गर्लफ्रेंड की मौसी की चूत चुदाई

(Widow Aurat Sex Kahani)

विडो औरत सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी गर्लफ्रेंड ने अपनी मौसी के नम्बर से मुझे फोन किया. बाड में मैंने उस नम्बर पर फोन किया तो उसकी मौसी ने उठाया.

दोस्तो, मैं अभिषेक कर्नाटक के जमखन्डी से हूं.
मैं करीब 2 साल से अन्तर्वासना की चुदाई कहानियां पढ़ रहा हूँ.

आज मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी एक सच्ची घटना आप सबके साथ शेयर करूं.

मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं. मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच हैं. मोटे गोल पाइप जितना मोटा और औरत की चूत को भोसड़ा बना दे, उससे थोड़ा बड़ा ही है मेरा लंड.
जो लड़की या औरत मेरे लंड के नीचे आ जाती है वो बार बार मेरे लौड़े से चुदना चाहती है.

यह विडो औरत सेक्स कहानी 6 साल पुरानी है और मेरी गर्लफ्रेंड की मौसी की चुदाई के बारे में है.

मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, जिसका नाम सोनू (बदला हुआ नाम) था. मैं उससे बहुत प्यार करता था. पर वो मेरे साथ टाइमपास कर रही थी, जो कि मुझे बाद में पता चला.

वो मुझे लव लेटर भी लिखा करती थी जो मैंने सम्भाल कर रखे हुए थे.
उसके उन्हीं प्रेम पत्रों ने मुझे उसकी मौसी की चूत दिलवा दी थी.

दरअसल हुआ यूं कि सोनू मुझे इग्नोर करने लगी थी. मेरे फोन भी नहीं उठा रही थी.
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि वह ऐसा क्यों कर रही है.

बाद में पता चला कि वह किसी रईसजादे के पीछे लगी है.

जैसे ही मुझे यह पता चला, तो मैं तुरंत उसके घर के पास लव लेटर लेकर पहुंच गया.
मैंने देखा कि वो एक कार में बैठी थी और अपनी मां के अन्दर से आने इन्तजार कर रही थी.

वो महाराष्ट्र में अपनी मौसी के घर जा रही थी. ये सब मुझे जानकारी हो गई थी.
मैं भी कार के पास गया तो वह मुझे देख कर डर गई.

मैंने उसे उसके लेटर दिखाकर कहा- तेरे चक्कर का मुझे सब पता चल गया है. ये लेटर मैं तेरे पापा को दे दूंगा.
वो एकदम से डर गई और कहा- मैं कल फोन लगाती हूँ.

रात बीत गई और दूसरे दिन सुबह एक नए नंबर से फोन आया.
मुझे लगा ये सोनू का ही होगा और मेरा अंदाजा सही निकला.
उससे मेरी बातचीत शुरू हुई.

उसने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है और वह सिर्फ मुझसे ही प्यार करती है.
पर मुझे मालूम था कि वह झूठ बोल रही थी क्योंकि उसे डर था कि कहीं मैं उसके लेटर उसके पापा को ना दिखा दूँ.

हालांकि मैं ऐसा कुछ करने वाला नहीं था क्योंकि मैं उससे प्यार जो करता था.
पर वह झूठ बोल रही है, ये तो पता ही था.

मैंने खुद ही उसे कॉल करना छोड़ दिया क्योंकि मैं उसे भुलाना चाहता था.

जैसे तैसे दिन गुजरने लगे, पर मैं उसे भुला नहीं पा रहा था.

एक दिन मैंने उसे कॉल करने का सोचा.
पर उसकी मौसी ने फोन उठाया तो मैंने फोन काट दिया.
मुझे लगा कि उसे डांट पड़ेगी.

पर मेरा मन नहीं मान रहा था तो मैंने फिर से कॉल कर ही दिया.
सामने से आवाज आई- हैलो?
मैंने कुछ नहीं कहा तो फिर से उन्होंने कहा- हैलो.

वो उसकी मौसी की आवाज थी.
उनकी आवाज सुन के मैंने कॉल कट कर दिया.

दूसरे दिन मैंने फिर से कॉल किया.

फिर से उसकी मौसी ने रिसीव किया.
मैंने थोड़ी हिम्मत करके हैलो कहा.

सामने से उसकी मौसी की आवाज आई- हैलो कौन?
मैंने अपना नाम गलत बताया और कहा कि मैं राज.
मौसी- कौन राज?

मैं- आप सिमरन बोल रही है ना?
मौसी ने रोंग नंबर बोल कर फोन काट दिया.

मुझे उनकी आवाज बहुत सेक्सी लगी.
मेरा दिमाग कुछ अलग काम करने लगा.

मैंने फिर से कॉल किया- हैलो.
मौसी- हां कौन … कौन चाहिए आपको?
मैं- आपकी आवाज सुनने का मन किया इसलिए वापस कॉल किया.

पहले तो उन्होंने मुझे डांटा और दोबारा कॉल किया तो पुलिस को कंप्लेंट करने की धमकी दी.
मैंने भी कहा- अगर आपकी आवाज़ सुनने की सज़ा मिलती है, तो मुझे सजा मंजूर है.

उन्होंने कॉल कट कर दिया.
पर मैंने हिम्मत नहीं हारी.

दूसरे दिन मैंने फिर से कॉल किया तो उनको मेरा नंबर शायद दिमाग में बैठ गया था.

मौसी- क्यों बार बार कॉल कर रहे हो?
इस बार वो गुस्से में नहीं लग रही थीं.

मैं- मुझे आपसे दोस्ती करनी है, मैं आपसे बात करना चाहता हूं.
मौसी- तुम मुझे जानते हो? कभी हमारी मुलाकात हुई है?

मैं- नहीं, बस आपकी आवाज सुन कर अच्छा लगा, तो सोचा कि आपसे दोस्ती करूं.

मौसी- मैं शादीशुदा हूं.
मैं- मुझे तो आपसे बस दोस्ती करनी है. आप शादीशुदा हो या ना हो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.
वो हंस दीं और बोलीं- बड़े उस्ताद हो.
मैंने भी हंस कर कह दिया- बस आपकी आवाज का मुरीद हो गया हूँ.

इस तरह धीरे धीरे हमारी दोस्ती हुई और बातें होने लगीं.
जिससे मुझे पता चला के उसके पति को गुज़रे हुए दस साल हो गए थे और उसे 2 लड़के भी हैं.
उसके दोनों लड़के हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करते हैं और वो अपने पति का सर्राफे की दुकान चला रही है.

काफी दिनों तक हम दोनों की बातें होती रहीं.

उस दौरान मैं उसके बारे में सब कुछ जान गया था. हम दोनों बहुत क्लोज हो गए थे.

एक दिन मैंने उससे कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं.
उसने पूछा- क्या करोगे मिल कर?

मैं- बस ऐसे ही तुम्हें एक बार देखना है.
मौसी- देख कर क्या करना है?
मैं- बस ऐसे ही देखने का मन कर रहा है. मैं कल तुम्हारे घर आऊंगा.
मौसी- आकर क्या करोगे?

वो मुझे उकसा रही थी.
मैं- तुम्हें किस करूंगा.
मौसी- उसके लिए दम चाहिए.

मैं- तुमने अभी कहां देखा है मेरा दम. मैं सच में आ रहा हूँ.
मौसी- आकर दिखाओ तो पता चले.
मैंने कहा- ठीक है कल रात में मैं तुम्हारे साथ रहूंगा.
मौसी- खाली बात करने से कुछ नहीं होगा, आकर दिखाओ तो मैं मानूं.

फिर ऐसे ही जैसे तैसे रात निकल गयी.

दूसरे दिन शाम का इंतजार होने लगा.
इस दौरान हमारी काफी बार कॉल पर बात भी हुई और उसने मुझे उकसाया भी कि तुम क्या आओगे डरपोक कहीं के.

शाम को मैंने अपने भाई से कहा- मैं अपने दोस्त के गांव उसे मिलने जा रहा हूँ.
इस पर उसने भी हां बोल दिया.

मैं बाइक लेकर निकल गया.
मौसी का गांव 190 किलोमीटर दूर था.
मैं 7 बजे शाम को निकला और उसके बताए हुए पते पर 11 बजे पहुंच गया.

मैंने उसे कॉल करके कहा- तुम्हारा घर कहां है? मैं बतायी हुई जगह पर आ चुका हूं.
उसे पहले तो यकीन ही नहीं हुआ, पर जब मैंने उससे कहा तो उसने अपने घर की पहचान वगैरह बताई.

मैं कॉल पर बातें करते करते गया और दरवाजे की घंटी को बजा दिया.

उसने दरवाज़ा खोला और मुझे देख कर एकदम से शॉक हो गई.
उसे लगा था कि मैं नहीं आऊंगा.

मैंने पहले उसे गौर से देखा, क्या मस्त फ़िगर था उसका. उसका 36-34-38 का फ़िगर रहा होगा.
मैं तो उसे देखता ही रह गया.

फिर उसने अन्दर बुलाया तो मैं अन्दर आ गया.
उसने मुझे पानी दिया और फिर खाने का पूछने लगी कि क्या खाओगे?

मैंने कहा कि मैं यहां तुम्हें खाने आया हूँ.
वो इठला कर बोली- इतना दम है कि मेरे घर आकर मुझे ही खा जाओगे?

मैंने तुरंत उसे पकड़ लिया और लिप किस करने लगा.
उसने भी मेरा साथ दिया और अगले दस मिनट तक हम दोनों ऐसे ही किस करते रहे.

उस दौरान वो काफी गर्म भी हो गयी थी.

मैंने उसे सोफे पर लिटाया और साड़ी को नाभि के नीचे कर दिया.
मैं पागलों की तरह उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसाने लगा और चूसने लगा.
उसकी गहरी नाभि में मैं मानो खो ही गया था.

फिर मैंने अपने पास की एक कैडबरी चॉकलेट ली और उससे कहा कि मेरे साथ किचन में चलो.
उसने पूछा- उधर क्यों?
मैंने कहा- बस चलो ऐसे ही.

वो मेरे साथ चल दी, तो मैंने किचन में आकर गैस चालू करने कहा और उससे एक कटोरी व चम्मच मांगी.
उसने मुझे दे दी.

अब मैंने उसे बाहर भेजा और कहा कि मैं दो मिनट में आता हूँ.
उसके जाते ही मैंने चॉकलेट गर्म करके पिघला दी और कटोरी चम्मच ले कर बाहर आ गया.
वो सोफे पर अधलेटी मेरा इंतजार कर रही थी.

मैंने उसको लिटाया और उसकी गहरी नाभि में पिघली हुई चॉकलेट भर कर चाटने लगा.
वो एकदम से सिहर उठी. मैंने मुँह लगाया और चूस चूस कर उसकी नाभि लाल कर दी.

मुझे नाभि बहुत पसंद है और उसमें भी अगर मैं गहरी नाभि देख लूं, तो पागल हो जाता हूँ.

मैंने उसकी नाभि को साफ किया और उसके मम्मों को मसलने लगा, जोर जोर से दबाने लगा.
उसे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था.

फिर मैंने उसका ब्लाउज खोला और ऊपर से ही मम्मों को चूसने लगा.

उसने खुद ही ब्रा निकाल दी और मेरा मुँह अपने एक निप्पल पर रगड़ने लगी.

फिर मैंने उसके निप्पल पर चॉकलेट लगा दी और उसे चूसने दबाने लगा.
उसे इससे बहुत मजा आने लगा.

उसने मेरी शर्ट उतारी और मेरे छाती पर किस करने लगी, मेरे निप्पल चूसने लगी.
उस समय मैं तो जन्नत में आ गया था.

फिर हम दोनों उसके बेडरूम में आ गए क्योंकि सोफे पर सब ठीक से नहीं हो पा रहा था.
रूम में जाते ही वो मुझ पर टूट पड़ी और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.
फिर उसने मेरा पैंट खींच कर उतारा और चड्डी पर ही मेरा लंड मसलने लगी.

मेरा लंड को हाथ में लेते ही उसने मुझे आंख मारी और एक स्माइल के साथ लंड सहलाने लगी.
फिर उसने मेरी चड्डी नीचे कर दी और मेरा खड़ा हुआ लंड मुँह में ले लिया.

मैं एकदम से मस्त हो गया और वो लंड पर लग गई थी.
जितना हो सकता था उतना लंड वो अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी.

कुछ 5 मिनट बाद उसने उठ कर अपने सारे कपड़े खुद ही उतार फेंके.
वो नंगी औरत सेक्स के लिए गजब माल लग रही थी.

मैंने उसे लिटा दिया और उसके पैर फैला कर उसकी चूत चाटने लगा.

दस मिनट में ही वो झड़ कर शांत हो गयी.
पर मेरा खेल तो अभी चालू होना था.

मैंने तेल लेकर अपने लंड और उसके चूत पर लगा दिया, फिर लंड सैट करके एकदम से धक्का मार दिया.

जैसे ही थोड़ा सा लंड चूत के अन्दर गया कि वो चिल्ला कर रोने लगी.
उसके पति के मरने के बाद से उसने सेक्स किया ही नहीं था, जिस वजह से उसकी चूत टाइट हो गई थी.

मैं रुक गया और उससे सॉरी कहा.
उसने कहा- कोई बात नहीं … धीरे धीरे करो.
मैंने धीरे धीरे चुदाई चालू की.

कुछ देर में उसे भी मज़ा आने लगा.
थोड़ा थोड़ा करके मैंने पूरा लंड अन्दर तक पेल दिया और चोदने लगा.

कुछ देर बाद मैं जोर जोर से शॉट लगाने लगा तो उसके दूध उछलने लगे.
ये देख कर मैं और जोश में आ गया और पूरी ताकत से चुदाई करने लगा.

मैं करीब 15 मिनट तक उसे ऐसे ही चोदता रहा, फिर मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.
मैंने उससे पूछा कि रस कहां पर टपकाऊं?
उसने कहा- अन्दर ही डालो क्योंकि दूसरा बच्चा पैदा होने के बाद मेरा ऑपरेशन हो गया था.

मैंने अपना पानी अन्दर ही छोड़ दिया.

थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे.
मेरा लंड महाराज फिर से सलामी देने लगा.

मैंने उससे कहा कि मुझे और एक बार करना है.
उसने कहा- अभी नहीं यार … मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- जान मान जाओ. क्या पता मैं फिर कब आ पाऊंगा.
यह सुन कर वो मान गयी.

इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और आईने के सामने उसे खड़ा करके चोदने लगा.
शीशे में उसके हिलते हुए दूध मस्त दिख रहे थे.
मैं उसके दूध दबाते हुए पीछे से ठोकने लगा.

आईने में हिलते हुए मम्मों को देख कर मैं काफी उत्तेजित हो गया था और उसे जोर जोर से चोदने लगा था.
उसे भी ऐसे चुदने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने उसको सीधा किया और बेड के किनारे पर ले लिया, उसके पैर फैलाए और जोर जोर से ठोकने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उसके पैर कन्धे पर ले लिए और खुद झुक कर उसे चोदने लगा.

इस दौरान वो झड़ गयी थी और थक भी गयी थी.
पर मेरा तो अभी हुआ नहीं था.

वो फिर से जोश में आ गई और उसने मुझे नीचे लेटने को कहा.
मैं नीचे आया, तो वो मेरे लंड पर खुद चढ़ने लगी.
उसका हिलता हुआ पेट देख कर मैं दीवाना हो रहा था.

मैं भी नीचे से शॉट देने लगा तो उसके दूध फिर से उछलने लगे.

मेरा अब निकलने वाला था तो मैंने उसे बताया.
वो लंड से उतर कर सीधा मेरे लंड पर आई, उसने लंड को मुँह में ले लिया.
मैं समझ गया कि इस रांड को लंड की मलाई खानी है.

उसने लंड चूसना शुरू कर दिया.
मैं झड़ने लगा और वो लंड का पानी पीने लगी.
उसने लंड से निकली एक एक बूंद को खा लिया, एक कतरा भी नहीं छोड़ा.
वो पूरा का पूरा माल गटक गयी.

हमें चुदाई में पता ही नहीं चला कि कब 3 बज गए.
चुदाई के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे दो गए.

उसने मुझे 4 बजे उठाया और कहा- तुम्हें अभी जाना पड़ेगा क्योंकि मेरी जेठानी ऊपर रहती है, तो वो कभी भी इधर आ सकती है. अगर उसने तुम्हें देखा, तो बहुत सवाल करेगी और मैं पकड़ी जाऊंगी.
मैंने ओके कह दिया और कपड़े पहनने लगा.

पर मैंने जाते समय पूछा- अब कब दोगी?
उसने कहा- मैं तुम्हारे लिए एक अच्छा होटल बुक कर देती हूँ. तुम उधर रुक जाओ और कल जैसे समय पर घर आ जाना. हम दोनों फिर रात भर चुदाई करेंगे.

मैंने मना किया क्योंकि मैंने भी अपने घर पर एक दिन का ही कहा था.
तो मैंने एक हफ्ते बाद वापस आने का कहा.
उसने कहा- ठीक है. आने से पहले फोन कर लेना.

फिर हम दोनों ने एक मस्त लिपकिस की और उसने मेरे लंड को भी पप्पी देकर कहा कि जल्दी आना.

जाने से पहले उसने मेरे लिए चाय बनाई और हम दोनों ने एक ही कप में चाय पी.
फिर मैं वहां से निकल गया.

आगे की सेक्स कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने दिमाग लगा कर उसकी गांड भी मारी.

दोस्तो ये मेरी सच्ची विडो औरत सेक्स कहानी थी, जो मैंने आपके सामने रखी.
आपको पढ़ कर कैसी लगी, ये मुझे जरूर बताइए.
मेरी मेल आईडी है
[email protected]

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