ऑनलाइन दोस्त को घर बुलाकर चुदाई का मजा लिया
(Xxx3 Bhabhi Fuck Kahani)
Xxx3 भाभी फक कहानी में मुझे किसी गैर मर्द से चुदे काफी दिन हो गए थे. एक बार मुझे मौक़ा मिला तो मैंने अपने दोस्त को घर बुलाया. वह ऑनलाइन दोस्त बना था.
मैं सोनम वर्मा अपनी एक और नई कहानी के साथ आप सभी का स्वागत करती हूँ.
मेरी इस सेक्स कहानी को आप सभी शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें.
मेरी पिछली कहानी
ऐशोआराम भरी जिन्दगी की चाह
को आपने इतना पसंद किया, उसके लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद.
दोस्तो, जैसा कि आप जानते हैं, मैं अन्तर्वासना पर अपनी कहानियों के साथ-साथ अपने दोस्तों की कहानियां भी भेजती हूँ क्योंकि मुझे सच्ची कहानियां भेजने में ही मजा आता है.
काफी दिनों से मैंने अपनी कोई कहानी नहीं भेजी थी और बस अपने दोस्तों की कहानियां ही भेज रही थी.
मेरे कई पाठक मुझे मैसेज कर रहे थे कि सोनम तुम भी अपनी कोई नई कहानी भेजो … लेकिन मेरे साथ ऐसी कोई नई घटना नहीं हुई थी, जिसे मैं आप तक पहुंचा पाती.
फिर अचानक पिछले महीने मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ, जिसे मैं आप सभी के साथ जरूर शेयर करना चाहती हूँ.
मेरी Xxx3 भाभी फक कहानी का मजा लें.
मैं पिछले कई सालों से अन्तर्वासना से जुड़ी हुई हूँ और इसके साथ-साथ मैं कई सोशल मीडिया साइट्स पर भी सक्रिय हूँ.
इस कारण मेरे बहुत सारे ऑनलाइन दोस्त भी बने हैं, जिनके साथ मैं मोबाइल पर चैटिंग करती रहती हूँ.
वैसे तो मैं उन सभी दोस्तों से मिलती नहीं हूँ और अभी तक केवल दो लोगों से ही मेरी मुलाकात हुई है.
सबसे पहले मैं किशन जी से मिली थी, जब मेरी शादी नहीं हुई थी.
उनके साथ मैंने दो दिनों तक होटल में खूब मजे किए थे.
शादी के बाद मेरी कभी किसी से मुलाकात नहीं हुई थी.
अभी पिछले महीने मेरी दूसरी मुलाकात राजेश जी के साथ हुई थी.
राजेश जी के बारे में मैं बता दूँ, उनसे मेरी दोस्ती करीब पाँच साल पुरानी है और हम दोनों लगभग रोज़ ही बात करते हैं.
अभी तक उनसे मेरा मिलना नहीं हुआ था क्योंकि शादी के बाद किसी से मिल पाना बेहद मुश्किल होता है.
फिर पिछले महीने मुझे ऐसा मौका मिला जिसके कारण मेरी और राजेश जी की मुलाकात हो पाई और मैं उनके साथ तीन दिनों तक रही.
दोस्तो, किसी नए मर्द के साथ चुदाई का मजा ही अलग होता है … और अगर वह मर्द चुदाई में मास्टर हो, तो मजा और भी बढ़ जाता है.
आगे मैं आपको बताऊंगी कि मैं और राजेश जी कैसे मिले और किस तरह से उन्होंने मेरी चुदाई की.
जो मेरे नए पाठक हैं, उन्हें मैं अपने बारे में बताना चाहती हूँ.
मेरा नाम सोनम वर्मा है, मेरी उम्र 31 साल है और अन्तर्वासना पर कहानियां भेजना मेरा शौक है.
मैं अपने फिगर के बारे में बता दूँ, मेरा फिगर साइज़ 36-32-38 है. रंग गोरा है और हाइट 5 फुट 4 इंच है.
जो लोग मुझसे काफी समय से जुड़े हुए हैं, उन्होंने मुझे मोबाइल पर देखा हुआ है इसलिए उन्हें ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं है.
आज आप सभी को मैं अपनी खुद की चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ और कहानी में जो कुछ भी बताऊंगी, वे सभी बातें सच्ची होंगी.
मैं और राजेश जी कई सालों से ऑनलाइन दोस्त हैं और उनसे बात करना मेरा रोज़ का काम है.
जब भी हम दोनों को समय मिलता है, हम एक-दूसरे को मैसेज करते रहते हैं.
रात में भी जब मेरे पति सो जाते हैं, हम दोनों मोबाइल पर चैटिंग करते हैं.
मोबाइल पर चैटिंग के दौरान हम दोनों ने बहुत-सी चुदाई की बातें की हैं और एक-दूसरे के अंगों को गर्म किया है.
उनसे मेरी कभी मुलाकात नहीं हुई थी क्योंकि ऐसा कोई मौका ही नहीं मिला था.
पिछले महीने हमें एक अच्छा मौका मिल गया और आखिरकार हम दोनों की मुलाकात हो गई.
वैसे भी बहुत समय से मेरा किसी नए मर्द के साथ चुदाई का मज़ा लेने का मन कर रहा था.
पिछले महीने मेरे पति को अपनी ट्रेनिंग के लिए चार दिन के लिए बाहर जाना था.
उस दौरान घर पर सिर्फ़ मैं और मेरी सास को रहना था.
लेकिन अचानक मेरी सास का भी एक पारिवारिक कार्यक्रम के लिए बाहर जाने का प्रोग्राम बन गया.
अब घर पर केवल मैं ही रहने वाली थी.
वैसे तो मैं पहले भी कई बार घर पर अकेली रह चुकी हूँ, लेकिन तब सिर्फ़ एक-दो दिन के लिए.
इस बार मुझे चार दिन तक अकेले रहने का मौका मिल गया था.
पति के बाहर जाने से एक हफ्ते पहले एक दिन मेरी और राजेश जी की चैटिंग हो रही थी.
मैंने उन्हें इस बारे में बताया.
मेरी बात सुनकर राजेश जी ने तुरंत मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की.
उन्होंने कहा- इस सुनहरे अवसर पर मिलना तो बनता है!
मैंने भी उन्हें निराश न करते हुए तुरंत हां कह दी- हां, ज़रूर!
फिर 7 मई 2023 को मेरे पति को जाना था.
उसके एक दिन पहले ही मेरी सास अपने कार्यक्रम के लिए चली गई थीं.
उस दिन सुबह 8 बजे मेरे पति की फ्लाइट थी और शाम 6 बजे राजेश जी की ट्रेन यहां पहुंचने वाली थी.
राजेश जी के बारे में बताऊं तो वे 48 साल के हैं और मुझसे 17 साल बड़े हैं.
लेकिन इतने सालों की दोस्ती और उनकी शानदार पर्सनैलिटी के कारण वह मुझे बहुत पसंद हैं.
हम दोनों के बीच चैटिंग में सब कुछ हो चुका है.
हमने एक-दूसरे को नंगे बदन भी देखा हुआ है.
उस दिन 7 मई को सुबह 6 बजे मेरे पति घर से चले गए और मैं घर पर अकेली रह गई.
घर का काम खत्म करने के बाद दोपहर को मैं पास के ब्यूटी पार्लर गई.
वहां मैंने पूरा बॉडी वैक्स करवाया.
अपने दोनों गुप्तांगों के साथ-साथ हाथ, पैर, जांघ … हर जगह के बालों की सफाई करवाई.
चेहरे पर फेशियल करवाने के बाद दोपहर 2 बजे मैं घर वापस आ गई.
नहाने के बाद मैंने उस दिन नई ब्रा और पैंटी पहनी.
रात में पहनने के लिए मैंने एक सेक्सी लुक वाली गाउन निकालकर अलग रख ली.
शाम 5 बजे मैं तैयार होकर अपने घर से रेलवे स्टेशन के लिए निकल गई.
स्टेशन पहुंचने के बाद मैंने अपनी कार पार्किंग में लगाई और कार के अन्दर ही बैठी रही.
मैं लगातार फोन पर राजेश जी के संपर्क में थी.
ट्रेन साढ़े छह बजे आ गई और मेरे दिल की धड़कन तेज़ रफ्तार से चलने लगी.
मुझे उस वक्त अन्दर से बहुत अजीब-सी बेचैनी हो रही थी.
मैं पहली बार राजेश जी से मिलने वाली थी.
अभी तक तो बस मोबाइल पर ही उनसे बातें होती थीं और मोबाइल पर ही उन्हें देखा था.
मैंने अपनी कार का नंबर राजेश जी को बता दिया था.
जल्द ही राजेश जी मेरी कार तक पहुंच गए.
‘हाय’ हम दोनों ने एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराते हुए कहा.
फिर राजेश जी कार में बैठ गए और हम लोग चल दिए.
रास्ते में मैंने होटल से रात का खाना पैक करवा लिया.
करीब 8 बजे हम लोग घर पहुंच गए.
घर पहुंचने के बाद मैंने सारे दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं.
उस दिन बहुत गर्मी थी इसलिए मैंने पहले ही घर के सभी एयरकंडीशनर चालू कर दिए थे.
लंबे सफर के बाद राजेश जी नहाने चले गए और मैंने खाना टेबल पर लगाना शुरू कर दिया.
राजेश जी के आने से पहले मैंने भी कपड़े बदल लिए और वही गाउन पहन लिया जो मैंने सुबह अलग निकाल रखा था.
लाल रंग की ब्रा-पैंटी और क्रीम रंग का गाउन.
गाउन ऐसा था कि अन्दर की ब्रा-पैंटी साफ झलक रही थी और साथ ही मेरा गोरा बदन भी आसानी से नजर आ रहा था.
राजेश जी के आने के बाद हम दोनों ने खाना शुरू किया.
हम आमने-सामने बैठे थे और राजेश जी की नजर बार-बार मेरे तने हुए मम्मों की ओर जा रही थी.
हालांकि उन्होंने मुझे मोबाइल पर कई बार नंगी देखा था लेकिन आमने-सामने की बात ही अलग होती है.
खाना खाने के बाद हम सोफे पर बैठकर देर तक बातें करते रहे.
हम दोनों सामान्य दोस्तों की तरह बात कर रहे थे जबकि रोज़ मोबाइल पर हम केवल चुदाई की बातें ही करते थे.
लगभग एक घंटे तक बातें करने के बाद राजेश जी ने कहा- सोनम, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ.
उन्होंने अपना बैग खोला और उसमें से एक साड़ी और एक पैकेट निकाला.
साड़ी बेहद खूबसूरत थी.
फिर उन्होंने वह पैकेट मुझे दिया.
मैंने उसे खोला.
उसमें एक महंगी शराब की बोतल थी.
मैंने पहले ही राजेश जी से शराब पीने की इच्छा जाहिर की थी और इसलिए वे मेरे लिए यह बोतल लाए थे.
उस दिन से पहले मैंने केवल कॉलेज के दिनों में एक बार बियर पी थी.
शराब को वही रखने के बाद मैं अन्दर गई और दो ग्लास, बर्फ और खाने के लिए काजू ले आई.
इसके बाद राजेश जी अपने हाथों से शराब के पैग बनाने लगे.
पहला घूँट पीते ही शराब बहुत स्मूथ लगी और मुझे पीने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
जल्द ही हम दोनों ने दो-दो पैग पी लिए और हमें न/शा होने लगा.
राजेश जी नहीं चाहते थे कि हम दोनों को ज्यादा न/शा चढ़े क्योंकि इससे आगे का प्रोग्राम बिगड़ सकता था.
फिर उन्होंने तीसरा और आखिरी पैग तैयार किया और मुझसे कहा- सोनम, अब ये ग्लास मैं अपने हाथों से तुम्हें पिलाना चाहता हूँ.
मैं भी खुलकर बोली- बिल्कुल, बताइए कैसे पिलाएंगे.
उन्होंने इशारा किया और मुझे अपनी जांघ पर बैठने को कहा.
मैं उठी और उनकी जांघ पर जा बैठी.
उन्होंने एक हाथ मेरी कमर में डाला और दूसरे हाथ से मुझे शराब पिलाने लगे.
धीरे-धीरे मैंने सारा ग्लास ख़त्म कर दिया.
फिर मैं अपने हाथों से राजेश जी को शराब पिलाने लगी.
उन्होंने भी जल्द ही अपना ग्लास ख़त्म कर दिया.
मैं उनकी जांघ पर ही बैठी थी और राजेश जी का हाथ मेरे घुटनों पर आ गया था.
वे मेरी सुंदरता की तारीफ करते हुए अपना हाथ मेरे घुटनों पर चला रहे थे.
जल्द ही उन्होंने गाउन को घुटनों के ऊपर तक उठा लिया और मेरी जांघों को सहलाने लगे.
उनके कठोर हाथों के स्पर्श से मेरे अन्दर दोगुना न/शा छाने लगा.
जल्द ही राजेश जी ने मुझे अपनी गोद में लिटा लिया और झुककर मेरे गालों को चूमने लगे.
देखते ही देखते उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूमने लगे.
राजेश जी मेरे होंठ चूम रहे थे और साथ ही मेरे गाउन को मेरे जिस्म से अलग भी कर रहे थे.
हम दोनों के अन्दर जोश बढ़ता जा रहा था.
जल्द ही उन्होंने मेरी ब्रा उतारकर मेरे दोनों मम्मों को आज़ाद कर दिया.
मेरे तने हुए चूचों को देखकर राजेश जी खुद को रोक न सके और मेरे मम्मों पर टूट पड़े.
वह बारी-बारी से मेरे निप्पलों को चूसने लगे और दोनों हाथों से मेरे दूध को मसलने लगे.
‘सीई … सीई … आआह … आआह’ की आवाज़ों के साथ मैं उनके सिर को अपने दूध में दबाने लगी.
मैं उनकी ज़ुल्फ़ों पर अपनी उंगलियां फेरने लगी.
फिर उन्होंने मुझे उठाकर बिस्तर पर बिठा दिया और झुककर मेरे दूध को चूसने लगे.
एक हाथ से मेरी पीठ सहलाते हुए मुझे अपनी ओर दबाए जा रहे थे.
मैं भी पूरी तरह जोश से भर चुकी थी. उनकी पीठ को सहलाती हुई मैं ‘आआह … आआह … ऊऊऊऊ… ऊऊऊऊ’ की सिसकारियां ले रही थी.
इधर मेरी चूत से पानी की धार बह रही थी और उधर राजेश जी मेरे दूध को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे.
जल्द ही उन्होंने मुझे फिर से लिटा दिया और मेरे पेट और नाभि को चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगे.
वह मेरी चूत तक जा पहुंचे और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर अपने दांत चलाने लगे.
उनके हर दांव से साफ़ पता चल रहा था कि वे चुदाई के माहिर खिलाड़ी हैं.
फिर भी, उनके अन्दर मुझे चोदने की उत्सुकता साफ़-साफ़ दिख रही थी.
उन्होंने जल्द ही मेरी पैंटी उतार दी और मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया.
मेरे दोनों पैरों को फैलाते हुए वह मेरी चूत पर झुक गए और अपनी जीभ मेरी चूत पर चलाने लगे.
वह अपनी उंगली से मेरी चूत को फैलाकर अन्दर तक चाट रहे थे.
मेरी हालत खराब होने लगी और मेरी कमर अपने आप ऊपर-नीचे होने लगी.
मेरे चूतड़ हवा में उठ गए और मैं उस वक़्त असीम सुख का आनन्द ले रही थी.
उस पल बस यही लग रहा था कि वह ऐसे ही मेरी चूत चाटते रहें.
जल्द ही उन्होंने मेरी पूरी चूत को अपने मुँह में भर लिया और बुरी तरह चूसने लगे.
उस आनन्द को मैं ज़्यादा देर सह न सकी और उनके मुँह में ही झड़ने लगी.
उन्हें भी पता चल गया था कि मैं झड़ रही हूँ लेकिन उन्होंने फिर भी चूत चाटना जारी रखा और मेरी चूत का एक-एक बूंद पानी पीते चले गए.
झड़ने के बाद भी वे लगातार मेरी चूत चाट रहे थे.
जल्द ही मैं दोबारा गर्म हो गई थी.
उन्होंने मेरी दोनों जांघों को बुरी तरह जकड़ रखा था और बस लगातार चूत चाट रहे थे.
मैं ‘आआह … आआह … ऊऊईई … ऊऊईई … आऊच… आऊच… ऊऊफ़्फ़… ऊफ़्फ’ की सिसकारियां ले रही थी.
थोड़ी देर बाद वे मेरे ऊपर आकर लेट गए और मुझे पलट कर अपने ऊपर ले लिया.
अब मैं उनके ऊपर लेटी थी और उनके सीने को चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगी.
जल्द ही मैं उनके अंडरवियर तक जा पहुंची, जहां उनके लंड ने तंबू बना रखा था.
मैंने उनके अंडरवियर को नीचे खींच कर उनके लंड को बाहर निकाल लिया और उन्हें भी पूरी तरह नंगा कर दिया.
मैंने उनके लंड को अपनी हथेली में भर लिया और हल्के हाथों से हिलाने लगी.
उनका काला लंड 8 इंच से कम नहीं था और उसकी मोटाई भी मस्त थी.
मैंने हल्के से लंड का सुपाड़ा बाहर निकाला और उनके अंडकोष को चूमते हुए लंड पर अपने होंठ चलाने लगी.
जल्द ही मेरे होंठ सुपाड़े तक जा पहुंचे और मैं उनके सुपाड़े को चूमने लगी.
फिर मैंने उनके सुपाड़े को एक बार में ही अपने मुँह में डाल लिया और अपनी जीभ को सुपाड़े के चारों तरफ़ घुमाने लगी.
जल्द ही मैं अपने सिर को ऊपर-नीचे करती हुई उनके लंड को चूसने लगी.
मैं उनके लंड को पूरा अपने मुँह में भर रही थी, जो मेरे गले के नीचे तक जा रहा था.
काफ़ी देर तक मैं उनके लंड को चाट-चाटकर चूसती रही.
जब उनसे बर्दाश्त न हुआ तो उन्होंने मुझे रोक दिया.
अब वे मुझे चोदने के लिए बिल्कुल तैयार थे.
उन्होंने मुझे एक झटके में लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए.
उन्होंने मेरे दोनों हाथों को ऊपर उठाया और मेरे चिकने अंडरआर्म को चाटने लगे.
फिर उन्होंने मेरी टांगों को फैलाया और अपना सुपाड़ा मेरी चूत में लगा दिया.
उनका लंड मेरी चूत में घुसने के लिए बिल्कुल तैयार था.
वे मेरे कान में बोले- डाल दूँ जान?
मैं भी बड़ी मादकता भरी आवाज में बोली- बिल्कुल डाल दो!
‘कितना डालूँ?’
‘पूरा अन्दर तक डालो.’
‘फट जाएगी तुम्हारी.’
‘फट जाने दो आज.’
इसके बाद उन्होंने हल्का-सा धक्का दिया और लंड का सुपाड़ा अन्दर चला गया.
‘आआह मम्मीई.’
‘क्या हुआ? फट गई क्या?’
‘नहीं, मज़ा आया … और अन्दर डालो ना.’
इसके बाद उन्होंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और अपना पूरा लंड चूत में उतार दिया.
‘सीईई … आआह …’
‘क्या हुआ?’
‘आआह, कुछ नहीं.’
‘कैसा है मेरा?’
‘बहुत मस्त है यार. सीईई ईईईई.’
इसके बाद उन्होंने मेरी पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लिया और गप-गप-गप करते हुए धक्के मारने लगे.
‘आआह … आआह … आआह … ओओह … ऊऊईई मम्मीई … आआह … ओओह.’
‘मज़ा आ रहा है न तुम्हें?’
‘हां, बहुत मज़ा आ रहा है … और तेज़ करो … और तेज़ … आआह … आहाह.’
उन्होंने अपनी रफ़्तार तेज़ की और पूरा पलंग हिलने लगा.
थप-थप-थप की आवाज़ के साथ पूरा कमरा गूँजने लगा.
‘ऊऊईई माँ आआह … आआह … बहुत मज़ा आ रहा है आआह … ऐसे ही करते रहो आआह.’
‘आह ले आह.’
‘आई मम्मा ऊऊऊउ … ऊऊऊउ … आआह.’
फिर उन्होंने मेरी दोनों टांगों पर अपने हाथ फँसा लिए और मेरी दोनों टांगें हवा में उठाकर गपागप-गपागप, थप-थप-थप-थप की ज़ोरदार आवाज़ के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी.
उनका लंड मशीन की रफ़्तार से अन्दर-बाहर होने लगा.
वे मेरे गालों को लगातार चूम रहे थे और अपनी पूरी ताकत से मुझे चोद रहे थे.
उनकी पहलवानी ताकत वाले धक्कों से मेरा पूरा बदन हिल रहा था और मैं बड़ी मुश्किल से उनके इतने तेज़ धक्कों को झेल पा रही थी.
जल्द ही मेरा सब्र जवाब दे गया और मेरी चूत ने पानी फेंक दिया.
मेरी चूत पूरी तरह से पानी से भर गई और अब चूत से फच्च फच्च फच्च की आवाज़ आने लगी.
राजेश जी बुरी तरह से मुझे चोदे जा रहे थे और वे भी अपने आप को ज़्यादा देर रोक नहीं सके और झड़ गए.
उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे पेट पर ही हिलाने लगे.
जल्द ही उनके लंड से पिचकारी छूट पड़ी और उसकी पहली धार सीधे मेरे गाल पर आकर गिरी.
इसके बाद उन्होंने अपना पूरा गर्म-गर्म वीर्य मेरी नाभि के पास ही गिरा दिया.
मेरी गहरी नाभि पूरी तरह से उनके वीर्य से भर गई.
अपने लंड का एक-एक बूंद निकालने के बाद वह मेरे बगल में लेट गए.
उस वक्त हम दोनों का बदन पूरी तरह पसीने से भीग चुका था.
दोनों की सांसें बुरी तरह से चल रही थीं और मेरे दोनों दूध तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रहे थे.
हम दोनों बिना कुछ बोले बस बिस्तर पर लेटे हुए थे और ऊपर की तरफ देख रहे थे.
आज बहुत दिनों बाद मेरी इतनी बुरी तरह से चुदाई हुई थी.
वैसे भी अच्छी चुदाई के लिए एक अनुभवी मर्द की ज़रूरत होती है, जिसके पास जोरदार ताकत भी हो.
राजेश जी के पास सभी चीज़ें थीं.
दमदार लंड, पहलवानों जैसा शरीर और बेजोड़ ताकत.
कुछ देर के बाद हम दोनों बाथरूम में आ गए.
मैं सुसू कर रही थी तो वे मुझे देखने लगे.
मैंने कहा- क्या देख रहे हैं?
वे- तुम्हें पेशाब करता हुआ देख रहा हूँ. वैसे मैं तो तुम्हारे पेशाब को पी सकता हूँ.
‘छि:ईईईई … गंदे आदमी!’
‘इसमें गंदा क्या है? तुम्हारी जैसी लड़की हर किसी को नहीं मिलती. इतने साल से बात कर रहा हूँ, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि तुमको चोद पाऊंगा. जब तुमने मुझे आने के लिए कहा, तो मेरी तो किस्मत ही चमक गई.’
ये सब बात करते हुए राजेश जी भी खड़े-खड़े पेशाब करने लगे और फिर हम दोनों वापस बेडरूम में आ गए.
बिस्तर पर आते ही राजेश जी ने मुझे अपने सीने में लपेट लिया और हम दोनों नंगे बदन एक-दूसरे से लिपटे हुए बातें कर रहे थे.
राजेश जी लगातार मेरी गांड और मेरी पीठ को सहला रहे थे और मुझसे बातें कर रहे थे.
उनका लंड मेरी दोनों जांघों के बीच दबा हुआ था, जो धीरे-धीरे टाइट होता जा रहा था.
कुछ देर तक ऐसे ही हम दोनों बात करते रहे और फिर राजेश जी ने मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर आ गए.
उन्होंने फिर से मेरे गालों को चूमते हुए मेरे होंठ चूमना शुरू कर दिया.
मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी और जल्द ही हम दोनों एक बार फिर से गर्म हो गए.
अब राजेश जी ने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और मैं उनके सीने को चूमते हुए उनके लंड तक जा पहुंची.
उनके लंड को हाथों से हिला-हिलाकर पूरी तरह से खड़ा करने के बाद मैं लंड को चूसने लगी और अब अपनी दोनों टांगें फैलाकर मैंने उनके लंड को चूत में लगा लिया.
मैं आहिस्ता-आहिस्ता लंड को चूत के अन्दर लेती हुई उस पर बैठ रही थी और जल्द ही उनका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.
अब मैंने अपने दोनों हाथों को राजेश जी के सीने पर टिका लिया और अपनी कमर को मटकाते हुए लंड को अन्दर-बाहर लेने लगी.
जल्द ही मैंने अपनी रफ्तार तेज कर ली और गपागप लंड को चूत में लेने लगी.
मैं उछल-उछलकर उनके लंड से चुद रही थी.
दस मिनट लगातार उछलने के बाद मैं थककर उनके सीने पर लेट गई और अब राजेश जी ने मेरी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे से धक्के लगाना शुरू कर दिया.
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद राजेश जी ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे आकर मेरी कमर को जकड़ कर मुझे बुरी तरह से चोदने लगे.
इसके बाद तो पोजीशन बदल-बदलकर हम दोनों चुदाई करते रहे.
कभी घोड़ी बनकर, कभी खड़े होकर, कभी वह मुझे गोद में उठाकर, कभी एक टांग उठाकर Xxx3 भाभी फक किया.
इस तरह से उस रात हमने तीन बार चुदाई का मज़ा लिया.
पहली रात की चुदाई के बाद अगले तीन दिन वह मेरे साथ रहे और हमने हर तरह से चुदाई का मज़ा लिया.
मुझे गांड चुदवाना ज्यादा पसंद नहीं है, लेकिन राजेश जी ने मेरी गांड को भी बुरी तरह से चोदा.
इसके बाद चौथे दिन राजेश जी वापस चले गए.
एक अच्छे मर्द और जानदार लंड से चुदाई का मज़ा ही अलग होता है.
ये मेरी अभी कुछ ही दिनों पहले की चुदाई थी और मैंने सोचा कि इस चुदाई को आप लोगों के साथ साझा करूं.
मेरी Xxx3 भाभी फक कहानी आप सभी को कैसी लगी, ज़रूर बताइए.
मिलते हैं किसी और कामुक कहानी के साथ.
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