पति के सहयोग से बड़े लंड का मजा लिया
(Live Sex Scene Kahani)
लाइव सेक्स सीन कहानी में पति के साथ होटल आई पत्नी किसी गैर मर्द का इन्तजार कर रही थी उसके बड़े लंड से चुदने के लिए. सेक्सी बीवी कैसे चुदी अपने पति के सामने?
गोवा के एक लग्ज़री फाइव स्टार होटल की सबसे ऊपरी मंजिल पर, समुद्र के किनारे एक प्राइवेट सुइट में, सोना, प्रेम, और बुलराज की कहानी नई ऊँचाइयों को छूने वाली थी।
सुइट की विशाल खिड़कियाँ समुद्र की लहरों का नज़ारा दे रही थीं।
कमरे में मंद रोशनी, रेशमी चादरों वाला किंग-साइज़ बेड, और एक शानदार लाउंज एरिया था।
धीमा कामुक म्यूजिक, दीवारों पर समकालीन कला, और बेड पर गुलाब की पंखुड़ियों की सजावट ने माहौल को और रंगीन बना दिया था।
हवा में चंदन और समुद्री नमक की खुशबू तैर रही थी।
नहाने और मेकअप के बाद सोना अपने नग्न गदराए शरीर के साथ सुइट के लाउंज में लगे लाल लेदर सोफे की ओर बढ़ी।
उसकी बड़ी गांड और बड़ी चूचियाँ बेकाबू होकर इधर-उधर उछल रही थीं।
उसने होठों पर ब्लैक लिपस्टिक लगाई थी, गले और कमर में मोतियों की माला थी, और पैरों में लाल बड़ी हील वाली सैंडल।
नाक में उसकी फेवरेट डायमंड नथिया चमक रही थी।
तभी फोन की घंटी बजी।
सोना ने फोन उठाया।
इसी के साथ लाइव सेक्स सीन कहानी शुरू हो गयी.
दूसरी तरफ एक भारी आवाज़ वाला आदमी था।
प्रेम ने सोना को कहते सुना, “वेलकम टू गोवा, माय बिग बुल!”
गूची का सेंट छिड़कते हुए सोना ने प्रेम से कहा, “अभी शाम के सात बजे हैं। मेरा सुनील शेट्टी जैसा दिखने वाला वेटलिफ्टर मराठी बुलराज वादे का पक्का है। वह एयरपोर्ट पर उतर चुका है और आठ बजे तक इस सुइट में आ जाएगा। उसके आने से पहले मुझे और मेरी पूसी को तैयार कर दो मेरे प्यारे हसबैंड प्रेम!
“वह हमेशा कहता है कि मेरी गांड, मेरे बूब्स, और मेरे सेक्सी होंठ दुनिया में सबसे सुंदर हैं। उसके मुताबिक मेरी मोटी चूत मराठी वडापाव जैसी है। देखती हूँ, सचमुच देखने के बाद वह क्या कहता है!” सोना ने मुस्कुराते हुए प्रेम को ललचाया।
प्रेम ने कहा, “कोई अंधा भी कहेगा कि तुम हुस्न की रानी हो!”
सोना इठलाती और मुस्कुराती हुई सोफे पर बैठ गई।
उसने अपनी दोनों टाँगें सोफे के दोनों तरफ फैलाकर अपनी भरी-भरी जाँघों के बीच हल्के बालों वाली चूत सहलाने लगी।
प्रेम ने इशारा समझ लिया।
“पूरा साफ कर दूँ या कुछ हिस्सा छोड़ दूँ?” उसने पूछा।
“एक छोटा-सा ट्रायंगल छोड़ दो। लेकिन पहले मुझे एक ग्लास वाइन और एक सिगरेट दो!” सोना ने कहा।
प्रेम ने अपनी रानी बीवी की फरमाइश पूरी की।
“लगता है, आज तुम बहुत ज़्यादा एक्साइटेड हो, सोना!”
“हाँ, प्रेम, मेरी चूत अभी से भीगी हुई महसूस हो रही है। न जाने आज की रात कैसी कयामत की रात होगी!”
प्रेम फ्लोर पर बैठकर सोना की चूत पर क्रीम लगाकर उसकी मखमली पूसी को शेव करने लगा।
सोना रेड वाइन के सिप लेने लगी।
प्रेम ने काफी मेहनत की।
तौलिये से उसने सोना की फ्रेशली शेव्ड चूत को पोंछा।
बेहद मुलायम, मखमली, चिकनी, और बड़ी सुंदर लग रही थी उसकी चूत।
चूत के होंठ काफी बड़े थे।
प्रेम ने चूत के ठीक ऊपर बालों का एक छोटा-सा त्रिकोण छोड़ दिया था जो चूत के ताज की तरह लग रहा था।
सोना ने सिगरेट जलाकर कश लिया और बोली, “तुम्हें याद है, प्रेम, जब पहली बार मैंने अपने बुल को नंगा देखा था। कितना विशाल लग रहा था वह और उसका लंड! उसी दिन मैंने सोचा था, तुम्हारे बाद अगर किसी के साथ सेक्स करूँगी, तो बस इसी के साथ!”
प्रेम ने कहा, “सोना, क्या तुम उसके इतने बड़े लंड को अपनी चूत में ले सकोगी?”
“थोड़ा डर लग रहा है। आज तक तो तुम्हारे चार इंच वाली ब.च्चों जैसी लुल्ली को ले रही हूँ। ऐसा करो, चाट-चाटकर खूब गीला कर दो मेरी चूत को। सुना है, इससे आसानी होती है!”
प्रेम ने कहा, “पहले इस चूत की रानी को थोड़ा और सजा देता हूँ!”
प्रेम ने अपनी ज्वेलरी शॉप से रिमूवेबल डायमंड टैटू लाया था।
उसने सोना की चूत और गोल बड़ी नाभि के बीच में एक ड्रैगन डायमंड टैटू लगाया।
सोना सेक्स की देवी रति लग रही थी।
प्रेम ने सोना की सजी हुई पूसी को सूँघते हुए कहा, “बिल्कुल मृग की सुगंध, मस्की स्मेल है!”
फिर वह पालतू कुत्ते की तरह अपनी बीवी की मखमली चूत को चाटने लगा।
सिगरेट और वाइन का मज़ा लेते हुए सोना आनंद लेने लगी।
बीच-बीच में वह प्रेम के सर को पकड़कर सहलाती थी।
प्रेम ने कहा, “आठ बजने वाले हैं। तुम्हें सोने से जड़ी हुई रेशम की लाल साड़ी पहना देता हूँ। इसमें तुम्हारा हुस्न अंगारे की तरह लगता है!”
34 साल की सोना, 5 फुट 2 इंच की, श्रीदेवी जैसे होठों और आँखों वाली, और रानी मुखर्जी की भरी-पूरी काया वाली, अपनी मखमली हस्की आवाज़ से हर दिल में आग लगा देने वाली मॉडर्न औरत थी।
उसकी साँवली गोरी त्वचा और लाल रेशमी साड़ी में वह चाँदनी की तरह दमक रही थी।
प्रेम, 33 साल का, 5 फुट 6 इंच का ज्वेलर, साधारण शर्ट और ट्राउज़र में, सोना की हर इच्छा को पूरा करने वाला पत्नी भक्त और उसका सेवक हसबैंड था।
बुलराज, 56 साल का, 6 फुट 3 इंच का पुणे का बिजनेस टाइकून, साँवली त्वचा और विशालकाय कद के साथ, अपनी भूतपूर्व वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की ताकत को अभी भी दर्शाता था।
आठ साल पहले, सोना और बुलराज की मुलाकात एक ऑनलाइन स्टॉक मार्केट फोरम पर हुई थी।
उनकी बातें शेयर बाजार से शुरू होकर सेक्सी भावनाओं और इच्छाओं तक पहुँच गई थीं।
प्रेम को इस रिश्ते की पूरी जानकारी थी।
सोना उससे बुलराज की बातें बताने लगी थी।
प्रेम और सोना ने एक कूकॉल्ड रिश्ता अपनाया था, जहाँ प्रेम न केवल सोना की इच्छाओं को स्वीकार करता था, बल्कि उसकी खुशी में अपनी तृप्ति पाता था।
बुलराज और सोना अक्सर फोन चैट करने लगे और ऑनलाइन चैट पर एक-दूसरे को दिखाने लगे।
वे एक-दूसरे के लिए बेताब हो रहे थे।
प्रेम, जो अपनी सेक्सी बीवी सोना को अच्छे से खुश नहीं कर सकता था, उसे इस संबंध से कोई आपत्ति नहीं थी।
वह सोना को किसी भी तरीके से आनंदित देखना चाहता था।
25 दिसंबर, सोना का जन्मदिन, जिस दिन सारी दुनिया खुशियाँ मना रही होती है।
उस दिन ऐसा लग रहा था जैसे सोना और बुलराज के मिलन पर दुनिया भर में उत्साह मनाया जा रहा है।
सोना का 35वाँ जन्मदिन आज इस फाइव स्टार सुइट में मनाया जा रहा था।
प्रेम ने इस खास रात के लिए सब कुछ सावधानी से प्लान किया था।
कमरे में एक गोल मेज पर रेड वाइन की बोतल, क्रिस्टल ग्लास, और ताज़े गुलाबों की सजावट थी।
समुद्र की लहरें खिड़कियों से टकरा रही थीं, और मंद रोशनी ने माहौल को जादुई बना दिया था।
सोना ने अपनी लाल रेशमी साड़ी पहनी, केवल साड़ी, कोई ब्लाउज़ या ब्रा नहीं।
उसकी काया रेशम की साड़ी में से और निखर रही थी।
प्रेम उसे देखकर मुस्कुराया।
उसकी आँखों में प्यार और गहरी भक्ति थी।
ठीक रात 8:05 पर कॉल बेल बजी।
सोना के मस्त गदराए शरीर में नशा छाने लगा।
उसके शरीर में जैसे शोले दौड़ने लगे।
बुलराज, काले सूट और जींस में, अपनी साँवली त्वचा और आत्मविश्वास भरी चाल के साथ कमरे में एक अलग ही ऊर्जा ले आया था।
तीनों सिर्फ़ नेट पर ही मिले थे।
सचमुच में पहली बार मिलने से एक खास किस्म का कामुकता भरा तनाव कमरे में दौड़ने लगा।
“हेलो, प्रेम! हेलो, सोना!” बुलराज ने मुस्कुराते हुए दोनों से हाथ मिलाया।
सोना ने उसके हाथ मिलाते ही समझ लिया कि वह काफी मज़बूत बुल है और उसके मन-मुताबिक है।
आखिर ऑनलाइन चैटिंग करते-करते पूरी दुनिया के अनगिनत बुलों में से उसने उसे चुना था।
बुलराज ने प्रेम से कहा, “सोना तो लैपटॉप वाले कैमरे से कहीं ज़्यादा खूबसूरत दिखती है असल ज़िंदगी में! श्रीदेवी का चेहरा और रानी मुखर्जी को मिला दें, तो सोना जैसी अप्सरा बनती है. यार, प्रेम, तुम कितने लकी हो जो हर दिन, हर रात इतनी खूबसूरत अप्सरा के साथ रहते हो!”
सोना की साँसें उत्तेजना के मारे तेज़ चल रही थीं।
मन ही मन अपनी खूबसूरती के बारे में सुनकर वह खुश हो रही थी।
बुलराज जानता था कि प्रेम बच्चा पैदा नहीं कर सकता और यह भी कि सोना अपनी खूबसूरती के कारण बच्चा पैदा नहीं करना चाहती।
फिर भी मज़ाक के लहजे में उसने कहा, “सोना, तुमने बच्चा पैदा करना है या मज़ा करना है मेरे साथ?”
सोना ने जवाब दिया, “बच्चे अभी नहीं, शायद तीन साल बाद! वैसे, फ़िलहाल तो हम लोग मस्ती करने आए हैं!”
प्रेम ने एक बड़ा ड्रिंक बनाकर बुलराज को दिया।
बुलराज ने कहा, “मैं रूम के लाउंज वाले एरिया में बैठ रहा हूँ!”
और वह लाल लेदर वाले सोफे की ओर बढ़ गया।
“सोना, यह रात तुम्हारी है!” प्रेम ने कहा.
उसकी आवाज़ में कोमलता और दृढ़ता का मिश्रण था, “मैं चाहता हूँ कि तुम वो सब अनुभव करो, जो तुम्हारा दिल चाहता है!”
सोना ने प्रेम की आँखों में देखा।
उसकी नज़रों में मोहब्बत थी।
प्रेम ने सोना का हाथ पकड़ा और उसे सुइट के लाउंज एरिया की ओर ले गया, जहाँ एक आलीशान मखमली कुर्सी रखी थी।
बुलराज पहले से ही वहाँ था।
उसने अपनी शर्ट और जींस उतार दी थी, वह पूरी तरह नग्न होकर कुर्सी पर बैठा था।
उसका साँवला, मज़बूत शरीर मंद रोशनी में चमक रहा था।
उसकी चौड़ी छाती और मज़बूत बाहें उसकी पुरानी वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की कहानी कह रही थीं।
उसने दाढ़ी रखी हुई थी और सर पूरी तरह शेव किया हुआ था।
उसकी आँखों में एक गहरी तीव्रता थी जो सोना को अपनी ओर खींच रही थी।
सोना ने एक पल के लिए रुककर बुलराज को देखा।
उसकी साँसें तेज़ थीं।
उसकी आँखों में एक हल्की-सी झिझक थी, जो जल्दी ही उत्साह में बदल गई।
प्रेम ने सोना की साड़ी की सिलवटों को धीरे से छुआ और उसे प्रोत्साहित करते हुए फुसफुसाया, “तुम मेरी रानी हो। जाओ, इस पल का मजा लो!”
सोना ने प्रेम की ओर मुस्कुराकर देखा।
उसकी नज़रों में एक अनकहा वादा था।
सोना ने धीरे-धीरे अपनी साड़ी उतारी।
ब्रा उसने पहले से ही नहीं पहना था।
उसकी हर हरकत में एक लय थी, जैसे वह समुद्र की लहरों के साथ ताल मिला रही हो।
उसकी साँवली गोरी त्वचा मंद रोशनी में चमक रही थी।
उसकी काया की सुंदरता ने कमरे का तापमान और बढ़ा दिया।
उसके स्तन गोल और बेल फल की तरह बड़े थे।
उसके चूतड़ बड़े-बड़े कद्दू जैसे थे।
सोना पूरी तरह नग्न, जैसे फलों से लदी हुई डाली हो, बुलराज की ओर धीरे-धीरे बढ़ने लगी।
बुलराज की साँस थम गई।
बुलराज एक काले बड़े चट्टान की तरह कुर्सी पर बैठा था।
रसीली और गदराई हुई नंगी सोना नज़दीक आकर उसका चुंबन करने लगी।
फिर उसके बड़े मोटे होठों का चुंबन करते हुए वह उसकी गोद में बैठ गई।
उसके दोनों उरोज बुलराज के साँवले, मज़बूत, विशाल, और कठोर सीने से सट गए।
बुलराज की मज़बूत उंगलियाँ सोना की कमर पर स्लाइड कीं।
उसने उसे अपनी ओर और करीब खींच लिया।
प्रेम, जो अब सोना के पीछे खड़ा था, धीरे-धीरे सोना की बड़ी एप्पल शेप वाली गांड को सहलाने लगा।
उसका स्पर्श कोमल था, जैसे वह सोना को आश्वस्त कर रहा हो।
फिर उसने सोना के कंधों पर एक नरम चुंबन दिया, उसकी साँवली त्वचा पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए।
“तुम खूबसूरत हो, सोना!” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ में गहरी भक्ति थी।
सोना ने प्रेम की ओर देखकर मुस्कुराया।
उसकी आँखों में अति कामुकता और प्यार था।
बुलराज ने सोना को अपनी बाहों में और कस लिया।
सोना की बड़ी-बड़ी चूचियाँ उसके सीने से रगड़ खाने लगीं।
“बहुत सताया है! आज बहुत पेलूँगा तुझे, सोना!” बुलराज ने कहा।
बुलराज की उंगलियाँ अब सोना की पीठ पर नाच रही थीं।
सोना की साँसें तेज़ थीं; उसकी आँखें आधी बंद थीं।
उसकी मुस्कान में एक गहरी तृप्ति थी।
बुलराज की गहरी आवाज़ ने कमरे को और गहरा बना दिया।
“सोना, तुम रति की भी रानी हो! इतनी सुंदर, इतनी सेक्सी, मेरी कल्पना से भी परे! बिल्कुल सेक्स की परी!”
उसने सोना के चेहरे को अपने हाथों में लिया और रसीले होठों को गहरे से चूमा।
उसका स्पर्श तीव्र और कोमल दोनों था।
प्रेम अब सोना के और करीब आया।
उसने सोना की कमर को पकड़ा और धीरे-धीरे उसकी पीठ पर चुंबन देना शुरू किया।
उसका हर चुंबन एक आश्वासन था, जैसे वह कह रहा हो कि वह इस पल का हिस्सा है।
सोना ने एक पल के लिए प्रेम की ओर देखा।
उनकी नज़रें मिलीं।
उस नज़र में प्यार, समझ, और एक अनकहा बंधन था।
प्रेम की उंगलियाँ अब सोना की पीठ पर हल्के-हल्के नाच रही थीं।
वह कभी उसकी कमर को छूता, कभी उसकी उंगलियों को, जैसे वह इस अनुभव को और गहरा करना चाहता हो।
सोना ने कहा, “प्रेम, हमारी वीडियो बना लो, जिससे मैं बाद में भी इस क्षण को देख सकूँ!”
प्रेम ने पहले से तैयार कैमरा उठा लिया और इस अद्भुत क्षण को रिकॉर्ड करने लगा।
प्रेम का कैमरा देखकर सोना और बुलराज और जोश में आ गए।
बुलराज ने अपनी बड़ी जीभ निकाल कर सोना के सामने कर दी।
सोना ने भी अपनी जीभ निकाल ली और दोनों उसे लड़ाने और चूसने लगे।
“प्रेम, मुझे भी इसकी कॉपी देना!” बुलराज ने कहा।
सोना ने अपने बुल की जीभ को चूसते हुए उसके बड़े लंड को पहली दफा अपने हाथ में लिया।
प्रेम के लिंग से वह कई गुणा बड़ा था।
वह खुशी से काँपने लगी।
बुलराज से भी रहा नहीं गया।
उसने सोना की चूत की तरफ हाथ बढ़ाया, जो थोड़ी देर पहले ही प्रेम द्वारा बड़ी शिद्दत से छोटे त्रिकोण जैसे झाँट का डिज़ाइन बनाकर साफ की गई थी।
बड़े होठों वाली गद्देदार प्यासी पूसी मखमली मक्खन जैसी चिकनी लग रही थी।
बुलराज की बड़ी हथेली में भी उसकी चूत पकड़ में नहीं आ रही थी।
इस बीच, सोना ने उसके काले बड़े मोटे लंड को पकड़कर अपनी मस्त चूत पर रगड़ने लगी।
पता नहीं कब बुलराज का मोटा काला विशाल लिंग सोना की रसीली चूत में धीरे-धीरे सरकता चला गया।
सोना को पहली बार ऐसी मस्ती का अहसास हो रहा था।
वह मस्त होकर अपने बुल के विशाल काले लंड पर कमर हिलाकर ऊपर-नीचे उछलने लगी।
सोना की बड़ी-बड़ी चूचियाँ बुलराज के मुँह पर नाच रही थीं।
उसने भारी-भरकम बड़ी चूचियों को चूमना और चूसना शुरू कर दिया।
बहुत कोशिश के बाद भी सोना की चूचियाँ उसके मुँह में नहीं आ रही थीं क्योंकि वे काफी बड़ी थीं।
बुलराज ने सोना की बड़ी-सी गांड को कसकर पकड़ लिया, नीचे से जोर-जोर से अपनी बड़ी गांड हिलाकर धक्के लगाने लगा।
सोना चिल्लाने लगी, “ओह यस, मेरे बिग बुल! फक मी हार्ड! फिल माय कन्ट विद योर कम!”
बुलराज और सोना अब एक-दूसरे में पूरी तरह खो गए थे।
सोना की साँवली गोरी काया, बुलराज के काले साँवले, मज़बूत शरीर के साथ एक लय में थी जैसे समुद्र की लहरें रेत को चूम रही हों।
लगता था कि दोनों संभोग नहीं, डांस कर रहे हैं।
बुलराज का हर स्पर्श सोना को और करीब ला रहा था।
उसकी साँसें अब एक गहरे नशे में थीं।
आज एक कोमल गुलाब का फूल किसी अफ्रीकी पहाड़ से टकरा रहा था।
जैसे कोई पानी में डंडे मार रहा हो, वैसी आवाज़ आ रही थी।
सोना की चूत से पानी का झरना बह रहा था।
उसकी चूत की खुशबू पूरे रूम में भरने लगी।
प्रेम हैरान था।
इतना विशाल लंड उसकी बीवी की टाइट चूत में चला गया।
डिस्कम्फर्ट फील करने के बजाय सोना मज़ा ले रही थी।
प्रेम से रहा नहीं जा रहा था।
उसकी आँखों में एक मिश्रित भावना थी—सोना के लिए प्यार और इस रिश्ते की गहराई से उपजी एक अजीब-सी तृप्ति।
सोना की साँसें तेज़ थीं, उसकी आँखें आधी बंद थीं।
उसकी मुस्कान में एक गहरी संतुष्टि थी।
बुलराज की ताकत और सोना की कोमलता ने कमरे को एक जादुई माहौल से भर दिया।
अचानक सोना जोर से आह भरने लगी।
उसने जोर से सिसकारी भरते हुए प्रेम से कहा, “मेरी गांड चाटो, प्रेम!”
प्रेम ने कैमरा रखकर उसकी गांड चाटने लगा।
बुलराज का मोटा बड़ा लिंग सोना की मक्खन जैसी गीली चूत में जोर-जोर से अंदर-बाहर जा रहा था।
अचानक बुलराज सोना को गोद में लिए हुए उठ गया।
उसकी बड़ी गांड को पकड़कर बीच हवा में ही चोदने लगा।
प्रेम ने सोना की बड़ी और भारी गांड को पकड़कर उसे थामने की कोशिश की।
लेकिन बुलराज ने उसे हटाकर सोना को हवा में ही जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
सोना की चूचियाँ बैलून की तरह इधर-उधर उछल रही थीं।
फिर बुलराज ने गुलाबी पंखुड़ियों से सजी बेड पर सोना को ले जाकर पटक दिया, उसके ऊपर चढ़ गया, उसे मसलने लगा।
वह उसकी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगा, लंड घुसाकर पागलों की तरह सोना की बड़ी मलाईदार चूत को चोदने लगा।
प्रेम को लगा कि सोना कहीं हर्ट न हो जाए।
लेकिन यह क्या!
सोना ने अपने बुलराज को पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गई।
एक महारानी की तरह अपने काले घोड़े पर सवार हो गई थी।
वह अपनी बड़ी गांड को हिलाकर बुलराज को घोड़े की तरह राइड करने लगी।
दोनों जैसे चुदाई में पागल हो गए थे।
अब सोना अपने बुल के लंड से उतरकर अपनी बड़ी गांड उसके मुँह पर रखकर बैठ गई।
फिर 69 का पोज़ बनाते हुए उसके बड़े काले लंड को पकड़कर खेलने लगी।
उसने प्रेम के लंड को कभी नहीं चाटा था।
लेकिन आज उसका दिल कंट्रोल में नहीं था।
कितना बड़ा, काला, मोटा लंड था उसके बुल का!
जैसे वह सम्मोहित हो गई।
पता नहीं कब उसने अपनी जीभ निकालकर उसके काले बड़े लंड को चाटना शुरू कर दिया।
लगता था, वह किसी आइसक्रीम को खा रही हो, धीरे-धीरे, चाव से, बड़े प्यार से।
बुलराज ने कहा, “प्रेम, इसे कैमरे की फिल्म में कैद करो! यह हिस्सा मुझे ज़रूर भेजना!”
सोना पर नशा चढ़ गया था … वह अपने बुल के लंड के साथ उसके अंडों को भी चाटने लगी।
प्रेम को यह तस्वीर उतारते समय अद्भुत फीलिंग हो रही थी।
बुलराज से अब रहा नहीं जा रहा था, उसने सोना को अपनी गोद में लेकर फिर से अपने ऊपर चढ़ा लिया।
उसका मोटा काला लंड फिर से सोना की चूत की गहराइयों में दफन हो गया।
कैमरा रखकर प्रेम भी बेड पर चढ़ गया, वह सोना की बड़ी-सी गांड को पकड़कर चूमने लगा।
सोना ने अपनी चूचियाँ अपने बुल के सीने पर रख दीं और उसके मोटे होठों को चूमने और चूसने लगी।
बुलराज को सोना के होठों और अपने लंड का नशीला स्वाद मिलने लगा।
सोना के झुकने से उसकी बड़ी गांड दो बड़े-बड़े पंपकिन जैसे दो हिस्सों में बट गई थी।
प्रेम के सामने सोना की गांड का छेद था।
वह उसकी गांड में अपनी जीभ घुसाने लगा।
सोना और जोर-जोर से अपनी कमर उठाकर अपनी गांड को बुल के लंड पर पटकने लगी।
बुलराज आह भरने लगा।
उसका मोटा और विशाल लंड सोना की मक्खन चूत में फड़फड़ाने लगा।
वह सोना की चूत में अपने वीर्य को छोड़ रहा था।
जैसे झरना बहने लगा।
सोना की चूत बिल्कुल भर गई थी।
लेकिन उसकी सेक्सी चूत में अभी भी गुदगुदी हो रही थी।
सोना की चूत से बुल के लंड का जूस बेड पर गिरने लगा।
सोना और बुलराज एक-दूसरे को जोर से पकड़कर किस करने लगे।
तूफान जैसे थम गया था, लेकिन शांत नहीं हुआ था।
इधर, प्रेम उन दोनों की मस्त जोश से भरी चुदाई, लाइव सेक्स सीन को देखकर ही झड़ गया था।
लेकिन सोना जानती थी कि न तो उसका, न बुल का, न ही प्रेम का दिल अभी भरा है।
सोना बड़ी अदा से उठी और बुलराज को बेड के किनारे पर बैठने को कहा।
फिर खड़ी होकर बुलराज की गोद में बैठ गई।
प्रेम भी बेड से नीचे उतर गया था और सोना को निहार रहा था।
सोना ने प्रेम की ओर देखा और अपनी दोनों टाँगें फैला दीं।
उसकी चूत कमल की तरह खिल गई थी।
प्रेम की आँखों में दोनों के लिए सम्मान था।
सोना और बुलराज की आँखों में भी प्रेम के लिए प्यार था।
प्रेम ने अपना सर सोना की चूत पर झुकाया।
प्यार से, हल्के-हल्के, बुलराज द्वारा ताज़ा चोदी गई कमल चूत को चाटने लगा।
जैसे उसकी बीवी की कोमल चूत घायल हो गई हो और वह मलहम लगा रहा हो।
बुलराज ने सोना की दोनों टाँगों को पकड़कर पूरी तरह फैला दिया ताकि प्रेम आसानी से उसकी चूत को चाट सके।
सोना ने अपने प्यासे होठों को बुलराज के हवाले कर दिया।
लंबे समय तक दोनों एक-दूसरे के होठों को चूसते रहे।
प्रेम सोना की बड़ी चूत को मस्त होकर चूस रहा था।
तीनों अपने-अपने पसंदीदा होठों को चूसने में मग्न थे।
यह रात केवल सोना और बुलराज की नहीं थी; यह तीनों की थी।
एक ऐसी समझ के साथ, जो शब्दों से परे थी।
जब सुबह की पहली किरण सुइट की खिड़कियों से छनकर आई, सोना, प्रेम, और बुलराज बालकनी में बैठे थे, समुद्र की लहरों को देख रहे थे।
सोना ने प्रेम का हाथ पकड़ा और उसे कसकर गले लगाया।
“तुम मेरे लिए सब कुछ हो, प्रेम!” उसने कहा, उसकी आवाज़ में गहरी संतुष्टि थी।
प्रेम ने मुस्कुराते हुए उसकी आँखों में देखा, “और तुम मेरी, सोना! हमेशा!”
बुलराज ने समुद्र की ओर देखा।
उसके विशाल साँवले शरीर पर सुबह की रोशनी चमक रही थी।
वह जानता था कि यह रात एक अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत थी।
तीनों के बीच का रिश्ता अब और गहरा हो गया था।
एक अनकहा बंधन, जो उनकी इच्छाओं और सहमति से बंधा था।
और जिसमें न जाने कितनी ऐसी रातें शामिल होंगी।
लाइव सेक्स सीन कहानी पर अपने विचात इमेल और कमेंट में अवश्य बताएं.
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लेखिका की पिछली कहानी थी: पति और खान के साथ दुबई में रंगरलियाँ
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