मुझे रण्डी बनना है-2

(Mujhe Randi Banna Hai-2)

हरेश जोगनी 2009-01-24 Comments

This story is part of a series:

सुशी ने नखरीले अंदाज में मुझे बाहों में लपेटा और मेरे कमर पर हाथ डाल कर ले गई। उसने बिन बांह का नीला ब्लाउज और नीली साड़ी पहनी थी।

सुशी- चलो राजा जी, अब तुम्हें भी मज़ा दे दें! एड्स तो नहीं न हुआ?
मैं- न, नहीं, क्यों?

सुशी- मैं तुमसे बिना निरोध के चुदवाना चाहती हूँ! देखो, आज सब तरह से मजे करवा दूँगी! तुम क्या दोगे? तुम्हारी बीवी अब हम जैसे धंधा करेगी तो वो हमारी दीदी और आप उनके मर्द हो इसलिए आप हमारे जीजाजी!

मैं- चलो पहले देखने दो कि क्या कर सकती हो? मेरी साली जी!

कमरे जाती ही वो मेरे गोद में बैठ गई और उसने मुझे चूम लिया। उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और खुद कपड़ों में मेरी गोद में बैठ गई। उसने मेरे छाती के बालों के साथ खेलना शुरू किया और थोड़ी ही देर में मेरे लौड़े पर हाथ पहुंचा दिया। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा और धीरे से उसकी गेंदों को दबा दिया।
वो सिसक उठी।

मैंने उसकी गांड पर साड़ी में से हाथ फेरा तो पता चला कि उसने चड्डी ही नहीं पहनी थी।
मैं- सुशी, तुम चड्डी नहीं पहनती?

सुशी- नहीं ! क्योंकि यहाँ सब फटाफट चोदने के लिए आते हैं ! जीजू तुम आराम से चोदो, देखूँ कि तुम में कितना दम है?

मैं- तुम थक जाओगी मेरे लौड़े से ! पर मैं नहीं थकने दूंगा तुम्हें ! जब तक सीमा (सुनीता) तैयार नहीं होती, मैं खेलूंगा तुम्हारे भोसड़े मुंह और गांड से।

सुशी- बस अब मुझे नंगी कर दो !

मैंने उसके कपड़े उतारे तो पता चला कि क्या मस्त जिस्म था उसका !

मैंने बिना सोचे उसके भोसड़े में जीभ डाल दी, यह भी नहीं याद रहा कि यह एक धंधे वाली का भोसड़ा है।

मैं- सुशी, तुम्हें तो एड्स नहीं हुआ न?

सुशी- जीजू, मैं 6 महीने से आई हूँ, मुझे भी दीदी जैसे शौक है और इस पूरे मोहल्ले में मौसी जैसा कोठा कोई नहीं ! यहाँ सिर्फ नामी लोग आते हैं जो अपनी पहचान छुपाना चाहते हैं। पर एकदम साफ़ सुथरी औरत चाहते हैं, सो मौसी ने एक डॉक्टर को रखा हुआ है, वो हम सबकी चेकिंग हफ़्ते में एक बार करता है। मेरी चेकिंग कल ही हुई है और मैं तंदरुस्त हूँ।

यह सुनकर मैं खुश हुआ और मैंने उसके भोसड़े में दुबारा जीभ डाल दी। सुशी ने दोनों जांघों में मेरा सर दबा दिया, वो गर्म हो रही थी।

सुशी- जीजू, मेरी दीदी के भड़वे ! चूसो मेरा भोसड़ा ! जोर से चूसो ! बहुत अन्दर तक चूसो।

करीब 15 मिनट में उसका पानी छूट गया। मैंने उसे अपना लौड़ा चूसने को कहा तो-

सुशी- जीजू, तुम 4 दिन तक यही हो तो बारी बारी मजे करेंगे। अभी मुझे थोड़ा धंधा करने दो।

इतना कहकर कपड़े पहनकर वो चली गई। बाहर आकर देखा तो सुनीता रंडियों के जैसे मेकअप करके बैठी थी, उसने किसका लो-कट टाईट बिना बाहों वाला कुरता पहना था और हाफ-पेंट पहनी थी। और एकदम लाल रंग की लिपस्टिक लगाई थी। मैं दंग रह गया उसे देख कर !

मेरे पीछे से मौसी ने आकर कहा- क्यों राजू? लग रही है न टॉप क्लास?

मैं- क्या?

मौसी- अरे भड़वे ! रंडी लग रही है न? पहला दिन है तो बस एक ही ग्राहक ! साली रोज कम से कम पाँच ग्राहक लेगी तो 500-1000 के हिसाब से 2500- 5000 रूपए कमाएगी। अब तू कोने में बैठ कर देख कि तेरी घरवाली कैसे कस्टमर को पटाती है।

मौसी ने सुनीता के पास जाकर कहा- देखो, हर चीज के दाम लेना ! सिर्फ चोदने के 500 रूपए, छाती खोलकर गेंद दबाने के 250 रु. अलग ! और मुंह में लौड़ा लेने के 500 अलग ! और सारा काम करना है तो 1250 रु. होते हैं पर तू कम से कम 1000 रुपए तो लेना ही ! बिल्कुल कम मत करना। यहाँ दया नहीं पैसा चाहिए और सुन कोन्डोम जरूर चढ़ाना। और जब तक तू यहाँ है तब तक तेरे मर्द के साथ नहीं सोएगी, आज तेरे लिए मैं कस्टमर ढूढूँगी।

सुनीता- बहुत अच्छा ! मौसी जरा कसदार और मालदार ही पकड़ना !

मौसी- मेरे यहाँ सब ऊँचे लोग ही आते हैं।

कोने में खड़ी जाहिदा ने मेरी ओर देख कर एक फ्लाईंग किस दी। यह देख कर सुनीता हस पड़ी। मैं तो सुनीता को तुरंत चोदना चाहता था, मैं उससे बात करने ही वाला था कि उतने में एक युवक आया तो मौसी बोली- आओ आओ ! बहुत दिन बाद? क्या कोई तकलीफ?

युवक- नहीं यार ! दफ्तर में काम था और बॉस छोड़ता ही नहीं था तो फिर थक हार कर घर जाकर सो ही जाता था।

मौसी- कोई बात नहीं ! देखो कोई पसंद है?
युवक- मौसी, यह नई कौन है? साली मस्त लग रही है।

मौसी- यह सीमा है, यह शौक से रंडी बन रही है, यह नई रंडी है। वैसे है पुरानी पर इस शहर में नई आई है।

युवक- बस यही चाहिए मौसी ! पूरे 2000 दूँगा।
मौसी- नहीं यह काम उसका पहला है और मुहूर्त 5000 रुपए होगें !
युवक- मौसी, इतने नहीं हैं ! 4000 रुपए रखो ना !
मौसी- चल ठीक है, तू पुराना ग्राहक है।
युवक- चल मेरी नई नवेली रंडी रानी !

इतना कह कर वह सुनीता(सीमा) को हाथों में उठाकर कमरे में ले गया..

सुनीता सच में घबराई हुई थी क्योंकि पहली बार रंडी जो बनी थी।

मौसी- देखा राजू, तेरी बीवी का कमाल? आते ही 4000 रुपए कमा लिए। आज और सिर्फ दो कस्टमर मिलते ही उसको आराम से रहने दे ! राजू, तू चल मेरे कमरे में ! देख वहाँ से कि कैसे चुद रही है तेरी बीवी ! मैंने हर एक कमरे में कैमरा फिट किया है जिससे कस्टमर और रंडियों पर नजर रख सकूँ।

हम मौसी के कमरे में पहुंचे आलीशान कमरा था और ए सी भी लगा था। मौसी ने सिगरेट जलाई, बड़ी सेक्सी लग रही थी, उसकी उम्र 40 साल से ज्यादा नहीं होगी। उसने सी.सी.टी.वी. चालू किया और हर कमरे का नजारा दिखाई दिया। जाहिदा के पास भी कस्टमर आ पहुँचा था और वो उससे भाव-ताव कर रही थी।

दूसरे कमरे में सुशी के ऊपर कस्टमर चढ़ा था, वो पूरी ताकत लगा कर चोद रहा था। तीसरे कमरे में सुनीता और वो युवक पहुँचे और सुनीता ने उससे पैसे लिए और बाहर जाकर अपने पेटी में रख दिए। इस बीच युवक ने शर्ट निकाली और जांघिए में बैठ सुनीता का इन्तजार करने लगा।

सुनीता के आते ही उसने सुनीता के पीछे जाकर उसके गेंद दबा दिए। इस पर सुनीता ने उसका लौड़ा हल्का सा दबा दिया और कस कर चुम्मी ली।

यह देखकर मौसी बोली- साली बड़ी शरारती है रे तेरी बीवी?

पढ़ते रहिए ! कहानी जारी रहेगी !
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2002

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