अधूरी प्यास की तृप्ति

नीरज 2004-08-25 Comments

प्रेषक : नीरज गुप्ता- उस्ताद जी

आप ने मेरी आपबीती “मेरी यादगार सुहागरात” पढ़ी होगी. ये भी एक आपबीती ही है, लेकिन मेरी ख़ुद की नही, बल्कि मेरे इंस्टिट्यूट में पढने आने वाले एक लड़के राज की. वो 22 साल का एक ठीक दिखने वाला पाँच फुट नौ इंच लंबा, करीब 32 इंच कमर का ठीक ठाक लड़का है. वो भरतपुर का रहने वाला है और उधर उनका अपना ख़ुद का मकान है.

राज मेरे पास कंप्यूटर कोर्स करने जयपुर आया हुआ है. वो बीच बीच में अपने घर जाता रहता है. उस मकान के एक हिस्से में उन्होंने एक किरायेदार रखा हुआ है.

किरायेदार के एक लड़का और एक लड़की हैं. लड़की की शादी हो चुकी है और जब वो प्रेगनंट हुई तो अपने मायके में आ गई. लगभग पूरे दिन थे तो उसकी मम्मी ने अपनी देवरानी को घर के काम काज में हेल्प के लिए बुलवा लिया. ये चाची भी जयपुर में ही रहती है. शादी शुदा बेटी से धीरे धीरे राज की सेटिंग हो गई. जब भी मौका मिलता उसके बूब्स दबा देता और किस करता रहता था. लेकिन चोदना इसलिए नही हो पाया कि उसे पूरे दिनों की प्रेगनेंसी थी. लड़की की चाची भी आ गई गोल चेहरा, सुता हुआ पाँच फुट चार इंच का बदन, आकर्षक चूचियां कि पूरी हथेली में आ जायें. चाची 35-36 साल की है और तीन बच्चों की माँ होते हुए भी नई नवेली जैसी लगती है.

राज ने चाची से बातचीत शुरू की, चाची ने भी इंटेरेस्ट लेना शुरू कर दिया, एक दिन मौका पाकर राज ने चाची से किस मांग लिया. तो चाची ने नाराजगी दिखाई. राज बेचारा अपना सा मुह लेकर डर गया और चुपचाप अपने कमरे में चला आया.

लेकिन अगले दिन जब दोनों फिर मिले तो एकांत पाकर चाची ने राज को बोला कि तुम मेरा किस लेना चाहते हो न, ले लो. अब राज ने हिम्मत करके चाची को लिप्स पर बड़े जोर का किस किया. अब तो जब भी मौका मिलता बूब्स दबाने और चूमने चाटने का दौर चालू हो जाता. लेकिन चोदने का मौका नही मिल रहा था. इतना एकांत उस किराये के मकान में उन लोगों के पास नही था.

धीरे धीरे चाची ने राज को बताया कि उसके पति का जनरल स्टोर है, और रात को जब भी उसकी इच्छा चोदने की होती है, उसके कपड़े ऊँचे करके 3-4 मिनट में चोद चाद के सो जाता है, न चूमना चाटना, न हाथ फेरना, न किस, न गर्माना. बोली कि मेरी इच्छा तो कभी पूरी ही नही होती है, इसलिए तुमसे लगी हूँ.

अब छुट्टी बिता के राज जयपुर आ गया, चाची के मोबाइल नम्बर उसने ले लिए. कुछ दिन में जब भतीजी को डिलिवेरी हो गई तो चाची भी जयपुर अपने घर आ गई, जयपुर में राज और चाची दोनों ही किराये के मकानों में रहते हैं. चाची के पास 2 कमरों का मकान है लेकिन राज के पास 2 कमरे और एक कोमन रूम है.

दोनों के घर के बीच तीन किलोमीटर का फासला है. राज के मम्मी, पापा और बड़े भाई में से कभी कोई कभी कोई आता जाता रहता है. राज जयपुर आने के बाद चाची से लगातार बातें करता रहता था. बहुत गरम बातें होती थी. एक दिन राज ने, जब उसके कोई आने वाला नही था, चाची को ख़ुद के घर आने का निमंत्रण दिया, जो चाची ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. राज ने उसको बोला कि तुम मेरा जोर से चोदन करोगी या मैं तुम्हारा तो चाची ने बोला कि ये तो वक्त बताएगा.

अगले दिन चाची दोपहर में 3 बजे राज के यहाँ पहुच गई, एकदम टाइट पजामा और ऊपर कुरता. कमरे के अन्दर आते ही दोनों एक दूसरे की बाँहों में बंध गए। दोनों के होंट एक दूसरे के साथ चिपक गए और बहुत लंबा किस का एक दौर चला। चाची के हाथ राज कि कमीज के अन्दर पूरे शरीर पर चल रहे थे, चल क्या रहे थे यो कहें कि चाची उत्तेजना में राज को खरोंच रही थी. बड़ी मुश्किल से दोनों थोडी देर के लिए अलग हुए तो राज ने बोला कि ये पजामा इतना टाइट है उतरेगा कैसे तो चाची ने ख़ुद उतार दिया. ज़रा सी देर में ही एक दूसरे को कपडों से अलग कर दिया. अब चाची ने राज के शरीर का कोई हिस्सा नही छोड़ा जहाँ किस नही किया हो.

उत्तेजना के मारे चाची का हाल बुरा था. वो घरेलू औरत राज के लंड तक को चूस गई. राज की पीठ और सीने पर चाची की उँगलियों की खरोंच छप गई. आख़िर कई बरसों में शादी के बाद उसकी चुदाई की इच्छा जोरदार ढंग से पूरी हो रही थी. राज ने भी चाची को खूब चूमा, जीभ चूसी, बोबे चूसे, खूब दबाए, चूत को लंड से रगडा.

चाची की चूत बुरी तरह से गीली हो चुकी थी. चाची ने राज को ऊपर आने को बोला और बेड पर सीधी लेट गई. राज चाची की दोनों टांगो को चौडा कर के बीच में बैठ गया और अपने लंड को चाची की चूत पे लगा के अपना लंड चाची की चूत में गहरे उतार दिया. चाची के मुह से एक लम्बी सीत्कार निकली. होंट एक दूसरे के साथ चिपक गए. दोनों ने एक दूसरे को चूसना शुरू कर दिया. राज के दोनों हाथों में चाची के दोनों बोबे थे जिनको वो खूब दबा रहा था. लंड धीरे धीरे अन्दर बाहर हो रहा था।

धीरे धीरे चाची की गांड हिलने लगी, वो नीचे से धक्के मारने लगी, और राज ने जोर जोर से धक्के मारना शुरू कर दिया, लंड चाची की चूत में ऊपर से चालू होकर खूब गहरे तक जा रहा था. चाची ने राज को दोनों हाथों से दबोच रखा था और अपनी दोनों टांगो को राज की कमर पर लपेट रखा था. राज को जब ओर्गास्म हुआ तब तक चाची को दो बार हो चुका था. अब दोनों के होंट खुले. दोनों नंगे एक दूसरे पर पड़े रहे, चाची दो घंटे वहां रही और टोटल तीन बार दोनों ने जबरदस्त तरीके से बिना एक दूसरे से अलग हुए चुदाई की।

चाची की आँखों में तृप्ति आ चुकी थी.

शाम को साडे पाँच बजे राज का फ़ोन मेरे पास आया कि मैं आपसे अभी मिलना चाहता हूँ. वो जब मेरे पास आया तो उसने मुझे अपना ऊपर का शरीर दिखाया. पूरे शरीर पर खरोंच के निशान थे. आख़िर चाची ने राज का देह शोषण कर दिया. वो बोला सर आज तो जबरदस्त कसरत हुई है. पूरा शरीर दुःख रहा है.

उसके बाद चाची हर सप्ताह कम से कम एक बार जरूर राज से चुदवाती है, एक साल हो गया है. इस बीच उसने अपने पति को भगवान की कसम दिला दी है कि वो उसे हाथ नही लगाये. पति ने जबरदस्ती करने की कोशिश की तो दोनों हाथों से दूर कर दिया. अब वो राज को ही अपना पति मानती है. जबकि दोनों में 13 साल का फर्क है.

जिस के पीछे दुनिया में कई युद्ध हुए, राजा महाराजाओं की क्या बिसात ऋषि, मुनियों तक की तपस्या भंग हो गई, उस खेल को हमेशा लंबा और परम आनंद दायक बनाना चाहिए नही तो एक सीधी सादी औरत तक क्या हो गई, ये सोचने वाली बात है.

आपको ये आपबीती कैसी लगी, अपना अनुभव जरूर बतावें. खासकर स्त्रियों के अनुभव.

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