सफर में मिली भाभी बनी बेड पार्टनर
(Chut Ki Chudai Free Hindi Kahani)
चूत की चुदाई फ्री हिंदी कहानी में एक बार बस में मेरी दोस्ती एक विधवा लड़की से हो गयी. वह जॉब के लिए मेरे शहर में आई थी और घर ढूंढ रही थी. मैंने उसे अपने घर में रहने को कहा.
हाय, मेरा नाम धीरज है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 24 साल है, कद 5 फुट 11 इंच है.
मैं जिम जाता हूँ जिससे मेरी बॉडी काफी अच्छी है।
मेरे परिवार में कोई नहीं है।
जब मैं दसवीं में था, तब मेरे माँ-पापा की मृत्यु हो गई थी।
इसके बाद मैंने अपने पापा की स्टील के बर्तनों की कंपनी चलाई।
महीने का 9-10 लाख का मुनाफा आता है।
मैं अपनी चूत की चुदाई फ्री हिंदी कहानी शुरू करता हूँ.
जब मैं 22 साल का था, तब मैं एक बस से आ रहा था।
बस छूटने में समय था तो मैं बैठे-बैठे सो गया।
थोड़ी देर में आँख खुली तो पूरी बस भरी हुई थी।
मेरे बगल में एक लड़की बैठी थी, जो बहुत ज्यादा सुंदर थी।
मैं खिड़की से बाहर देख रहा था।
रात के 8 बज रहे थे।
तभी उसने मुझे खिड़की वाली सीट माँगी।
वह बोली, “मुझे घुटन हो रही है!”
मैंने सीट बदल दी।
वह बैठी और मुझे थैंक्स कहा।
फिर बोली, “पुणे जा रहे हो?”
मैंने कहा, “हाँ!”
मैं मोबाइल चलाने लगा। फिर वह बोली, “वहाँ के हो?”
मैंने मोबाइल बंद किया और कहा, “हाँ, वहीं का हूँ!”
मैंने पूछा, “क्या आप भी पुणे की रहने वाली हैं?”
वह बोली, “हाँ!”
मैंने पूछा, “आप पुणे में कहाँ रहती हैं?”
वह बोली, “अभी तक तो अपने पति के कंपनी के क्वार्टर में रहती थी, अब कहीं और रहूँगी!”
मैंने पूछा, “क्यों?”
वह बोली, “मेरे पति की मृत्यु हो गई है!”
मैंने कहा, “सॉरी!”
वह बोली, “नहीं, तुम क्यों सॉरी बोल रहे हो?”
मैंने कहा, “अपने मम्मी-पापा के पास चली जाओ!”
वह बोली, “मैंने और मेरे पति ने भागकर शादी की थी, 6 महीने पहले! दोनों के घरवालों ने रिश्ता तोड़ दिया है। हम दिल्ली के हैं!”
मैंने उनका नाम पूछा।
उन्होंने बताया, “हर्षा!”
फिर वह बोली, “अपने बारे में बताओ!”
मैंने सब कुछ बताया।
वह बोली, “तुम अकेले रहते हो? मम्मी-पापा की मृत्यु के बाद?”
मैंने कहा, “हाँ!”
वह बोली, “तुम्हारा तो बिजनेस जम गया है!”
वह बोली, “तुम मुझे पुणे में एक फ्लैट ढूँढ दो!”
मैंने कहा, “हाँ!”
तभी बस एक ढाबे पर रुकी।
मैं और वह बाहर निकले।
बस में लाइट कम थी, इसलिए मैं उसे ठीक से नहीं देख पाया था।
बाहर लाइट में देखा, तो वह बहुत सेक्सी थी।
उसकी हाइट 5 फुट 4 इंच थी, और फिगर शानदार था।
मैं उनके साथ एक टेबल पर खाना खाने बैठा।
उनका बिल भी मैंने भरा।
फिर हम बस में बैठे और रात 1 बजे तक बातें करते रहे।
हम ऐसे बात कर रहे थे, जैसे बहुत पुराने दोस्त हों।
अगले दिन सुबह हम पुणे के बस स्टैंड पर उतरे।
मैंने पूछा, “आपका रूम कहाँ है?”
वह जो पता बता रही थी, वह मेरी कंपनी के पास ही था।
मैंने उनके साथ कैब में चलने को कहा।
हम कैब में निकले।
मैंने उनकी उम्र पूछी।
वह उस समय 24 की थीं, और मैं 22 का।
उन्होंने फ्लैट के बारे में पूछा।
मैंने कहा, “अपना नंबर दे दीजिए, मैं बता दूँगा!”
उन्होंने नंबर दिया और अपनी इंस्टा आईडी भी दी।
उन्हें ड्रॉप करके मैं सीधा कंपनी चला गया।
फिर घर गया, फ्रेश हुआ और अकाउंट्स चेक किए।
मैंने हर्षा की इंस्टा आईडी चेक की।
उनके अकाउंट में 50-60 लोग थे, और अकाउंट प्राइवेट था।
ज्यादातर लड़कियाँ ही थीं।
उनकी पोस्ट देखी, वह वेस्टर्न कपड़ों में थीं, लेकिन बस में कुर्ती पहनी थी।
शाम को मैं अपने घर के पास एक बिल्डिंग में गया।
हमारा इलाका शहर से थोड़ा बाहर था इसलिए फ्लैट्स के रेट कम थे।
मुझे 20 लाख में एक फ्लैट मिला।
मैंने रात 8 बजे हर्षा को फोन किया और फ्लैट के बारे में बताया।
वह बोली, “घर पर आ जाओ, यहीं बात करेंगे!”
मैं अपनी बुलेट लेकर उनके क्वार्टर गया।
उन्होंने घर पर खाना बनाया था।
मैंने खाना खाया और उनके साथ फ्लैट देखने गया।
उन्होंने वन-पीस पहना था।
उन्हें फ्लैट पसंद नहीं आया।
मैंने पूछा, “कैसा चाहिए?”
वह बोली, “घर मिले तो बताना, फ्लैट में बहुत झमेला है!”
मैंने पूछा, “किराए पर चलेगा?”
वह बोली, “हाँ!”
मैंने अपने घर के बारे में बताया और उन्हें अपने घर ले गया।
मेरा घर काफी बड़ा है, 3 बीएचके।
मैंने पूछा, “गेस्ट की तरह रहने में दिक्कत तो नहीं?”
वह बोली, “ठीक है!”
उन्होंने पैसे के बारे में पूछा।
मैंने कहा, “जो आपका मन हो, दे देना!”
वह बोली, “मैं कल ही शिफ्ट हो जाऊँगी!”
मैं उन्हें घर छोड़कर आया।
अगले दिन वह तीन बड़े बैग लेकर आईं।
मैं घर पर खाना बना रहा था।
डोरबेल बजी, तो देखा हर्षा थीं।
उन्होंने वन-पीस पहना था, चश्मा लगाया था और उनकी ड्रेस घुटनों के ऊपर थी।
मैंने उनका सामान कैब से निकालकर अंदर लाने में मदद की।
उन्हें नीचे का रूम दे दिया।
वह अपने रूम में सामान जमा रही थीं।
मेड ने उनकी मदद की।
फिर मेड आई और बोली, “भाभी अच्छी हैं!”
मैं कुछ कहता, उससे पहले वह चली गई।
मैंने खाना टेबल पर लगाया और हर्षा को बुलाया।
खाना खाते समय मैंने कहा, “भाभी, आपने मेड से कुछ कहा?”
वह बोली, “अरे, मैं तुम्हें भाभी लगती हूँ क्या? मुझे हर्षा बुलाओ!”
मैंने कहा, “ठीक है!”
वह बोली, “हाँ, मेड पूछ रही थी। मैंने बोल दिया कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ! कुछ गलत तो नहीं बोला? तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं?”
मैंने कहा, “कोई बात नहीं, ठीक है!”
वह बोली, “अब मैं नई लाइफ शुरू करूँगी!”
उन्हें एक जॉब मिली थी और वह घर से काम करती थीं।
वह बोली, “आज से खाना बनाने की टेंशन छोड़ दो! मेड की भी जरूरत नहीं, मैं सब संभाल लूँगी!”
12 बजे वह अपने रूम में जाकर लैपटॉप से काम करने लगीं।
4 बजे उनका काम खत्म हो गया।
मैं 5 बजे कंपनी गया और रात 10 बजे लौटा।
देखा तो हर्षा ने खाना बना लिया था।
हमने खाना खाया और बातें करने लगे।
ऐसा कुछ हफ्तों तक चला। रोज सुबह मैं जिम जाता, और वह घर का काम और खाना बनाकर रखती।
इसके बाद मेड नहीं आई।
मैंने हर्षा से पूछा, तो उसने कहा, “मैंने मेड बंद कर दी! सारा काम मैं ही कर लूँगी!”
मुझे वह अब पसंद आने लगी थी।
मेरे मन में उनके लिए फीलिंग्स बढ़ने लगी थीं।
वह इतनी मॉडर्न होने के बावजूद सारा काम करती और अपनी जॉब भी संभालती।
एक दिन वह बीमार हो गई।
मैं उन्हें डॉक्टर के पास ले गया और वापस लाया।
तब पहली बार मैंने उन्हें छुआ था।
वह घर पर हमेशा वन-पीस या टी-शर्ट और स्कर्ट पहनती थी।
उनके कपड़े ज्यादातर थाइज़ को आधा ढकने वाले होते थे।
उनकी चिकनी थाइज़ देखकर मैं तड़पता था।
मुझे उनसे प्यार हो गया था, और वह मेरे बहुत करीब हो गई थीं।
एक दिन सुबह मैं जिम से आया।
वह भी काम करके बैठी थी।
वह मुझे देखकर बोली, “तुमने बहुत अच्छी बॉडी बनाई है! क्या मैं भी जिम शुरू करूँ?”
मैंने कहा, “ठीक है!”
फिर नहाकर कंपनी चला गया।
शाम 5 बजे फ्रेश होकर लौटा।
उन्होंने मुझे उनके साथ कपड़े लेने चलने को कहा।
मैंने कार निकाली और उन्हें ले गया।
मेरे पास एंडेवर थी।
मैं उनके साथ गया।
उन्होंने जिम के लिए कपड़े लिए और घर के लिए भी कुछ कपड़े खरीदे।
फिर बाहर खाना खाकर हम घर लौटे।
मैंने कार पार्क की और अंदर गया।
हर्षा मुझे अपने रूम में ले गई और कपड़े ट्राई करने लगी।
जो कपड़े अच्छे नहीं थे, उन्हें फेंकना था। उसने बैग खोला और बेड पर रखा। बैग में 1 साड़ी, 2 सूट, और बाकी शॉर्ट ड्रेस थीं।
कुछ ड्रेस बाहर निकालकर उसने बैग बंद कर दिया।
बाकी कपड़े उसने घर के बाहर डस्टबिन में डाल दिए।
अगली सुबह 6 बजे मैं उसे जिम ले गया।
मैं उनकी मदद करने लगा।
जिम में ज्यादातर लड़कियाँ थीं।
पहले दिन मैंने उन्हें बहुत टच किया।
9 बजे हम घर आए।
उसने घर का काम किया, खाना बनाया।
12 बजे हम दोनों अपने काम पर लग गए।
मैं कंपनी चला गया।
रात को खाना खाकर हम दुनिया भर की बातें करते।
ऐसे ही 2 महीने बीत गए।
एक दिन मुझे अपने दोस्त की शादी में जाना था। शाम 5 बजे मैं तैयार हो गया।
मैंने हर्षा से पूछा, “साथ चलोगी?”
वह बोली, “कोई पूछेगा, तो क्या बोलूँगी?”
मैंने कहा, “वही जो मेड को बोला था! कोई शक भी नहीं करेगा!”
वह बोली, “ठीक है!”
और तैयार होने चली गई।
उसने ब्लैक साड़ी पहनी।
मैंने भी ब्लैक सूट पहना।
हम कार से शादी में गए।
मेरे मेल और फीमेल दोस्त थे।
मैंने हर्षा को उनसे मिलवाया। सबने मेरे मजे लिए।
हर्षा को मेरी फीमेल फ्रेंड्स अपने साथ ले गईं।
मैंने शादी में फोटो लिए, खाना खाया, और सबके साथ निकल गया।
हर्षा और मैं घर जा रहे थे।
तभी उसे एक जगह दिखी, जहाँ से मून व्यू आ रहा था।
वह जिद करने लगी वहाँ जाने की।
मैंने कार साइड में की और उसके साथ कार के बोनट पर बैठकर बात करने लगा।
मैंने कहा, “तुम बहुत अच्छी लग रही हो!”
वह बोली, “तुम भी!”
मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा, “मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो!”
वह थोड़ा डरकर बोली, “मुझे भी तुम अच्छे लगते हो, पर तुम्हें मुझमें क्या पसंद आ गया?”
मैंने उसके हाथ पर किस किया और कहा, “तुम इतनी सुंदर हो, हॉट हो, मेरा ख्याल रखती हो, और क्या चाहिए!”
मैंने उसे होंठों पर किस किया।
वह मुझे हटाने लगी।
फिर मैंने उसके गाल पर किस किया।
उसके गाल लाल हो गए।
मेरा लंड खड़ा हो गया था।
मैंने खुद को कंट्रोल किया और सोचा कि उसे थोड़ा समय दूँ।
मैं गाड़ी की पीछे की सीट पर हर्षा के साथ बैठ गया।
मैं लेट गया।
एक दरवाजा खुला था।
गर्मी का मौसम था।
मैंने कोट और शर्ट निकाल दी।
मैं दरवाजे को टेककर बैठा था, और हर्षा मेरी गोद में बैठी थी।
मैं उसके गले पर किस कर रहा था।
हर्षा बोली, “आई लव यू!”
मैंने भी कहा, “आई लव यू टू!”
और उसके साथ किस करने लगा।
मैंने पूरी कार लॉक की, एसी चालू किया, और रोमांटिक सॉन्ग लगाया।
मैंने हर्षा की साड़ी बिना उसे पता चले ऊपर चढ़ा दी।
उसकी जाँघों के ऊपर साड़ी थी, पर नीचे नहीं। 
मैंने अपने लंड को पैंट समेत उसकी गांड में चिपका रखा था।
मैं उसे चोदने की सोच रहा था पर हर्षा तैयार नहीं थी।
रात के 2 बज रहे थे, और हम रोडसाइड कार में प्यार कर रहे थे।
हम पूरी रात वैसे ही सो गए।
मैंने हर्षा को जोर से पकड़ा हुआ था।
सुबह 5 बजे नींद खुली।
मैंने हर्षा को उठाया, और हम घर चले गए।
आज हम जिम नहीं गए।
रविवार था, इसलिए हर्षा की छुट्टी थी।
हमने खाना खाया।
12 बज गए थे।
मैंने हर्षा को साथ लिया, घर का गेट लगाया और कार में एसी चालू करके उसके साथ बैठ गया।
हर्षा मुझे किस कर रही थी।
उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी।
मैं शॉर्ट में था और मैंने अंडरवियर नहीं पहना था।
हम कार में सो गए।
शाम 7 बजे ऑनलाइन खाना ऑर्डर किया, खाकर फिर कार में गए।
हर्षा कुछ करने नहीं देती थी, बस किस करती और लिपटकर रहती।
रात को फिर हम कार में बैठे।
मैंने उसकी टी-शर्ट किसी तरह निकाल दी।
वह पिंक ब्रा और ब्लैक मिनी स्कर्ट में थी।
वह बोली, “सब कुछ करोगे मुझसे?”
मैंने हाँ बोलते हुए उसे किस किया।
तीन महीनों में ही हम प्यार कर बैठे थे।
मैं उसके बड़े-बड़े बूब्स पर हाथ फेर रहा था, उसकी स्कर्ट के अंदर से उसकी गांड दबा रहा था।
फिर मैंने अपना शॉर्ट नीचे किया।
कार की लाइट्स ऑफ थीं।
मैंने अपने लंड को उसकी गांड की दरार में रखा।
बीच में पैंटी थी।
मैं अंदर डालने की कोशिश नहीं कर रहा था।
मैंने उसकी स्कर्ट पूरी ऊपर कर दी थी।
हर्षा को पता चल गया था; वह मना कर रही थी।
मैंने ऊपर-ऊपर से बोलकर उसे मना लिया और ऊपर से ही करता रहा।
हर्षा हिल रही थी।
मैं उसे किस कर रहा था और उसके बूब्स दबाने की कोशिश कर रहा था, पर वह दबाने नहीं दे रही थी।
मैंने उसकी पैंटी एक साइड कर दी और उसे पेट के बल लिटाकर उसके ऊपर लेट गया।
मैं अपने लंड को उसकी गांड से चिपकाकर आगे-पीछे होने लगा।
एक बार मैंने गांड में डालने की कोशिश की तो हर्षा ने मना कर दिया।
मैंने भी जबरदस्ती नहीं की।
मुझे पता था कि वह मेरी है, देर-सवेर देगी।
मैंने ऊपर-ऊपर ही किया।
40-45 मिनट बाद मेरा माल निकल गया।
एक महीने का सारा माल हर्षा की बड़ी गांड पर फैल गया।
मैंने वीर्य को उसकी टी-शर्ट से साफ किया।
फिर हम दोनों अपने रूम में सो गए।
अगले दिन मुझे एक हफ्ते के लिए चेन्नई जाना था।
मैं चला गया।
वापस आया, तो 3-4 दिन कंपनी में ही रहा।
बड़ा ऑर्डर था इसलिए घर जाने का मौका नहीं मिला।
10-11 दिन से हर्षा से सिर्फ मोबाइल पर बात हो रही थी।
ऑर्डर पूरा होने के बाद मैं घर जाते समय मेडिकल स्टोर से सेक्स पिल्स और कंडोम का डब्बा ले लिया।
घर गया, तो हर्षा अपने रूम में सो गई थी।
रात हो गई थी।
मैं भी सो गया।
अगली सुबह हॉल में गया तो हर्षा ने केक मंगाया था।
मेरा बर्थडे था।
हम दोनों घूमने निकले, पिक्चर देखी, कैफे गए।
शाम 7 बजे खाना खाकर आए।
मैं काफी थक गया था इसलिए सो गया।
रात 11 बजे हर्षा ने फोन किया और बोली, “तैयार होकर मेरे रूम में आ जाओ!”
मैं समझ गया कि आज कुछ मिल सकता है।
मैं नहाया, अच्छे से तैयार हुआ और सेक्स टाइम बढ़ाने की पिल खा ली।
तब मैं हर्षा के रूम में गया।
लाइट्स ऑफ थीं।
ऑन करने पर देखा कि हर्षा पीच कलर का लहंगा पहनकर बैठी थी।
उसे देखकर मैं पागल हो गया।
उसने लहंगा, सारी ज्वेलरी, और मेकअप किया था।
मैं समझ गया, लॉटरी लग गई!
मैं फॉर्मल में था।
मैंने दरवाजा लगाया।
हर्षा ने कैंडल्स जलाईं, लाइट्स ऑफ कीं, और एसी चालू किया।
वह मेरे साथ बेड पर बैठी और बोली, “ये हमारी पहली सुहागरात है!”
बिना शादी के सुहागरात मना रहा था।
मेरे 23वें बर्थडे पर मुझे सबसे बड़ा गिफ्ट मिला था।
मैंने उसका घूँघट उठाया, उसे चूमा और उसके पैरों से पायल निकाली।
मैं उसके पैर चूमने लगा।
फिर उसकी कानों की बाली, नाक की नथुनी, और नेकलेस निकाला।
उसके हाथों से चूड़ियाँ निकालकर उसे बेड पर लिटाया।
वह इतनी खूबसूरत लग रही थी कि मैंने उसके होंठ चूमकर काट लिए।
मैंने अपनी शर्ट निकाली।
वह मुझसे लिपट गई।
मैंने उसके लहंगे की डोरी खोली और ब्लाउज़ निकालने लगा।
बेड पर फूल बिखरे थे।
मेरा लंड अब पूरी तरह तन गया था और दर्द हो रहा था।
मैंने उसकी ब्रा और पैंटी निकाली और उसके बूब्स चूमने लगा।
मैं उसके बूब्स को जोर से मसल रहा था।
जिम की वजह से उसका फिगर मस्त था।
पहली बार मैंने उसे नंगी देखा था।
मैंने अपनी पैंट और अंडरवियर निकाल फेंका।
20-25 मिनट में हम दोनों नंगे हो गए।
मैंने 10 मिनट तक उसके बूब्स दबाए, फिर उसकी चूत देखने लगा।
मैं उसकी हल्की झांट वाली चूत में उंगली करने लगा।
चूत गीली हो गई।
वह पूरी गर्म हो गई थी।
मैंने उसे मेरा लंड मुँह में लेने को कहा।
वह बोली, “नहीं, अच्छा नहीं लगता!”
मैंने कहा, “एक बार ले लो!”
वह बोली, “एक बार ही!”
और मेरे लंड को थोड़ा मुँह में लिया।
मैंने उसकी चोटी पकड़कर पूरा लंड उसके मुँह में डाल दिया।
वह निकालने की कोशिश करने लगी।
फिर उसने निकाल लिया।
गोली का असर हो गया था।
मैंने उसकी चूत को चूमा और बूब्स में मुँह डाल दिया।
मैं पूरे जोश में अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ रहा था।
5 मिनट तक रगड़ा।
उसकी चूत इतनी गोरी थी कि लाल हो गई।
मैंने चूत के दाने को मसलना शुरू किया और धीरे से लंड उसकी चूत में डालने लगा।
उसके पहले पति का लंड शायद 5-6 इंच का रहा होगा।
उसकी चूत थोड़ी ढीली थी, पर मेरा लंड बड़ा था इसलिए मुझे टाइट फील हो रहा था।
मैंने एक बार धक्का दिया और पूरा लंड डालकर उसके ऊपर लेट गया।
हर्षा तड़पने लगी।
मैंने उसे दबाकर रखा।
मुझे भी हल्का दर्द हो रहा था।
2 मिनट बाद मैंने मिशनरी पोजीशन में धीरे-धीरे करना शुरू किया।
मेरे दोनों हाथ उसके बड़े-बड़े बूब्स पर थे, उन्हें मसल रहे थे।
नीचे चूत मारने का काम मेरा लंड कर रहा था।
हर्षा दर्द भूलकर मोन करने लगी।
थोड़ी देर में उसने पोजीशन बदलने को कहा।
वह घोड़ी बन गई और मैं पीछे से उसकी चूत में डालकर चोदने लगा।
30 मिनट से ज्यादा देर तक मैं उसे चोदता रहा।
उसका पानी निकल रहा था।
पूरा बेड भीग गया।
वह बोली, “हो गया!”
मेरा रियल टाइमिंग 40-45 मिनट था, और आज तो मैंने गोली भी खाई थी।
मैं नहीं माना और उसकी चूत चाटने लगा।
5 मिनट में मैंने उसे फिर तैयार कर दिया।
वह गर्म तो नहीं हुई पर चुदाने को मान गई।
मैंने उसे अपने ऊपर बिठाकर चोदना शुरू किया।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
वह भी अच्छे से हिलने लगी और गर्म हो गई।
20-25 मिनट बाद वह फिर झड़ गई।
मैंने उसे पकड़कर हिलाना जारी रखा।
वह चुपचाप मोनिंग करती रही और कूदने लगी।
मेरा लंड इतना अंदर घुसा था कि उसकी चूत के ऊपर का हिस्सा उभरा दिख रहा था।
वह तीन बार झड़ गई।
मैं 1 घंटे की चुदाई के बाद भी टिका हुआ था।
मैंने पानी पिया।
हर्षा बोली, “रुक जाओ, हो गया!”
फिर वह खुद मेरा लंड मुँह में लेने लगी।
लेकिन मुझे चूत चाहिए थी।
मैंने उसे फिर घोड़ी बनाया।
वह गुस्से में थी, रुकने को कह रही थी, और पूरी तरह पसीने से भीग गई थी।
मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके दोनों चूतड़ों पर जोर से तमाचा मारा।
वह और गुस्सा करने लगी।
मैंने उसकी गांड दबाई।
फिर मैंने अपनी पैंट से कंडोम निकाला, लंड पर लगाया और चूत की जगह उसकी गांड के छेद में डालने लगा।
हर्षा मना करते हुए उठने लगी।
मैंने उसे गिराकर पीठ के बल लिटाया और उसे गर्म करने लगा, उसके होंठों को अपने मुँह से पकड़ा और चूत का दाना मसलने लगा।
वह गर्म हो गई।
मैंने उसे लव बाइट दी।
वह बोली, “चोद दो अब!”
मैंने उसके पैर उसके हाथ से पकड़वाए और गांड में डालने लगा।
वह बोली, “वहाँ मत करो!”
लेकिन मैंने आधा लंड डाल दिया।
हर्षा जोर से चिल्लाने लगी।
उसके मुँह से इंग्लिश में गालियाँ निकल रही थीं।
मुझे और जोश चढ़ा।
मैंने पूरी ताकत लगाकर लंड डाला।
मेरे लंड को बहुत मजा आया।
हर्षा पहले रो रही थी लेकिन बाद में चुदने लगी।
मैं उसकी गांड मारता रहा।
हर्षा अकड़ने लगी।
कुछ गलत हो गया था।
मैंने लंड बाहर निकाला और चूत में डाल दिया।
वह तड़प रही थी।
10-12 मिनट चूत में करने के बाद मैं भी झड़ गया।
कंडोम निकाला और लंड बाथरूम में जाकर साफ किया।
हर्षा बेड पर पड़ी थी।
मैं उसके ऊपर गिर गया और उसे चूमने लगा।
वह मुझे पकड़कर दर्द की वजह से रोने लगी।
मैंने देखा, उसकी गांड से खू.न निकल रहा था, और चूत रगड़-रगड़कर छिल गई थी।
मैं उसे बाथरूम ले गया और उसके साथ नहाने लगा।
चूत में तेल लगाने के बाद भी वह छिल गई थी।
ऐसे मैंने अपनी पहली चुदाई की थी।
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