टीचर की यौन वासना की तृप्ति-10
नम्रता आयी, उसने अपनी गीली चूत को सीधा मेरे मुँह पर रख दिया. उसकी चूत से पेशाब की गंध आ रही थी. दूसरी तरफ नम्रता ने मेरे सोये हुए लंड को मुँह में भर लिया.
नम्रता आयी, उसने अपनी गीली चूत को सीधा मेरे मुँह पर रख दिया. उसकी चूत से पेशाब की गंध आ रही थी. दूसरी तरफ नम्रता ने मेरे सोये हुए लंड को मुँह में भर लिया.
कामवासना के चलते मैंने अपने स्कूल के एक बांके जवान लड़के को पटा कर अपनी चूत मरवा ली. लेकिन अब वो मेरी गांड मारना चाहता था. तो मैंने क्या किया?
पड़ोसन के घर उसकी भतीजी रहने आई हुई थी. मेरे बार बार कहने पर वो अपनी भतीजी को मेरे पास भेजने को राजी हो गई. तो क्या वो लड़की आई और मैं कुछ कर पाया?
मैं मामा की बेटी की शादी में गयी तो वहां मौसी की बेटी और बेटा मिले. वे दोनों मेरे हमउम्र थे. मैंने उन दोनों को किस हालत में देखा? और मैंने तब क्या किया?
मैं अपने गांव गया तो मेरी बुआ भी आई हुई थी. वैसे तो सब नॉर्मल था लेकिन मेरे ताऊ जी और बुआ के बीच मुझे कुछ खिचड़ी पकती हुई दिखाई दी. मैंने जासूसी की तो पता चला कि ...
मेरा भाई मुझे कई तरीकों से गर्म कर रहा था. पहले हॉल में, फिर सड़क पर, फिर यहां अपनी ही बिल्डिंग में मुझे नंगी घुमा रहा था. मैं अब इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझे जिस मर्द का भी लंड मिले, मैं उससे चूत खोल कर चुद जाऊं.
ऑफिस में एक लड़की को मैं पसंद करता था. पर वह जॉब छोड़ दूसरे शहर में चली गई. मैं उसको चोदने के ख्वाब देख रहा था. मेरा यह सपना कैसे पूरा हुआ, मेरी कहानी में पढ़ें.
पड़ोसन की जवान बेटी को मैं चोद चोद कर पूरे मजे ले चुका था. अब बारी उसकी मम्मी की थी. मैंने उस पर अपना जाल फेंका तो वो भी आसानी से फंस गयी या नहीं? पढ़ें कहानी के इस भाग में!
मैं अपनी खराब कार के साथ एक मकैनिक के गेराज में थी. सर्दी के मौसम में उस मकैनिक को देख कर मेरी चूत में कुछ कुछ होने लगा. मैंने उसे चारा डालना शुरू कर दिया.
एक दिन मेरे पति और मैंने तय किया अब हमें बच्चे की प्लानिंग करनी चाहिए। मेरे पति सुबह ऑफिस जाते टाइम बोले- आज शाम को बिना कॉन्डम के चुदाई होगी। लेकिन शाम को क्या हुआ?
नम्रता पलंग पर पेटकर बल लेट गयी, टांगें फैला कर दोनों हाथों से कूल्हे को पकड़ कर फैला कर बोली- शरद आ जाओ, मैंने गांड खोल दी है.. इसकी खुजली मिटाओ.
मेरे पास लण्ड अब भी था पर मैं मन से और लिबास से औरत थी और अपने दोनों पतियों के साथ प्यार से रहती थी। तभी होली आयी तो हमने वो त्यौहार कैसे मनाया?
पड़ोसन की बेटी को मैं पेपर दिलाने लखनऊ ले गया. वहां होटल में चुदाई के खूब मजे लेने के बाद दूसरे दिन हम वापस आ गए. लेकिन अब मैं उसकी दोबारा चुदाई के जुगाड़ में था.
भरी सर्दी में शाम के समय जयपुर हाईवे पर मेरी कार खराब हो गयी और एक मकैनिक के साथ उसके गेराज में चली गयी. कार ठीक करते करते वहाँ और क्या हुआ?
आज तक सिर्फ पॉर्न मूवी में देखा था, पर अब उस पल को महसूस कर रही थी. मेरी मुलायम गोरी जाँघों और चूतड़ों को उसने चूसा चाटा और धीरे से काटा, उसने मेरी गांड को भी सूंघा.
मैंने अपने पड़ोसी को अपने वश में करके उसके मोटे लंड से चुत की प्यास बुझाई तो मुझे अब और ज्यादा सेक्स की आग लग गई. एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया तो ...
मैं पड़ोस में रहने वाली सेक्सी आंटी को देखा करता था. आंटी के मोटे चूचों को देख कर सेक्स चढ़ जाता था. एक दिन उसके घर जाकर मुझे उसकी चूत चोदने का मौका भी मिल गया. कैसे?
मैं अपनी पड़ोसन की कुंवारी बेटी को एक बार चोद चुका था. उसने अपनी पहली चुदाई खुल कर करवाई और पूरा मजा लिया. उसके बाद मैंने उसके साथ और क्या क्या किया, पढ़ें और मजा लें!
आपकी शालिनी भाभी एक बार फिर से आप सबके लंड खड़े करने आ गई है अपनी एक नई कहानी लेकर! कि कैसे हाईवे पर उसकी कार खराब हो गयी और फिर ...
अपने शौहर से खुश ना होने के कारण मैंने अपने पड़ोसी लड़के से सेक्स सम्बन्ध बना लिए. मुझे मजा आया. मैंने उससे दोबारा अपनी प्यासी चुत चुदाने के लिए क्या किया?