पहले भाभी की चोदा फिर उनकी बहन को
Xxx हिंदी सेक्स विद भाभी का मजा मुझे मेरे एक दोस्त की सेक्सी बीवी ने दिया. वह मेरे साथ ही काम करती थी. वह बड़ी आसानी से सेक्स के लिए मान गयी. फिर उसकी बहन भी चुदी.
हैलो, मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र पच्चीस साल है.
दिखने में मैं आकर्षक और हट्टा-कट्टा नौजवान हूँ.
मैं महाराष्ट्र के नाशिक का रहने वाला हूँ और मुंबई में एक कंपनी में काम करता हूँ.
मेरे बहुत सारे दोस्त हैं. मेरे एक खास दोस्त हैं.
वे मेरे बड़े भाई जैसे हैं. उनका नाम रेहान भाई है.
वे उम्र में मुझसे बड़े हैं तो मैं उन्हें बड़े भाई के जैसा सम्मान देता हूँ.
रेहान भाई हुबली के रहने वाले हैं और वे शादीशुदा हैं.
उनकी पत्नी का नाम हुमा है.
यह Xxx हिंदी सेक्स विद भाभी कहानी इसी हुमा की और उसकी बहन की चूत चुदाई की है.
हुमा भाभी की उम्र सत्ताईस साल है और उनका फिगर 36-30-38 का है.
भाभी दिखने में बहुत खूबसूरत हैं.
रेहान भाई और मैं एक ही कंपनी में साथ काम करते हैं.
मैं हर रविवार को छुट्टी के दिन रेहान भाई के घर जाता हूँ और पूरा दिन वहीं बिताता हूँ.
छुट्टी के दिन रेहान भाई के घर बिरयानी बनती है.
हुमा भाभी मुझे ढेर सारी बिरयानी खिलाती हैं और इस तरह हम दोनों के बीच हंसी-मजाक चलता रहता है.
एक दिन कंपनी में मैनेजर के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया.
मैंने उस कंपनी से काम छोड़ दिया और एक दवा बनाने वाली कंपनी में नौकरी शुरू कर दी.
इस कारण मैं रेहान भाई के घर नहीं जा सका.
कुछ महीने बाद मैं फिर से रेहान भाई के घर गया.
मुझे देखकर रेहान भाई और हुमा भाभी, दोनों ही बहुत खुश हुए.
उस दिन घर में बिरयानी बनी थी.
हम तीनों ने मिलकर बिरयानी खाई.
खाने के बाद हम एक साथ बैठकर बातें करने लगे.
मैंने कहा- रेहान भाई, आपके काम पर जाने के बाद हुमा भाभी घर में अकेली रहती हैं. अगर आप भाभी को कहीं काम पर लगाएं, तो उनका भी समय अच्छा बीतेगा!
रेहान भाई बोले- इसे कहां काम पर लगाऊं? तुम तो जानते हो मेरी कंपनी का काम कैसा है. ये वह काम नहीं कर पाएगी. अगर तुम्हें कहीं अच्छी कंपनी में काम मिले, तो बता देना!
मैंने कहा- मेरी कंपनी में पैकिंग का काम है. कहो तो कल से भाभी को ले जाऊं!
मेरी बात सुनकर रेहान भाई ने हुमा भाभी को काम पर जाने की अनुमति दे दी.
मैंने हुमा भाभी को अपनी दवा कंपनी में काम दिलवा दिया.
इसके बाद मैं और हुमा भाभी एक साथ काम पर जाते और एक साथ घर लौटते.
इस तरह कई महीने बीत गए.
एक दिन काम के दौरान अचानक बिजली चली गई और कंपनी की छुट्टी हो गई.
मैं बाहर अपने जूते पहन रहा था.
हुमा भाभी ने पूछा- घर जाओगे?
मैंने कहा- घर जाकर क्या करूँगा? फिल्म देखने जाऊंगा.
हुमा भाभी हंस कर बोलीं- मैं भी तुम्हारे साथ फिल्म देखने चलूँगी!
मैंने ओके कह दिया.
अब हम दोनों एक साथ फिल्म देखने चले गए.
फिल्म देखकर लौटते समय हुमा भाभी ने देखा कि एक आदमी एक औरत को लेकर लॉज की ओर जा रहा था.
हुमा भाभी ने पूछा- रोहन, ये आदमी और औरत कहां जा रहे हैं?
मैंने कहा- ऊपर लॉज है. यहां लोग औरतों को लेकर मजे करते हैं.
हुमा भाभी मेरी बात समझ कर शर्मा गईं और तिरछी नजरों से मुझे देखने लगीं.
मैंने मजाक में कहा- क्या भाभी, आपका भी लॉज में जाने का इरादा है?
हुमा भाभी ने सिर हिलाते हुए कहा- नहीं नही … कहीं पुलिस पकड़ लेगी, तो मुसीबत हो जाएगी.
मैंने पूछा- तो फिर भाभी?
हुमा भाभी आंख मारती हुई बोलीं- कभी छुट्टी के दिन घर पर ही मजे करते हैं.
मैंने कहा- अगर रेहान भाई को पता चल गया तो?
हुमा भाभी ने जवाब दिया- उन्हें पता नहीं चलेगा.
फिर हम दोनों अपने-अपने घर चले गए.
हुमा भाभी अगले दिन काम पर नहीं गईं.
रेहान भाई के काम पर जाने के बाद भाभी ने मुझे फोन करके अपने घर बुलाया.
मैं भी झट से भाभी के घर पहुंच गया.
मेरे मन में हजारों लड्डू फूट रहे थे.
इतने दिनों बाद मेरी तमन्ना पूरी होने वाली थी.
आज मुझे हुमा भाभी की खूबसूरती को करीब से देखने का मौका मिलने वाला था.
हुमा भाभी ने मुझे घर में अन्दर लेने के बाद घर का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया.
उन्होंने अपनी साड़ी उतारी और मेरे पास आकर बैठ गईं.
मैं हुमा भाभी के संगमरमर जैसे बदन को काले ब्लाउज और काले पेटीकोट में देख रहा था.
मैंने हुमा भाभी से कहा- इसे भी उतार दो!
हुमा भाभी ने जवाब दिया- क्यों तुम्हारे हाथ में चोट लगी है क्या … तुम ही उतार दो न!
मैंने धीरे धीरे हुमा भाभी का ब्लाउज़ उतारा, फिर उनकी ब्रा भी खोल दी.
हुमा भाभी की चूचियां ब्लाउज़ और ब्रा से आज़ाद हो गईं.
उनकी चूचियों के निप्पल मुझे बेसब्री से ताक रहे थे.
मैंने अपने दोनों हाथों से भाभी की चूचियों को पकड़ा और दम से मसलना शुरू कर दिया.
भाभी अपनी दोनों चूचियां मेरे हाथों में सौंपकर जोश भरी आंखों से मुझे देख रही थीं.
मैंने भाभी की चूचियों को पकड़ा और उनकी एक चूची के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया.
भाभी की आह निकलने लगी और मैं उनके दूध चूसने लगा.
हुमा भाभी ने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर अपनी चूचियों पर दबाना शुरू कर दिया.
मैंने भी भाभी की दोनों चूचियों के बीच अपना मुँह रखकर रगड़ना शुरू कर दिया.
हम दोनों ने पूरी मस्ती के साथ सेक्स का मजा लेना शुरू कर दिया था.
इसके बाद मैंने हुमा भाभी के पूरे बदन को चूमना शुरू कर दिया.
चूमते-चूमते मैं भाभी की नाभि तक पहुंच गया और नाभि को चाटने लगा.
अब मैंने धीरे से भाभी की पैंटी उतारी और उनकी दोनों जांघों पर हाथ रखकर उन्हें फैलाने लगा.
हुमा भाभी ने अपने दोनों पैर फैला दिए.
मैंने देखा कि भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने पोजीशन बनाई और भाभी की चूत में अपना मुँह लगा कर चूसना शुरू कर दिया.
मेरी जीभ की गर्माहट से भाभी मस्त होने लगीं और मेरे सर को अपनी चुत पर दबा कर मीठी सिसकारियां भरने लगीं.
कुछ देर बाद हुमा भाभी ने अपनी गांड उठाकर मेरे मुँह पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मैं भी जोश में था और किसी पागल कुत्ते की तरह भाभी की चूत को चाट रहा था.
तभी भाभी की चूत ने रोना शुरू कर दिया और मैं उनकी बुर का पानी पीता जा रहा था.
मेरा लंड आठ इंच लंबा और छह इंच मोटा था.
मैं नीचे लेट गया.
हुमा भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया.
मेरा मोटा और लंबा लंड देखकर वे खुश हो गई थीं.
भाभी ने मेरे लंड की चमड़ी को नीचे-ऊपर करके लंड का लाल, मोटा सुपारा अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
वे चमड़ी वाले लंड को बड़े प्यार से मुँह में लेकर चूस रही थीं और अपने हाथों से मेरे लंड की गोटियों को सहलाती जा रही थीं.
कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद मैंने हुमा भाभी को नीचे लिटाया और उनके दोनों पैर फैला दिए.
फिर अपने दोनों हाथों से भाभी की चूत को फैलाया.
हुमा भाभी की चूत का छेद एक इंच मोटे लंड के मतलब का था जबकि मेरे लंड का सुपारा ही किसी बड़े आंवले के जैसा था.
मैंने अपने लंड का सुपारा हुमा भाभी की चूत के छेद पर रख दिया और रगड़ने लगा.
सुपारे की गर्मी से हुमा भाभी की चूत ने फिर से रस छोड़ना शुरू कर दिया.
जल्दी ही मेरा लंड भाभी की चुत के पानी में भीगकर चिपचिपा हो गया.
मैंने हुमा भाभी के कंधे पकड़ कर ज़ोर से धक्का मारा.
मेरा लंबा और मोटा लंड हुमा भाभी की संकरी चूत के छेद को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
हुमा भाभी जोर से चिल्लाईं- आह मर गई!
मैंने वापस धक्का मारा और अबकी बार के झटके में मैंने अपना आठ इंच लंबा लंड हुमा भाभी की चूत में घुसेड़ दिया.
अब वे कराह रही थीं और लंड निकाल लेने के लिए कह रही थीं.
कुछ देर के दर्द के बाद सब कुछ सामान्य होने लगा.
मैं हुमा भाभी के कंधों को पकड़ कर धीरे धीरे उन्हें चोदने लगा.
काफी देर तक भाभी की चुत चोदने के बाद मेरे लंड ने भाभी की प्यासी चूत में वीर्य छोड़ना चालू कर दिया.
मैं झड़ कर भाभी के ऊपर ही सो गया.
कुछ देर बाद मेरा लंड भाभी की चूत के अन्दर ढीला पड़ गया और धीरे धीरे बाहर आने लगा.
हुमा भाभी चुदने के बाद हंसने लगीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
हुमा भाभी ने जवाब दिया- चूत के अन्दर गुदगुदी हो रही है!
मेरे लंड की चमड़ी हुमा भाभी के ब/च्चेदानी के मुँह में फँस गई थी, जिससे उन्हें मज़ा आ रहा था.
उस दिन उन्हें दोबारा चोदने के बाद मैं अपने घर चला गया.
इस तरह से हुमा भाभी और मैं हफ्ते में एक या दो बार चुदाई करने लगे थे.
हुमा भाभी को मेरे लंड से चुदने में मज़ा आने लगा था.
मैं भाभी के घर आता और उन्हें चोद कर वापस चला जाता.
फिर एक बार मौलाना रेहान कुछ काम से हुबली चले गए थे.
हुमा भाभी पूरी तरह फ्री थीं.
उसी दौरान हुमा भाभी की बड़ी बहन शीना उनके घर आ गईं.
उन्हें अपने शौहर से सेक्स का सुख ही नहीं मिला था.
दरअसल जिस दिन उनका निकाह हुआ था, उसी दिन उनके शौहर की पोल खुल गयी थी. वह हिजड़ा था.
उनका तलाक हो गया था.
शीना दीदी को देखते ही हुमा भाभी ने मुझको घर आने से मना कर दिया.
उधर हुमा भाभी मेरे लंड के बिना बेचैन थीं और इधर मैं भी भाभी की चूत के बिना बेचैन था.
अगले दिन हुमा और शीना दोनों बहनें एक ही बिस्तर पर लेटी थीं.
हुमा भाभी ने अपनी बड़ी बहन शीना के सीने पर हाथ रखा.
शीना ने कुछ नहीं कहा तो हुमा भाभी ने धीरे-धीरे अपनी बड़ी बहन शीना की चूचियां दबाना शुरू कर दीं.
शीना दीदी फिर भी चुप रहीं.
हुमा भाभी ने तभी झटके से अपनी बड़ी बहन शीना की मैक्सी ऊपर उठाई और अन्दर हाथ डालकर उनकी चूचियां दबाना शुरू कर दीं.
शीना दीदी ने हुमा भाभी की ओर देखा और मुस्कुराती हुई बोलीं- ये क्या कर रही हो हुमा?
हुमा भाभी ने जवाब दिया- शीना दीदी, कुछ महीनों से हमने वह नहीं किया!
शीना दीदी ने पूछा- तो अब करने का इरादा है क्या?
हुमा भाभी मुस्कुराती हुई बोलीं- हां बड़ी प्यास लगी है!
शीना दीदी खुद भी चुदास से पीड़ित थीं तो उन्होंने कहा कि चल शुरू हो जा!
हुमा भाभी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और शीना दीदी के भी कपड़े उतार दिए.
अब वे दोनों पूरी तरह नंगी हो गईं.
हुमा भाभी और शीना दीदी एक-दूसरे की चूचियां दबाने लगीं.
भाभी ने अपनी बहन की एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
शीना दीदी ने भी हुमा भाभी की चूची को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
फिर दोनों ने अपनी-अपनी पैंटी उतार दी.
हुमा भाभी ने शीना दीदी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
शीना दीदी की चूत से काफी दिनों बाद पानी निकलने लगा था और हुमा भाभी मस्ती से उस नमकीन पानी को चाटती जा रही थीं.
फिर शीना दीदी ने भी हुमा भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
हुमा भाभी की चूत से पानी का फव्वारा निकलने लगा.
हुमा भाभी ने शीना दीदी को नीचे लिटा कर उनके पैर फैला दिए.
इसके बाद हुमा भाभी ने अपनी चूत को शीना दीदी की चूत पर रखकर रगड़ना शुरू कर दिया.
दोनों बारी-बारी से चुत से चुत रगड़ने लगीं और दोनों झड़ गईं.
इसके बाद दोनों एक-दूसरे को पकड़ कर नंगी ही लेट कर बातें करने लगीं.
हुमा भाभी बोली- शीना दीदी … ऐसा करने में बड़ा मज़ा आता है. अगर हमारे साथ कोई लड़का होता, तो और मज़ा आता!
शीना दीदी ने जवाब दिया- अब लड़का कहां से मिलेगा?
हुमा भाभी ने कहा- अगर तुम्हें चुदवाना है, तो मेरे पास एक लड़का है. घर में अभी हम दोनों के सिवा कोई नहीं है. उसे बुलाते हैं, खूब चुदाई करेंगे. उसका नाम रोहन है. मैं कई बार उससे चुद चुकी हूँ!
शीना दीदी ने उत्साह से कहा- ठीक है बुला ले … मेरी भी प्यासी चुत ठंडी हो जाएगी!
हुमा भाभी ने तत्काल मुझको फोन किया.
उनकी बात सुनकर मेरे मन में हज़ारों हजार लड्डू फूटने लगे.
मैं झट से हुमा भाभी के घर पहुंच गया.
मुझे आया देखकर हुमा भाभी और शीना दीदी दोनों खुश हो गईं.
मैं उनके बीच में बैठ गया.
मैंने हुमा भाभी और शीना दीदी को बारी-बारी से चूमा.
उसके बाद मैंने शीना दीदी की चूचियों को पकड़ कर मसलना शुरू किया.
जल्दी ही हुमा भाभी और शीना दीदी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और वे दोनों नंगी होकर मेरे पास बैठ गईं.
हुमा भाभी ने उत्साह से कहा- रोहन, आज तुम पहले शीना दीदी को चोदो. अभी तक उन्होंने लंड का मज़ा नहीं लिया. दीदी की कुंवारी चूत में लंड डालकर उसे फाड़ डालो!
मैंने शीना दीदी को नीचे लिटाया और उनकी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा.
मैंने दीदी की रसभरी चूचियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया.
कुछ देर तक मम्मों का मजा लेने के बाद मैंने शीना दीदी के पूरे बदन को चूमना शुरू कर दिया.
चूमते-चूमते मैं शीना दीदी की नाभि तक पहुंचा और उसे चाटने लगा.
मैंने शीना दीदी के पैर फैलाए और उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
शीना दीदी के पूरे बदन में आग-सी लग गई और उनकी चूत से पानी का फव्वारा निकल गया.
मैं दीदी की कुंवारी चूत को चाटता रहा.
तभी शीना दीदी ने उठ कर मुझको अपने नीचे लिटाया और मेरा आठ इंच लंबा व खूब मोटा लंड पकड़ लिया.
दीदी ने मेरे लंड की चमड़ी को ऊपर-नीचे करके सुपारे को चाटना शुरू किया.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने दीदी को फिर से नीचे लिटाया और उनके दोनों पैर फैला दिए.
फिर पोजीशन बना कर मैंने शीना दीदी की चूत को फैलाया और उनके छोटे से छेद में अपने लंबे और मोटे लंड का सुपारा रखा.
दीदी की चुत कसमसा उठी.
मैंने धीरे-धीरे करके दीदी की चुत में लंड को अन्दर घुसाना शुरू किया.
शीना दीदी को अच्छा लग रहा था तो उन्होंने जोश में आकर अपने पैर और फैला दिए ‘आह … पेल दे एक ही बार में पूरा लंड आह…!’
उनकी अति कामुक आवाजें निकलने लगीं.
मैंने भी एक जोरदार धक्का मारा.
शीना दीदी को समझ में आ गई कि लंड क्या चीज होती है.
उनके मुँह से दर्द भरी चीख निकल गई.
उनकी चीख को दबाने के लिए भाभी ने झट से अपना हाथ दीदी के मुँह पर रख दिया.
इधर मैं बेदर्दी से अपना पूरा लंड शीना दीदी की चूत में घुसेड़ता चला गया.
शीना दीदी की कुंवारी चूत फट गई और खू.न का फव्वारा निकल पड़ा.
मैंने शीना दीदी के कंधों को पकड़ा और धकापेल चोदना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर के दर्द के बाद अब शीना दीदी को लंड का मज़ा आने लगा था.
वे भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थीं.
मैंने दीदी को काफी देर तक चोदा उसके बाद मैंने अपना वीर्य दीदी की ब/च्चेदानी में ही छोड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद मेरा लंड छोटा होने लगा. शीना दीदी को लंड की चमड़ी से गुदगुदी होने लगी
मेरे लंड की चमड़ी दीदी की ब/च्चेदानी में फंस गई थी.
मैंने उस रात शीना दीदी को जन्नत की सैर करा दी थी.
अब मैंने हुमा भाभी को भी चोदा और घर चला गया.
इसके बाद तो मैं हर रोज़ हुमा भाभी और शीना दीदी को चोदने आ जाता और एक घंटा तक उन दोनों की चुत का भोसड़ा बनाने का काम पूरी तबीयत से करता.
इसके बाद मैंने भाभी की और दीदी की गांड भी मारी थी.
वह मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
मैं समझता हूँ कि आपको मेरी Xxx हिंदी सेक्स विद भाभी कहानी अच्छी लगी होगी.
प्लीज मुझे ईमेल से जरूर बताएं.
लेखक की पिछली कहानी थी: दोस्त की बीवी और माँ की एक साथ चुदाई
What did you think of this story
Comments