कमाल की हसीना हूँ मैं-39

शहनाज़ खान 2013-05-31 Comments

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कुछ ही देर में उनके लौड़े फौलाद की तरह सख्त हो गये और वो दोनों बेरहमी से बारी-बारी से मेरे हलक में अपने लौड़े ठूँसते हुए धक्के मार रहे थे।

“ऑय थिंक शी नीड्स टू बी फक्ड नॉव!” माइक बोला। (मेरे ख्याल से अब इसे चोद ही देना चाहिए !)

“याह! टाइम टू शो हर द मैजिक ऑफ ब्लैक कॉक्स!” मेरे मुँह में से अपना मूसल लौड़ा निकालते हुए ओरिजी बोला। (हाँ, अब इसे काले लौड़ों का जलवा दिखा ही देते हैं।)

मेरी ठुड्डी से राल नीचे टपक रही थी और उनके लौड़े भी मेरे थूक से तरबतर सने हुए दमक रहे थे।

“यस! यस! ऊऊहह… यस… प्लीज़… ओरिजी… फक मी… काले लौड़े… मेरी चूत… प्लीज़… योर बिग कॉक्स… चोदो… !” नशे और उत्तेजना में मेरी ज़ुबान बहक रही थी।

मुझे होश नहीं था कि मैं क्या बोल रही थी। बस इतनी उम्मीद कर रही कि मेरे अल्फाज़ों का मतलब वो शायद मुझसे बेहतर समझ पा रहे होंगे।

दोनों ने अपनी ज़ुबान में एक-दूसरे से कुछ कहा और फिर हंसते हुए हाथ उठा कर हवा में एक दूसरे को ताली दी।

ओरिजी ने मुझे मेरे पैरों पर खड़ा किया तो मैं भी नशे में अपनी बाँहें उठा कर उसकी गर्दन में डाल कर उससे सट गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मेरी कमर में अपनी बाँहें डाले हुए वो मुझे ढकेलते हुए पीछे एक डेस्क तक ले गया और मेरे चूतड़ डेस्क के किनारे टिका कर मुझे पीछे झुका दिया। अपनी एक बाँह उसकी गर्दन से निकाल कर मुझे सहारे के लिये अपना हाथ डेस्क पर पीछे टिकाना पड़ा।

मैं डेस्क के किनारे चूतड टिकाये टाँगें लटका कर बैठी थी। मेरे हाई-हील के सैंडलों और ज़मीन के बीच करीब एक फुट का फासला था। डेस्क की ऊँचाई बिल्कुल ठीक थी क्योंकि ओरिजी का शानदार लौड़ा बिल्कुल मेरी चूत के लेवल पर था।

मैंने नज़रें उठा कर ओरिजी की वासना भरी आँखों में देखा और फिर थोड़ी दूर खड़े माइक को देखा। उसके चेहरे पर भी कमीनी सी मुस्कान थी। मुझे एहसास हो गया कि आज की रात मेरे लिये बहुत ही यादगार बनने वाली है।

ओरिजी ने मुझे डेस्क पर धक्का दे कर पीछे लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके मेरी चूत पर अपने लौड़े का सेब जैसा सुपाड़ा रगड़ने लगा।

अपनी चूत में ऐसी आग, ऐसी तड़प मैंने पहले कभी महसूस नहीं की थी। उसका लंड अंदर लेने के लिये मेरी चूत तड़प रही थी लेकिन वो मेरी चूत पर अपने लंड का टोपा रगड़-रगड़ कर मुझे तड़पा रहा था।

मुझ से रहा नहीं गया तो मैं दाँत भींच कर तड़पते हुए चिल्ला पड़ी- ऊँऊँहह ! इज़ दैट ऑल यू कैन डू विद इट? भेनचोद ! पुट इट इन मी! चोद मुझे… बिग मैन ! फक मी ! फक मी गुड!” मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर पर कस दीं। (क्या यही करता रहेगा? इसे मेरे अन्दर घुसा भी दे अब !)

“आर यू रेडी बिच!” ओरिजी बोला। (तो तैयार हो जा कुतिया)

“येस्स! हरीऽऽऽ अप बॉस्टर्ड!” मैं बेहयाई से अपने चूतड़ उचकाते हुए दहाड़ी। (हाँ जल्दी कर कमीने !)

मैंने अपनी चूत में उसके लंड का मोटा सुपाड़ा घुसता हुआ महसूस किया। ओरिजी ने भी कोई नरमी नहीं बरती और पूरी बेरहमी से अपना मोटा सुपाड़ा एक झटके में अंदर ठाँस दिया।

मेरी तो साँस ही रुक गई। दर्द से तड़प कर मेरी बहुत जोर से चीख निकल गई, “आआईईईईई मरऽऽऽऽ गईऽऽऽऽ!”

मुझे लगा जैसे उसका लंड मुझे चीर ही डालेगा।

“नोऽऽऽ… प्लीईऽऽऽज़ऽऽ ! स्टॉप!” मैं दर्द से बुरी तरह बिलबिला रही थी। (रुक जाओ !)

“बिच इज़ सो टाइट!” ओरिजी जोर लगाते हुए फुफकारा। (कुतिया की बहुत कसी है।)

मुझे तब एहसास हुआ कि अभी तो सिर्फ सुपाड़ा ही मेरी चूत में दाखिल हुआ था। ओरिजी का लौड़ा बरछे की तरह मेरी चूत चीरते हुए अंदर घुसने लगा तो मैं दर्द के मारे फिर चीखने-चिल्लाने लगी।

इतना दर्द तो पहली बार अपनी सील तुड़वाते हुए भी नहीं हुआ था। मेरे चीखने-चिल्लाने का ओरिजी पर कुछ असर नहीं हुआ और उसने बेरहमी से पूरी ताकत लगाकर अपना लंड झटके से चूत की गहराइयों में ढकेल दिया। मुझे तो चूत के चिथड़े उड़ते महसूस होने लगे। उसके लंड का सुपाड़ा अब मेरे गर्भाशय पर धक्के मार रहा था।

“आआहहह स्टॉपऽऽऽ हराऽऽऽमीऽऽऽ यू आर टियरिंग मी अप !” दर्द की लहरें मेरे पूरे जिस्म में दौड़ने लगीं। (रुक जाओ ! तुम मेरी फ़ुद्दी फ़ाड़ रहे हो !)

मेरे पसीने छूट गये और दिमाग सुन्न पड़ गया।

“लुक ऐट हर कंट! शी टुक द होल डिक! शी इज़ ए फकिंग हॉट बिच!” मेरे कानों में माइक के चहकने की आवाज़ आई तो मुझे पता चला कि ओरिजी का पुरा लंड मेरी छिनाल चूत में दाखिल हो चुका है। (देखो इसकी चूत को, पूर लण्ड निगल गई !)

“शी इज़ अमेज़िंग मैन! नॉट मैनी वुमन कैन टेक अ कॉक दैट साइज़!” ओरिजी हाँफते हुए बोला। (यह अदभुत है, सारी लड़कियाँ मेर पूरा लण्ड अपने अन्दर नहीं ले पाती !)

इतनी तकलीफ के बावजूद मैं अपनी तारीफ सुनकर मन ही मन इठला गई। अपनी चूत की काबिलयत पर मेरा रोम-रोम फख्र से भर गया।

ज़िंदगी में पहली बार मेरी चूत किसी लौड़े से इस कदर ठसाठस भरी थी। अचानक मुझे उस दर्द में मज़ा आने लगा और मेरी चीखें अब सुबकियों और सिसकारियों में तबदील होने लगीं थीं। दर्द तो अब भी बहुत था पर अब उसमें मिठास सी घुल गई थी और मेरी चूत उस हब्शी लौड़े पर कसमसाने लगी।

“येस्स! फक मी प्लीज़! ऑय लव योर बिग कॉक!” मैं फुसफुसाई और अपनी एक टाँग मोड़ कर अपना एक सैंडल उस डेस्क के कोने पर टिका दिया और दूसरी टाँग उसकी कमर में लपेट दी! (हाँ, अब चोदो मुझे ! मुझे तुम्हारे बड़े लण्ड से प्यार हो गया है !)

“यू आर अ हॉरनी स्लट!” ओरिजी हंसा और फिर दनादन धक्के लगाने लगा। करीब आधे से ज्यादा लौड़ा बाहर खींच-खींच कर बेरहमी से अंदर ठोक रहा था। (तू गर्म चुदक्कड़ है !)

“ओओहहह ओहह टू बिग… प्लीज़… मर गई… येस्स…!” जानवरों की तरह बेरहमी से चुदते हुए मुझे भी निहायत मज़ा आने लगा था।

अपना हाई-हील सैंडल किसी तरह डेस्क के किनारे पर टिकाये मैं उसके धक्के झेलते हुए खुद भी अपने चूतड़ हिलाते-डुलाते लगातार “ओह! ओह! ओह! ऊँह! आह! आँह!” आलाप रही थी।

उसके हथौड़े जैसे लौड़े पर चिपकी हुई मेरी चूत बार-बार पानी छोड़ने लगी। अपने चूतड़ों पर उसके बैल जैसे टट्टों के थपेड़े मेरी चुदास में इज़ाफा कर रहे थे और मैं नशे में मस्ती से सिसकते, चीखते हुए अपने मम्मे अपने हाथों से भींचते हुए मज़े ले रही थी।

“डू यू थिंक शी कैन टेक मी इन हर शिट पाईप!” माइक की आवाज़ एक बार फिर मेरे कानों में पड़ी। ( अरे, तुझे क्या लगता है, ये मेरे लण्ड को अपनी क्षाण्ड में ले पाएगी?)

अपनी मस्ती में उसे तो भूल ही गई थी।

“व्हॉय नॉट! लैट्स डू इट! फक हर इन बोथ होल्स टूगेदर! ऑय एम श्योर हर ऐस-होल विल लव योर बिग कॉक!” (क्यों नहीं ! करो ना ! हम इसके दोनों छेद एक साथ चोदेंगे। इसकी गाण्ड के छेद को तुम्हारा लण्ड पसन्द आएगा।)

ओरिजी बोलते हुए मुझ पर झुक गया और मुझे चूमते हुए मेरी कमर में अपनी बाँहें डाल कर मेरी चूत में अपना लौड़ा गड़ाये हुए ही मुझे गोद में उठा लिया। एक तो नशे में धुत्त और साथ ही इतनी मस्त चुदाई की धुन में मैं उनकी बातों की तरफ ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही थी इसलिये उनके ज़ालिम इरादे एकदम से समझ नहीं पाई।

खुद-ब-खुद मेरी बाँहें भी उसकी गर्दन में और दोनों टाँगें कैंची की तरह उसकी कमर में कस गईं। ओरिजी ने खड़े-खड़े ही मेरे चूतड़ों को पकड़ कर अपने लौड़े पर मुझे चार-पाँच बार ऊपर नीचे उछालते हुए चोदा। फिर वो वैसे ही मुझे गोद में लिये हुए और चूत में लौड़ा गड़ाये हुए अचानक से कार्पेट पर नीचे बैठते हुए लेट गया। उसकी इस अचानक हरकत से मैं चिहुंक उठी।

अब मैं उसके ऊपर थी और वो मेरी पतली कमर अपने बड़े हाथों में पकड़े हुए था और मेरे मम्मे उसके चेहरे के ऊपर लटकते हुए झूल रहे थे। इस पोजीशन में उसका तमाम लौड़ा मेरी गर्म चूत में खचाखच धंस गया।

“व्हॉट से मैन? हॉव डज़ हर एसहोल लुक?” ओरिजी ने नीचे से अपने चूतड़ ऊपर उछालते हुए माइक से पूछा तो मेरे हलक से जोरदार आह निकल गई। (क्या कहते हो? कैसा दिख रहा है इसकी गाण्ड का छेद?)

“ब्यूटीफुल… रियल जेम !” माइक बोलते हुए मेरे पीछे झुक गया और मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगा, “शी विल लव मॉय कॉक इन हर एस होल!” (सुन्दर ! असली हीरे जैसा ! मेरा पूरा लौड़ा खा लेगी ये अपनी गाण्ड में !)

उसकी बात सुनकर मेरी तो साँस ही रुक गई और एक ठंडी सी लहर मेरे जिस्म में दौड़ गई।

“नोऽऽऽऽ… प्लीऽऽऽज़… नहीं…!” मैं जोर से चीख पड़ी। मुझे वही रात याद आ गई जब रस्तोगी और चिन्नास्वामी ने अपने मोटे-मोटे लौड़े एक साथ मेरी चूत और गाँड में पेल-पेल कर पूरी रात बेरहमी से मेरी दोहरी चुदाई करके मेरा बैंड बजा दिया था।

ओरिजी और माईक के हब्शी लौड़ों के सामने तो रस्तोगी और चिन्नास्वामी के लौड़े तो बिल्कुल चूहे जैसे थे।

मैं मानती हूँ कि कुछ देर पहले मैं इन हब्शियों के भुसण्ड लौड़ों से चुदने के लिये मरी जा रही थी लेकिन इतने बड़े लौड़े से गाँड मरवाने का तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी। ये दोनों मरदूद तो एक साथ मेरी चूत और गाँड मारने की सोच रहे थे।

कहानी जारी रहेगी।

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