फेसबुक से मिली खूबसूरत भाभी को होटल में चोदा- 1

(Indian Bhabhi Sex Story)

इंडियन भाभी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि फेसबुक पर चुदाई का माल ढूँढते हुए मेरी दोस्ती एक भाभी से हुई. खुल कर बात करने लगे. एक बार हमने होटल में मिलने का प्रोग्राम बनाया.

नमस्कार दोस्तो, मैं तरुण कुमार आप सभी के लिए आज फिर से अपनी सच्ची इंडियन भाभी सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ.
उम्मीद है आप सभी को अच्छी लगेगी.

आप मुझे पहले की तरह मेरी ईमेल पर कमेंट्स भेज सकते हैं.
मगर मेरा आप सभी दोस्तों से पुन: निवेदन है कि आप मुझे ‘किसी से मिलवा दो या किसी भाभी की या कपल का नंबर दे दो’ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए कोई ईमेल न करें.
क्योंकि मैं जिनसे भी मिलता हूँ, उनकी कोई भी डिटेल किसी को नहीं दे सकता.

यह सच है कि मैं यहां वही कहानी लिखता हूँ, जो मेरी महिला साथी या कपल मुझे नाम बदल कर कहानी लिखने के लिए अपनी मंजूरी देते हैं.

इसलिए आप सभी से गुजारिश है कि मेरी सेक्स कहानी का मजा लीजिए और आपको कहानी कैसे लगी, ये कमेंट्स जरूर करें.

मेरी पिछली कहानी थी: शौहर के सामने बीवी की जबरदस्त चुत गांड चुदाई

साथियो, आपके कमेंट्स से ही मेरा अगली कहानी लिखने का मन करता है.

मैं गुड़गांव का रहने वाला हूँ और जैसा कि आप सभी को पता है कि मैं कपल और भाभियों से उनकी चुदाई के लिए मिलता रहता हूँ.

ऐसा ही कुछ इस इंडियन भाभी सेक्स स्टोरी में भी हुआ.
ये बात करीब दो साल पहले की है.

एक बार में ऐसे ही मेरी फेसबुक प्रोफाइल पर फीमेल साथ ढूंढने के लिए सर्च कर रहा था, तो मुझे एक बहुत ही खूबसूरत महिला की प्रोफाइल दिखाई दी.
मैंने उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.

अगले दिन मैंने देखा कि उस महिला ने मेरी रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया था.
फिर मैंने उससे बात करने के लिए मैसेज किया तो उधर से भी जवाब आ गया.
हमारी बातें शुरू होने लगीं.

उसके बताने पर पता चला कि उसका नाम रेनू (बदला हुआ) है और वो दिल्ली की है.
वो एक हाउसवाइफ है और उसकी शादी लुधियाना पंजाब में हुई है.

उसकी शादी को करीब चार साल हो गए हैं और उसको कोई बच्चा नहीं हुआ था. उसके पति सरकारी जॉब करते हैं.

इस तरह से हमारी नार्मल बातें होती रहीं.
कुछ दिन यूं ही बात करते करते हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए.

फिर हमने फ़ोन नंबर भी एक्सचेंज कर लिए और हमारी फ़ोन पर भी बातें होने लगीं.
अब हम दोनों बातों ही बातों में कभी कभार नॉनवेज मजाक भी करने लगे थे.
हालांकि इससे ज्यादा कुछ नहीं होता था.

समय निकला तो अब हमारे मजाक की हद बढ़ने लगी.

एक दिन मैंने बात करते समय उससे पूछा कि आप बच्चा कब पैदा करोगी या ऐसे ही अकेली नवेली पत्नी बन कर सारी उम्र मजे लेने हैं.
वो मेरे सवाल से जरा अपसैट हो गयी और उसने इस टॉपिक को बदलना चाहा.

मगर मैंने जोर दिया, तो उसने मुझे बताया कि मैं तो माँ बनना चाहती हूँ और मेरे पति भी बहुत अच्छे हैं. हमने काफी कोशिश कर भी ली मगर हमारा हो ही नहीं पा रहा है. मैंने डॉक्टर को भी दिखाया और मेरे सभी टेस्ट भी नार्मल आए हैं.

फिर मैंने बोला कि पति का टेस्ट करा लो.
उसने बोला- मैं ऐसा नहीं कर सकती.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों?

उसने बताया कि मुझे पता है कि कोई कमी उनमें है, ऐसा नहीं है कि वो सेक्स अच्छे से नहीं करते. हमारी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी है मगर शायद उनके स्पर्म में कोई कमी है.

मैंने बोला- आप ऐसा कैसे बोल सकती हो?
उसने बताया कि शादी से पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था मैं उससे ही शादी करना चाहती थी. मगर घरवालों ने मेरी चलने नहीं दी और हमारी शादी नहीं हो पायी. तब भी हम दोनों में जिस्मानी रिश्ते काफी समय तक रहे थे और मैं उसके साथ 3 बार प्रेग्नेंट भी हुई थी. अगर मुझमें कोई कमी होती, तो तब भी नहीं होती … और मेरी तो सभी रिपोर्ट अभी भी बिल्कुल सही आई हैं.

मैं उसकी बात ध्यान से सुन रहा था.
वो आगे बोली- अब अगर ये बात मैं अपने पति को बोलती हूँ कि उनमें कोई कमी है, तो आपको भी पता है कि क्या होगा. एक औरत बांझ शब्द को सुन कर रह सकती है मगर एक आदमी के लिए ये एक मरने जैसा होगा कि वो कभी बाप नहीं बन सकता. इसलिए मैं अपने पति को बस यही बोल देती हूँ कि डॉक्टर ने मुझे दवा दे रखी है, खा रही हूँ. जब भगवान की मर्जी होगी तो हम भी माँ बाप बन जाएंगे.

मैंने उससे कहा कि तुम अपने पहले बॉयफ्रेंड से इस मामले में कोई मदद क्यों नहीं ले लेती हो?
उसने बोला- जब मेरी शादी हुई थी तो हम दोनों में बहुत लड़ाई हुई थी और उसने मुझे उस समय समझा ही नहीं. उसने पता नहीं क्या क्या बोला था मुझे. तो अब उसका तो मैं मुँह ही नहीं देखना चाहती हूँ.

इस पर मैंने कहा कि कोई बात नहीं. मैं हूँ न … मैं कर दूंगा मदद!
वो मेरी बात पर थोड़ा हंसी और थोड़ा गुस्सा दिखा कर बोली- तरुण हम दोनों बस अच्छे दोस्त हैं और अच्छे रहेंगे. ये बात सिर्फ मजाक तक सही है. इससे आगे कभी सोचना भी मत.

उस समय मैं समय की नजाकत को देखते हुए चुप हो गया और मैंने सॉरी बोल दिया.

फिर कुछ दिन हमारी ऐसे ही दोस्त की तरह बातें चलती रही और हम और भी ज्यादा क्लोज हो गए.
क्लोज से मेरा मतलब कि एक दूसरे की पसंद नापसंद और सीक्रेट भी शेयर करने लगे.

फिर कुछ दिन बाद उसने बताया कि अबकी बार रक्षा बंधन पर मैं एक हफ्ते के लिए अपने मायके दिल्ली आ रही हूँ.
ये सुन कर मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हुआ कि ये यहां आएगी तो शायद कुछ बात बन जाए.

मैंने पूछा कि क्या हम मिल पाएंगे?
उसने बोला- हां मिलने का मन तो तुमसे मेरा भी है, देखती हूँ. अगर मौका लगा तो जरूर मिलेंगे. तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो. तुमको मेरे सारे राज पता हैं और तुम मुझे बहुत अच्छे से समझते भी हो. मौक़ा लगा तो हम दोनों जरूर मिलेंगे.

कुछ दिन बाद वो दिल्ली आ गयी.
शुरू के एक दो दिन तो उसके घर में व्यस्त रहने से यूं ही निकल गए, कुछ पता ही नहीं चला और न ठीक से बात हुई.

फिर मैंने उससे कहा- मिलोगी भी या ऐसे ही बिना मिले वापिस जाने का इरादा है?
उसने मुझसे कहा- यार, बहुत दिनों बाद घर आयी हूँ तो परिवार के लोगों के साथ मिलने में और बातें करने में ही टाइम निकल जाता है.

मैंने कहा- कहीं बाहर निकलने का कोई मौक़ा देखो.

फिर अगले दिन उसने बताया- मैंने मेरे घर पर बोला है कि मैं अपनी कॉलेज की एक सहेली की साथ वृन्दावन जा रही हूँ. मुझे घर से मंजूरी भी मिल गयी है.

मैंने नाराज़ होकर उससे कहा- यार, तुझे मुझसे मिलना ही नहीं है तो मना कर दो न. अपनी सहेली के साथ जा सकती हो, मगर मेरे से मिलने की तुमको फुर्सत नहीं है.
उसने हंस कर कहा- तुम सच में पूरे पागल हो. मेरी वो सहेली तुम ही तो हो.
इस पर मुझे बहुत खुशी हुई.

मैंने उससे कहा- ओके अब ये बताओ कि चलना कहां है?
वो बोली- यार ,मेरा वहां सच में जाने का मन है और तुमसे मिलना भी था तो वृन्दावन ही चलेंगे. सहेली नकली है मगर जाने की जगह तो असली ही रहेगी.

इस पर हम दोनों हंस दिए और हमने वृन्दावन चलने का फाइनल कर लिया.

अगले दिन सुबह वो हमारे प्लान के मुताबिक गुड़गांव मेट्रो स्टेशन पर पहुंच गयी जहां पर मैं पहले से ही उसका इंतज़ार कर रहा था.

मैंने उसको देखा तो देखता रह गया.
वो साली तो फोटो से ज्यादा सेक्सी रियल में लग रही थी.

उसने ब्लैक रंग की कुर्ती और नीचे लैंगिंग पहन रखी थी.
मैं उसको देखता ही रह गया.

वो मेरे पास आयी और मेरे गाल पर प्यार से एक चपत लगा कर बोली- चलोगे भी या ऐसे ही घूरते रहोगे?
मेरा ध्यान भंग हुआ और मैं थोड़ा शर्मिंदा हो गया.

उसका सामान मैंने गाड़ी में रखा और उसको बैठा कर हम दोनों निकल पड़े.

मैंने बातें करते हुए उसकी थोड़ी तारीफ की तो वो बोली- तुम कोई मौका नहीं छोड़ते.
मैंने कहा- जो सच है यार, वही तो बोल रहा हूँ.
वो फिर से हंसने लगी.

हमने रास्ते में रुक कर नाश्ता किया और फिर से आगे के लिए निकल गए.
हंसी मजाक करते हुए हम दोनों वृन्दावन पहुंच गए.

हम दोनों काफी थके हुए थे तो मैंने रेनू से कहा- पहले किसी होटल में चलते हैं. नहा धोकर थोड़ा आराम करके फिर यहां के मंदिरों में चलते हैं.
वो बोली- हां यही सही रहेगा!

इस पर हम दोनों ने वहां ऑनलाइन देख कर एक अच्छा सा होटल बुक किया और होटल पहुंच गए.
होटल में स्विमिंग पूल भी था तो मैंने उससे कहा- चलो पूल में नहाते हैं.
वो बोली- ठीक है.

होटल की तरफ से हमको स्विमिंग कास्ट्यूम मिल गया और हम नहाने लगे.
नहाते समय मैं रेनू के साथ थोड़ी बहुत शरारत भी करने लगा.

शायद उसके अन्दर भी कुछ चल रहा था इसलिए अन्दर ही अन्दर वो भी मजा ले रही थी मगर उसने मुझे जरा सा भी अहसास नहीं होने दिया.
ये सब महसूस करके मेरी अन्दर ही अन्दर गांड जल रही थी कि यार इसे बिना चोदे चला गया तो सारे अरमान ऐसे ही रह जाएंगे.

तब भी मैंने भी खुद की तरफ से पहल न करते हुए समय पर छोड़ दिया और हम पूल से निकल कर शॉवर लेकर होटल के रेस्टोरेंट में आकर लंच करने लगे.
फिर रूम में आ गए.

अब वो बोली- मैं तो सच में बहुत थकी हुई हूँ. मैं सो रही हूँ.
वो लेट गयी और सो गई.

उसको सोते देख मेरे लंड और गांड दोनों में आग लगी हुई थी कि साला ये क्या हो रहा है.
मैं वाशरूम में गया, मुठ मारी और बेड के दूसरे किनारे पर लेट कर सो गया.

शायद वो मुझे चैक कर रही थी.
फिर शाम को हमारी आंख खुली.

हम दोनों फिर से नहाये और गाड़ी लेकर होटल से मन्दिर की तरफ निकल लिए. हम सब जगह घूमे दर्शन आदि किए.

मुझे ये सब एक चूतिया कपल की तरह लग रहा था, जैसे मैं उसको चोदने नहीं, उसकी चूत की रखवाली करने के लिए आया हुआ हूँ.

खैर … अब हम फ्री हो गए तो मैंने सोचा कि आज किसी तरह इसे चोदना तो है ही मगर मैं जबरदस्ती कभी नहीं करता.
इसलिए मैं उसके अन्दर की बात को बाहर लाकर उसको चोदना चाहता था.

वो साली शायद मुझे तड़पा रही थी.

मैंने उससे पूछा- तुमने कभी ड्रिंक की है?
वो बोली- हां की है … मगर मुझे चढ़ जाती है इसलिए कभी नहीं करती.

मैंने कहा- यदि तुमको प्रॉब्लम न हो तो आज हम करें. क्योंकि काफी थकावट हो रही है और हम आज पहली बार मिले हैं तो थोड़ी पार्टी हो जाए.
वो बोली- यार मैं सिर्फ एक पैग ही ले पाऊंगी, वो भी अगर मुझसे पिया जाएगा तो. मगर तुम ले सकते हो, पर ज्यादा मत पीना. हमको मॉर्निंग में घर के लिए वापिस भी निकलना है और तुमको गाड़ी ड्राइव करनी है.

यह सुनकर मुझे समझ आ गया कि अब मामला सैट हो जाएगा.

दोस्तो, रेनू के साथ किस तरह से चुदाई का मजा आया, वो मैं इंडियन भाभी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में लिखूँगा.
आप मुझे मेल करें
[email protected]

इंडियन भाभी सेक्स स्टोरी का अगला भाग: फेसबुक से मिली खूबसूरत भाभी को होटल में चोदा- 2

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