संतान की चाहत चुदाई की चाहत में बदल गई

(Lovely Sex With Married Lady)

मयंक भवसर 2025-08-07 Comments

लवली सेक्स विद मैरिड लेडी का मजा मुझे मेरी पड़ोसन भाभी ने अपनी सहेली की चूत दिलवाकर दिया. उसे औलाद की तलब थी. पर जब एक बार मुझसे चुदी तो उसे बहुत मजा आया.

दोस्तो, आप सभी का धन्यवाद जिन्होंने मुझे मेरी कहानी
शादीशुदा पड़ोसन की मस्त चुदाई
के लिए अपने संदेश भेजे.

कुछ लड़कियों और भाभियों ने भी अपने संदेश भेजे थे परंतु मैंने इस डर से डिलीट कर दिए कि कहीं कोई उनके संदेशों का गलत इस्तमाल न कर ले.

कहने का आशय यह कि सभी के संदेश निजी हैं और निजी ही रहेंगे. किसी के भी संदेश किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं होंगे.

कुछ लोगों ने मुझे मेल पर भी मैसेज भेजे, पर उन्होंने बहुत गंदी गंदी बातें बोलीं … जो मुझे पसंद नहीं आईं.

अगर किसी को मेरी कहानियां पसंद नहीं आएं तो वे ना पढ़ें … लेकिन ऐसे गंदे ईमेल प्लीज ना भेजें.

अब लवली सेक्स विद मैरिड लेडी की कहानी का मजा लें.

एक बार की बात है.
मैं और श्वेता सेक्स का आनन्द लेकर बिस्तर पर लेटे हुए थे.

बातों-बातों में श्वेता बोली- तुम बहुत सेक्सी हो … मतलब सेक्स तो तुम्हारी रग-रग में बसता है!
मैंने हंसते हुए कहा- हां वह तो है … जब भी कोई तुम्हारी तरह सेक्सी, खूबसूरत और मस्त फिगर वाली मिल जाए तो बस मुझसे कंट्रोल ही नहीं होता!
हम दोनों हंसने लगे.

श्वेता ने कहा- एक बात और बोलूँ?
मैंने उत्साह से जवाब दिया- हां बोलो न!

श्वेता बोली- अगर कोई तुमसे मदद मांगे तो तुम क्या करोगे?
मैंने पूछा- कैसी मदद और किसकी? जरा साफ-साफ बोलो!

श्वेता ने बताया- मेरी एक सखी है, वह मां नहीं बन पा रही है.
मैंने आश्चर्य से कहा- अच्छा! और क्या मदद चाहिए उसे? डॉक्टर के पास जाना है या कुछ और?

श्वेता बोली- उसे सामान्य तरीके से मां बनना है. कमी उसके पति में है.
मैंने सोचते हुए पूछा- अच्छा … पर कैसे होगा ये … मतलब सामान्य तरीके से मां बनना चाहती है क्या वह?

श्वेता ने कहा- अगर तुम हां कहो, तो मैं वर्षा से बात कर सकती हूँ.
मैं थोड़ा सोच में पड़ गया और बोला- ऐसे कोई भी कैसे किसी के साथ ये सब कर सकता है? और वर्षा को तो मैं जानता भी नहीं … ना ही वह मुझे जानती है?

श्वेता ने आत्मविश्वास से कहा- वह सब तुम मुझ पर छोड़ दो, मैं उससे बात करूँगी!
मैंने हल्के से कहा- ठीक है.

मुझे क्या … मैं तो बस यह सोच रहा था कि किसी का भला हो जाएगा और मेरा काम भी हो जाए.

मैंने मजाक में पूछा- मेरी फीस क्या होगी?
श्वेता ने चौंककर कहा- क्या … तुम इन सब की फीस भी लोगे?

मैंने हंसते हुए कहा- हां … क्यों नहीं ले सकता क्या?
श्वेता बोली- अच्छा बताओ, क्या फीस चाहिए तुम्हें?

मैंने कहा- उससे बोलो कि मैं उसके साथ दो महीने तक सेक्स करूँगा, वह भी बिना कंडोम के. उसे प्रेग्नेंट न होने की दवाई लेनी होगी, बाद में वह दवाई बंद कर सकती है.
श्वेता सोच में पड़ गई और बोली- ये कैसी फीस है?

मैंने कहा- देखो उसे मां बनना है और मुझे मजा करना है … तो इतना तो बनता है यार!
श्वेता ने जवाब दिया- ठीक है, मैं बात करके बताती हूँ.

कुछ दिनों तक मेरी और श्वेता की कोई खास बात नहीं हो पाई. उसका पति भी घर पर था … और मैं अपने ऑफिस में व्यस्त था.

एक शनिवार दोपहर को मैं सुबह के काम खत्म करके बैठा हुआ था.
तभी श्वेता ने मुझे बुलाया.

मैंने कपड़े बदले और उसके फ्लैट पर पहुंचा, तो देखा कि वर्षा भी वहां थी.
मुझे देखकर वह थोड़ा सहम गई.

मैं वहीं बैठ गया और हम लोग इधर-उधर की बातें करने लगे.
फिर श्वेता किचन में चली गई और मैं उसके पीछे-पीछे गया.

मैंने पूछा- ये रेडी है क्या?
श्वेता ने कहा- हां, मैंने सब समझा दिया है!

मैंने कहा- तो ठीक है, फिर कब करना है?
श्वेता बोली- अभी! वह इसी लिए आई है. मैं उसे अन्दर के कमरे में ले जाती हूँ, फिर तुम्हें बुलाती हूँ!
मैंने कहा- ठीक है!

मैं हॉल में आकर बैठ गया और श्वेता वर्षा को अन्दर के कमरे में ले गई.

मैं इंतज़ार करने लगा कि कब वह मुझे बुलाए और मैं वर्षा के साथ समय बिताऊं.

वर्षा के बारे में बता दूँ.
वह 27 साल की बहुत सुंदर और जवान औरत थी, जिसका फिगर 34-30-36 का था.

थोड़ी देर बाद श्वेता बाहर आई और मुझे इशारे से अन्दर जाने को कहा.

मैं अन्दर गया, तो वर्षा पलंग पर बैठी थी और मुझे संकोच भरी नज़रों से देख रही थी.

मुझे लगा कि वह शायद डर रही है और ठीक से तैयार नहीं है.

मैंने उसे हाय कहा और पलंग पर बैठ गया.
उसे सहज करने के लिए उससे थोड़ी बातें शुरू कीं.

लेकिन जैसे ही मैं उसके पास गया, वह थोड़ा सहमकर दूर खिसक गई.

मुझे समझ आ गया कि वह मन से पूरी तरह तैयार नहीं है.

मैं उसे वहीं छोड़कर बाहर आ गया.

श्वेता ने मुझे देखकर पूछा- क्या हुआ? इतनी जल्दी बाहर आ गए?
मैंने उसे सब बताया, तो वह बोली- अब क्या करना चाहिए?

मैंने कहा- देखो, ये सब तन और मन दोनों से हो, तभी अच्छा है. वर्ना ऐसा लगेगा कि हम उसकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं!
श्वेता ने सहमति जताई- हां, वह बात भी सही है!

मैंने श्वेता से कहा- उसे अभी जाने को बोलो. फिर हम सोचते हैं कि कैसे करना है.

श्वेता ने वर्षा से बाद में आने को कहा.
वर्षा की आंखों में अपनी गलती का अहसास साफ दिख रहा था.

वर्षा के जाने के बाद मैंने श्वेता से कहा- उसे रात को बुलाओ. वैसे भी तुम्हारा पति एक हफ्ते तक यहां नहीं है, तो उसे रात में सोने के बहाने बुला लो!
श्वेता बोली- ठीक है, फिर?

मैंने उसे पूरी योजना समझा दी.

श्वेता ने वैसा ही किया और वर्षा को रात में सोने के लिए अपने घर बुला लिया.

हमारी योजना के अनुसार श्वेता ने अपने घर की एक चाबी मुझे पहले ही दे दी थी.

रात हुई, तो वर्षा श्वेता के घर आई.
मैंने अपने हॉल की खिड़की से देख लिया था.

थोड़ी देर बाद श्वेता ने हॉल की लाइट बंद कर दी.
ये भी हमारी योजना का हिस्सा था.

कुछ देर बाद मैं श्वेता की दी हुई चाबी से उसके घर में चला गया और कान लगाकर उनके बेडरूम की बातें सुनने लगा.
वे दोनों मेरे बारे में ही बात कर रही थीं.

श्वेता ने वर्षा से पूछा- दोपहर में क्या हो गया था?
वर्षा बोली- वह मैं पहली बार उससे मिली थी और सीधे सेक्स के लिए … तो थोड़ा हिचकिचा रही थी!

श्वेता ने पूछा- फिर अब क्या करना है?
वर्षा ने कहा- मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा, तू ही कुछ बता कि कैसे करना है!

श्वेता ने उसे वही समझाना शुरू किया, जो मैंने और उसने दोपहर में सोचा था.

मैंने देखा कि वे दोनों एक-दूसरे के होंठों पर चुम्बन करने लगीं.
श्वेता का हाथ वर्षा के स्तनों पर था और वह उन्हें सहला रही थी.

फिर वर्षा ने भी श्वेता के स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया.
वे दोनों एक-दूसरे में इस तरह मग्न हो गईं, जैसे उन्हें केवल सेक्स ही करना हो!

उन दोनों ने यह सब करते-करते एक-दूसरे को पूरी तरह नंगी कर दिया और लेस्बियन सेक्स का मज़ा लेने लगीं.

बस मैं इसी स्थिति आने का इंतजार कर रहा था.
चूंकि श्वेता ने बेडरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया था, मैं तुरंत अन्दर पहुंच गया.

मुझे देखकर वर्षा ने पास पड़ी चादर उठा ली और अपने आपको ढकने लगी.
जबकि श्वेता मुझे देखकर मुस्कुरा दी.

श्वेता- अरे मयंक, तुम आ गए … बिल्कुल सही समय पर आए हो!
ये सुनकर वर्षा हम दोनों को आश्चर्य से देखने लगी.

श्वेता- ऐसे क्या देख रही हो वर्षा? ये सब तुम्हारे लिए ही है!
ऐसा बोलकर श्वेता हंसने लगी.

मैंने कहा- श्वेता मुझे लगता है कि वर्षा अभी भी हिचकिचा रही है.
श्वेता- कोई बात नहीं, अब तुम आ गए हो तो सब कुछ ठीक हो जाएगा!

ऐसा बोलकर श्वेता मुझे चूमने लगी और मेरे कपड़े भी उतारने लगी.

थोड़ी ही देर में हम तीनों पूरी तरह नंगे थे.

वर्षा कमरे के एक कोने में खड़ी थी, चादर से खुद को लपेटे हुए और यह सब देख रही थी.

श्वेता के साथ चूमाचाटी करते-करते मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया.

वर्षा कभी हमें देखती, तो कभी मेरे लंड को.

अब मैंने श्वेता से कहा- ये तो संकोच में अलग खड़ी है और मेरा लंड तैयार है, तो?

श्वेता- तैयार है तो कर दो मेरा काम तमाम!
ऐसा बोलकर वह पलंग पर लेट गई.

श्वेता पहले से ही गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत भी गीली थी.

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ही बार में पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
उसके मुँह से ‘सी … हह … उई!’ की आवाज़ निकल गई.

श्वेता की चूत रस से भर गई थी और छप-छप की आवाज़ कर रही थी.
मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था.

श्वेता मस्ती में चिल्ला रही थी- हाय … ई … उई … सी … अहह … उहह … सी … हां!

उधर वर्षा यह सब देखकर गर्म हो रही थी और खुद ही अपने स्तनों को दबाने और सहलाने लगी.

यह देख मैंने श्वेता को धीरे से इशारा किया और श्वेता समझ गई.

थोड़ी देर में वर्षा भी अपनी चादर हटाकर हमारे पास आ गई.

कसम से क्या फिगर था उसका … दूध चुत देखकर ही मज़ा आ गया.

वह बोली- मैं भी तैयार हूँ … अब मुझे कोई संकोच नहीं है!

ये सुनकर मैं और श्वेता मुस्कुरा दिए.

फिर मैंने श्वेता से कहा- तुम आराम करो, मैं तब तक वर्षा का काम कर देता हूँ! ऐसा बोलकर मैंने श्वेता की चूत से लंड निकाल लिया.

श्वेता- अधूरा छोड़ दिया है … इसे आज ही पूरा करना होगा!
ये बोलकर वह बेड से उठ गई.

अब श्वेता की जगह वर्षा लेट गई थी.
वह पहले से ही गर्म थी, तो मुझे लगा कि काम आसान होगा … पर ऐसा हुआ नहीं.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और एक जोरदार झटका दिया.

मेरा आधा लंड अन्दर चला गया और वर्षा चिल्ला पड़ी- हाय … ई … उई … सी … मर गई!
ये सुनकर श्वेता बोली- अरे अरे यार ज़रा आराम से … छेद टाइट है उसका!

यह कह कर वह हंसने लगी.

मैंने दूसरा झटका दिया और पूरा लंड अन्दर घुस गया.
वर्षा को थोड़ा दर्द हुआ जो उसके चेहरे पर दिख रहा था.

अब मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया और थोड़ी देर में वर्षा को भी मज़ा आने लगा.

वह मस्ती में मेरा साथ देने लगी और उसके मुँह से मादक आवाज़ें आने लगीं- उह्हह … उई … सी … मर गई आह मयंक … अहह … उहह … सी … हां… और ज़ोर से … और ज़ोर से!

करीब 15 मिनट तक मैंने उसे ज़ोरदार चोदा और इस बीच वह दो बार झड़ गई.

अब मेरा भी निकलने वाला था.
मैंने वर्षा के स्तनों को पकड़ा और अपनी स्पीड बढ़ा दी.

कुछ ही धक्कों के बाद मैंने वर्षा की चूत में अपना माल छोड़ दिया.
अब मैं और वर्षा बेहाल होकर पलंग पर पड़े थे.
श्वेता भी हमारे पास आकर लेट गई.

वर्षा- लेस्बियन वाला प्लान तुम दोनों का ही था ना? और मयंक को सब पहले से पता था ना?
ये सुनकर मैं और श्वेता हंसने लगे.

श्वेता- हां ये हमारा ही प्लान था! तुम्हारी झिझक मिटाने के लिए!
अब हम तीनों हंसने लगे.

दोस्तो, उस रात मैंने श्वेता को एक बार और वर्षा को दो बार चोदा.
इस तरह वर्षा की चुदाई शुरू हुई.

अब हम तीनों को कोई शर्म झिझक नहीं थी.
जब भी मौका मिलता, हम तीनों साथ में मज़े करते.

लवली सेक्स विद मैरिड लेडी करते-करते मुझे दो महीने हो गए थे.

मैंने अपने वादे के अनुसार वर्षा से कहा- अब तुम चाहो तो अपनी गर्भनिरोधक दवा बंद कर सकती हो, क्योंकि तुम्हें बच्चा चाहिए.

वर्षा- नहीं मयंक! तुम्हारे साथ सेक्स करके इतना मज़ा आ रहा है कि सब ऐसे ही चलने दो!
मैंने कहा- फिर बच्चे का क्या? चाहिए या नहीं?

वह थोड़ा उदास हो गई, फिर शरारती अंदाज़ में बोली- जब बच्चे के लिए इतना रुकी, तो एक और महीना सही! क्या फर्क पड़ता है!
यह कह कर वह हंसने लगी.

दोस्तो, हम दोनों ने एक और महीने तक मज़े किए.
उसके बाद उसने दवा बंद कर दी.

अगले महीने वर्षा ने मुझे और श्वेता को खुशखबरी सुना दी.
आज वर्षा एक सुंदर बच्चे की मां है.

उसने अपने पति से कह दिया था कि एक बच्चे के बाद दूसरा नहीं करेंगे और वह ऑपरेशन करवा लेगी.
उसका पति मान गया.

दरअसल अपनी सेक्स लाइफ मेरे साथ आगे बढ़ाने का ये वर्षा का प्लान था.
अब हम लोग सेक्स को खूब इंजॉय कर रहे हैं.

मैं, श्वेता और वर्षा थ्री-सम खूब चुदाई का मजा ले रहे हैं.

मैं आशा करता हूँ कि मेरी बाक़ी कहानियों की तरह यह लवली सेक्स विद मैरिड लेडी की कहानी भी आपको पसंद आई होगी.
अपने विचार अवश्य लिखें.
[email protected]

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