बर्निंग सेक्स इन द ट्रेन कम्पार्टमेंट हॉट स्टोरी

(The Burning Train Compartment Hot Sex Story)

अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मैं जो कहानी बता रहा हूँ वो मेरे लिए एक सपना ही था.

मैं किसी काम के लिए दिल्ली से आगरा जा रहा था. मेरी टिकट फर्स्ट एसी की थी, सर्दी का समय था और शरीर को गरमाहट की बेहद ज़रूरत थी. मैं टाइम पर स्टेशन पहुँच गया और अपने कम्पार्टमेंट में चला गया. मैं अपने केबिन में जाकर में लेट गया ये केबिन दो बर्थ वाला था. मैं मोबाइल पर एक सेक्स गेम खेलने लगा. थोड़ी ही देर में मेरे सामने वाली सीट की पैसेंजर लेडी आ गई. उसने लॉन्ग कोट पहना हुआ था घुटनों तक का… अंदर आते ही सबसे पहले उसने अपना लॉन्ग कोट उतार कर टांगा. उसे देखते ही एक बार तो मैं काम्प सा गया, मुझे मोबाइल वाला गेम बच्चों का गेम लगने लगा.

उस हसीना को डिस्क्राइब करूँ तो पढ़ने वालों का ईमान डगमगा जाएगा. वो एक स्लीवलैस और लो नेक ब्लाउज पहने हुए थी, साड़ी नाभि दर्शना बंधी हुई थी. उसका बेहद गोरा बदन, खुले बाल और क्या नयन नक्श थे आह.. मेरी आँखों में नशा सा छा गया. उसकी तुलना आप “मैं हूँ ना” मूवी की अभिनेत्री सुष्मिता सेन के टीचर वाले रोल से कर सकते हैं.
उसकी उम्र 32-33 साल की होगी, पर उसका फिगर बड़ा ही कातिलाना 34-28-36 का रहा होगा. उसके लो-नेक ब्लाउज से मम्मों की क्लीवेज साफ दिख रही थी.
आपकी कसम मेरे मुँह और लंड में पानी आ गया. मैं टकटकी उसको देख रहा था.

तभी वो जो अभी अपना लगेज सैट कर रही थी, उसने पलट कर कहा- एक्सक्यूज मी, विल यू हेल्प मी टू सैट दीज बैग?( क्या आप मेरा सामान रखवाने में मेरी मदद करेंगे?)

मैं सकपकाया गया, पर उसकी हेल्प करने के लिए खड़ा हो गया. उसका सामान सैट करते टाइम, मेरी नज़र उसके मम्मों पर थीं. आह.. क्या रसभरे मम्मे थे, एकदम दूध जैसे गोरे और बेहद दिलकश.
मैं उसके निप्पलों की कल्पना करने लगा. तभी उसने मुझे अपने चुचे देखते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया और अपना पल्लू सही किया. मैं शरम से पानी पानी हो गया. सामान सैट करके हम दोनों अपनी अपनी बर्थ पर लेट गए.

उसने कोई मैगजीन खोल ली और बिज़ी हो गई. मैं भी वापस मोबाइल में लग गया.. पर हर 2-3 मिनट में मेरी नज़र उसके बदन पर जा रही थी. इतने खूबसूरत कटाव थे उस हसीना के.. क्या गांड थी और चुचे तो मैं आपको बता ही चुका हूँ. मैं उस हसीना को नंगी इमेजिन करने लगा और उस वजह से मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया. मेरी चादर एसी में मिलने वाली पतली सी थी, कम्बल मैंने ओढ़ा नहीं था, इसलिए उस चादर में टेंट जैसा शेप बन गया. मैंने अपने लंड को पूरा दबाने की कोशिश की, पर अब मुश्किल था.
मेरे पास अब एक ही रास्ता रह गया था की मुठ मार ली जाए.

रेलवे के टॉयलेट से तो आप सब लोग परिचित हैं ही वे एसी से बाहर बने होने हैं. ऐसी सर्दी की वजह से मैंने बर्थ पर ही मुठ मारने का सोच लिया. मैंने धीरे से ज़िप खोली, अंडरवियर नीचे की और अपना लंड बाहर निकाल लिया.
मेरे लंड का सुपारा पूरी तरह से तन गया था. मैंने अपनी चादर को थोड़ा सा खिसका लिया ताकि मैं उसको देख सकूँ.. और उसका पता भी ना लगे अब मैंने धीरे-धीरे लंड हिलाना शुरू किया.

मैं अपना लंड हिला रहा था और मेरी सिसकारियां शुरू हो गईं, वो दूसरी तरफ लेटी थी और मैं उसकी साड़ी में से उसकी गांड को इमेजिन करने लगा. तभी टीटी आ गया और मैंने लंड हिलाना छोड़ दिया और टीटी को टिकट दिख़ा कर विदा किया.
तभी उस कोकिला ने बोला- एक्सक्यूज मी.. मैं गेट की कुण्डी लगा दूँ, इट्स सेफ.. यू नो!

मैंने मुंडी हिला दी.. पर उसने मेरा टेंट देख लिया और वह मुस्कुरा दी. मैंने शरम से चादर अपने सर तक खींच ली.

तभी मैंने महसूस किया कि एक नर्म हाथ मेरे लंड को सहला रहा है. मैंने देखा कि वो मेरे लंड के साथ खेल रही है. मैंने चादर को साइड में रख दिया और बैठ गया.

वो घुटनों के बल बैठी थी और धीरे-धीरे मेरा लंड सहला रही थी.

मैंने उसकी आँखों में हैरत से झांका तो उसने कहा- तुम्हारा मुझको देख कर मुठ मारना मुझे अपने लिए कॉंप्लिमेंट सा लगा और मैं इस तरह से धन्यवाद कहना चाहती हूँ.

मैं तो जैसे सपनों की दुनिया में पहुँच गया. मैंने अपनी पैन्ट और अंडरवियर एक साथ नीचे कर दी और आराम से बैठ गया. वो अपने कोमल हाथों से मेरे लंड के साथ खेल रही थी. फिर उसने अपने होंठों से मेरे लंड को किस किया.
आह्ह.. क्या बताऊं.. मेरे तो जैसे होश ही उड़ गए.

धीरे-धीरे वो अपनी जीभ मेरे लंड पर फेरने लगी. तभी वो रुकी और मेरे लंड को देख कर बोली- आर यू ए वर्जिन गाई? (क्या तुम अभी तक कुंवारे हो?)
मैंने शर्मा कर हाँ बोला.
उसने स्माइल दी और बोला- आज के बाद नहीं रहोगे.

उसने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया. उसके मुँह के गर्मी ने मेरे लंड को झकझोर दिया. वो धीरे-धीरे मेरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने भी हिम्मत करके उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया. इससे वो मदमस्त हो गई और ज़ोरों से लंड सकिंग शुरू कर दी. उसके अनुभव से ऐसा लग रहा था कि वो अपने हाथ और मुँह से मेरे लंड को निचोड़ने की ठान चुकी थी.

मेरा लंड अब फटने को हो रहा था. मैंने उससे बोला- आई’म कमिंग.. (मैं झड़ने वाला हूँ)

उसने मुझे देख कर आँख मारी.. पर लंड को मुँह में ही रखा. मेरा वीर्य निकल गया. उसने मेरे लंड रस की एक भी बूंद मुँह से बाहर नहीं गिरने दी.. सारा का सारा रस पी गई.

अब मुझे पता चल गया था कि मेरा यह सफ़र बहुत मजे से कटने वाला है.

इसके बाद क्या क्या हुआ आप सभी पाठक अपने मन में कल्पना कर सकते हो!

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यह मेरी पहली हॉट सेक्स स्टोरी है, आशा है कि सबको पसंद आई होगी.

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