सन्तान प्राप्ति हेतु महिला यजमान ने चूत चुदवाई

(Hot Desi Bhabhi Porn Kahani)

विशाल 1990 2022-11-11 Comments

हॉट देसी भाभी पोर्न कहानी थोड़ी अजीब सी है. मैं पूजापाठ करवाता हूँ. एक भाभी ने मुझे अपने घर हवन और पूजा के लिए बुलाया परन्तु उसने मुझसे करवाया क्या?

नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है हॉट देसी भाभी पोर्न की.
निजता की सुरक्षा की वजह से मैं अपना नाम नहीं बता सकता.

मैं कोलकाता शहर में रहता हूँ और पेशे से पंडित हूँ.

एक बार मैं फेसबुक चला रहा था तो मेरे पास एक अजनबी महिला की फ्रैंड रिक्वेस्ट आई.
जिसको मैंने देखते ही स्वीकार कर लिया.

तभी उसने मुझे हाय का संदेश भेजा.
तो जवाब मैंने भी उसे नमस्कार बोल दिया.

फिर धीरे धीरे हर दिन ही हमारी सामान्य बात होने लगीं.
वो भी मेरे ही शहर से थी.

एक दिन ऐसे ही बातों बातों में वो बोली- पंडित जी, मेरे घर पर भी कभी पूजा करवा दीजिए.
मैंने पूछा- किस तरह की पूजा करवानी है?
वो बोली- पंडित जी, वो तो मुझे नहीं मालूम मगर इतना मालूम है कि पूजा पाठ करवाने से मनोकामना पूरी हो जाती हैं.

मैंने कहा- ये बात सच है कि मनोकामना पूर्ण करने के लिए ही पूजा की जाती है.
वो बोली- पंडित जी, सन्तान प्राप्ति के लिए कौन सी पूजा करवानी चाहिए.

मैंने कहा- इसके लिए कुछ विशेष पाठ किए जाते हैं.
मैंने उसे इस तरह से सन्तान प्राप्ति के लिए अनुष्ठान की विधि बताई.

वो बोली- ये पूजा कितने दिन में पूरी होती है?
मैंने उसे बताया कि इसमें पाठ की संख्या पर निर्भर होता है तथा उसी अनुसार पंडितों की संख्या तय की जाती है.

वो बोली- मुझे तो केवल आपसे ही पूजा करवानी है.
मैंने कहा- ठीक है, फिर समय ज्यादा लगेगा. एक महीने तक का समय लग सकता है.

उसने कहा- उसकी परवाह नहीं है. मगर ये गोपनीय तरीके से होना चहिए.
मैंने कहा- हां अनुष्ठान कोई भी हो, उसे गोपनीय ही रहना चाहिए.

उसने कहा- हां तो अकेले आप ही मेरे घर आकर इस अनुष्ठान को कीजिएगा.
मैंने कहा- ठीक है. आप कबसे इस अनुष्ठान को शुरू करवाना चाहती हैं?

वो बोली- कल से ही शुरू कर दीजिएगा. सामान जो लगता हो वो आप ले लीजिएगा और जो घर का सामान लगना हो, उसकी लिस्ट बता दीजिएगा.
मैंने कहा- ये काम किसी भी समय शुरू नहीं किया जा सकता है. इसके लिए शुभ मुहूर्त देखना पड़ेगा. मैं एक काम करता हूँ, एकाध दिन आपके घर आ जाता हूँ. फिर सब बात कर लूंगा.

उसने कहा- हां मैं भी यही चाहती हूँ.
अभी तक न तो उसने मुझसे दक्षिणा की बात की थी और न ही उस बात को लेकर उसका कोई सवाल सामने आया था.

इसी बात को लेकर मैं उसके घर जाना चाहता था कि ये किस तरह के परिवार से है और खर्च आदि वहन कर भी पाएगी अथवा नहीं.
क्योंकि जिस अनुष्ठान की बात वो कर रही थी उसमें मेरा समय बहुत अधिक लगना था.
जिस वजह से मुझे और जगह के काम छोड़ने पड़ सकते थे और मेरा मेहनताना मारा जाता.

तभी उसने कहा- ठीक है, अब आप अपना मोबाइल नंबर दे दीजिए. मैं जल्दी ही आपको कॉल करके पूजा के लिए बुलाती हूं.
मैंने उसे अपना मोबाइल नम्बर दे दिया.

उसके एक घंटा बाद मैंने उसे एक तारीख बता दी कि उस दिन से आपका ये अनुष्ठान शुरू किया जा सकता है.
उसने ओके कह कर बात खत्म कर दी.

उसके बाद मैं अपने पूजा पाठ के काम की वजह से व्यस्त रहा, तो उससे बात नहीं हो सकी.

फिर अचानक से एक दिन कॉल आया.
दूसरी साइड से बहुत धीरे से मीठी सी आवाज में वो बोली- नमस्कार पंडित जी, मैं आपकी फेसबुक वाली दोस्त बोल रही हूं.
मैंने कहा- हां मैंने आपको पहचान लिया है, बताएं.

उसने कहा- आपके अनुसार जो मुहूर्त आपने दिया था, वो दो दिन बाद का है. मुझे उस दिन से अपने घर पर पूजा शुरू करवानी है, तो आप कल आ जाना … और पूजा में जो सामग्री लगेगी, वो मुझे बता देना.
मैंने कहा- ठीक है आप मुझे अपने घर का पता भेज दीजिए.

उसने अपना एड्रेस भी भेज दिया.

फिर तय समय पर मैं उसके बताए पते पर पहुँच गया और उसके दरवाजे की डोरबेल बजाई.
अन्दर से एक बहुत मीठी सी आवाज आई- पंडित जी आ रही हूं.

फिर जब उसने दरवाजा खोला तो मैं तो देखता ही रह गया.
उस हुस्न की मल्लिका को मैं तो बस देखता ही रहा.

जब वो बोली- अन्दर आइए!
तब मुझे होश आया.

फिर मैं अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया.
वो मेरे लिए पानी लाई और वापिस चली गई.

उसने लाल साड़ी में डीप ब्लाउज पहनी हुई थी और एकदम मस्त सी माल लग रही थी.
उसको देखते ही मेरा सामान खड़ा हो गया था.

मैं बोला- बताओ पूजा कहां करवानी है … और सामान दे दीजिए.
वो बोली- अभी बताती हूँ. पहले आप कुछ जलपान कर लीजिए.

ये कह कर वो मुझे एक गिलास में पानी दे गई और कमरे में चली गई.

कुछ देर बाद वो आवाज देकर बोली- पंडित जी, आप मेरे रूम में आ जाइए, पूजा यहां पर ही करवानी है.

जब मैं अन्दर गया तो मैंने देखा कि वो महिला सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में थी.
ये मैं सपने में भी सोच नहीं सकता था. मुझे झटका सा लगा.
उसे देखते ही मैं तो सन्न रह गया था.

फिर मैंने अपने आपको संभाला और सॉरी बोलकर बाहर जाने के लिए जैसे ही मुड़ा, तो उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

वो बोली- कहां जा रहे हो मेरे पंडित जी … मैंने आपको अपने पास ये वाली पूजा ही तो करवाने के लिए बुलाया है.
मैं थोड़ी कड़क आवाज में बोला कि नहीं ये गलत है … और मैं ऐसा इंसान नहीं हूं. मैं जा रहा हूं. आज के बाद मुझसे आप बात मत करना.

ये बोलकर मैंने उसको झटका दिया.

ऐसे करते ही वो मेरे पैरों में पड़ गई और बोली- प्लीज पंडित जी मेरी हालत समझिए. मुझे अपने पति से बच्चा नहीं मिल पा रहा है. मैं बहुत दुखी हूँ और आपसे बच्चा पैदा करना चाहती हूं. क्योंकि किसी अनजान इंसान पर विश्वास नहीं किया जा सकता, पर आप पंडित हो इसलिए आप मुझे पता है कि भविष्य में मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं करोगे. और कोई मेरे ऊपर शक भी नहीं करेगा. कोई पूछेगा, तो मैं भी बोल दूंगी कि बच्चा नहीं हो रहा, इसलिए पूजा करवाई है.

उसने धीरे से झट से मेरी धोती खोल दी, जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि मेरे साथ ऐसा भी कुछ हो सकता है.
फिर मैं भी क्या करता, हूं तो आखिर इंसान ही … मैं भी उस दुखी औरत के दुख से पिघल गया.

हम दोनों एक दूसरे को किस करने लग गए.
किस करते करते बेड पर जाकर लेट गए और उसने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए.
वो मुझे पागलों की तरह प्यार करने लग गई.

इस बीच मैंने भी उसका ब्लाउज और पेटीकोट खोल दिया और उसके बड़े बड़े आम जैसे स्तनों को रगड़ रगड़ कर लाल करने लगा.
मैं एक हाथ से उसकी चूत को रगड़ने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों 69 में हो गए और एक दूसरे के लंड चूत को चूसने चाटने में लग गए.
मुझसे तो कंट्रोल ही नहीं हो रहा था लेकिन फिर भी मैंने आप पर नियंत्रण किया.

उसकी चूत को जीभ से अन्दर तक चाटने लगा.
इस बीच वो एक बार झड़ गई और उसका सारा गर्म पानी मैं पी गया.

फिर वो बोली- मेरे पंडित राजा, अब जल्दी से मेरे अन्दर अपना हथियार डाल दो … मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

मैं उसको सीधे लेटाकर उसके ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर सैट करके एक जोरदार झटका लगा दिया.
जैसे ही झटका दिया, वो जोर से चिल्लाई और रोने लगी.

मैंने तुरंत अपना मुँह उसके मुँह में दे दिया, जिससे उसका चिल्लाना बाहर नहीं निकल सका.
मैंने धीरे धीरे उसको झटके देना शुरू किए.

जब उसको दर्द कम हो गया तो वो मेरा साथ देने लगी ‘आह्ह उफ्फ मार डालो चोदो मेरे राजा …’
वो ऐसी कामुक आवाजें निकालने लगी, जिससे मुझे और जोश आ गया.

मैं उसकी चूचियों को चूसते हुए जोर जोर से चुदाई करने लगा.
वो मस्त हो गई और बोली- पंडित जी, ये अनुष्ठान ज्यादा कारगर होता है. आपका लंड मस्त चुदाई करता है. मुझे और जोर से रगड़ो. मेरी चूत न जाने कबसे प्यासी है.

मैं भी उसकी भरपूर जवानी को रगड़ रगड़ कर भोगने लगा.
उसने अपनी दोनों टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया था और तेज तेज आवाजों के साथ चिल्ला रही थी- आह मेरे पंडित जी, आह मस्त चोद रहे हो मैं बस जाने ही वाली हूँ … आह और जोर जोर से अपना लंड पेलो … आह आह मैं गई!

बस वो झड़ गई और निढाल हो गई.
मैं अभी बाकी था तो उसे चोदने में लगा रहा.

कुछ देर में वो फिर से गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी.
कोई पांच मिनट बाद मेरा लावा भी फूटने को आया तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो भी जोर जोर से कामुक आवाजें निकालने लगी.

हम दोनों एक साथ झड़ गए.
मैंने उसकी चूत में ही सारा वीर्य डाल दिया क्योंकि उसको मां बनना था.

चुदाई के बाद मैंने थोड़ा आराम किया और दूध पिया.
दूध में वो कुछ मिलाकर लाई थी, पता नहीं क्या … पर उसको पीने के बाद वो मेरे लटके हुए लंड को चूसने लगी और लंड खड़ा हो गया.

इस बार हमारी चुदाई बहुत देर तक चली. जिसमें हम दोनों ने बहुत मजा लिए.
फिर मेरे जाने का वक्त हो गया था तो मैं उसे बाय बोलकर निकल गया.

रास्ते में उसने कॉल किया और बताया- आज मेरी जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई हुई, जिसको मैं कभी नहीं भूलूंगी आपने आज मुझे एक औरत होने का असली सुख दिया है. मर्द क्या होता है चुदाई क्या होती है, ये मुझे आज आपसे पता चला है.

मैंने कहा- हां तुम जल्दी मां बन जाओ. मेरी भी यही तमन्ना है.
वो बोली- पर पंडित मुझे बच्चे के लिए कम से कम 5 दिन और चोदो, तभी कुछ पक्का हो पाएगा. ये अनुष्ठान कम से कम इतना तो चलना ही चाहिए.

मुझे अन्दर से हंसी आ गई मगर मैंने उससे आने के लिए हामी भरते हुए ओके बोल दिया.

फिर अगले 5 दिन तक मैंने उसको अलग अलग स्टाइल में खूब चोदा और उसकी गांड में भी अपना लंड दे दिया.
लेकिन वीर्य की हर बूंद हर बार उसने अपनी चूत में ही डलवाई क्योंकि वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी.

उसी की बदौलत उसको 9वें महीने एक सुंदर सा बेटा हुआ जो उसने मुझे कॉल करके बताया और मुझे धन्यवाद दिया.

मुझे अपनी मेहनत के लिए दक्षिणा भी मिली.
उसने मुझे बेटा होने के बाद अपनी खुशी से सोने की चैन और कुछ पैसे भी दिए.

आप सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद. मेरी बोर कर देने वाली हॉट देसी भाभी पोर्न कहानी को पढ़ने के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूं क्योंकि मुझे कहानी में मिर्च मसाला लगाना नहीं आया.
लेकिन ये कहानी 100% सत्य है, कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं है.

हॉट देसी भाभी पोर्न कहानी कैसी लगी? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
1991vishal [email protected]

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