बड़े लौड़े से चुदवाकर गर्भाशय का मुँह खुलवाया- 2
(Bada Lauda Kahani)
बड़ा लौडा कहानी में मुझे गर्भ धारण के लिए बड़े लंड की जरूरत थी. मैंने अपने बड़े लंड वाले यारों से चुदवाया अपर कुछ नहीं हुआ. फिर मेरी सहेली ने मुझे अपने पति से चुदवाया.
हैलो फ्रेंड्स, मैं ज़ेबा अत्तार आपको एक मस्त रसभरी सेक्स कहानी सुना रही थी जो कि शीला नामक की एक चुदक्कड़ भाभी की है और इस सेक्स कहानी को आप शीला की जुबानी ही सुन रहे थे.
कहानी के पहले भाग
गर्भधारण के लिए कई लंड लिए
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैं शीला अपनी सहेली सुनीता के पति योगेश के दस इंच के लौड़े से चुदने के लिए मचल उठी थी क्योंकि डॉक्टर ने कहा था कि यदि मैं किसी बड़े लौड़े से चुदती हूँ तो मेरी बंद हो चुकी बच्चेदानी का मुँह खुल जाएगा और मुझे गर्भ ठहर सकता है.
इसी कारण से मैं योगेश के कमरे में आ गई थी. योगेश ने मुझसे कमरे का दरवाजा बंद करने का कह दिया था.
अब आगे बड़ा लौडा कहानी:
अब मैं ठहरी मादरजात रंडी, इसलिए मैंने योगेश की बात को मान कर दरवाज़ा बंद किया और उसके बगल में जाकर लेट गई.
मेरे लेटते ही योगेश ने मुझे बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगा.
चूमते-चूमते योगेश ने मेरे दोनों चूचे दबोच लिए और मसलने लगा.
काफी देर के चुम्बन और मेरे चूचों के मर्दन के बाद योगेश ने कहा- अपने और मेरे दोनों के कपड़े उतार दो!
मैं जल्दी से खड़ी हुई और एक मिनट में साड़ी और ब्लाउज़, ब्रा, पैंटी सब उतार कर नंगी हो गई.
फिर मैंने योगेश का पजामा खींचकर उतार दिया.
योगेश ने अंडरवियर नहीं पहनी थी तो वह भी पूरा नंगा हो गया.
उसके नंगे होते ही मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी.
क्या बताऊं यार … ढीला पड़ा रहने के बावजूद योगेश का लंड किसी बड़े मूसल जैसा था.
उसके देखते ही मेरे तो मुँह में पानी आ गया.
योगेश के घनी झांट के बालों के बीच से उगता हुआ एक काला नाग निकल कर फनफनाने की तैयारी में दिखाई दे रहा था.
योगेश का लंड ढीली हालत में भी उसकी आधी जांघ तक पड़ा हुआ था.
मैं उसके नाग को निहार ही रही थी कि अचानक योगेश के एक हाथ ने मेरी कमर को लपेटा और दूसरे हाथ ने मेरे चूतड़ पर तमाचा लगाया.
जब तक मैं होश में आई, तब तक योगेश मुझे उठाकर बिस्तर पर लेटा चुका था.
तभी उसने मेरी जांघों को फैलाया और मेरी चूत अपने मुँह में भरकर चूस ली.
अब वह मेरे नंगे मम्मों को मसलते हुए मेरी चूत को चाट और चूस रहा था.
उसकी गहरी चुसाई और चटाई से मैं मदहोश हो गई और मेरी आंखें बंद हो गईं.
मुझे सिर्फ उसका मर्दाना हलब्बी लौड़ा दिख रहा था और मेरे मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
बीस मिनट की चुसाई के बाद मेरी जांघें ऐंठने लगीं, तब मैंने योगेश का सिर पकड़ कर अपनी जांघों में और अन्दर दबा दिया.
बस फिर कुछ देर में मेरी चूत अकड़ती हुई मचल गई और मैंने एक गहरी मादक सिसकारी के साथ अपनी चूत का रस छोड़ दिया.
मेरे चूत के स्वादिष्ट पानी से योगेश का पूरा चेहरा भर गया.
उसने मेरी चूत को चाटकर साफ कर दिया और चुत को वापस से हॉर्नी कर दिया.
कुछ देर बाद योगेश ने कहा- चलो अब मेरा चेहरा साफ कर दो.
उसने यह कह कर एक सिगरेट सुलगा ली और मुझे देखने लगा.
तब मैं झट से उठी योगेश की छाती पर सवार होकर मैंने अपनी ही चूत का स्वादिष्ट पानी योगेश के चेहरे से चाट-चाटकर साफ कर दिया और उसके हाथ से सिगरेट ले कर धुआँ उड़ाने लगी.
सिगरेट ले कर धुआँ उड़ाते देख कर योगेश ने मेरे दूध दबाए और बोला- भाभी कुछ पियोगी?
मैंने कहा- हां पी लूँगी.
उसने फट से मुझे अल्मारी खोलने का इशारा किया.
मैं गई और उधर से रेड लेबल व्हिस्की की बोतल उठा लाई.
हम दोनों ने बिना पानी के ही दारू को सीधे बोतल से मुँह लगा कर घूंट लगाना शुरू कर दिया और स्वाद ठीक करने के लिए सिगरेट का मजा लेने लगे.
अब मेरी बारी थी लंड पूजा करने की.
फिर योगेश सीधा लेट गया और मैं झट से उसकी जांघों के बीच बैठ गई.
मैंने उसका फौलादी लंड हाथों में पकड़ लिया.
इतनी चुसाई और चूत चटाई की वजह से योगेश का लंड आधा-अधूरा तो कड़क हो ही गया था.
फिर जैसे ही मैंने योगेश के लंड को हाथों में पकड़ा तो मुझे उसके लंड का वज़न महसूस हुआ.
साले ठरकी का लंड 2 किलो से कम नहीं होगा.
ऐसा लग रहा था जैसे किसी घोड़े का गर्म मूसल मेरे हाथ में हो.
यही सोचते हुए मैंने दोनों हाथों की मुट्ठियों से योगेश का लंड थाम लिया और मसल-मसलकर मुठ लगाने लगी.
दोनों हाथों की मुट्ठियों में पकड़े जाने के बावजूद योगेश के लंड का सुपाड़ा और सुपाड़े के नीचे का कुछ हिस्सा मेरी मुट्ठियों से बाहर था.
तभी मैंने लंड के सुपाड़े को भी मुँह में भर लिया और चूसते हुए मसल-मसल कर मुठ मारने लगी.
योगेश ठंडी-ठंडी आहें भरने लगा.
उसके लौड़े को चूसते हुए अभी 10 मिनट ही हुए होंगे कि लंड सख्त होने लगा.
अब योगेश ने कहा- शीला भाभी, आप बहुत प्यासी और अनुभवी औरत हो, इस तरह तो मेरी बीवी भी मेरे लंड की पूजा नहीं करती … जैसे आप कर रही हो!
तब मैंने कहा- योगेश जी अब इस पूजा का मज़ा आपको मिलता ही रहेगा. बस मुझे एक बार गर्भवती कर दीजिए.
बस ऐसे ही चूसते और मुठ मारते हुए मुझे 15 मिनट गुज़र गए.
देखते ही देखते योगेश का लंड पूरी तरह अकड़ कर तन गया.
योगेश बोला- भाभी जी इतना बहुत है, अब आप नीचे लेट जाओ. मुझे आपकी चूत की गर्मी चाहिए.
योगेश के ये कहते ही मैं नीचे लेट गई और मैंने अपनी पूरी जांघें फैलाकर अपनी चूत योगेश को परोस दी.
योगेश ने अपने फौलादी लंड को पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखा और दबाना शुरू कर दिया.
मेरे थूक से सराबोर योगेश का बड़ा लौडा धीरे-धीरे मेरी चूत में घुसने लगा.
योगेश के लंड का सुपाड़ा किसी चीकू के जैसा मोटा था, इसलिए मेरी चूत के होंठों को ज़रूरत से ज़्यादा चौड़ा होना पड़ा.
मुझे भी कुछ परेशानी हुई मगर मैंने योगेश के लंड का अपनी चूत में स्वागत मुस्कुराहट से किया.
धीरे-धीरे उसका मूसल बड़ा लौडा मेरी चूत में गहराई तक सरकने लगा था.
मुझे खुद से घबराहट सी होने लगी थी और अपनी चूत के अन्दर घुसता हुआ नाग के जैसा महसूस हो रहा था.
योगेश ने बिल्कुल भी जल्दबाज़ी नहीं की और बड़ी सज्जनता से मेरी चूत में लंड को पूरी गहराई तक पेवस्त कर दिया.
अगर मैंने सैकड़ों की तादाद में लंड न लिए होते तो आज मैं योगेश के लौड़े से चुदते समय पक्का रो देती.
फिर अपना पूरा लंड पेल देने के बाद योगेश ने धीरे-धीरे झटके लगाना शुरू किए, जिससे मुझे मज़ा आने लगा.
झटकों के साथ वह मेरी जांघें और चूतड़ सहलाता जा रहा था.
करीब बीस मिनट के बाद योगेश की चुदाई दमदार झटकों में बदल गई. मेरे मुँह से भी मदभरी सिसकारियां निकलने लगीं.
अपने दमदार झटकों के दौरान योगेश मेरे दोनों मम्मों को अपने दोनों हाथों से मसल रहा था.
मैं भी उसके साथ रतिसुख में गोते लगा रही थी.
इस आनन्दमयी चुदाई के चलते मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने योगेश की कमर को अपने पैरों की गिरफ्त में ले लिया और कब मेरे चूतड़ लंड के झटकों का जवाब नीचे से ऊपर उछल कर चूतड़ों की थाप से देने लगे.
मगर मैं अभी फौलादी झटकों से अनजान थी.
लगातार हो रहे मेरी चूत के भेदन से मेरी जांघें और मेरे मम्मे ऐंठने लगे.
मैंने योगेश को अपनी बांहों की गिरफ्त में ले लिया. मेरे मुँह से पूरी ताकत से मादक आह निकली और मेरी चूत ने कामरस छोड़ दिया.
कुछ ही देर में मेरी जांघों की गिरफ्त ढीली हो गई.
मेरी चूत का गाढ़ा पानी मेरी गांड तक बह चुका था मगर योगेश के कठोर झटके लगातार चल रहे थे.
योगेश चुदाई लीला में बहुत अनुभवी मर्द था.
वह समझ गया था कि मैं झड़ चुकी हूँ.
तभी वह एकदम से रुक गया और उसने लौड़े को चूत से बाहर निकाल लिया.
मैं समझ नहीं पा रही थी कि योगेश अब क्या करने वाला है.
तब उसने टॉवल से लंड और मेरी चूत साफ की और एक तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दिया.
फिर उसने लंड को चूत के मुँह पर रखा और दोनों हाथ मेरी कमर के इर्द-गिर्द डालकर मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया.
कमर पकड़ते ही योगेश ने एक तूफानी झटका लगाया और एक झटके में पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में पेवस्त कर दिया.
उसके इस करारे झटके से मेरे मुँह से चीख निकल गई.
उस हलब्बी लंड का मर्दाना झटका इतना दमदार था कि योगेश के लंड का गुलाबी सुपाड़ा मेरी ब/च्चेदानी के मुँह पर जा टकराया और मुझे बेहद तेज सनसनी हुई.
यह सनसनी मुझे आज बरसों बाद हुई थी.
मैं समझ गई कि मेरी ब/च्चेदानी का मुँह खुल गया है.
फिर तो जैसे तूफानी झटकों की बाढ़ सी आ गई. योगेश के लंड का एक-एक झटका मेरी ब/च्चेदानी को चूम रहा था और उसके लंड का सुपाड़ा मेरे कलेजे में महसूस हो रहा था.
उसके झटकों की रफ्तार भी इतनी तेज़ थी कि मेरी चूत को ये पता ही नहीं चल रहा था कि लंड कब बाहर जा रहा है और कब अन्दर गोता लगा रहा है.
इतनी कठोर चुदाई का मैंने पहले कभी अनुभव नहीं किया था.
योगेश ने पूरे 10 मिनट तक ऐसे ही फौलादी झटके लगाए और आखिरी झटके में उसने लंड को मेरी चूत की गहराई में रोक कर लंड का पूरा रस मेरी चूत में गिरा दिया.
उसके लंड से कम से कम 50 ग्राम मलाई निकली होगी मगर योगेश ने लंड को बाहर नहीं निकाला और ऐसे ही मेरे ऊपर लेट गया.
आधा घंटा बाद वह मेरे ऊपर से उठा और बाथरूम में चला गया.
मैंने जब उठकर देखा तो मेरी चूत योगेश की मलाई भरी हुई थी और चूत का मुँह 4 इंच चौड़ा हो गया था जिसको भोसड़ा कहने में कोई हर्ज नहीं था.
फिर मैंने कपड़े पहने और नीचे आ गई और सुनीता के पास आ बैठी.
सुनीता ने पूछा- कैसा रहा कार्यक्रम?
तब मैंने सुनीता से लिपटकर कहा- तेरा पति तो हालत खराब कर देता है और मुझे लगता है वह मेरी प्रॉब्लम सॉल्व कर देगा.
तब सुनीता ने मुझे एक चुम्मा जड़ दिया और कहा- जब तक तेरी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होती, तब तक तू जब चाहे आ सकती है … बस रात को मत आना. मुझे लंड को चूसे बिना नींद नहीं आती है.
मैंने उसको थैंक्स बोला और अपने घर आ गई.
उसके बाद मैं लगातार लगभग 45 दिन तक योगेश के पास जाती रही.
हालांकि पहली माहवारी ही नहीं हुई थी तो मैं समझ गई थी कि झण्डा फहर गया है.
इस तरह मेरे पीरियड्स आना बंद हो गए थे और मैं गर्भवती हो गई थी.
लेकिन मुझे योगेश के बड़े लौड़े से चुत चुदवाने में मजा आने लगा था तो मैं उसके पास 45 दिन तक चुदने के लिए जाती रही.
इन 45 दिनों में योगेश ने मुझे चुदाई के हर आसन में चोदा और मैंने भी खूब चुदाई के मज़े लिए.
फिर मैंने उसके पास जाना बंद कर दिया और अपने पति को माहवारी बंद होने की खुशखबरी दे दी.
पति भी खुश थे और वे इस बात को खुद के लौड़े से हुई प्रेग्नेंसी समझ रहे थे.
मैंने भी कुछ नहीं कहा.
नौ महीने बाद मैंने एक बेटे को जन्म दिया और सबके मुँह बंद कर दिए.
जब मेरा बेटा 13 महीने का हो गया तो मेरी चुत में बड़े लंड के लिए खुजली होने लगी.
मैंने योगेश को फोन किया और कहा- योगेश जी मैं अब आपसे पुनः मिलना चाहती हूँ … अगर आपको ऐतराज़ न हो तो!
तब योगेश ने कहा- बिल्कुल भाभी जी, आप जब चाहें आ सकती हैं.
उसके बाद मैंने कभी भी योगेश को नहीं छोड़ा, उसके लौड़े का स्वाद लेने लगी.
आज मेरा बेटा 9 साल का हो गया है लेकिन मैं आज भी योगेश से चुदाई करवाती हूँ.
अब तो योगेश मेरे दोनों छेदों की ठुकाई करता है.
अब तक मैंने योगेश को अपने प्रेम जाल में ऐसा फंसा लिया है कि मेरा और मेरे बेटे का खर्चा भी वही उठाता है.
इसके अलावा भी मैं और कहीं मुँह मारने से नहीं कतराती.
अपनी चुत से नए नए लौड़े के रस निचोड़ती रहती हूँ.
मेरे पति को भी अहसास है कि मैं किस्म किस्म के लौड़े लेती रहती हूँ लेकिन वे भी मुझसे कुछ नहीं कहते हैं.
दोस्तो, ये थी मेरी सेक्स कहानी, जो भले ही मजबूरी में दूसरे लौड़ों से चुदने से रसभरी बन पाई.
लेकिन मुझे बहुत मजा आने लगा है तो मैंने भी इसे अपना भाग्य मान लिया है.
मैं आशा करती हूँ आपको भी मज़ा आया होगा.
हां तो पाठको, कैसी लगी शीला की चुदाई की कहानी.
बड़ा लौडा कहानी पर अपने विचार मुझे मेल में ज़रूर बताइएगा. मैं अपनी अगली सेक्स कहानी लेकर जल्द ही आऊंगी.
आपकी और सिर्फ आप ही की
ज़ेबा अत्तार
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