शादी में मिले दो नए लंड- 1

(Desi Ladki Chudi)

देसी लड़की चुदी एक अनजान लड़के से. यह लड़की अपनी सहेली के साथ उसके बॉयफ्रेंड के पास गयी थी. सहेली को चुदाई का मजा लेना था. वहां बॉयफ्रेंड का एक दोस्त भी था.

यह कहानी सुनें.

हाय फ्रेंड्स,
मैं आपकी प्यारी फ्रेंड अंकिता फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी लेकर।

मैंने अपनी पुरानी कहानी
पड़ोस के लड़के ने मुझे मेरे घर में ही चोदा
में बताया था कि कैसे मेरी सील टूटी और मैं चेतन और मॉन्टी से सेक्स करती रहती थी।
उनके बाद गगन ने भी मुझे कई बार पेला, और जब भी उसे मौका मिलता, वो मुझे चोदने आ जाता।

यूं ही सब चलता रहा।

उस समय मेरा फिगर 32B-28-33 था।
ये कहानी 2017 की है, जब मैं 26 साल की थी।

मैं अपने मामा की बेटी पायल दीदी की शादी में गयी थी।
शादी गर्मियों में थी, और मेरे स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं।
हम सभी घरवाले शादी से एक हफ्ते पहले गांव पहुंच गए थे।

शादी गांव में थी, तो मैं और पायल दीदी की छोटी बहन मधु शादी का सामान लेने शहर गए।

मधु ने पहले ही बता दिया था कि वो अपनी कॉलेज की सहेली के यहां जाएगी और शाम तक लौटेगी।

मैंने स्लीवलेस बैंगनी चूड़ीदार सलवार-कमीज पहनी थी, जो डीप नेक की थी।

मधु ने भी स्लीवलेस सलवार-कमीज पहनी थी, हल्का पीला रंग।

मधु 25 साल की थी, हाइट 5’6″, फिगर 34-25-34, और देखने में एकदम पटाखा माल थी।
सुबह 11 बजे हम गांव से शहर पहुंचे, जो 20 किमी दूर था।

तभी मधु अपने बॉयफ्रेंड से मिलने चली गई।
उसने मुझसे कहा, “अंकिता, प्लीज घर पर किसी को मत बताना।”

रास्ते में मधु ने सब बता दिया कि वो मुझे बहाने से साथ लाई है।

उसके बॉयफ्रेंड का नाम हर्ष था, और उसके साथ उसका दोस्त सुरेश भी था।
हम चारों मिले, और बातें शुरू हुईं।
हर्ष मुझे घूर रहा था, जिससे मैं थोड़ा असहज हो गई।

हर्ष मधु का कॉलेज सीनियर था, और सुरेश भी उसी के साथ पढ़ता था।
सुरेश 28 साल का था, हाइट 5’6″, हैंडसम, जिम जाता था, और उसकी बॉडी एकदम फिट थी।
हर्ष भी 28 साल का, 5’8″ हाइट, गोरा और हैंडसम था।

मधु ने हर्ष से पूछा, “चलो, कहां जाना है?”
हर्ष ने कहा, “सुरेश के घर।”
मधु ने मुझसे कहा, “अंकिता, सुरेश के घर चलते हैं, तुम वहां आराम से बैठना।”

दरअसल, मधु और हर्ष सेक्स करना चाहते थे।
हर्ष ने सुरेश के घर पर सारा इंतजाम कर रखा था।
हम सुरेश के घर पहुंचे, जहां कोई नहीं था।

सुरेश के मम्मी-पापा कुछ समय के लिए विदेश गए हुए थे, और वो अकेला था।
वो पैसों वाला भी था, तो घर में सारी सुविधाएं थीं।

मधु और हर्ष हमारे सामने ही कमरे में घुसते ही एक-दूसरे को चूमने लगे।

मधु ने हंसते हुए कहा, “अंदर चलो, सबके सामने ही शुरू हो गए तुम?”

मैं उनकी चुदाई की बातें सुनकर थोड़ा गरम हो रही थी।

पर अचानक किसी अजनबी से सेक्स करने का मन नहीं था।

पांच मिनट बाद सुरेश को फोन आया, और उसे कहीं जाना पड़ा।

वो बोला, “तुम यहीं रुको, मैं पांच मिनट में आता हूँ।”

इधर मधु और हर्ष आराम से चुदाई कर रहे थे।

तभी अचानक मामाजी का फोन आया।
मैंने हर्ष के कमरे का दरवाजा खटखटाया।

हर्ष ने खड़ा लंड लिए दरवाजा खोला, जो करीब 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था।

हर्ष को लगा शायद सुरेश ने दरवाजा खटखटाया है।
मुझे देखकर उसने पूछा, “क्या हुआ?”
मैंने कहा, “मधु को बोलो, घर से फोन आ रहा है।”

मैंने बताया कि सुरेश घर पर नहीं है।
मधु ने फोन पर बात की और कहा कि आने में देर हो जाएगी।

मैं फोन देकर बाहर बैठ गई, लेकिन कमरे का दरवाजा सिर्फ ढुका हुआ था।

उनकी चुदाई फिर शुरू हो गई।
सेक्स की आवाजें साफ सुनाई दे रही थीं।

मैं अकेली हॉल में बैठी थी, और मन में उत्तेजना बढ़ रही थी।

तभी सुरेश वापस आ गया।
मुझे देखकर बोला, “क्या हो गया?”
मैंने कहा, “कुछ नहीं,” और मुस्कुरा दी।

सुरेश ने कहा, “अंदर माहौल गरम है, आओ हॉल में बैठते हैं।”

वह मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक लाया और कहा, “लो, गर्मी बहुत है, ये पियो।”

कोल्ड ड्रिंक देते वक्त गिलास गिर गया और मेरी स्लीवलेस कमीज खराब हो गई।

सुरेश ने कहा, “सॉरी अंकिता, बाथरूम में जाकर साफ कर लो।”
मैं बाथरूम गई, कमीज उतारी, और साफ की, लेकिन वो गीली हो गई थी।
मैंने सुरेश से कहा, “मुझे कुछ पहनने को दो।”

सुरेश बोला, “मम्मी की साड़ी और ब्लाउज है, या पापा की शर्ट, जो तुम्हें फिट नहीं आएगी।”

फिर उसने अपनी बहन की टी-शर्ट दी और कहा, “ये लो, कमीज मुझे दो, मैं छत पर सुखा देता हूँ।”

मेरी ब्रा भी थोड़ी गीली थी लेकिन मैंने टी-शर्ट और सलवार पहन ली।

टी-शर्ट से मेरी नाभि दिख रही थी, और सलवार स्किन-टाइट थी।

मेरे बूब्स और गांड साफ दिख रहे थे, और सुरेश मुझे घूर रहा था।
मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, लेकिन अंदर से गरम हो रही थी।

सुरेश मेरे पास से निकलते हुए जानबूझकर मेरे बूब्स को टच कर गया।
वो कोल्ड ड्रिंक लाकर बोला, “लो, अब पियो।”
मैंने उसे इग्नोर किया, जिससे उसकी हिम्मत बढ़ गई।

वो मेरे बगल में बैठ गया और मेरी जांघ पर हाथ रख दिया।
मैंने उसका हाथ हटाने की कोशिश की, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।
बोला, “क्या हुआ? मेरे हाथ रखने से कोई प्रॉब्लम है?”

मैं चुप रही।
उसने फिर बहाने से मेरे बूब्स को टच किया और सीधे पूछा, “तुमने सेक्स किया है?”
मैंने कहा, “क्यों?”

वो बोला, “जवाब दो।”
मैंने कहा, “हां।”
उसने पूछा, “कितनी बार?”
मैंने कहा, “गिना नहीं कभी।”

“मतलब रेगुलर एक्टिव हो सेक्स में?”
मैं फिर चुप रही।

मेरा मन हो रहा था चुदाई करने का तो मैंने बात को आगे बढाया और मैंने उससे पूछा, “तुमने?”
वो बोला, “हां, कई बार, सेक्स वर्कर के साथ! मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।”

तभी अचानक वो पास आया और जोर से किस कर लिया।
मैंने धक्का देकर कहा, “पागल हो क्या?”
वो बोला, “नहीं!”
और मेरी गोद में बैठ गया।

उसने फिर किस किया और मेरे दोनों बूब्स को पकड़कर मसलने लगा।
मैं उसे धक्का दे रही थी तो उसने मेरे हाथ पकड़ लिए।

उसने मेरी टी-शर्ट और ब्रा ऊपर की और मेरे निपल्स उसके सामने थे।

गुस्से में मैंने उसे थप्पड़ मारने की कोशिश की तो उसने मेरा हाथ मोड़ दिया।
मैं चिल्लाई, “कोई है? मुझे छोड़ो, नहीं तो!”

सुरेश बोला, “नहीं तो क्या?”
मैंने कहा, “प्लीज छोड़ दो मुझे!”
वो मेरे हाथ मोड़ते हुए मेरी गांड मसलने लगा और बोला, “मान भी जाओ।”

वो मुझे किस करने लगा।
अंदर ही अंदर मेरे मन में चुदने की लालसा जाग रही थी।
पर मैं अचानक ऐसे सीधे मानना नहीं चाहती थी।

मैंने कहा, “ठीक है।”
वो बोला, “कपड़े खराब हो जाएंगे, घर भी जाना है। सलवार उतार दे।”
उसने फटाफट नाड़ा खोला और सलवार सोफे पर रख दी।

अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
सुरेश बोला, “मुझे मालूम था तू मान जाएगी।”
मैं खड़ी हुई, और मेरा दिल धक-धक कर रहा था।

सुरेश भूखे भेड़िए की तरह मेरी बॉडी को देखने लगा।
वो तुरंत पूरा नंगा हो गया, और उसका 7 इंच का लंड सलामी दे रहा था।
उसने मुझे दीवार पर टिकाकर खड़ा किया।

मेरी तनी हुई चुचियां उसके सामने थीं।
वो मेरे होंठों का रस पीने लगा।
उसके हाथ मेरी जांघों को मसल रहे थे, और मैं सिहर उठी।

वो मेरी जांघों को बुरी तरह मसल रहा था।
उसने मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही जोर-जोर से दबाया।
फिर मेरे बाल खोल दिए और बोला, “घूम जा, अंकिता।”

मैं घूमी, तो उसने मेरी ब्रा का हुक खोला और ब्रा निकाल दी।
उसने मेरी पीठ को खड़े-खड़े चूमा और मेरी गांड पर जोर से चांटा मारा।
मैं सहम गई।

उसने मुझे घुमाया और मेरे निपल्स के साथ खेलने लगा, उन्हें काटने लगा।
मैंने कहा, “प्लीज, ऐसे मत करो, दर्द होता है।”
वो बोला, “ठीक है.”

पर चूसते वक्त फिर भी काट लेता, जिससे लाल निशान पड़ गए।
उसने मेरे दोनों हाथ ऊपर किए और मेरी बगलों में किस किया।
मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया।

वो मेरी नाभि चूमते हुए मेरी पैंटी में हाथ डालकर चूत में उंगली घुसा दी।

वो बोला, “चूत गीली हो चुकी है, तुम लंड लेने को उत्सुक हो।”
उसने मेरी गोरी, मुलायम जांघों को देखा और होंठ रख दिए।
मेरे शरीर में मस्ती और उत्तेजना की लहर दौड़ गई।

ना चाहते हुए भी मेरे मुंह से कामुक सिसकारी निकल गई।
वो मेरी जांघों पर होंठ रगड़ने लगा।
मेरे हाथ-पैर मेरा साथ छोड़ रहे थे।

उसने मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से पकड़ लिया।
मेरा शरीर कांप उठा।
वो पैंटी के ऊपर से ही चूत को दांतों से काटने लगा।

पैंटी के ऊपर से चूत पर होंठ महसूस करके मैं कमजोर पड़ गई।
मेरी पैंटी मेरे चूत के पानी से पूरी गीली हो चुकी थी।

उसने मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से कसकर मसल दिया।
फिर उसने पैंटी को साइड किया और चूत चाटने लगा।

मैं खड़ी-खड़ी आंखें बंद करके आनंद के सागर में डूब रही थी।
चाटते-चाटते उसने मेरी पैंटी फाड़ दी।

मैंने कहा, “ये क्या किया?”
वो बोला, “मैं नई दिलवा दूंगा, फिकर मत करो।”
पैंटी मेरी कमर में झूल रही थी, और चूत उसके सामने खुली थी।

उसने पैंटी को और ऊपर खिसकाया ताकि चूत साफ दिखे।
कुछ देर चाटने के बाद उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया।
उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़कर आगे-पीछे करने लगा।

लंड पर हाथ पड़ते ही मुझे फिर करंट सा लगा।
मेरी सांसें तेज हो गईं।
वो बोला, “आह, तुम्हारे हाथ कितने मुलायम हैं, मजा आ गया अंकिता।”

फिर उसने मेरा हाथ छोड़ दिया।
उसने एक हाथ मेरी कमर में डालकर मुझे अपनी छाती से सटा लिया।
दूसरे हाथ से मेरे गालों को सहलाते हुए मेरे होंठों को अंगूठे से मसलने लगा।

मेरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गई।
ना चाहते हुए भी मैं मस्ती में चढ़ने लगी।

सुरेश बोला, “मेरे लंड को अपने मुंह में लो, अंकिता।”
मैंने लंड को अच्छे से मुंह में लेकर ब्लोजॉब दिया।

फिर उसने पूछा, “रेडी हो?”
मैंने कहा, “हां।”

उसने मेरी दोनों टांगें उठाईं, अपनी कमर में फंसाईं, और जोरदार धक्का मारा।
लंड मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया।
मैं जैसे स्वर्ग का आनंद ले रही थी।

इसी बीच हर्ष और मधु आ गए।
हमें देखकर मधु बोली, “अंकिता!”
हम उसी पोजीशन में रुक गए।

सुरेश बोला, “तुम मजा ले चुके हो, अब हमारी बारी।”
वो मुझे गोद में उठाकर कमरे में ले गया और मैं उससे लिपट गई।
पलंग पर आकर उसी पोजीशन में मुझे चोदने लगा।

मेरी टांगें उसके कंधों पर थीं, और लंड अंदर-बाहर हो रहा था।
इसी बीच मेरा पानी निकल गया।

कुछ देर बाद सुरेश बोला, “अंकिता, मैं भी अब झड़ने वाला हूँ।”
मैंने कहा, “मेरे ऊपर निकालो।”

उसने सारा वीर्य मेरे पेट और बूब्स पर निकाल दिया।
हम दोनों निढाल होकर लेट गए।

इस तरह एक देसी लड़की चुदी किसी अनजान लड़के से बिना किसी प्लान के।

मैं उठी, बाथरूम गई, और अपने आप को साफ किया।
फटी हुई पैंटी वही छोड़ दी।
बाहर आई, तो सुरेश बिना कपड़ों के हॉल में था।

मैंने कहा, “कोई बात नहीं, चलो।”
हम दोनों नंगे ही हॉल में गए।
हर्ष और मधु हमें देख रहे थे।

दोस्तो, आगे क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले भाग में बताऊंगी।
आपको ये देसी लड़की चुदी कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे बताएं।
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देसी लड़की चुदी कहानी का अगला भाग: शादी में मिले दो नए लंड- 2

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