चूत चुदाई का डिस्को -1

(Chut Chudai Ka Disko-1)

हैलो मेरे प्यारे दोस्तो.. पहले मैं आप सबका धन्यवाद करती हूँ कि आप लोगों ने मेरी कहानी पढ़ी और मुझे बहुत बहुत अच्छे-अच्छे कमेंट्स मिले.. आप लोगों की बधाइयाँ मिलीं।
मैं अपनी सभी कहानियाँ एक-एक करके आप सभी को बताना चाहती हूँ.. जिससे सबको आनन्द आए।

जो इसे पहली बार पढ़ रहे है.. उन्हें मैं पहले अपने बारे में बता दूँ।
मेरा नाम अंजलि अरोरा है.. अभी मेरी उम्र 32 साल है.. मेरा रंग एकदम गोरा है। मेरी चूत भी एकदम दूध सी सफेद है। मेरा फिगर 36-30-38 है। मैं एक शादीशुदा महिला हूँ.. जो अब आगरा में रहती हूँ। मेरे पति देश के बाहर जॉब करते हैं.. दो बच्चे हैं जो हॉस्टल में पढ़ते हैं। घर में मैं और मेरी सास रहती हैं। कभी-कभार मेरी ननद आ जाती हैं.. वो बाहर रह कर पढ़ाई करती हैं।

खैर.. यह घटना अभी कुछ ही दिन पहले की है.. जब मेरी चूत में कुछ ज़्यादा आग लग गई थी और लंड माँग रही थी।

हुआ यूँ कि सुबह से मैं एक स्ट्रेंजर चैट एप्लीकेशन पर चैट कर रही थी.. मस्ती कर रही थी। मैं एक लौंडे को अपनी न्यूड पिक्स दिखा रही थी.. उधर उसका लौड़ा देख कर मेरे तन-बदन में आग लग गई थी। मगर वो मेरी सिटी से बहुत दूर रहता था.. वो तमिलनाडु से था।
खैर.. तब तो मैंने मूली घुसा कर चूत को थोड़ा शांत किया.. मगर लंड का काम तो लंड ही करता है ना..

तभी मेरी एक फ्रेण्ड आशिमा की कॉल आई.. वो बोली- अंजलि कहाँ है तू?
मैं बोली- घर में हूँ.. तू बता?
आशिमा बोली- अरे मैं आज घर आई हूँ.. कल चली जाऊँगी.. तो मिल ले न मुझसे.. मन नहीं लग रहा..
मैं बोली- हाँ तो घर आ जा..
तब वो बोली- अरे कहीं घूमने चल न..
मैं बोली- बता.. मूवी चलते हैं?
तो वो बोली- नहीं यार.. कहीं मस्त जगह चल न.. डिस्को चलते हैं ना?
मैं बोली- हाँ हाँ.. चल शाम को..
तो बोली- ठीक है।

हमने 8 बजे का प्लान बनाया।
मैंने शाम तक सब काम निपटा लिए और आशिमा तो 7 बजे ही मेरे घर आ गई।
मैं तो देख कर ही हैरान रह गई.. उसका तो लुक एकदम बदल चुका था। वो सलवार सूट में आई थी।
मैं बोली- क्या बात है.. अब तो निखार आ गया..
आशिमा बोली- हाँ मैंने जिम ज्वाइन किया था..
मैं बोली- अच्छा जी..

तो बोली- तू भी तो बदल गई है.. देख क्या फिगर मेंटेन कर रखा है तूने.. तू तो आज भी उतनी ही मस्त दिखती है.. पहले से ज्यादा भर भी गई है.. क्या किया है?
मैं मन ही मन बोली- लौड़े खाए हैं.. दबा कर..

खैर.. मैं आशिमा से ज्यादा खुली हुई नहीं हूँ.. मेरी कोई बात नहीं पता है इसको.. बस हम लोग यूँ ही बस नॉर्मल फ्रेण्ड हैं.. जो अब थोड़े क्लोज़ हो गए हैं। वो भी इसलिए क्योंकि मेरे हसबेंड और इसके हसबेंड आपस में दोस्त हैं।

खैर.. मैंने आशिमा को मम्मी के पास बिठाया.. वो दोनों गप्पें लड़ाने लगीं। मैं तैयार हुई.. सलवार सूट पहना और सेक्सी ड्रेस बैग में डाली और मम्मी से बोल दिया कि हम दोनों मूवी देखने जा रहे हैं, कार से डिस्को के लिए चल दिए।

उधर जाते ही टॉयलेट में घुस कर हमने ड्रेस पहनी.. मैंने स्टॉकिंग्स डाले और बहुत छोटी सी टाइट ब्लैक कलर की शॉर्ट पहनी.. वो इतनी छोटी थी कि मैं हल्का सा भी झूकूँ.. तो मेरी पैन्टी तक पूरी ऊपर दिख जाए। मैंने नाभि से ऊँचा एक रेड कलर का टॉप पहना हुआ था, अन्दर ब्लू कलर की ब्रा-पैन्टी नेट वाली थीं, ब्रा तो टॉप में से साफ़ दिख रही थी। मेरे रसीले होंठों पर डार्क रेड कलर की लिपस्टिक लगी थी और बाल खुले किए.. उँची हील्स पहन कर हॉल में आ गई।

मेरी फ्रेण्ड आशिमा बोली- आज तो तू यहाँ सबको बेहोश ही कर देगी।
आशिमा ने तो टाइट एक लॉन्ग टॉप पहना हुआ था जो घुटनों से थोड़ा ऊपर था। उसने लिपस्टिक लगाई और बाल आधे खुले करके बांधे।

खैर.. हम दोनों बाहर आए और सीधा बारटेंडर के पास जाकर पैग पीने लगे। मैंने तो तीन पैग स्माल लिए थे.. आशिमा ने तो लार्ज बनवाए, हम दोनों दारू पीकर टुन्न हो गए, फिर जाकर एक सोफे पर गिलास लेकर बैठ गए।
मगर मैं धीरे-धीरे पीने लगी और साथ में सिगरेट भी चलती रही।

अब मैं खड़ी हुई और डान्स फ्लोर पर जाने लगी और वहाँ अकेले डान्स करने लगी।
मैंने अपनी सहेली आशिमा को देखा उसको तो ज़्यादा चढ़ गई थी, मैं उसके पास गई तो बोली- मेरे को टॉयलेट ले चल.. वोमिटिंग आ रही है।

मैंने उसे टॉयलेट में ले जाकर वोमिटिंग करवाई और उसको नींबू पानी दिया।
फिर वो बाहर आई और सोफे पर बैठ गई।
मैंने सोचा कि क्या यार मजा खराब कर दिया।
खैर.. मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं..

फिर मैं थोड़ी और पीने लगी और अब मुझे चढ़ने लगी और मैं बारटेंडर से बातें करने लगी।
उधर मेरे पास एक आदमी आया और आते ही बोला- शैल वी डान्स?
मैं बोली- श्योर..
मैं उसके साथ डान्स करने लगी।
अब मुझे नशा होने लगा और मैंने हरकतें करनी शुरू कर दीं। मैं अपनी गाण्ड को उसके लंड पर घिसने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

वो मेरी चूत में उंगली डालने की कोशिश कर रहा था। मैं एकदम से हॉट हो गई और मैं बोली- वेट हनी.. मैं अभी आई।
मैं टॉयलेट जाकर अपनी पैन्टी उतार कर वहीं फेंक कर बाहर आकर उसके साथ मजे लेने लगी।

उसने जैसे ही नीचे हाथ डाला.. तो एकदम बोला- जानेमन चूत गीली पड़ी है.. बोल ना चल आज की रात मजे लेते हैं।

मैं तो वैसे ही टुन्न थी.. तो आगे होकर उसके गले में हाथ डाला और बोली- हाँ चल.. मगर सामने मेरी फ्रेण्ड बैठी है.. इसका कुछ इलाज कर..

तो उसने एक इशारा बारटेंडर को किया और बोला- इसको और पिला.. मैं आता हूँ।
तो बारटेंडर बोला- ओके बॉस..

उसने उसे 1000 का नोट दिया और मुझे अपनी कार में ले गया। कार में अन्दर जाते ही कार का एसी ऑन किया.. सीट खोल कर बिल्कुल बेड बना दी और मेरे ऊपर चढ़ कर किस करने लगा।
मैंने फ़ौरन सारे कपड़े उतार दिए और मैं खुद ही नंगी होकर उसके लंड को हाथ से सहलाने लगी।

अब उसने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी और अब हम दोनों पूरे नंगे होकर एसी कार में मजे ले रहे थे।

दोस्तो.. आप सभी के गुप्तांगों में रस आ गया होगा.. पर अब कल तक के लिए नमस्ते कहना पड़ेगा दोस्तो.. आप सभी के ईमेल का इन्तजार रहेगा।

आगे की कहानी आने तक अपने लौड़ों और चूतों से खेलते रहिए।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top