मीरा मान गई

(Meera Maan Gai)

कमल प्रीत 2012-05-31 Comments

मेरा नाम कमल है, मेरी आयु 40 साल है। मैं जालंधर में रहता हूँ।

यह घटना तीन साल पुरानी है।

दिसम्बर 2009 में मुझे किसी काम से चंडीगढ़ जाना पड़ा। मैंने किसी व्यापारी को कैश पहुँचाना था। इसलिए मैं शाम 6 बजे अकेला ही अपनी कार से चंडीगढ़ के लिए चल पड़ा। सड़क पर काफी धुंध थी और मैं धीरे धीरे गाड़ी चला रहा था।

नवां शहर के पास सड़क पर चंडीगढ़ की तरफ जा रही एक बस खराब होने के कारण सड़क पर रुकी थी और सवारियाँ सड़क पर खड़े

होकर किसी और बस का इंतज़ार कर रहीं थी।

अचानक मैंने देखा के हमारी ही कॉलोनी की मीरा नाम की महिला और उनकी बेटी सुमन वहाँ खड़ी थी। मीरा के पति की कुछ साल पहले एक्सीडेंट में मौत हो गई थी और उन्हें पति की जगह शिक्षा विभाग में नौकरी मिली थी।

मैंने कार उनके पास रोक दी और मीरा मेरे पास आ गई।

मीरा ने मुझसे पूछा- कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा- किसी काम से चंडीगढ़ जा रहा हूँ !
उन्होंने कहा- हमारी बस ख़राब हो गई है, क्या आप हमें चंडीगढ़ तक लिफ्ट देंगे?

मैंने सोचा कि मेरा सफ़र भी बातों में कट जायेगा और उनको भी सुविधा हो जाएगी, मैंने उन्हें कार में बिठा लिया, वो दोनों कार की पिछली सीट पर बैठ गई। उन्होंने बातों में बताया कि सुमन ने अगले दिन चंडीगढ़ में बैंक जॉब का कोई टेस्ट देना था।

सुमन मेरी परिचित नहीं थी और मीरा जिन्हें मैं भाभी बुलाता था, से भी पहले मेरी ज्यादा कभी बात नहीं हुई थी। वो कभी कभी हमारे घर किटी पर आती थी।

कार चलते मैं बीच बीच में शीशे से सुमन को देख लेता लेकिन ज्यादा अँधेरा होने के कारण ठीक से देख नहीं पा रहा था। सुमन ने हाई नैक की स्वेटर और ऊपर काला कोट पहना हुआ था।

करीब 24 साल की सुमन बहुत सेक्सी थी। मीरा भाभी की उम्र करीब 45 साल थी। मीरा का बदन भी बहुत गठीला था। उसके मम्मों का आकार 38″ लगता था, कमर 32″ के करीब और कूल्हे 40″ होंगे।

मैंने मीरा से पूछा- आप रात कहाँ रुकेंगी?
तो उन्होंने कहा- उनका दूर का रिश्तेदार 35 सेक्टर में रहता है, वहाँ रुकेंगे।

मैंने उन्हें बताया के मेरे भी बहुत से परिचित चंडीगढ़ में हैं लेकिन मैं होटल में रुकूँगा क्योंकि मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता। मीरा ने मेरी बात से सहमति जताई तो मैंने भी उन्हें होटल में रुकने की सलाह दी। मीरा ने तो सहमति जताई लेकिन सुमन ने यह कहकर थोड़ी ना नुकुर की कि वहाँ कमरा महंगा मिलेगा।

लेकिन थोड़ी न नुकुर के बाद मीरा के कहने पर वो मान गई।
मैंने सुमन से भी कुछ बातें की लेकिन उसने बस हाँ-ना में ही जवाब दिया।

हम करीब 9.30 बजे चंडीगढ़ पहुँच गए। वहाँ मैंने 22 सेक्टर में एक होटल में 2 कमरे ले लिए और अलग अलग कमरों में चले गए। मैंने कहा- खाना थोड़ी देर में एक साथ खायेंगे !

क्यूंकि मैंने खाने से पहले पेग लगाना था। इसलिए खाना थोड़ी देर रुक के खाने को कहा। मीरा तो शायद मेरी बात समझ गई लेकिन सुमन कहने लगी- मुझको भूख लगी है और सुबह उठना भी जल्दी है।

मीरा ने सुमन के लिए पहले खाना मंगवा दिया और सोने को कह दिया।
इस बीच मैंने मीरा से कहा- चलो मार्किट तक टहल आते हैं।

ठण्ड बहुत थी। मैंने कोक की प्लास्टिक की बोतल में व्हिस्की मिला ली और टहलने चले गए।

मैंने मीरा से पूछा- आपको मेरे ड्रिंक पर आपत्ति तो नहीं?
उसने कहा- कोई बात नहीं, लेकिन ज्यादा मत पीना !

घूमते हुए हमने मार्किट से मछली पैक करवा ली और सड़क पर टहलते हुए ही खाने लगे। मैं साथ में पेग भी लगाता रहा और सोचने लगा कि मीरा या सुमन में से किसी एक चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए।

लेकिन बात शुरू करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। ये कहानी आप अन्तर्वासना डाट काम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने मीरा से पूछा- भाभी, आपने पति के निधन के बाद दूसरी शादी क्यों नहीं की?
तो मीरा ने जवाब दिया- ऐसा करती तो बच्चों का भविष्य ख़राब हो जाता !
मैंने हिम्मत करके पूछ ही लिया- शरीर की भी तो कोई ज़रूरत होती है !
तो मीरा ने इतना ही कहा- मैंने अपना मन मार लिया है।

मैंने कहा- आप तो अभी भी 37-38 साल की लगती हो?
मीरा बोली- यह तो सही है, मैंने अपना शरीर संभाल कर रखा है।

मैंने हिम्मत करके कह दिया- मीरा जी, मैं आपको किस कर लूँ?
तो मीरा बोली- पागल हो गए हो क्या?

“हाँ मीरा ! आपको करीब पाकर ऐसा ही हो गया है।”
एक बार और किस मांगने पर मीरा बोली- क्या सड़क पर किस करोगे?

यह सुनते ही मैं समझ गया कि बात बन गई, आज तो मीरा चुदेगी ही।

मैंने कहा- चलो होटल में चलते हैं, वहाँ करेंगे।

मीरा मान गई !

होटल पहुँच कर हम दोनों मेरे वाले कमरे में बैठ गए और खाने का आर्डर दे दिया।

मीरा बोली- मैं 2 मिनट में कपड़े बदल कर आती हूँ।

लेकिन मैं पूरे मूड में था, मैंने मीरा को बाँहों में भर लिया और होंठों पर होंठ रख दिए। कमाल की किस करती थी मीरा, ऐसा लगता था जैसे जन्मों की प्यासी हो ! मेरे मुँह में अन्दर तक जुबान डालकर चूसने लगी।

मैंने उसे बेड पर लेटा लिया और हम रजाई में घुस गए। मेरे हाथ मीरा के बदन से खेलने लगे और वो सीत्कारें भरने लगी।

मैंने उसका स्वेटर उतार फेंका और कपड़े भी उतार दिए। मीरा पूरी तरह गरम हो चुकी थी और उसने अपना हाथ मेरे लंड पर फेरना शुरू कर दिया। अब वो ब्रा पेंटी में थी, मैंने उसके पूरे बदन पर जुबान फेरी तो वो खुद बोली- मम्मे तो चूसो जानू !

मैंने उसकी ब्रा उतारी तो हैरान रह गया, इतने सेक्सी मम्मे तो मैंने किसी लड़की के भी नहीं देखे थे, एकदम सख्त और गुलाबी चूचियाँ।

मैंने जोर से उसके मम्मे दबाये और चूसने लगा मेरा एक हाथ मीरा की पेंटी में चला गया। इतने में वेटर ने बेल बजा दी और खाना ले आया।

मैं जल्दी से तौलिया लपेट कर दरवाज़े पर गया और वहाँ से खाना पकड़ कर ले आया।

मैंने मीरा की पेंटी उतार दी, उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे। मैं बिस्तर के पास खड़ा हो गया और मीरा को बेड पर बिठाकर अपना लन उसके मुँह में डाल दिया।

मीरा मेरे लन को लॉलीपाप की तरह चूसने लगी।

अब मैंने उसको लेटा कर उसकी टाँगें खोल दी और उसकी चूत चूसने लगा।

वो चिल्लाई- चूसो कमल ! जोर से चूसो मेरी चूत ! प्यास बुझा दो इसकी ! हाय माँ ! पहले कहाँ थे कमल ! जल्दी दे लण्ड डाल दो प्लीज !

मैंने लन चूत पर रखा, मीरा की फ़ुद्दी पूरी गीली थी।

मीरा ने खुद पकड़कर लन को अपनी चूत में ले लिया मैं पूरे जोश से उसकी चुदाई करने लगा।

मीरा बोली- कमल अन्दर डिस्चार्ज न करना !

फिर मैंने उसको घोड़ी बना कर खूब चोदा।

अब मीरा मेरे ऊपर आ गई और जोर जोर से धक्के लगाने लगी।

मैंने मीरा को फिर से घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लन डालने लगा तो मीरा चिल्ला उठी, मैंने अपना लन बाहर निकाल लिया।

चुदाई करते हुए मैंने कहा- मीरा, तुम्हारी बेटी सुमन भी तो बहुत सेक्सी है।
मीरा गुस्से में बोली- सुमन पे बुरी नजर न रखना कभी !
मैंने सॉरी बोल दिया।

करीब दस मिनट बाद मेरा छूटने लगा तो मैंने लन बाहर निकल लिया।

मीरा मेरी मुठ मारने लगी और मैंने लन उसके मुँह के पास कर कर दिया, मैं उसके गालों पर पिचकारी मारते हुए छुट गया।

मीरा ने बताया कि वो भी दो बार झड़ चुकी है।

इसके बाद हम बाथरूम में गर्म पानी से नहाये।

फिर हमने खाना खाया, मीरा अब अपने कमरे में चली गई सुबह फिर चुदने का वादा करके।

मैंने सुबह चार बजे फिर उसको चोदा और जब सुमन परीक्षा देने गई तब एक बार फिर से !

बाद में मैं अपना बिज़नेस का काम करके आ गया और मीरा और सुमन मेरे साथ जालंधर वापिस आ गई।

सुमन की अब शादी हो चुकी है, मीरा के बेटे की भी लेकिन जब भी मौका मिलता है मीरा मुझसे चुदाई करवा कर अपनी प्यास बुझा लेती है, अब भी वो पहले की तरह सेक्सी है लेकिन सुमन को चोदने की मेरी तम्मना पूरी नहीं हो सकी।

कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताना !
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