मातहत की सेक्सी बीवी की चुदासी चुत चोदी- 1

(X HindiSex Kahani)

X हिंदीसेक्स कहानी में मुझे परायी औरत चोदने का मन करता था पर कोई मिलती नहीं थी. मेरे नीचे काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि उसे बच्चा नहीं हो रहा, उसका लिंग छोटा है.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमित कुमार है.
मेरी उम्र 48 साल है और मैं एक कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर काम करता हूँ.

मैं अपने बारे में इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता.

दोस्तो, आज जो X हिंदीसेक्स कहानी मैं आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, वह मेरी जिंदगी में घटी हुई एक सच्ची घटना है.
इस सेक्स कहानी के माध्यम से जो भी बात मैं आप लोगों के सामने पेश करूंगा, वह मेरी जिंदगी का कभी न भूलने वाला पल है.

आगे बढ़ने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में कुछ बातें बताना चाहता हूं.
मैं एक छोटे से शहर से हूँ.
जिस कंपनी में मैं काम करता हूँ, उधर हर 4 साल में मेरा ट्रांसफर होने के कारण मैं अपनी फैमिली को अपने साथ में नहीं रख पाता हूँ.
इसलिए मेरी बीवी और 3 बच्चे गाँव में ही मेरे माता पिता के साथ रहते हैं.

अकेले रहने के कारण मैं सेक्स के लिए बेचैन रहता हूँ और जब कभी भी मैं अपने घर जाता हूँ तो बीवी के साथ जमकर चुदाई होती है.

मैं एक अच्छी कद-काठी का मर्द हूँ और मेरा वजन 95 किलो है. मेरे लंड की लंबाई 8 इंच है और यह मोटा भी अच्छा खासा है.

मेरी शादी को 27 साल हो गए हैं लेकिन 2020 से पहले मैंने कभी भी अपनी बीवी के अलावा अन्य किसी महिला के लिए चुदाई नहीं की थी.

हालांकि मैंने कई महिलाओं को लाइन पर लाने की कोशिश जरूर की थी लेकिन कभी सफल नहीं हो पाया था.

मेरी उम्र भी अब 50 वर्ष होने वाली है तो अब उम्मीद भी नहीं है कि मुझे कोई महिला पसन्द भी करेगी.

अब तो अकेले रहते हुए मैं आस पड़ोस की महिलाओं को देखकर ही आंख सेकता था और रात में उनको ही याद करते हुए मुट्ठ मार लेता था.
बस मेरी जिंदगी ऐसी ही चल रही थी.

फिर 2020 का साल मेरे लिए खुशियों भरा साल बनकर आया और मेरी किस्मत ने ऐसी पलटी मारी जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था.

सन 2020 में मेरा एक बार फिर से ट्रांसफर हो गया.

इस बार मेरा जिस शहर में ट्रांसफर हुआ था, वह ज्यादा बड़ा शहर तो नहीं था लेकिन जगह काफी अच्छी थी.

जैसे ही मैंने वहां ड्यूटी जॉइन की तो सबसे बड़ी दिक्कत रहने के लिए रूम की आई.
एक हफ्ते तो मैंने किसी तरह से होटल में रहते हुए काम चला लिया और जगह जगह रूम की तलाश भी करता रहा.

फिर कंपनी में ही मेरी दोस्ती वहां के एक कर्मचारी से हो गई जिसका नाम मनोज था.
मनोज ने रूम के लिए मेरी मदद की और जल्द ही मुझे एक अच्छा सा रूम मिल गया.

मनोज भी किराए के मकान में अपनी बीवी के साथ रहता था.

महीने भर के अन्दर ही मेरी और मनोज की अच्छी दोस्ती हो गई थी और हम दोनों छुट्टी वाले दिन साथ में ही शराब का मजा लेते थे.

भले ही मैं एक सुपरवाइजर था और मनोज एक कर्मचारी था लेकिन हम दोनों में काफी अच्छी जमने लगी थी.

मनोज उम्र में मुझसे बहुत छोटा था और उसकी उम्र 34 साल थी.
स्वभाव से भी मनोज बहुत ही ज्यादा सीधा साधा युवा था.

धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती को तीन महीने से ज्यादा का समय हो गया था लेकिन मैं अब तक कभी भी उसके घर नहीं गया था.

फिर एक दिन ड्यूटी से छुट्टी होने के बाद मैं ऑटो से अपने रूम की तरफ़ जा रहा था.
रास्ते में मुझे मनोज दिखाई दिया जो कि सड़क किनारे एक हकीम की दुकान पर खड़ा हुआ था.

मुझे उस समय तो कुछ समझ में नहीं आया कि ये हकीम की दुकान से क्या ले रहा है!

फिर अगले दिन मैंने उससे ड्यूटी में पूछा लेकिन उसने बात को टाल दिया.
ऐसे ही मैंने कई बार उसे किसी न किसी हकीम के यहां खड़े हुए देखा और वह खाली समय में ड्यूटी में भी मोबाइल पर कुछ न कुछ दवाई के बारे में देखता रहता था.

मुझे इतना तो समझ आ गया था कि इसे कुछ न कुछ दिक्कत है, जिसके कारण ये हकीम और मोबाइल पर दवाई तलाश कर रहा है.
लेकिन उसने कभी मुझसे इसके बारे में चर्चा नहीं की.

उस दिन छुट्टी का दिन था और हमेशा की तरह हम दोनों बार में बैठे हुए शराब पी रहे थे.
रात के 9 बज चुके थे और हम दोनों ही न/शे में चूर हो गए थे.

उस वक्त मैंने उससे फिर यही बात पूछी लेकिन वह फिर से बात टालने लगा.
मैंने उसे समझाया कि अगर तू मुझे बात बताएगा तो शायद मैं तेरी कुछ मदद कर सकता हूँ.

इसके बाद उसने मुझे बताया कि मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक बच्चा नहीं हो पा रहा है और मेरा लंड भी काफी छोटा है, जिसके कारण मैं कभी भी अच्छे से सेक्स नहीं कर पाया.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारे लिंग का साइज कितना है?
जिस पर उसने बताया कि 3 इंच के करीब है और पतला भी बहुत है.
उसने यह भी कहा- मैं सेक्स में 2 मिनट भी नहीं टिक पाता.

मैंने उसे सलाह दी कि इन सब हकीम लोगों के चक्कर लगाना छोड़ और किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह ले, तेरी समस्या का समाधान हो जाएगा … कोई बड़ी बात नहीं है.

मैंने उससे यह भी कहा कि मैं किसी डॉक्टर का पता करके बता दूँगा, तू उनके पास जाकर अपना चेकअप करवा लेना.
मेरी बात सुनकर वह तैयार हो गया.

इसके बाद कुछ दिन बाद दशहरा आने वाला था और मुझे दशहरे में अपने घर जाना था.
घर जाने का मेरा पूरा प्लान बन गया था और इसके बारे में मैंने मनोज को पहले ही बता दिया था.

फिर अचानक से दो दिन पहले ही मेरा पूरा प्लान कैंसिल हो गया क्योंकि मुझे बहुत कम दिनों की छुट्टी मिली थी और इतने दिनों में मैं घर जाकर वापस नहीं आ सकता था.

प्लान कैंसिल होने की बात सुनकर मनोज ने मुझसे कहा- इस बार आप मेरे साथ मेरे घर पर दशहरा पर्व मनाइए.
मैंने भी उसकी बात को मानते हुए उससे हां कह दिया.

दशहरे के दिन मनोज ने अपने घर पर ही मेरे खाने का इंतजाम किया था.

शाम को 6 बजे मैं अपने रूम से निकला और मिठाई की दुकान से मिठाई लेने के बाद मैं मनोज के घर की तरफ चल दिया.

मैं आज पहली बार उसके घर जा रहा था, इससे पहले मैं और मनोज बाहर ही मिलते आ रहे थे.

मैं मनोज के घर पहुंचा और मैंने घंटी बजाई.

मनोज ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुलाया.
हम दोनों सामने के कमरे में ही बैठकर बातें करने लगे.

कुछ देर में मनोज की बीवी पानी लेकर आई.

कसम से दोस्तों उसकी बीवी के पहले दर्शन पाते ही मेरा दिल अन्दर तक हिल गया.
मनोज ने जरूर कुछ अच्छे काम किए होंगे जो उसे इतनी सुंदर बीवी मिली थी.

एक ही नजर में मैंने उसकी बीवी के बदन का एक्सरे तक कर लिया था.

बेहद खूबसूरत गोल चेहरा, भरा और कसा हुआ बदन … मदमस्त 36-30-38 का तराशा हुआ फिगर और इसके साथ इतनी गोरी चमड़ी कि छूने मात्र से ही चमड़ी लाल हो जाए.
ऊपर से उसकी बड़ी बड़ी सेक्सी आंखें किसी को भी पागल कर दें.

उसने साड़ी पहनी हुई थी और साड़ी से दिख रही उसकी कमर, पेट और छोटी सी गहरी नाभि बेहद ही सेक्सी लग रहे थे.
उसके दूध तो इतने बड़े थे कि ब्लाउज के अन्दर भी समा नहीं रहे थे.

एक शब्द में उस औरत की तारीफ करनी हो, तो कह सकते हैं कि वह बिल्कुल कड़क माल थी, जिसे सेक्स बम भी कह सकते हैं.

मैं खुद 6 फ़ीट लम्बा आदमी हूँ, लेकिन उसकी पर्सनालिटी गजब की थी और लंबाई 5 फिट 7 इंच के आसपास थी.
मनोज की बीवी तो मनोज से भी लंबी थी.

उसने पानी के ग्लास मेरे सामने टेबल पर रखे और हल्की मुस्कान के साथ मुझसे नमस्ते कहा.

मैंने उसे मिठाई का डिब्बा दिया और फिर वह डिब्बा लेकर पलट कर जाने लगी.
पीछे से उसकी उभरी हुई बड़ी सी गांड तराजू की तरह ऊपर नीचे हिल रही थी, उसके गहरे गले के ब्लाउज से उसकी चौड़ी गोरी पीठ देखकर मेरा मन डोल गया.

इसके बाद मैं वहीं बैठे हुए मनोज से बात तो जरूर कर रहा था लेकिन मेरा मन बस उसकी खूबसूरत बीवी के बारे में ही सोच रहा था.

मैं सोच रहा था कि जिस हिसाब से मनोज ने बताया है कि उसका लंड 3 इंच का है, तो इस हिसाब से तो उसकी बीवी प्यासी ही रह जाती होगी क्योंकि इस तरह की लंबी चौड़ी औरत के लिए तो एक दमदार मर्द के साथ साथ दमदार लंड की जरूरत है.

आधा घंटा तक बात करने के बाद उसकी बीवी हम दोनों को अन्दर वाले कमरे में आने के लिए बोली और हम दोनों हाथ धोकर खाने की टेबल के पास बैठ गए.

फिर हम तीनों ही साथ में बैठकर खाना खाने लगे.
इस बीच ही मैं मनोज की बीवी से बात करने लगा.

उसका नाम मिनी था और वह 26 साल की थी.
उसकी बात से ही लग रहा था कि वह काफी मिलनसार लड़की थी.

मैं उसे लड़की इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि वह मुझसे 22 साल छोटी थी औऱ अभी तक शायद वह औरत की कैटगरी में नहीं आ पाई थी.
हम तीनों आपस में बात करते हुए खाने का मजा ले रहे थे क्योंकि वास्तव में मिनी ने स्वादिष्ट खाना बनाया था.

मैं उसके खाने की तारीफ भी कर रहा था और मेरी पूरी नजर बस उसकी खूबसूरती पर ही टिकी हुई थी.

बिना मेकअप के भी वह बेहद खूबसूरत थी.
मैंने तो अन्दर ही अन्दर ये भी सोच लिया था कि मिनी बाहर से इतनी गोरी है तो इसका बदन अन्दर से कितना ज्यादा गोरा होगा और इसकी चूत किस रंग की होगी.

खाना खत्म होने के बाद मैं कुछ देर और उन दोनों के साथ बैठकर बातें करता रहा.
मिनी जल्द ही मुझसे घुल-मिल गई थी और बिंदास होकर बात कर रही थी.

इसके बाद मैं वापस अपने रूम में आ गया.

उस रात मुझसे रहा नहीं गया और मैंने मिनी को ही याद करते हुए पहली बार उसके नाम से मुट्ठ मारी थी.

इसके बाद मैं मनोज से और ज्यादा घुल-मिल कर रहने लगा और उसके घर जाने का बहाना तलाशता रहता था.

मैं किसी न किसी बहाने से उसके घर जाने लगा क्योंकि बस मिनी को एक बार देख पाना ही मेरी हसरत रह गई थी.
मैं जितनी बार मिनी को देखता था, उतना वह मेरे दिल में गहरी उतरती जा रही थी.

सच कहूँ तो पहली बार मेरे दिल को कोई लड़की इतनी ज्यादा पसंद आई थी.
मैं बस उसकी झलक पाने के लिए किसी न किसी बहाने से उनके घर जाता था.

मैं जब कभी भी मिनी को देखता था तो हर बार उसका फिगर मुझे और ज्यादा उतेजित कर देता था.

धीरे धीरे हम तीनों ही काफी घुल-मिल गए थे और मैं उनके परिवार के सदस्य की तरह हो गया था.

जल्द ही आये दिन मैं उनके घर पर ही खाना खाता था और छुट्टी के दिन हम तीनों कहीं न कहीं घूमने के लिए जाते थे.
कभी किसी पर्यटन स्थल पर, कभी फ़िल्म देखने, कभी किसी मॉल में शॉपिंग करने.

मैं अक्सर मिनी को अपनी तरफ से कुछ न कुछ लेकर देता था.
कभी अच्छे से कपड़े, कभी पर्स, तो एक बार मोबाइल भी उसे दिया था.

मनोज को भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि हम दोनों ही अच्छे दोस्त ही थे.
लेकिन मनोज मेरे अन्दर की भावना को नहीं समझ रहा था कि मेरी गंदी नजर इसकी सेक्सी बीवी पर लगी हुई थी.

वैसे भी मनोज जितना सीधा सादा था उसकी बीवी उतनी ही तेज थी.

इधर मैं उसकी बीवी को देखकर इतना तो समझ चुका था कि इसकी बीवी अन्दर से सेक्स के लिए भरी पड़ी है.
उसकी आंखें ही उसके अन्दर भरी हुई गर्मी को बता देती थीं.

एक साल से ऊपर का समय बीत गया लेकिन मैंने कभी भी मिनी को ये अहसास नहीं होने दिया कि मेरे दिल में उसके लिए क्या है.

मिनी की तरफ से भी मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि वह मेरी तरफ आकर्षित है.
वह बिल्कुल नॉर्मल ढंग से ही मुझसे बातें करती थी.
लेकिन मेरे अन्दर उसके लिए बहुत ही गंदे ख्याल भरे पड़े थे.

ऐसा शायद ही कोई दिन जाता था, जब मैं उसके नाम से मुट्ठ न मारता था.
मेरे अन्दर उसके लिए बेताबी दिनोदिन बढ़ती ही जा रही थी.
बस मेरे अन्दर यही डर समाया हुआ था कि कहीं मैं मिनी से कुछ कहता हूँ और उसने मना कर दिया तो दोस्ती भी टूटेगी और मनोज के सामने मेरी क्या इज्जत रह जाएगी.

हम दोनों की उम्र में इतना फासला था कि शायद ही कोई लड़की अपने से इतने बड़े मर्द को पसंद करेगी.
आज तक मैंने कभी भी किसी औरत को प्यार का इजहार भी नहीं किया था.

मेरी हालत ये हो गई थी कि मिनी को देख देखकर मैं पागल हुआ जा रहा था लेकिन उसे कुछ कहने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी.
बस उसे याद करते हुए रोज मुट्ठ मारकर ही दिन कट रहे थे.

दोस्तो, यह X हिंदीसेक्स कहानी आपको कितना मजा दे रही है, प्लीज जरूर बताएं.
इसके अगले भाग में आपको मिनी की प्यासी चुत की चुदाई की कहानी पढ़ने को मिलेगी.
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X हिंदीसेक्स कहानी का अगला भाग:

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