रिज़ॉर्ट में मिली भाभी की मसाज और चुदाई- 2
(Hard Fuck Xxx Bhabhi Story)
हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी में मुझे एक 5 स्टार रिसोर्ट में एक भाभी की मसाज करने का मौक़ा मिला. असल में वह अपनी चुदाई करवाना चाहती थी. मुझे भी उस सेक्सी माल को चोदने में मजा आया.
मैं राजवीर आपको उदयपुर के एक शानदार रिज़ॉर्ट में एक शादीशुदा भाभी को मसाज देने और चोदने वाली रसभरी सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मालिश के बहाने चूत चुदाई की लालसा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अविशा भाभी को पूरी नंगी करके मसाज दे रहा था.
वह मुझसे चुदने के लिए बेहाल हो गई थी और चित हो गई थी.
उसे नंगी चित देख कर मैं बौरा गया था.
अब आगे हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी:
मैं देख रहा था कि उसकी चूत से बहता हुआ पानी बाहर निकल कर उसकी चूत के दाने पर चमक रहा था. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
यह उसने बाद में बताया था कि उसने आज ही अपनी चूत को चिकनी की थी.
अविशा की चूत का दाना उभरा हुआ था और चूत के दोनों होंठ दाने के साथ हल्के से बाहर को निकल कर उसकी गुलाबी चूत से मेरे लंड में आग लगा रही थी.
सच में यह अपने आप में एक अलग किस्म की चूत थी.
तभी अविशा ने कहा- अब मुझे बॉडी टू बॉडी मसाज दीजिए.
मैं उसके दूध देख रहा था, दोनों एकदम रस से भरे हुए यौवन कलश से दिख रहे थे. उन पर निप्पल एकदम ऐंठे हुए थे.
तभी वह वापस से औंधी हो गई और मैं अपने सारे कपड़े उतार कर दवा खाकर सीधा अविशा के ऊपर लेट गया.
मैं अपनी बॉडी का टच उसे देने लगा. मेरा लंड उसकी गांड की दरार में मुँह मारने लगा था.
इससे अविशा बहुत ज्यादा गर्म होने लगी.
उसकी सांसों से पता चल रहा था कि वह भभकती जा रही है.
फिर उसने कहा- पीछे से मसाज हो गई, अब आगे से कीजिए.
मैं उठ गया, वह सीधी होकर लेट गई.
मैं उसके ऊपर चुदाई की मुद्रा में लेट गया.
मेरा लंड बार-बार अविशा की चूत पर टच हो रहा था.
अब तक मेरी गोली ने भी अपना असर शुरू कर दिया था.
मेरा लौड़ा अपने पूरे आकार में आ गया था.
मेरा लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
वह चूत के ऊपर बार-बार टच हो रहा था.
फिर भी मैंने अपनी मसाज जारी रखी.
वह मुझे चूमने लगी थी.
हम दोनों चुंबनों से मस्त होने लगे थे.
मेरे हाथों की उंगलियों की मसाज कंधों पर होने लगी थी.
मैं उसके दोनों कंधों पर बारी बारी से किस करने लगा था.
मेरी चौड़ी छाती से उसकी चूचियों की गजब मसाज हो रही थी.
उसके बूब्स मेरे सीने से रगड़ कर सख्त होने लगे थे.
हम दोनों एसी की ठंडक में भी पसीना पसीना हो गए थे.
वह पूरी तरह से चुदासी और गर्म हो चुकी थी.
तभी अविशा ने मुझे पकड़ लिया और बोली- राज, अब मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए. तुम वह सब करो, जो मुझे अन्दर से ठंडी कर दे. मेरी प्यास मिटा दो राज … प्लीज मुझे चोद दो. मेरे जिस्म को नोंच लो … मेरी चूत को भोसड़ा बना दो … इसकी आग बुझा दो आह मेरी प्यास मिटा दो.
यह कह कर वह मेरे लौड़े को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी.
मैं काफी देर तक उसे गर्म करने के बाद खड़ा हो गया और अविशा बैठ गई.
मैंने अपना लौड़ा अविशा के मुँह के पास ले जाकर उसके होंठों पर फिराया.
उसने खुद से लौड़े को अपने आप मुँह में ले लिया.
वह मेरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
मुझे लंड सिर्फ गीला करवाना था और अविशा को चुदाई का आनन्द देना था.
तभी वह बोली- क्या तुम मेरी चूसोगे?
मैं झट से उसे उठा कर बिस्तर पर लिटाने लगा और उसके विपरीत दिशा में मुँह करके लेट गया.
हम दोनों 69 के पोज में आ गए और एक दूसरे को चूसने और चाटने लगे.
मैं अविशा की चूत के दाने को रगड़ रहा था और वह मेरे लौड़े को कुल्फी समज्ह् कर चूस रही थी.
कुछ देर बाद मैं उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा, तो वह एकदम से सिहर उठी.
मैंने उसकी चूत के अन्दर तक अपनी जीभ घुसेड़ी और घुमाने लगा.
वह जोर जोर से मेरा लौड़ा चूसने लगी.
वह कभी आंड चूसने लगती तो कभी जीभ से मेरी गांड चाटने लगती.
करीब 15 मिनट की घमासान चुसाई से अब हम दोनों ही चरम पर पहुंच गए.
एक साथ ही स्खलित हुए तो एक दूसरे को पीने चाटने लगे.
वह मेरा पूरा वीर्य पी गई और मैं उसका पूरा पानी पी गया.
अब वह शांत होकर बिस्तर पर निढाल होकर पसर गई.
मैं भी उसके ऊपर से हट कर बाजू में लेट गया.
इस तरह हम पहले चरण का सुख लेकर बिस्तर पर लेट गए थे.
मेरे सीने पर सर रख कर अविशा बोलने लगी- राज, एक औरत को सिर्फ पैसा और संभोग नहीं चाहिए होता है. वह प्रेम, मुहब्बत, लगाव, अपनत्व, समय, समर्पण, सहयोग भी चाहती है. मैंने कभी भी आज तक किसी गैर मर्द के बारे में सोचा तक नहीं था. लेकिन आज मुझे कोई गिल्ट भी नहीं है क्योंकि आज तक पति के साथ जो किया, वह तो बस पति पत्नी है तो चलो सैक्स करते हैं सो कर लिया. लेकिन संभोग का आनन्द क्या होता है, ये मुझे आज ही पता चला.
मैं उसे सुन रहा था.
वह आगे बोली- हमारे देश में संभोग को गलत कार्य माना गया है. इसकी कोई बात नहीं करता. महिलाएं हों या पुरुष … चुपचाप अन्तर्मन की भावनाओं को दबाए चलते रहते हैं. जबकि चरम सुख ही परम सुख है.
मैंने कहा- हां अविशा, यह सही बात है, संभोग एक कला है … यह क्रिया नहीं है. संभोग को आनन्द की उस सीमा तक ले जाया जाए की स्वर्ग लोक भी फीका लगे.
हम दोनों ने अभी चुदाई नहीं की थी.
इसलिए हम दोनों ने ही अपने कपड़े नहीं पहने थे और नंगे ही बिस्तर पर एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए चुंबन करते हुए बात कर रहे थे.
इसी सब के बीच कब मेरा हाथ अविशा की गांड पर चला गया और मैं उसके नितंबों को धीरे-धीरे सहलाने लगा.
कभी जोर से थपकी दे देता तो कभी उसके नितंब पर चिकोटी काट लेता था.
उससे अविशा आह करती हुई मेरे लौड़े को पकड़ कर मसल देती तो मैं आह करके उसके साथ खेलने लगता था.
उसी खेल में मैं अपनी एक उंगली अविशा की गांड के छेद पर फिराने लगा.
अविशा की गांड के छेद पर उंगली करने से उसे गुदगुदी होने लगी और मैं बार बार उसकी गांड के छेद में उंगली को घुसेड़ कर निकालने लगा.
इससे अविशा गर्म होने लगी और वह मेरे सीने से चिपक कर अपने दूध रगड़ने लगी.
वह मेरे होंठों पर किस करने लगी और मेरे लौड़े को अपने हाथ से धीरे-धीरे मुठियाने लगी.
उसकी इस हरकत से मेरा लौड़ा अपनी औकात दिखाने लगा.
सच तो यह था कि अब वह मेरे लंड से चुदाई के लिए तरस रही थी.
मेरा लंड उसकी चूत को चीर कर भोसड़ा बनाने को तैयार था.
मैं अपनी उंगली को आगे लाकर उसकी चूत में करते हुए चोदने लगा.
चूत के साथ खेलने के साथ ही मैं उसे लिप किस करने लगा.
वह मेरे लंड को हाथ में लेकर तेजी से मुठ मार रही थी.
मैं उसकी हरकत से जोश में आ गया और चूत में उंगली को अन्दर तक डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहने लगी- अब और मत तड़पाओ, मैं सालों से इस आग में जल रही हूँ. प्लीज जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड घुसाकर आज मेरी इस आग को ठंडा कर दो. अभी मेरे तन बदन में आग लगी है … प्लीज अब और देर मत करो.
उस रूम में एक टेबल थी.
मैंने उसे उसी टेबल पर बैठा दिया.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी. मुझे उसकी चूत की मादक महक आ रही थी, जो मुझे पागल कर रही थी.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा.
चुदाई के ख्याल से हम दोनों हवस की आग में जल रहे थे.
अविशा फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी.
सच में वह मेरे लौड़े को अपने गले के अंतिम छोर तक लेकर चूस रही थी.
उसके हाथ मेरे टट्टों को सहला रहे थे.
मुझे उसकी इस अदा से बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अहह ओह कर रहा था.
मैंने अचानक से उसके सर को पकड़ा और लंड को ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर करके उसके मुँह को चोदने लगा.
जब मेरा लंड उसके गले तक घुस जाता, तो वह उल्टी जैसा करने लगती.
कुछ मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मेरा लंड हिचकोले मारने लगा.
मैंने उसे गोद में उठा लिया और दीवार के पास खड़ी करके खड़े खड़े ही लंड को नीचे से चूत में घुसा दिया.
उसकी चूत की जगह छोटी होने के कारण लंड बार बार फिसल जा रहा था.
कुछ बार ऐसा करने के बाद मैंने उसे नीचे लेटा दिया और आगे झुकने के लिए कहा.
मैंने उसकी चूत में लंड सैट किया और एक जोरदार धक्का लगा कर पूरा अन्दर डाल कर चोदने लगा.
साथ ही मैं उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर बाहर हो रहा था.
वह मस्त हो गई थी और अपनी तरफ से मेरे लौड़े को धक्के लगाने लगी थी.
मैं उसकी चूत को चोदने में लगा रहा था, लेकिन वह हार मान बैठी और कुछ ही देर में उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा.
झड़ने के दौरान वह ‘अह्ह उऊ ह्ह्ह उफ्फ् मम्मी!’ कर रही थी.
थोड़ी देर बाद वह शांत हो गयी … लेकिन मैं अभी तक शांत नहीं हुआ था.
वह चुदने से मना कर रही थी तो मैंने उसे नीचे बैठाया और उसके मुँह में लंड डालकर उसे तेज़ी से चोदने लगा.
वह मुझे हाथ से रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं झड़ ही नहीं रहा था.
बहुत देर बाद जाकर मेरे लंड ने पानी छोड़ा और मैं झड़ गया.
मैंने सारा का सारा वीर्य अविशा के मुँह में छोड़ दिया. पहले तो उसे उल्टी आने लगी … मगर उसने सारा वीर्य निगल लिया और उसके बाद हम दोनों बाथरूम में चले गए.
कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए.
उस रात को हम दोनों एक दूसरे की बांहों में पड़े रहे और हमारी तीन बार चुदाई हुई.
फिर हम दोनों नंगे ही सो गए.
अगले दो दिन तक मैंने उसे खूब चोदा, उसकी गांड भी मारी.
आखिरी रात को उसे चार बार चोदने के बाद सुबह चार बजे मैंने उसे गले से लगाया और किस किया.
मैं अपने कमरे में जाने को रेडी था.
उसने मुझे उसके घर आने के लिए निमन्त्रण दिया.
तो मैंने भी उससे हां करते हुए कहा कि मुझे तुम्हारे शहर में अपना कुछ काम है.
मैं यह कह कर निकल गया.
आपके विचार मुझे उत्साहित करते हैं कि मैं आगे और भी मन से लिखूं और अपने बारे में और भी ज्यादा खुल कर बताऊं.
यह मसाज वाली मेरी पहली हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी थी.
बहुत से महिलाएं परपुरुष से मसाज का मजा लेना चाहती हैं लेकिन विश्वास और अच्छे इन्सान ना मिलने के कारण नहीं करवा पाती हैं!
मुझे बहुत आनन्द आता है जब मैं किसी अन्य महिला को आनन्द देता हूँ.
यह सच है कि जब किसी महिला को आप पूर्ण सुख देते हैं, तो आप अपने जीवन का सबसे बड़ा कार्य करते हैं.
आपके मेल मुझे उत्साहित करेंगे, आप बिना शर्म किए अपने मेल जरूर लिखिए.
कहानी के अंत में अपने कमेंट भी जरूर डालिए.
कई बार कई लोग मेल करने के लिए सोचते हैं, लेकिन वे संकोचवश ऐसा नहीं करते हैं, यह ठीक नहीं है.
कोई सुझाव भी हो, तो वह भी जरूर दें, कुछ समस्या हो, तो वह भी पूछें. मेरी इस सच्ची हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी पर मेल जरूर करें.
धन्यवाद.
आपका प्रिय राज
[email protected]
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