लेडी डॉक्टर ने मेरे लंड की खुजली का इलाज किया- 3

(Lady Doctor Xxx Story)

हर्षद मोटे 2022-03-07 Comments

लेडी डॉक्टर Xxx स्टोरी में पढ़ें कि मेरी खुजली का इलाज करने वाली डॉक्टर ने मुझे अपने घर बुलाया. उसने मुझे अपनी अनबुझी सेक्स की प्यास के बारे में बताया.

फ्रेंड्स, मैं हर्षद आपको अपनी गरम सेक्स कहानी में एक बार फिर से मजा देने के लिए हाजिर हूँ.
पिछले भाग
प्यासी औरत के हाथ में मेरा लंड
में अब तक आपने पढ़ा था कि डॉक्टर रेखा ने मुझे अपने घर बुला लिया था और वो मुझसे चुदने के लिए मचल रही थी.

अब आगे लेडी डॉक्टर Xxx स्टोरी:

मैंने कहा- रेखा अब बताओ, तुमने मुझे क्यों बुलाया … सब कुछ ठीक है ना? कोई तकलीफ है तुम्हें? जो भी है बता दो. मैं तुम्हारी मदद करूंगा.

उसी समय रेखा एक हाथ से मेरी जांघों को सहलाती हुई बोली- हर्षद जब से तुम्हें पहली बार देखा है, मैं तुम्हें चाहने लगी हूँ … और उससे भी आगे और एक बात है.
मैंने कहा- और क्या रेखा?

तो रेखा बोली- और जब से तुम्हारा वो पहली बार देखा था, तब से मैं बहुत बेचैन हूँ हर्षद.
मैंने समझकर भी ना समझते हुए उससे पूछा- वो मतलब क्या … ऐसा क्या देखा तुमने रेखा?

तो वो शर्माकर बोली- अरे वो तुम्हारा लंबा सा और मोटा है न … वो?
मैंने कहा- उसका नाम तो बताओ रेखा!

रेखा बोली- तुम बहुत बदमाश हो. मेरे मुँह से ही सब सुनना चाहते हो ना, तो सुनो …
और रेखा ने मेरे लंड पर हाथ रखते हुए कहा- जब से तुम्हारे इस मोटे लंड को देखा था, तब से दीवानी हो गई हूँ इसकी!

मैंने रेखा के कंधे पर एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से उसके स्तन सहलाते हुए बोला- तुम्हें ये नाम कैसे मालूम है रेखा?

तो रेखा बोली- क्यों मुझे क्यों नहीं मालूम होगा? हर्षद मुझे सब पता है और मैं अन्तर्वासना की कहानियां भी पढ़ती हूँ.

अब उसने मेरे कंधे पर एक हाथ रखकर दूसरे हाथ से मेरे सीने के निपल्स कुरेदे और सीना सहलाने लगी.

वो- हर्षद, मुझे तुमसे बहुत सारी बातें करनी हैं.
मैंने कहा- जो भी दिल में है, सब बता दो रेखा. मैं तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा. मुझ पर भरोसा रखो.

मेरी बात सुनकर रेखा ने मेरे सीने पर अपना सर रख दिया और मेरे सीने पर अपने हाथों से सहलाती हुई बोली- हर्षद तुम मुझे भरोसेमंद इन्सान लगे इसलिए तो तुम्हें बुलाया है. शादी से पहले और शादी के बाद तुम पहले मर्द हो हर्षद, जिसे मैं चाहने लगी हूँ. जब से तुम्हें और तुम्हारे मोटे लंड को पहली बार देखा है, तब से इसने मेरी रातों की नींद हराम कर दी है. जब भी याद आती है, तो मेरी चूत गीली हो जाती है. बरसों से मेरी चूत प्यासी थी, पर मैं सब सह लेती थी. लेकिन तुमने तो मेरी चूत की आग और भड़का दी है हर्षद. मैं क्या करती … इसलिए मैंने तुम्हें यहां फोन करके बुलाया है.

मैंने कहा- रेखा, जो तुम्हारा हाल है … वही मेरा भी हाल है. जब से तुम्हें देखा है और तुम्हारा वो पहला स्पर्श महसूस किया है. वो तुम्हारे मुलायम हाथ जो मेरे लंड को सहलाते थे. तुम्हारी सेक्सी फिगर, बाहर निकले हुए तुम्हारे मांसल कूल्हे और तुम्हारे गोल और कड़क स्तन की यादों ने मेरी भी नींद हराम की हुई है. लेकिन मेरी तुम से कहने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी रेखा. अच्छा हुआ खुद तुमने कहकर अपने दोनों की बीच की दूरियां खत्म कर दीं.

ये सब बातें करते करते हम एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे.

रेखा बोली- अच्छा तो तुम इतना चाहते हो मुझे हर्षद. मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि कोई मुझे भी इतना चाहता है. लेकिन एक बात बोलूं हर्षद, मुझे तो तभी पता चला था, जब तुम पहली बार मेरी चूत को साड़ी के ऊपर से ही रगड़ रहे थे. इसलिए मैंने भी अपनी टांगें फैलाकर तुम्हें सहमति दे दी थी.
मैंने कहा- अच्छा. रेखा तुम भी बहुत बदमाश हो.

मैंने उसके स्तन रगड़ते हुए कहा, तो रेखा से मुँह से ‘आह उन्ह … क्या कर रहे हो …’ सीत्कार निकली.
खुद को अलग करती हुई रेखा ने कहा- कितनी जोर से रगड़ते हो हर्षद. दर्द होता है यार. आज तक मेरे पति रमेश ने भी इन्हें कभी इतनी जोर से नहीं रगड़ा है इन्हें. लेकिन मजा आता है हर्षद.

मैंने रेखा से कहा- रेखा एक बात पूछना चाहता हूँ. इजाजत है … तुम गुस्सा तो नहीं करोगी ना!
रेखा बोली- हर्षद तुम कुछ भी पूछ लो. आज से ये समझो कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ. और मेरा तुम पर पूरा भरोसा है. हमारे बीच जो भी बातें होंगी और हम दोनों का हर रिश्ता सिर्फ हम दोनों तक ही सीमित रहेगा हर्षद. अब पूछो.

मैं- देखो रेखा बुरा मत मानना, लेकिन तुम शादीशुदा, एक बच्चे की मां भी हो और तुम्हारे पति डाक्टर रमेश हर संडे तुम्हारे साथ रहते भी हैं, फिर भी तुम्हारी चूत प्यासी क्यों है?
रेखा- तुमने ठीक ही पूछा है हर्षद. अब तुम्हें बताना ही पड़ेगा. मेरा पहला सेक्स शादी के बाद ही सुहागरात में हुआ था. मेरे पति ने ही मेरी सील तोड़ी थी. तब हम दोनों ही जोश में थे. उनका लंड तुम्हारे जैसा नहीं है. उनका पांच इंच लंबा और एक इंच जाड़ा है. वो पांच मिनट के अन्दर ही झड़ जाते हैं. मुझे अभी तक इतने में ही बहुत मजा आ जाता था.

इतना कह कर वो मेरी तरफ देखने लगी. मैंने उसकी तरफ आगे बताने का इशारा किया, तो वो आगे बताने लगी.

रेखा- फिर मेरी चूत छोटी होने के कारण भी मुझको बहुत मजा आता था. लेकिन छह महीने बाद मेरी चूत भी बड़ी हो गयी थी और मेरे पति अब हफ्ते में दो बार ही चोदते थे. इसलिए मेरी चूत प्यासी ही रहने लगी. ऐसे महीने और साल बीतते गए. मैं अपने आपको समझाती रही कि मेरे पति का काम का बोझ, अस्पताल की बढ़ती हुई जिम्मेदारियां और बारह से चौदह घंटा काम करना … शायद इसी वजह से वो मुझे अपना समय नहीं दे पाते हैं और ना ही मुझे सेक्स का पूरा आनन्द दे पाते हैं. फिर जब मैं गर्भवती रही और बेबी हुई तो डेढ़ साल तक हमारे बीच सेक्स नहीं हुआ था. मैं क्या कर सकती थी, मैं अपने मन को समझाती रही. फिर रमेश ने मुझे इधर क्लीनिक खोल कर दिया. तभी से दिन ऐसे ही घर का काम और क्लीनिक में गुजारने लगी. लेकिन रात को पूरे बदन में और चूत में आग लगी रहती थी, तो मैं अन्तर्वासना की कहानी पढ़कर या ब्लू-फिल्म देखकर अपनी आग ठंडी करती थी. हर्षद मैं भी एक औरत हूँ, आखिर कितने दिन ऐसा करती? भगवान ने मेरी सुन ली और तुम मुझे मिले. जैसा मैं चाहती थी वैसे ही हो तुम हर्षद.

ये कह कर रेखा मेरा लंड लुंगी के ऊपर से ही रगड़ने लगी.

तो मैंने भी एक हाथ से उसकी चूत नाईटी के ऊपर से ही रगड़ते हुए कहा- रेखा, आज तक तुमने बहुत सह लिया है, लेकिन अब नहीं. मैं तुम्हें हर वो खुशी देना चाहता हूँ, जो तुमने कभी अनुभव नहीं किया. मैं तुम्हारे चेहरे पर हमेशा खुशी देखना चाहता हूँ. तुम्हारे तन और मन की लगी आग को मैं बुझा दूंगा रेखा. आई लव यू रेखा!

ये कहते हुए मैंने अपने होंठ रेखा के मुलायम होंठों पर रख दिए.

पहली बार रेखा पराए मर्द के होंठों का स्पर्श अपनी गुलाबी होंठों पर महसूस कर रही थी तो वो कामुकता से सिहर उठी.

उसने मेरा सर अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और मेरे होंठ चूसने लगी थी.
हम दोनों की जीभ आपस में टकराने लगी थी.

पांच मिनट चूमाचाटी करने के बाद रेखा मुझसे बोली- उठो हर्षद, अब रहा नहीं जाता … चलो बेडरूम में चलते हैं. आओ मेरे साथ.

रेखा उठकर चल पड़ी और मैं उसके पीछे.
चलते समय उसके गोल मटोल कूल्हे ऊपर नीचे हो रहे थे. दोनों के बीच की दरार देखते ही मेरा लंड लुंगी में ही उछलने लगा.

बेडरूम में जाते ही रेखा ने दरवाजा बंद कर दिया और ए सी चालू किया.

मैं बेड पर बैठा तो रेखा मेरे पास आयी और मेरी लुंगी खींचकर बेड पर रख दी.
अब मैं पूरा नंगा था.

मैंने भी जोश में रेखा की नाईटी झट से निकाल कर बेडपर फैंक दी.
अब वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी. उसकी पैंटी गीली हो गयी थी.

मैंने उसे बांहों में भर लिया और पीठ सहलाते सहलाते ब्रा कर हुक खोल दिया.
रेखा के कसे हुए गोलाकार स्तन आजाद होकर डोलने लगे थे.

मैं अपने दोनों हाथों से स्तन सहलाने लगा.
साथ ही मैं उसके कड़क निपल्स को भी सहला रहा था तो रेखा मुँह से कामुक सिसकारियां लेने लगी.

रेखा मुझे अपनी बांहों में कसकर अपने मम्मे मेरे सीने पर रगड़ने लगी. नीचे मेरा लंड उसकी चूत पर पैंटी के ऊपर से ही ठोकर मार रहा था.

मैं अपने दोनों हाथ उसके कूल्हों पर रखकर सहलाने लगा.
एकदम कड़क और मांसल कूल्हे थे.

मैंने सहलाते सहलाते उसकी पैंटी नीचे कर दी और अपने एक पैर से नीचे खींचकर निकाल दी.
उसकी चूत नंगी हो गई तो मेरे लोहे जैसे लंड का सुपारा सीधा रेखा की चूत पर रगड़ खाने लगा.

इससे रेखा एकदम से सीत्कारने लगी- उफ्फ स्स स्स हाय हुं ऊंई.

रेखा के मुँह से मादक आवाजें निकल रही थीं, इससे मैं जोश में आकर उसके कूल्हे जोर जोर से मसलने लगा तो मेरे लंड का दबाव उसकी चूत पर बढ़ने लगा.

रेखा भी मेरी पीठ और कूल्हे जोर से सहलाने लगी थी.

उसके मुँह से जोर जोर से बड़बड़ाने की आवाज आने लगी- हर्षद अब कुछ करो, नहीं सहा जाता उफ्फ स्स … स्स हूँ हुह उफ.

फिर मैंने उसे अपने दोनों हाथों से उठाकर चूम लिया और बेड पर लिटा दिया.
उसके ऊपर अपने घुटनों के बल आ गया और उसके ऊपर झुक कर मैंने उसके माथे को चूम लिया.

फिर बारी बारी से उसके गाल, होंठों, गर्दन और निपल्स को चूमता रहा.

रेखा मदहोश होने लगी थी.
जैसे ही मैं उसका एक स्तन अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे स्तन को हाथ से मसलने लगा तो रेखा बेहद गर्म आवाज में सीत्कारने लगी- ऊंई मां मर गई हर्षद … उफ्फ इस्स स्स आह खा लो आह.

फिर मैं उसका दूसरा स्तन मुँह में लेकर चूसने लगा और पहले वाला स्तन मैं अपने हाथों से रगड़ने लगा.
रगड़ रगड़ कर और चूस चूस कर रेखा के दोनों गोरे गोरे स्तन लाल हो गए थे.

रेखा भी वासना से अपने दोनों हाथों से मेरा सर अपने मम्मों पर दबाने लगी थी.
वो मदहोश हो गयी थी.

चूंकि रेखा पहली बार ये सब अनुभव कर रही थी तो वो बेहद कामुक हो गई थी.

उधर नीचे मेरा लंड रेखा की चूत पर झूल रहा था.
रेखा अपनी कमर हिलाकर अपनी चूत को लंड पर रगड़ ले रही थी.

थोड़ी देर बाद मैं थोड़ा नीचे सरक कर उसके पेट और नाभि पर आ गया और नाभि को लगातार अपने होंठों से चूमने लगा था.
बीच बीच में ही मैं अपनी जीभ उसकी नाभि में गोल गोल घुमाने लगा.

इससे रेखा की कसमसाहट बढ़ने लगी.

थोड़ी देर इस चुम्मा चाटी के बाद मैं और नीचे सरक गया तो उसकी चिकनी और उभरी हुई चूत देखकर मेरा लंड फड़फड़ाने लगा था.

मैं अपने दोनों हाथों से रेखा की मांसल और गोरी गोरी जांघें सहलाने लगा तो रेखा चिहुंक उठी.
जांघों पर हाथ सहलाते सहलाते मैं अपने हाथ उसकी चूत के आस पास सहला रहा था.

रेखा अपनी कमर हिला रही थी. वो मेरे हाथों का स्पर्श होते ही मचलने लगी थी.

क्या मस्त कसी हुई चूत थी. लाल गुलाबी और गीली होने के कारण चिकनी हो गई थी.

मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था तो मैंने नीचे झुककर अपने होंठों को उसकी गुलाबी चूत पर रखे और जोर से चूम लिया.

रेखा के मुँह से ‘आह उफ्फ ऊंई हं स्स स्स हाय …’ की मादक आवाजें निकलने लगीं, बोली- हाय रे हर्षद … आज पहली बार मेरी चूत को तुमने चूमा है. बहुत मजा आ रहा है.

ये सुनकर मैं जोश में आ गया और अपने दोनों हाथों की उंगलियों से उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को दोनों तरफ फैलाने लगा.
फिर अपनी जीभ उसकी गुलाबी चूत में डाल दी और अपनी जीभ से चूत की मुलायम दीवारों को सहलाने लगा.

इससे रेखा जोर से चिल्लायी- हाय रे हर्षद उफ्फ स्स्स् स्स ऊंई ऊंई हँ हुं हं हं हाय आह क्या कर रहे हो … अब नहीं सह सकती हर्षद … और कितनी आग लगाओगे मेरी चूत में. अब बस भी करो ना.

लेकिन मैं उसकी बात कहां सुनने वाला था. अब मैंने अपने दोनों हाथ उसके दोनों मम्मों पर रख दिए और आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगा. मैं रेखा को और तड़पाना चाहता था.

दोस्तो, डॉक्टर रेखा जैसी मदमस्त हसीना मेरे लंड से चुदने के लिए एकदम गर्म हो चुकी थी.
इस गरम लेडी डॉक्टर Xxx स्टोरी के अगले भाग में मैं आपको चुदाई का पूरा मजा लिखूँगा.
आप मुझे मेल करना न भूलें.
[email protected]

लेडी डॉक्टर Xxx स्टोरी का अगला भाग: लेडी डॉक्टर ने मेरे लंड की खुजली का इलाज किया- 4

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