! घर जाने में तो ट्रैफिक में वक्त बहुत लगेगा।

जीजू ने मेरे हाथ पर हाथ फेरते हुए कहा- कोई बात नहीं, हम अपने शोरूम पर जाते हैं, वहां तू फ्रेश भी हो जा और मैं नाश्ते का इंतजाम कर देता हूं. और भी कुछ चाहिए मेरी प्यारी साली को तो बता देना।

मैंने कहा- हां, मैं इतनी बोर हुई हूं, तो मेरा मूड भी ठीक करवा दो।
“तो फिर मैं जो कहूंगा वो करना पड़ेगा मेरी लाडली अंजु!” जीजू ने कह दिया।
“जो हुक्म मेरे आका!” मैंने जवाब दिया।

हम दोनों को पता था कि अब आगे क्या होने वाला है।
तो हम अभी से मस्ती के मूड में थे।

शोरूम स्टेशन से केवल दस मिनट की दूरी पर था।
तो बातें करते हुए हम वहां पहुंचे।

आलीशान शोरूम था और पीछे की और गोदाम।
जीजू ने गाड़ी सीधा गोदाम की ओर ले ली।
गोदाम में बाथरूम और बाकी सब सामान था।

गोदाम में सब जगह बड़े बड़े बक्से थे, जिनमें टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन ये सब था।

हम अंदर गए, जीजू ने दरवाजा बंद किया और मुझे बाथरूम की ओर ले गए।

मैंने जीन्स और टॉप पहना हुआ था जिसमें मेरे मम्मे मस्त तने हुए थे और गांड जींस के बाहर आने को आमादा थी।
आते ही मैं बाथरूम में घुस गई।

मैंने अंदर जाते ही टॉप और जीन्स निकाला, अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
और मैंने उसे भी उतार दिया और पूरी तरह से नंगी हो गई।

अब मैंने शावर चालू किया और मस्ती से नहाने लगी।

मैं इतनी लंडखोर हूं तो ज्यादा देर तक चुप नहीं रह सकती।

जीजू बाहर थे तो मैंने नहाने के बाद सिर्फ एक टॉवल लपेटा और भीगे बालों के साथ ही दरवाजा खोला।

मैंने जीजू को आवाज लगाई- जीजाजी, मेरे बैग में से मुझे नए कपड़े दे दीजिए।

जीजू बाथरूम की ओर आए और मुझे इस तरह टॉवल में देख उनके मुंह में तो पानी आ गया।
मैंने कहा- जीजू, मुंह में से लार टपकाना बंद करो, मुझे कपड़े चाहियें।

“अंजु तू और भी ज्यादा खूबसूरत और गदरा गई है … तो लार तो टपकेगी ना!”
“तो अब कपड़े भी देंगे या ऐसे ही रखोगे?” मैंने कहा।
जीजू फट से बोल पड़े- तू बहुत बोर हुई है ना, मूड ठीक करवाना है ना?

मैंने कुछ कहा नहीं, सिर्फ नीचे देखकर कातिलाना अंदाज से मुस्कुरा दी।

इसे जीजू ने मूक सम्मति समझा और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर निकाला।

मैंने कहा- अरे मेरे प्यारे जीजाजी, सब्र करो, मीठा फल मिलेगा आपको!
“फल मेरे सामने है, अब सब्र नहीं होता!” जीजू ने जवाब दिया।
कहते हुए जीजू ने मुझे बाहों में भर लिया।

मेरे बाल खुले थे, बदन पर सिर्फ एक तौलिया था।

जीजू की बांहों में चिपक कर मैंने आंखें बंद कर दी, जीजू ने पहले मेरे माथे पर चूमा,साथ ही बोल पड़े- साली आधी घरवाली होती है ना! अब तक सिर्फ चैट पर ही खुश करती रहती है. आज अपने जीजू को साक्षात में खुश कर दे मेरी अंजु डार्लिंग!

“हां जिज्जाजी, ये फल आपके सामने पेश है, जैसा आपका जी करे, खा जाओ। लेकिन यहां कितनी जल्दबाजी होगी, आप मानते तो आराम से भी खा सकते हो!” मैं बोली।

जीजू ने जवाब दिया- वो सब बाद में … मुझे ये फल अभी के अभी चाहिए!

इस पर मैं कुछ बोलती … उन्होंने सीधा मेरे होटों पे होंठ रख दिए और बड़े मस्ती से मुझे स्मूच करने लगे।
मैंने भी उनको निराश नहीं किया, मैं भी पूरी जीभ अंदर डालकर उनसे रूबरू होते किस करने लगी।

उतने में मेरा फोन बजा, दीदी का था।
मैंने कॉल लिया और बोली- ट्रेन लेट है तो मैं पहुंचते ही जीजू को कॉल करूंगी, वो लेने आयेंगे।
दीदी ने ‘ठीक है’ कहके रख दिया।

कॉल रखते ही मैं बोल दी- उन्हें क्या पता कि उनकी चुदक्कड़ बहन ने इधर उसी जीजू के साथ चूत चूदाई का खेल शुरू किया है।

जीजू बोले- यार, तू है बहुत चालू चीज़, समझने से पहले ही तूने मुझे बोतल में उतार दिया। बहुत बड़ी कमीनी है तू!
मैंने कहा- चलो मेरे आधे सैंया, अब बात बंद करो और मेरी मुनिया की सवारी करो।

जीजू ने हंसते हंसते मेरा तौलिया उतार दिया और मुझे नंगी कर दिया।
मैंने भी उनकी शर्ट उतारी और तब तक उन्होंने बाकी के कपड़े उतार दिए।
अब वो सिर्फ अंडरवियर में आ गए.

मैंने झट से उनकी अंडरवियर निकाली, अब मेरे सामने जीजू पूरे नंगे हो चुके थे।
उनका काला लन्ड मेरे सामने था।

मैंने जीजू के लन्ड को सहलाना शुरू किया।
पर वो तो एकदम मुरझाया हुआ था।

उन्होंने मुझे घुटनों पे बिठाया और बोले- इसे चूस ले मेरी साली साहिबा, तभी खड़ा होगा ये!

मैंने समय ना गंवाते हुए बैठकर उनके सुपारे पर थूक लगाया और उसे चाटने लगी।
मैं एक हाथ से उनके टट्टे सहलाती रही और लन्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।

अब उनका लन्ड हरकत में आया, मैंने उसे चूसना चालू रखा।
कुछ ही पलों में लन्ड एकदम कड़क हुआ।

जीजू ने पॉकेट में से कंडोम निकाला और मेरे हाथ में दिया.
मैंने जल्द ही उसे उनके खड़े लन्ड पे लगा दिया।

अब उन्होंने मुझे एक बक्से के सहारे घोड़ी बना कर खड़ा किया और पीछे से आकर मेरी चूत को थूक लगा कर गीली कर दिया।
उन्होंने लन्ड को मेरी चूत के होंठों पे रख कर एक करारा शॉट लगा दिया।
जिससे उनका 6 इंच लम्बा लन्ड मेरी चूत में एक ही बार में घुस गया।

मैं दर्द में कराह उठी- जीजू … धीरे से मैं भाग नहीं रही … अह्ह्ह ह … हे भगवान!

लेकिन मेरी बातों को अनसुना करते हुए उन्होंने लगातार धक्के लगाना चालू रखा।
मैं हर धक्के पे चिल्लाती.
मगर उससे जीजू को फर्क नहीं पड़ा, उल्टा और भी जोश में आकर उन्होंने मेरी ठुकाई जारी रखा और मेरी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगे।
मैं भी पूरी तरह से वासना से भरी हुई अपनी चूत पर जीजू के लन्ड की हर एक ठोकर पे आगे पीछे होती और इस बीच मेरे बूब्स तो जैसे लटके हुए आम की तरह हवा में झूल रहे थे।

हमारा चूदाई का कारनामा गोदाम के एक कोने में चल रहा था, हम दोनों अब पसीने में लथपथ थे।
लगभग दस मिनट बाद मैं सिसकारियां लेते हुए झड़ गई।

जीजू भी अब छुटने के कगार पर थे, कुछ धक्के लगाने के बाद उन्होंने अपना लन्ड बाहर निकाला, मुझसे बोले- चल मेरी चुदक्कड़ साली, मेरा माल मुंह में ले!
मैंने कहा- हां मेरे जीजू राजा, अपने वीर्य से अपनी छीनाल साली को तृप्त कर दो।

जीजू ने कंडोम निकाला और लन्ड को मेरे मुंह में डाल दिया, मेरा सर पकड़ कर जोर जोर से लन्ड को मुंह में दबाने लगे।

पल भर में ही उनके लन्ड से जोरदार पिचकारी छूट पड़ी।
एक के बाद एक लगातार उन्होंने वीर्य की धार मेरे मुंह में छोड़ी।

मैं बेहया लड़की उनका पूरा वीर्य निगल गई।

मैंने उनका लन्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
अब हम दोनों शांत हुए।

जीजू बोले- चल अब मेरी अंजू डार्लिंग, घर पर तेरी दीदी इंतजार कर रही है।

मुझे शरारत सूझी, मैंने कहा- नहीं जीजू राजा, एक और राउंड कराना है मुझे!

जीजू बोले – मेरी मां, नाश्ता आया है, वो कर … और घर चलते हैं। मैं तो तुझे हफ्ते भर तक जाने नहीं दूंगा। तो जितने चाहे राउंड करवाने हो, करेंगे।

अब हमने कपड़े पहने और नाश्ता करके घर चलते बने।

इस क्विक सेक्स से मेरा आधा मन ही भरा था। मुझे तो जोरदार चूदाई की जरूरत थी पर समय की कमी से मुझे आधे मन ही घर जाना पड़ा।

घर जाते ही दीदी ने मुझे गले लगाया।

प्रिय पाठको, आपको मेरी Xxx जीजा साली सेक्स कहानी पढ़ कर मजा जरूर आया होगा.
मुझे कमेंट्स में बताएं.
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Xxx जीजा साली सेक्स कहानी का अगला भाग: बहन के ससुराल में रंगरलियां- 2

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