एक बार फ़िर चुद गया नितिन गुप्ता
(Ek Bar Fir Chud Gaya Nitin Gupta)
नितिन गुप्ता
आप सब ने इतने प्यार से मुझे इतने सारे मेल किए कि मैं समझ नहीं पाया कि आज के इस भाग दौड़ के युग में भी लोग इतना समय तो निकाल लेते हैं कि किसी की मदद कर सकें। आप सभी के मेल के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
आपकी मेल से लगता है कि मैं आपको पसंद आया हूँ।
तो एक बार फ़िर से एक नए किस्से के साथ आपसे मिलने आया हूँ।
तो बात है एक रात की ।
एक लड़की के साथ की  ।।
वो जा रही थी रस्ते पर पैदल  ।
मैं भी उसे देख कर हो गया पागल  ।।
मैं उसके पीछे लग गया कि वो कहाँ जायेगी  ।
अगर मौका मिला तो शायद मेरी बात मान जायेगी  ।।
तो चल पड़ा मैं इसी आस में  ।
उस मौके की तलाश में  ।।
अचानक एक सुनसान मोड़ आया  ।
मैंने भी एक ज़बरदस्त मौका पाया  ।।
मैंने पूछ लिया कि आप कहाँ जाना चाहती हो  ।
अगर अकेले डर लग रहा हो तो क्या मेरे साथ आना चाहती हो  ।।
वो बोली कि मुझे डर तो लग रहा है लेकिन रास्ते से नहीं आपसे ।
वैसे डरी तो नहीं मैं कभी नहीं अपने बाप से  ।।
आपको मेरी इतनी फिकर क्यूँ हो रही है  ।
क्या रास्ता सुनसान देखकर आपकी पैंट गीली हो रही है  ।।
उसका जवाब सुनकर मैं कुछ न कह सका  ।
लेकिन उसकी मुस्कान को देखकर चुप भी न रह सका  ।।
मैंने कहा कि अगर आप चाहो तो मैं आपको छोड़ सकता हूँ  ।
वैसे डर न लगे इसके लिए मैं भी जेब में एक चाकू रखता हूँ  ।।
मेरी इस बात से वो डर गई  ।
या शायद मेरी दिलेरी देख कर मुझ पर मर गई  ।।
वो बोली कि चलो फ़िर तुम्हारे साथ चलते हैं  ।
हम भी साथ चलने से कहाँ टलते हैं  ।।
वो मेरे साथ साथ चलने लगी  ।
मेरी तो जैसे साँसें ही थमने लगी  ।।
हमने रास्ते में कोई बात नहीं की ।
फ़िर अचानक बारिश होने लगी  ।
मेरी तरफ़ उसने देखा और रोने लगी  ।।
मैंने कहा रोने की कोई बात नहीं है  ।
तुम ऐसा क्यूँ सोचती हो कि कोई साथ नहीं है  ।।
उसने कहा कि ये मेरी मनपसंद ड्रेस है  अगर गीली हो गई तो ख़राब हो जायेगी  ।
अभी महंगी ड्रेस है लेकिन फ़िर केवल जुराब हो जायेगी  ।।
मैं समझ गया कि इसे अपनी ड्रेस को भीगने से बचाना है  ।
एक लड़की को पटाने का ये भी अच्छा बहाना है  ।।
मैं जल्दी ही एक पास के गेस्ट हाउस की ओर चल दिया  ।
साथ ही अपना लण्ड जो खड़ा हुआ था को भी हल्का सा मसल दिया  ।।
मैंने वहां रात भर के लिए एक कमरा ले लिया  ।
रूम में कोई परेशान ना करे इसके लिए रिसेप्शन पर ही सौ का नोट भी एक्स्ट्रा धर दिया  ।।
हम दोनों कमरे में अकेले थे  ।
लेकिन मेरे मन में अभी भी कुछ झमेले थे  ।।
मैंने देखा कि उसकी ड्रेस थोड़ी सी भीग चुकी थी  ।
शायद इसी वजह से वो मेरे साथ एक ही कमरे में रुकी थी  ।।
मैंने कहा कि तुम बीमार न हो जाओ इस लिए कपड़े बदल लो  ।
उसने कहा ये गेस्ट हॉउस है तुम्हारे बाप की ससुराल नहीं जो यहाँ कपड़े भी मिल जाएँ  ।।
मैं चुप हो गया ।।
वो बोली की मुझे सर्दी लग रही है, कुछ करो ना  ।
ओर अगर एक अकेली लड़की के साथ भी कुछ नहीं कर सकते तो डूब मरो  ।।
ये सुन कर मुझे जोश आ गया  ।
या यूँ कहो थोड़ा देर में ही सही लेकिन होश आ गया  ।।
मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया  ।
ओर एक ज़ोर का चुम्मा उसके गालों पे कर दिया  ।।
वो बोली कि तुम तो बहुत तेज़ हो  ।
चुम्मे से ऐसा लगा जैसे अँगरेज़ हो  ।।
मैंने कहा कि आओ अपने कपड़े उतार देते हैं  ।
जो मौका मिला है इसे संवार लेते हैं  ।।
उसने अपने कपड़े तो उतारे ही मेरे भी उतार दिए  ।
मेरी एक रात क्या मेरे तो जैसे जनम ही संवार दिए  ।।
उसकी चिकनी चूत ने मेरा दिल जीत लिया  ।
देर न करते हुए मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया  ।।
वो मस्त हो गई और चुदने को तैयार थी  ।
मेरी नैया भी पार लगने को बेकरार थी  ।।
मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी  ।
थोड़ी ही देर में उसने रस की एक धार बाहर निकाल दी  ।।
वो बोली- मादरचोद ऊँगली से ही चोदेगा तो लण्ड किसलिए है  ।
मैंने भी जिंदगी में बहुत से लण्डों के रस पिए हैं  ।।
मैं समझ गया कि इसे ठीक से चोदना होगा  ।
इस की अकड़ को ज़रा ठीक से रोंदना होगा  ।।
मैंने उसकी चूत में लण्ड डाल दिया  ।
इतनी जोरों से चोदा कि उसके मुंह से हाय हाय निकाल दिया  ।।
अब वो मेरा लोहा मान चुकी थी  ।
मेरे लण्ड की जान को अब वो शायद जान चुकी थी  ।।
थोड़ी देर में लण्ड फ़िर खड़ा हो  गया  ।
लेकिन अब पहले से भी ज्यादा बड़ा हो गया  ।।
मैंने फ़िर से उसे चोदना जारी किया  ।
उसके मुंह, गांड और चूत को बारी बारी किया  ।।
अब वो थक गई थी और जाना चाहती थी  ।
मुझ से चुदवा कर शायद किसी और से भी चुदवाना चाहती थी  ।।
मैं भी उसे जाने की इजाज़त दे चुका था  ।
क्यूंकि उसका मज़ा मैं हर तरफ़ से ले चुका था  ।।
हम कमरे से बाहर आ गए ।
वो जाने ही लगी थी की मुझे मेरा बॉस दिखाई दिया  ।
उसका चेहरा देखते ही मैंने अपना मुंह छुपा लिया  ।।
लेकिन ये क्या वो उस लड़की से बात कर रहा था  ।
मेरा दिल जोरों से थर्र थर्र कर रहा था ।।
वो लड़की जा चुकी थी  ।
मेरी साँसें वापिस आ चुकी थी  ।।
अगले दिन ऑफिस में पता चला की मेरी नौकरी जा चुकी थी  ।
बात सिर्फ़ उस लड़की की थी जो मेरे साथ रुकी थी  ।।
वो बॉस की बेटी थी  ।
जो मुझ से चुदी और मेरी बगल में लेटी थी  ।।
मेरा बॉस जान गया था कि मैंने उसकी बेटी को नंगा किया है  ।
लेकिन मुझे लगा कि मैंने एक बार फ़िर से पंगा लिया है  ।। 
जी हाँ मेरी नौकरी जा चुकी थी  ।
और जिंदगी फ़िर से एक नए मोड़ पे आ चुकी थी  ।।
चुदी वो नही चुद तो मैं गया था  ।
क्यूंकि कल ही मेरा टरमिनेशन का लैटर भी दिल्ली गया था  ।।
तो दोस्तों ऐसा ही होता जब सिर्फ़ चोदो और चोदते समय कुछ न सोचो ।।
मैंने भी सिर्फ़ उसकी चूत ही देखी और उसके बारे में बाकी सब कुछ पूछना भूल गया  ।
और बाद में ख़ुद ही चुद गया  ।।
तो दोस्तों चोदो चुदाओ और लाइफ को खुशहाल बनाओ  ।
लेकिन चुदने वाली लड़की को पहचानो और फ़िर कंडोम ज़रूर लगाओ  ।।
क्यूंकि इससे नुक्सान नहीं फायदा ही होगा ।।
आप सब की मेल का मुझे एक बार फ़िर से इन्तज़ार रहेगा।
मेरा मेल आई डी तो आप सब को याद ही होगा
जी हाँ यही तो है मेरा मेल आई डी
आप सबके प्यार के लिए बहुत सा धन्यवाद।
आप प्यार देते रहें मैं आपका मनोरंजन करने अन्तर्वासना पर आता रहूँगा।
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