नव विवाहिता से मिला यौन सम्बन्ध का सुख

(Hot Bhabhi Sexx Kahani)

हॉट भाभी Sexx कहानी में मेरे बैंक में एक भाभी खाता खुलवाने आई. प्राइवेट बैंक होने के कारण मैं पासबुक देने उनके घर गया. वो घर में अकेली थी. उसने मुझे अपनी जवानी के जाल में फंसा लिया.

मेरा नाम राकेश है दोस्तो।
मैं एक बैंक मैनेजर हूँ और पटना में काम करता हूँ।

मेरी उम्र 30 साल है। मेरा रंग गोरा है, कद 5 फीट 10 इंच है, चेहरा गोल है और बाल घुंघराले हैं।

मैं अपने काम में बड़ा चुस्त-दुरुस्त हूँ।
मेरे काम की तारीफ हर कोई करता है।

एक दिन मैं जैसे ही अपने ऑफिस पहुँचा, वैसे ही सामने से एक मैरिड लेडी आती हुई दिखाई पड़ी।

मैंने उसे बड़े आदर-सत्कार से अपने केबिन में बैठाया और फौरन चाय का ऑर्डर कर दिया।

मैंने कहा, “जी मैडम, बताइये आपका क्या काम है?”
ह बोली, “मेरा नाम अर्चना है, मुझे एक खाता खुलवाना है।”

मैंने उससे सारे कागजात लिए और जब तक उसने चाय पी, तब तक उसका खाता खुल गया।
वह बहुत खुश हो गई।

मैंने कहा, “मैडम, आपको खाता नंबर दो दिन बाद मिलेगा।”
वह बोली, “आप अपना नंबर दे दीजिए, मैं आपसे बात करके आ जाऊँगी।”

दो दिन बाद मैंने खुद फोन किया और कहा, “मैडम, आपका सारा काम हो गया है। अगर अनुमति दें तो मैं आपके घर आ जाऊँ?”
वह बोली, “हाँ, आ जाओ।”

शाम को मैं उसके घर पहुँच गया।
उसने मुझे बड़े प्यार से अंदर कमरे में बैठा दिया।

अर्चना मैम बड़ी खूबसूरत, सेक्सी और हॉट थीं।
यह हॉट भाभी Sexx कहानी इसी भाभी की है.

बात करने में भी बहुत अच्छी थीं, इसलिए मुझे उसकी सेवा करने में बड़ा अच्छा लग रहा था।

तब तक वह एक गिलास पानी ले आईं।

पानी लेते हुए मैंने पूछा, “मैडम, आप अकेली हैं? आपके हसबैंड कहाँ हैं?”
वह बोली, “मेरे हसबैंड बाहर गए हैं, उनका टूरिंग का जॉब है। मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है और मैं इस शहर में अपने पति के साथ अकेली ही रहती हूँ।”

मैंने कहा, “मैडम, ये लो आपकी पासबुक, चेकबुक और पैसा जमा करने की रसीद। आपको बैंक के अलावा भी कोई और काम हो तो मुझे बता देना, मैं सब कर दूँगा।”
उसने थैंक यू कहा और हम दोनों चाय पीने लगे।

सच बताऊँ दोस्तों, मुझे उस समय मैडम बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही थीं।
वो केवल ब्रा और घाघरा में थीं।

उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ ब्रा के अंदर से झाँक रही थीं।
उसकी खुली-खुली बाहें बड़ी मस्त और हॉट लग रही थीं।

पीछे से उसकी गांड बड़ी सेक्सी लग रही थी।
उसका गदराया हुआ जिस्म देखकर मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था।

इतने में उसने पूछा, “राकेश, तुम्हारी शादी हो गई है?”
मैंने जवाब दिया, “नहीं मैडम, अभी नहीं हुई।”

वह बोली, “अच्छा, तो कोई गर्लफ्रेंड तो होगी ही?”
मैंने बताया, “हाँ, एक थी पर अब उसकी शादी हो गई।”

वह मुस्कुराकर बोली, “तो उसके साथ कुछ सेक्स वगैरह किया था कि नहीं?”
यह सुनकर मेरा लंड साला एकदम से खड़ा हो गया।

मैंने जवाब दिया, “हाँ, किया था, 2-3 बार किया था।”

वह अचानक उठी और एक कदम बढ़ाया ही था कि वह फिसलकर नीचे गिर पड़ीं।
मैं फौरन खड़ा हुआ और उन्हें उठाते हुए पूछा, “कहीं चोट तो नहीं लगी मैडम?”
वह बोली, “हाँ, मेरा पैर एकदम से फिसल गया और मैं गिर पड़ी, चल नहीं पा रही हूँ।”

मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया।
मैं उसका पैर सहलाने लगा.
तो उसने कहा, “वो देखो, बाम रखा है, उससे थोड़ी मालिश कर दो प्लीज।”

मैं आहिस्ते-आहिस्ते मालिश करने लगा और उसको आराम मिलने लगा।
मैंने कहा, “मैडम…”
तो वह बीच में ही बोली, “यार, मुझे बार-बार मैडम मत कहो। मैं तुम्हारी भाभी हूँ। मुझे भाभी कहो। तुम मेरे देवर की तरह ही हो। थोड़ी और मालिश कर दोगे तो मुझे बड़ा आराम मिलेगा राकेश।”

उसने कहा, “तुम बड़े अच्छे लग रहे हो।”
मैं तो यही चाहता था।

मैंने तेल की शीशी उठाई और उसकी टाँगों की मालिश बड़े प्यार से करने लगा।
धीरे-धीरे मैं टाँगों से जाँघों तक पहुँच गया।
वह कुछ नहीं बोली।

मेरा हाथ थोड़ा और अंदर तक गया।
तो वह बोली, “बड़ा मज़ा आ रहा है यार राकेश, तेरे हाथों में जादू है।”

मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैंने हाथ और अंदर तक घुसा दिया।

मैं हाथ बार-बार अंदर-बाहर करने लगा और इसी बीच मुझे उसकी चूत की झलक मिल गई।
चूत बिलकुल चिकनी थी, झाँटें पूरी तरह साफ थीं।

मेरे मन में आया कि मैं दो उंगलियाँ चूत में घुसा दूँ, पर हिम्मत नहीं हुई।

फिर वह बोली, “राकेश, थोड़ा अपने हाथों से मेरे कंधों, पेट और पीठ में भी मालिश कर दो यार। बुरा मत मानना, मैं तुमको अपना समझती हूँ इसलिए कह रही हूँ। गैरों से तो कह नहीं सकती।”
मैंने कहा, “हाँ भाभी जी, मैं कर दूँगा।”

वह मेरे सामने बैठी हुई थी।
मैं उनके हाथों और कंधों की मालिश करने लगा लेकिन मेरी नजर उनकी चूचियों पर थी।
जब मैं पीठ की मालिश कर रहा था तो उसकी ब्रा का हुक मेरे हाथ में लग गया।

वह बोली, “अरे यार, सॉरी, तेरे हाथ में चोट तो नहीं लगी?”
मैंने कहा, “नहीं भाभी, कोई बात नहीं।”
बस इतने में वह बोली, “खोल डालो हुक और उतार फेंको न इस बुरचोदी ब्रा को।”

मैंने हुक खोला तो दोनों चूचियाँ मेरी आँखों के सामने छलक उठीं।
मेरे लंड में जबरदस्त आग लग गई।

मेरा हाथ जब उसकी चूचियों तक पहुँचा तो वह बोली, “शर्माओ नहीं राकेश, मेरी चूचियों पर भी तेल लगाकर मालिश कर दो। बहुत दिनों से मेरी चूचियों पर किसी मर्द का हाथ नहीं लगा। आज लग रहा है तो बड़ा मज़ा आ रहा है।”
फिर क्या, मैं चूचियों को मसल-मसल कर मालिश करने लगा।
चूचियों को मसलने का मुझे बड़ा अच्छा मौका मिल गया था।

इतने में वह बोली, “थोड़ा रुको राकेश, मैं घाघरा भी उतार देती हूँ।”

घाघरा उतरा तो अब वह मेरे सामने बिलकुल नंगी हो गई, चूत रानी के दर्शन हो गए।

भाभी की मस्ती देखिए, वो रुकी नहीं और मेरी पैंट उतारने लगी, बोली, “जब मैं तेरे आगे नंगी हूँ भोसड़ी के राकेश, तो तू भी मेरे आगे नंगा हो जा!”

मेरी पैंट खुली और फिर चड्डी भी खुल गई तो मेरा लंड उसके मुँह के सामने टन-टना कर खड़ा हो गया।

वह लंड पकड़कर बोली, “ओ माय गॉड, जितना बड़ा मैं सोच रही थी, ये तो उससे ज्यादा बड़ा है यार! क्या मस्त लौड़ा है तेरा राकेश। कितना हैंडसम, कितना सख्त और कितना क्यूट दिख रहा है बहनचोद, तेरा लंड। मुझे इसी तरह का लंड पसंद है।”

उसकी बातों ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया।
मैं फिर उसकी चूचियाँ मसलने लगा, चूचियों पर मालिश करने लगा, उन्हें चूमने लगा और निपल्स चुटकी से मसलने लगा।

उसने मेरा लंड चूमा, लंड का टोपा चाटा और एक हाथ से पेल्हड़ थामकर दूसरे हाथ से लंड मुठ्ठी में लेकर आगे-पीछे करने लगी।
ऐसा करने से मुझे अपार आनंद आने लगा।

फिर उसने लंड मुँह में भर लिया और चूसने लगी।
मैं सिसियाने लगा, बोला, “भाभी, मैं झड़ जाऊँगा, लंड बाहर निकालो।”
उसने इशारे से कहा, “झड़ जा, मैं नहीं निकालूँगी।”

उसने चूसने की स्पीड बढ़ा दी, मैं सच में झड़ गया और थोड़ा झेंप गया।

मैंने कहा, “सॉरी भाभी जी!”
वह बोली, “कुछ नहीं यार, ऐसा पहली बार होता ही है। इसमें सॉरी की कोई बात नहीं।”

फिर वह मुझे लंड पकड़े-पकड़े बाथरूम ले गई और शावर खोल दिया।
हम दोनों वहीं नहाने लगे।

फिर उसने मेरे बदन पर साबुन लगाया, खास तौर से लंड पर।
मैंने भी उसकी चूचियों पर, गांड पर, चूतड़ों पर, उसकी पीठ पर साबुन लगाया।

हम दोनों एक-दूसरे को बड़े मजे से नहलाने लगे।
भाभी ने लंड दोनों हाथ से पकड़ लिया और घुटनों के बल बैठ गई।

वह मेरा लंड बड़े प्यार से आगे-पीछे करने लगी, यानी मुठ मारने लगी।
मुझे मज़ा आने लगा।

मेरे लंड के सामने उसका मुँह खुला हुआ था।
लंड साला पूरे ताव पर था।

भाभी लंड का सड़का लगाने में जुट गईं, वह बार-बार लंड का टोपा चाट रही थीं, चूम रही थीं।

कुछ देर बाद लंड ने सारा वीर्य उसके मुँह में उगल दिया।
मैं यह देखकर दंग रह गया कि भाभी तो वीर्य पूरा का पूरा चाट गई, एक बूंद भी बाहर नहीं गिरी।

भाभी मेरा झड़ता हुआ लंड चाटकर बड़ी खुश दिख रही थीं।
उससे ज्यादा मैं मन ही मन बड़ा खुश हो रहा था।

भाभी ने दोबारा मुझे नहलाया और फिर हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए।

बाहर आकर हम दोनों नंगे-नंगे बेड पर निश्चिंत होकर लेट गए।
भाभी ने मुझे फिर नंगे-नंगे ही खाना खिलाया और खुद भी खाया।

किसी पराई बीवी के साथ मैंने पहली बार नंगे-नंगे खाना खाया और उसे नंगी-नंगी खाना खाते हुए देखा।
ऐसा तो मैंने कभी सोचा भी न था।

खाना खाने के बाद मैंने कहा, “मैं घर जाता हूँ भाभी जी!”
उसने बड़ी हैरानी से मुझे देखा और कहा, “मुझे नंगी-नंगी यूँ ही छोड़कर चले जाओगे? तू क्या समझता है कि मैंने तुझे तेरा लंड हिलाने के लिए रोका था? तेरे लंड का सड़का मारने के लिए रोका था तुम्हें? अरे यार, सड़का तो तू खुद ही मार लेता है। एक औरत तेरा नंगा लंड पकड़ती है, उसे प्यार से हिलाती है, मुँह में लेती है और चूसती है, तो क्या बस इसी के लिए तुझे नंगा करती है और खुद तेरे आगे नंगी हो जाती है? उसके कुछ अरमान होते हैं। वह तुमसे कुछ चाहती है, उसका तुझे कुछ भी ख्याल नहीं?”

फिर वह थोड़ा नाराज होकर बोली, “तू भोसड़ी का बड़ा बेरहम और स्वार्थी इंसान है बहनचोद! ठीक है, तुझे जाना है तो तू जा, मुझे यूँ ही तड़पती हुई छोड़कर!”
यह सुनकर मैं भावुक हो गया।
फिर मैंने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया।

हम दोनों एक-दूसरे से चिपके हुए बड़ी देर तक खड़े रहे और फिर एक-दूसरे के नंगे बदन पर हाथ फेरने लगे।

उसके बाद हम दोनों अपने आप बेड की तरफ बढ़े और चिपके-चिपके लेट गए।

मेरा हाथ उसकी चूत सहलाने लगा और उसने मेरा लंड बड़े प्यार से पकड़ लिया।
जिस तरह से वह लंड सहला रही थी, उससे मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और दो मिनट में ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

हम नंगे थे ही … उसने अपना मुँह मेरे लंड की तरफ कर लिया और मैंने उसकी चूत की तरफ।

मैं उसकी चूत चाटने लगा और वह मेरा लंड।
हम दोनों 69 बनकर लंड-चूत दोनों का मज़ा लेने लगे।

मुझे अर्चना भाभी बड़ी अच्छी लगने लगी थी।
वह भी मुझसे प्यार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी।

अचानक वह बोली, “राकेश, तेरा लंड तो मोटा होता जा रहा है यार!”
मैंने कहा, “भाभी, तेरी चूत तो बहुत ज्यादा गरम होती जा रही है। इतनी मस्तानी चूत मैंने पहले कभी नहीं देखी।”

उसने मेरे पेल्हड़ भी चाटने में कोई कमी नहीं की।
मैं भी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ बड़े प्यार से मसलने लगा था।

सच बताऊँ दोस्तों, मुझे भाभी का नंगा गदराया बदन बड़ा मज़ा दे रहा था।

मैं बुरी तरह जोश में आ चुका था तो मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और एक कुर्सी पर बैठ गया।
उसे अपने ऊपर बैठाने से लंड सीधे उसकी चूत में गप्प से घुस गया।

मैं नीचे से धक्के मारने लगा तो वह उचक-उचक चुदवाने लगी।

उसकी चूचियाँ मेरे मुँह के सामने थीं और मैं उन्हें बीच-बीच में चाटने-चूसने लगा।

कुछ देर तक मैंने इस तरह से उसे बड़े प्यार से चोदा।
फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और खुद नीचे खड़े होकर लौड़ा पेल दिया।

टाँगें मैंने उसकी फैला रखी थीं तो लौड़ा पूरा अंदर तक घुस जाता था।

मैंने धीरे-धीरे चुदाई की रफ्तार बढ़ाई तो उसकी चीखें निकलने लगी, बोली, “हाय राकेश, मुझे खूब चोदो, लौड़ा पूरा पेल दो। तू भोसड़ी का असली मर्द है। मुझे ऐसा ही मर्द चाहिए। फाड़ डालो मेरी चूत, अअअ अअह हन हहह हहह हअअअ अआअ, ही हो, बड़ा मज़ा आ रहा है, उफ़ हाय रे, क्या मस्त लौड़ा है तेरा मादरचोद।”

तब मैंने भी उत्तेजित होकर कहा, “हाय अर्चना भाभी, तेरी चूत बड़ी मस्त है साली। लौड़ा चिपक कर घुस रहा है, तुझे रात भर चोदूंगा रंडी। तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा बुरचोदी अर्चना!”

मेरी गाली सुनकर वह और ज्यादा एक्साइटेड हो गई।
वह बोली, “सारे कुत्ते हरामजादे मादरचोद, फाड़ दे मेरी चूत। तेरा लौड़ा साला बड़ा जबरदस्त है। तेरी माँ का भोसड़ा साले, तूने मुझे आज रंडी बना दिया। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। मुझे तुमसे चुदने में जन्नत का मज़ा आ रहा है।”

भाभी की बातों ने मेरे लंड में भयानक आग लगा दी।
मैं लौड़ा पूरा पेल-पेल कर चोदने लगा, स्पीड बढ़ाने लगा, झटके पे झटके मारने लगा।

मजे की बात यह थी कि वह भी झटके का जवाब झटके से देने लगी।

मुझे उसे चोदने में जो मज़ा आ रहा था, उसे मैं बयाँ नहीं कर सकता।

मेरी रफ्तार अपने आप बढ़ती जा रही थी।

इतने में उसने कहा, “राकेश यार, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा तो मुझे अपनी सुहागरात में भी नहीं आया था।”

फच्च-फच्च, भच्च-भच्च की आवाज पूरा घर गूंज रहा था और मैं पूरा-पूरा लंड पेल-पेल कर उसकी चूत का आनंद ले रहा था।

इतने में मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से पेल दिया लंड।

वो सच में घोड़ी की तरह गांड आगे-पीछे करती हुई चुदवाने लगी।
फिर क्या, थोड़ी देर में ही भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

ढीली हो गई उसकी बुरचोदी बुर।

इधर मेरे लंड से भी माल की पिचकारियाँ निकल पड़ीं, जो उसकी चूत, चूची और मुँह पर गिरीं।

फिर हम दोनों थोड़ी देर तक चिपके हुए लेटे रहे।
मुझे सच में ऐसे में बड़ा अच्छा लग रहा था।

फिर हम दोनों नंगे बाथरूम में घुस गए, दोनों शावर के नीचे खड़े हो गए।

फिर मैं भाभी के नंगे जिस्म में साबुन लगाने लगा, उसकी चूचियाँ, चूत, गांड, चूतड़, सब रगड़ने लगा।

वह भी मेरे लंड पर साबुन लगाकर उसे मुठ्ठी से आगे-पीछे करने लगी।
इसका असर यह हुआ कि लंड फिर से खड़ा हो गया।

उसने लंड पानी से धोया और फिर गप्प से पूरा लंड मुँह में भर लिया।
वह लंड बड़ी मस्ती और प्यार से चूसने लगीं।

मैं दीवार के सहारे खड़े-खड़े भाभी से अपना लंड चुसवाने लगा।
बाथरूम में ऐसा करवाना मुझे बड़ा आनंद दे रहा था।

मैं आँखें बंद किए हुए भाभी का मुँह चोदने का आनंद ले रहा था।

इतने में मुझे जोश आया, मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया तो बाथरूम में ही उसे लिटाकर पेल दिया लंड उसकी चूत में!

मैंने खूब घपाघप चोदी उसकी चूत … हॉट भाभी Sexx का मजा लेते हुए मैंने फिर उसे पलट दिया और लंड उसकी गांड में ठोक दिया।

उसकी चीख निकली.
तो मैंने कहा, “चीखो नहीं बुरचोदी अर्चना, अब गांड का भी मज़ा ले लो। बिना तेरी गांड चोदे मैं जाऊँगा नहीं।”
उसने कहा, “ठीक है राकेश, तू भोसड़ी का मेरी गांड भी अच्छी तरह ले ले। मैं तेरे लंड की गुलाम हो गई हूँ।”

कुछ देर तक चोदने के बाद मेरे लंड ने माल निकाल दिया, जिसे वह गटक गई।

आजकल मैं उसे खूब चोद रहा हूँ और हर बार उसे चोदने में मुझे ऐसा लगता है कि मैं एक नई दुल्हन चोद रहा हूँ।

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