जीजाजी ने मुझे चोद दिया
(Xxx Sali Porn Kahani)
Xxx साली पोर्न कहानी में मैं अपनी दीदी के घर रह कर पढ़ रही थी. एक दिन मैं अकेली घर में अपने बॉयफ्रेंड के साथ वीडियो सेक्स चैट कर रही थी. मैं नंगी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मेरा नाम रजनी है.
मेरी उम्र 24 साल है.
Xxx साली पोर्न कहानी उन दिनों की है जब मैं अपनी दीदी (ताऊ की बेटी) के साथ उनकी ससुराल में रहती थी.
वहां रहकर मैं कॉलेज में एमबीए की पढ़ाई कर रही थी.
मेरी दीदी, उनके पति यानी मेरे जीजू अपने दो बच्चों के साथ रहते थे.
मेरे जीजू नौकरी करते हैं और मेरी दीदी एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं.
मेरी दीदी की उम्र 35 साल है और जीजू की उम्र 42 साल है.
एक दिन मैं घर में अकेली थी. बच्चे स्कूल गए थे और घर में कोई नहीं था.
तभी मेरे बॉयफ्रेंड का फोन आया.
उसने मुझे अपने कपड़े उतारने को कहा और बोला- मैं तुम्हें नंगी देखना चाहता हूँ. 
मैंने अपने कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगी हो गई.
फिर मैं उसका लंड देखकर अपनी चूत में उंगली करने लगी. 
मेरा चुदने का बहुत मन कर रहा था लेकिन मेरा ब्वॉयफ्रेंड उस दिन शहर में नहीं था.
मैंने उससे कहा कि आज सच में तुम्हारा लंड लेने का बहुत मन कर रहा है!
वह बोला- जान अभी तो मैं शहर में ही नहीं हूँ और मुझे आने में अभी बीस दिन और लगेंगे … तब तक तुम उंगली से काम चला लो!
मैंने उससे मजाक में कह दिया कि क्यों उंगली से काम क्यों चलाऊं … मेरे घर में मेरे जीजा जी भी तो हैं … मैं उनसे लग जाऊंगी!
वह भी मस्ती से अपने लौड़े को मुठ मारता हुआ बोला- ठीक है साली रंडी तू एक काम कर … अपने जीजाजी से चुदवा ले और उसके बाद किसी सुनसान सड़क पर रंडी के जैसी खड़ी हो जाना और किसी भी राह चलते का लंड पकड़ लेना.
हम दोनों चुदाई की बातें खुल कर इसी तरह की करते हैं और तब और ज्यादा गर्म बातें करने लगते हैं, जब झड़ने को हो गए हों.
वही हुआ … मेरी चुत झड़ने को आ गई थी और मैं अपनी चुत में तेज तेज उंगली चलाती हुई अपने ब्वॉयफ्रेंड से चुदाई की बातें कर रही थी.
मुझे होश ही नहीं था कि मैं घर का मुख्य दरवाजा बंद करना भूल गई थी.
जिस वक्त मैं झड़ने को हुई, तभी मेरे जीजू मेरे कमरे में आ गए.
उन्होंने मुझे यह सब करते हुए देख लिया. 
मुझे अहसास हुआ कि कोई मुझे देख रहा है.
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो जीजू मुझे घूर रहे थे. 
मैंने तुरंत कॉल काट दिया और एकदम से हक्की बक्की रह गई.
मैं उनके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, जल्दी से मैंने चादर लपेट ली.
उन्होंने कहा- अब हमें भी दिखा दो, छिपाने की क्या जरूरत? हमने सब कुछ देख लिया है और सुन भी लिया है.
मैं सन्न तो थी ही और अपनी चुदाई की बातों को याद करती हुई शर्मिंदा भी थी.
सच तो यह था कि मुझे काटो तो खून नहीं था.
एक बुत सी बन कर बस खड़ी रह गई थी.
फिर जीजू बोले- मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा. यह बात हमारे और तुम्हारे बीच रहेगी. देखो, तुम्हारा मन चुदने का हो रहा है, तो तुमको अपनी जवानी हमें देनी पड़ेगी.
मैं शर्म के मारे सिर झुकाए खड़ी थी.
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था. 
फिर वे मेरे पास आए और मुझे अपनी बांहों में ले लिया.
जीजू बोले- एक बार हमें भी चोदने का मौका दो न! 
यह कह कर उन्होंने मेरी चादर खींच ली.
मैं फिर से उनके सामने बिल्कुल नंगी थी. 
मेरी हाइट 5 फुट 2 इंच है, मेरे बूब्स का साइज 34, कमर 30 और गांड 36 है.
वे मुझे घूरते रहे और उनकी नजरों में मेरे खूबसूरत नग्न जिस्म की तारीफ साफ दिखाई दे रही थी.
मेरे एकदम ठोस दूध सीधे खड़े हुए थे जोकि जीजा जी की आंखों में चुभ रहे थे.
मैंने एक नजर उनकी शूल सी चुभती हुई आंखों को देखा और अगले ही पल मेरा एक हाथ मेरे दोनों बूब्स को ढके हुए था और दूसरा हाथ मेरी चूत पर जम गया था.
फिर वे मेरे पास आए और उन्होंने पीछे से घुमाकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
अगले ही पल उन्होंने मेरे दूध पकड़ लिए.
मैंने शर्मा कर कहा- जीजू, यह क्या कर रहे हो?
वे बोले- अब तुम्हें मेरे लंड से चुदवाना पड़ेगा!
यह कह कर उन्होंने अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया.
मैंने तुरंत अपना हाथ हटा लिया और कहा- जीजू, प्लीज मुझे छोड़ दो!
हाकांकी मेरा मन लंड लेने का कर रहा था.
उन्होंने कहा- नहीं आज नहीं छोड़ूँगा!
तभी उनके ऑफिस से कॉल आ गया और उन्हें वापस जाना पड़ा.
जाते-जाते वे बोले- तुम्हें मैं फिर कभी चोदूँगा. रेडी रहना और चुदने में कुछ घिस नहीं जाएगा तुम्हारा!
थोड़ी देर बाद दीदी का फोन आया.
उन्होंने बताया कि उन्हें ऑफिस के काम से एक हफ्ते के लिए बाहर जाना है और मुझे उनका सामान पैक करने को कहा. 
दीदी को शाम को जाना था.
तभी जीजू और दीदी दोनों घर आ गए.
दीदी बोलीं- तू बच्चों का ख्याल रखना, मैं एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही हूँ.
मैंने जीजू की तरफ देखा और उन्होंने मेरी तरफ.
वे बहुत खुश लग रहे थे.
शाम को जीजू दीदी को छोड़ने स्टेशन गए.
उनकी ट्रेन रात 10 बजे की थी.
जब दीदी चली गईं तो मुझे बहुत डर लगने लगा.
मैं सोचने लगी कि इस एक हफ्ते में मेरा क्या होगा? जीजू मुझे जरूर चोदेंगे.
जीजू दीदी को छोड़कर वापस आ गए.
मैं बच्चों के पास लेटी थी.
बच्चे सो गए थे.
तभी जीजू मेरे पास आए और बोले- बच्चे सो गए?
मैंने मरी हुई आवाज में कहा- हां, अभी सोए हैं.
अब उन्होंने अलमारी का दरवाजा खोला और उसमें से एक लाल साड़ी, ब्रा और एक पतली-सी पैंटी निकाली.
वे बोले- इसे पहन कर चुपचाप दूसरे कमरे में आ जाओ … और हां, लाल लिपस्टिक लगाकर आना.
इतना कहकर वे दूसरे कमरे में चले गए.
मैं समझ गई कि रजनी, आज तेरी चुदाई तो होनी ही है. चाहे तू कुछ भी कर ले. 
फिर मैंने ब्रा और पैंटी पहन ली.
पैंटी का पिछला हिस्सा मेरी गांड में घुस रहा था. मैंने लाल साड़ी पहनी और जीजू के कमरे में चली गई. 
मैं नई नवेली दुल्हन-सी लग रही थी.
उन्होंने मुझे कसकर अपनी बांहों में ले लिया और मेरे होंठों पर चूम लिया.
मेरे जीजू छह फुट के हैं. 
उन्होंने मेरी साड़ी उतार दी.
मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. 
मेरी उम्र 24 साल थी और जीजू की उम्र 42 साल.
मुझे उनके साथ अजीब सा लग रहा था.
वे बोले- साली जी, आज तुम्हारी जवानी उतारेंगे.
उन्होंने मेरा ब्लाउज उतार दिया. फिर बोले- अपना पेटीकोट ऊपर उठाओ.
मैंने अपना पेटीकोट ऊपर उठा दिया.
उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी.
इसके बाद उन्होंने कहा- पीछे घूम जाओ!
मैं पीछे घूम गई.
उन्होंने मेरा पेटीकोट भी उतार दिया.
अब मैं दीवार के सहारे गांड बाहर किए हुए थी.
फिर उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए.
उनका सात इंच का मोटा, लंबा लंड मेरे सामने था. 
उन्होंने मुझे घुटनों के बल बैठने को कहा.
मैं घुटनों के बल बैठ गई और समझ गई कि अब लंड चूसना है.
फिर उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.
उनके लंड का टोपा ही मेरे मुँह में जा रहा था. मुझे उनका लंड फंसता सा महसूस हो रहा था.
मैं पूरा लंड नहीं ले पा रही थी.
तब भी उन्होंने जबरदस्ती आधा लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने कहा- जीजू प्लीज मुँह में लंड मत दो. मेरी चूत में डाल दो.
वे बोले- साली बड़ी जल्दी है चूत में लेने की … आज तेरी चुत भी चोदूंगा और गांड भी मारूंगा.
फिर उन्होंने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया.
मेरी चूत ऊपर उठ गई.
उन्होंने अपना सात इंच का लंड मेरी चूत पर रख दिया.
उन्होंने हल्का-सा झटका दिया और मेरी चीख निकल पड़ी- आह मर गईईई.
मैंने जीजू का लंड अन्दर न जा पाए इसलिए उनकी कमर को पकड़ लिया.
मैंने कहा- जीजू प्लीज छोड़ दो … आपका बहुत बड़ा है!
वे बोले- रुको तो रानी … अभी तो टोपा ही गया है … पूरा लंड बाकी है मेरी जान!
मैंने हाथ से टटोल कर देखा तो मेरी चूत में सिर्फ टोपा ही घुसा था.
उन्होंने एक और झटका लगाया, आधा लंड मेरी चूत में घुस गया.
मेरी फिर से चीख निकली- आई आह मर गई आह रहने दो जीजू … मैं मर जाऊंगी … प्लीज छोड़ दो!
लेकिन उन्हें बिल्कुल रहम नहीं आया.
उन्होंने पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया.
मेरी आंखों से आंसू निकल आए.
जीजू बोले- Xxx पोर्न साली तूने अपनी बहन की याद दिला दी, वह भी शुरू शुरू में चुदते वक्त ऐसे ही कर रही थी.
जीजू मुझसे लिपट गए और बोले- कुछ नहीं होगा. अभी तू टांगें चौड़ी करके अपनी चूत उठा उठा कर देगी.
उन्होंने कहा- अपनी टांगें उठाकर मेरी कमर पर रख लो.
मैंने अपनी टांगें खोलकर उनकी कमर पर रख दीं. 
फिर उन्होंने मेरी ब्रा खोल दी और मेरे दूध चूसने लगे.
इससे मुझे मजा आने लगा.
मैंने उनका सिर पकड़ लिया और अपने दूध से दबा दिया.
वे समझ गए कि मैं गर्म हो गई हूं.
फिर वह सीधे हुए और मेरी टांगें दोनों हाथों से पकड़कर फैला दीं.
उन्होंने पूछा- चोदा जाए?
मैंने भी हां कर दी. 
फिर उन्होंने झटके मारना शुरू कर दिया.
लेकिन मुझे दर्द बराबर हो रहा था. 
मेरे मुँह से बस यही निकल रहा था- रहने दो जीजू आह आई मर गई!
वे नहीं माने. 
पट-पट की आवाज आ रही थी.
कुछ देर बाद मुझे मजा आने लगा और मैं भी अपनी गांड उठाने लगी.
उन्होंने समझ लिया कि अब लौंडिया सैट हो गई है.
अब जीजू ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत पर लंड रख दिया.
घोड़ी जैसे बना कर पेलने के तरीके से उन्होंने मुझे सीधा कर दिया, अब मेरे दोनों बूब्स उनके हाथों में थे. 
एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया.
मैं फड़फड़ा कर रह गई.
इस तरह की डॉगी स्टाइल में लंड मेरे पेड़ू तक लग रहा था.
मुझे दर्द हो रहा था. 
उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में दस मिनट तक हचक कर चोदा.
इसके बाद उन्होंने मुझे शीशे के सामने खड़ा किया.
मेरा पूरा बदन शीशे में दिख रहा था. 
मुझे थोड़ा झुकाया और पीछे से खूब चुदाई की.
मैं दर्द से तड़प रही थी.
थोड़ी देर बाद वे मेरी चुत में ही झड़ गए.
जब उन्होंने लंड निकाला तो मेरी चूत का बुरा हाल था.
एक बड़ा-सा छेद हो गया था. मेरी चूत फट गई थी और उनका वीर्य निकल रहा था.
मेरे बूब्स पर उनके हाथ के निशान थे.
वह बोले- Xxx साली जी, बहुत मजेदार माल हो. कल तुम्हारी गांड मारेंगे.
जब मैं बाथरूम गई तो मैं चल नहीं पा रही थी, टांगें फैलाकर चल रही थी.
ऐसा लग रहा था कि अभी भी मेरी चूत में लंड पड़ा हुआ है.
मैं कल की गांड चुदाई की सोच सोच कर डर रही थी.
हालांकि मैंने गांड मरवाई है तो फटने का डर तो नहीं था लेकिन जीजू का लंड मेरे ब्वॉयफ्रेंड के लंड से काफी मोटा है और बड़ा भी है तो बस यही डर लग रहा था कि कैसे लूँगी. 
मेरी अगली सेक्स कहानी को पढ़ने के लिए मुझे Xxx साली पोर्न कहानी पर अभी कमेंट्स करके जरूर बताएं.
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