सेक्सी सविता भाभी का जिगोलो

प्रेषक : सुरेश

हाय दोस्तो, मेरा नाम सुरेश है, मैं सूरत से हूँ, मेरी उम्र 21 साल है, कद 5 फ़ुट 3 इंच है। मैंने यहाँ अन्तर्वासना पर काफ़ी कहानियाँ पढ़ी हैं और इससे प्रेरित होकर मैंने अपनी कहानी लिखी है।

बात करीब 6 महीने पहले की है, एक दिन जब मैं कॉलेज से घर लौट रहा था, तभी न जाने कैसे मेरी बाइक में पंचर हो गया और मैंने देखा कि कोई पंचर वाला भी आसपास नहीं था। मैंने सोचा कि बाइक इधर कहीं रख कर चला जाता हूँ, बाद में किसी दोस्त को लेकर बाइक ले जाऊँगा।

मैंने बाइक वहाँ एक मॉल की पार्किंग में रख दी और ऑटो के लिए सड़क पर आ गया। बाद जब मैंने वहाँ एक भी ऑटो नहीं देखा तब मुझे याद आया कि आज तो ऑटो वालों की हड़ताल है।

शाम के 5 बज चुके थे और मेरे पास आखरी रास्ता था लिफ़्ट।

मैं वहाँ पर लिफ़्ट मांग रहा था, तभी मेरे पीछे वाली बिल्डिंग से एक शानदार कार आई और हॉर्न बजाकर मुझे बाजू हटने को कहा। मैंने धीरे-धीरे पीछे हटते हुए कार में देखा तो एक औरत कार चला रही थी और वो भी मुझे देख रही थी।

मैंने तुरंत लिफ़्ट मांग ली और उसने मुझे अपनी गाड़ी में बिठा लिया। और जब मैंने कार का दरवाजा खोला तो मैं तो दंग रह गया।

यार, क्या माल था ! उसके मम्मे इतने बड़े थे कि मैं ऐसे मम्मे याद कर कर के तो मूठ मारता था।

वो बोली- अंदर आ जाओ !

मैं कार में बैठ गया।

हम बातें करने लगे। उसने अपना नाम मुझे सविता वताया।

बाद में उसने कहा- क्या करते हो?

मैंने कहा- टी वाय में हूँ।

फ़िर उसने पूछा- कोई गर्लफ़्रेन्ड है?

मैंने कहा- नहीं।मैं मन ही मन उसे पटाना चाह रहा था, वो भी थोड़ी उत्सुक थी। बाद में वो भी मेरे साथ सेक्सी बातें करने लगी और बातों ही बातों में उसने मुझे बताया- मेरा पति लंदन में है।

और मैं समझ गया कि यह क्या कहना चाहती है।

मैंने कहा- आप तो लकी हो !

उसने कहा- काहे की लकी?

मैं पूरा मामला समझ गया।

और वो भावुक हो गई, उसने बताया कि वो वहाँ जिगोलो के लिए आई थी।

बोली- मैंने तुम्हें देखा तो मन ही मन कुछ हुआ और तुम्हें लिफ़्ट दे दी।

बाद में उसने कहा- क्या तुम मेरे जिगोलो बन सकते हो? मैं तुम्हें इसके पैसे भी दूँगी।

मैंने पहले आनाकानी की पर मान गया और मैंने अपने घर फ़ोन कर दिया, कहा- मैं देर से लौटूँगा।

वो मुझे अपने फार्महाउस पर ले गई। क्या फार्महाउस था ! मैं तो देखता रह गया ! वो मुझे अंदर ले गई।

उसने कहा- यहाँ पर हम दोनों के सिवा कोई नहीं है।

वो मुझे एक कमरे में ले गई, मैं तो खुश हो गया।

उसने कहा- बैठो, मैं आती हूँ।

और वो बाथरूम में चली गई।

बाद में वो नाइटी पहन कर आई तो मेरा लंड खड़ा हो गया। क्या बताऊँ कि वो क्या माल लग रही थी।

उसके बाद वो मेरे करीब आई और मेरे कपड़े उतारने लगी।

मैं जोश में आ गया और मैंने उसको पकड़ लिया और लंबी-लंबी चुम्मियाँ करने लगा।

मैंने उसे खड़ी करके उसकी नाइटी उतारी और उसके बड़े-बड़े चुच्चे दबाने लगा।

उसने मुझे कहा- मेरी चूत चाटो !

हम लोग 69 की स्थिति में आ गए, उसकी चूत भी उसके बदन की तरह साफ थी।

मैं उसकी चूत जब चाट रहा था तो वो सिसकारने लगी- ओ ! ओऊ ! अह !

और साथ ही मेरा बड़ा सा लण्ड चूसने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसे बेड पर पटका और उसके ऊपर लेट गया, उसके मम्मे चूसने लगा।

वो मदहोश हो चुकी थी।

मैं अपना लण्ड उसके स्तनों की घाटी में रख कर रगड़ने लगा।

वो बुरी तरह से सीत्कार रही थी। उससे सहन नहीं हो रहा था। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा, मैं उसे और तड़पाना चाहता था इसलिए मैंने उसकी चूत को अपने लण्ड से रगड़ना शुरू किया।

उसने कहा- एक मिनट !

मैं रूक गया, उसने अपने पर्स में से एक कोडंम निकाल कर मेरे लण्ड पर पहनाया।

उसने कहा- अब चोदो वरना मर जाऊँगी।

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में जैसे ही डाला, उसकी आवाज फट गई, वो बेबस हो गई और उसकी आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उसे बहुत चोदा, बाद में मैंने उसे उलटा लिटाया और घोड़ी स्टाईल में भी खूब चोदा।

पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद उसने कहा- आज से तुम मेरे जिगोलो हो, मैं तुम से ही चुदवाया करुँगी।

वो बेड पर लेटी रही और उसने कहा- वहाँ मेरा पर्स है, तुम चाहो पैसे ले लो और मुझे अपना फ़ोन नंबर दे दो, मेरा नंबर ले लो, जब तुम फ्री हो, तब मुझे काल करना, मैं तुम्हें ले जाऊँगी।

मैंने मेरा नंबर दिया, उसका नंबर लिया, थोड़े से पैसे लिए और कहा- अब मुझे घर छोड़ दो।

और तब से मैं जिगोलो बन गया हूँ।

आप को मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करें !

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प्रकाशित : 5 मार्च, 2013

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