बाप की हवस और बेटे का प्यार-2
अब मेरी जवानी भी कूदने लगी और मेरी चूत भी उसका लंड लेने को बेताब हो गई.. क्योंकि मुझे पता लग चुका था कि वो मेरा दीवाना है.
अब मेरी जवानी भी कूदने लगी और मेरी चूत भी उसका लंड लेने को बेताब हो गई.. क्योंकि मुझे पता लग चुका था कि वो मेरा दीवाना है.
मेरी बॉस की अकडू बीवी नंगी होकर मुझे मालिश करवा रही थी. मैं उसके बदन को मसल रहा था, चूचियां आटे की तरह गूँथी, चूत में उंगली डालकर मालिश की. उसके जिस्म की अकड़न बता रही थी कि उसे मजा आ रहा था.
ढिल्लों जब लौड़े को फुद्दी के अंदर बेरहमी से मारता तो मेरे मुंह से अनाप शनाप निकल जाता जैसे- हाय मर गई ... नज़ारा आ गया ... चक्क ता कम्म ओए... हाय ... मेरे शेरा!
मेरी भाभी चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने पड़ोस की एक भाभी को चोदा. मैं शुरू से ही उन्हें बहुत चाहता था. मैं भैया को अक्सर सेक्स डीवीडी ला देता था. भाभी मुझसे खुल कर बात करने लगी थी.
भाई अगर अपनी बहन को नंगी देख कर अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर सकता है तो उस लिंग को अपनी बहन की चूत में डाल कर संतुष्ट करने में क्या बुराई है।
गरीबी और कर्जे के कारण मेरे चाचा ने मेरी शादी एक ऐसे आदमी से कर दी जिसके बेटे के साथ मेरा प्रेम सम्बन्ध था. उस आदमी ने मेरे साथ क्या सलूक किया, पढ़ें मेरी सुहागरात की इस कहानी में!
तीन लण्ड अब तक मेरी चूत, गांड भेदन कर चुके थे। इनसे चुद चुद कर मैं पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी, मेरी नजर पैंट में छुपे लन्डों का जायजा लेने लगी थी। हर समय मैं चुदास से भरी रहती थी।
एक कामचलाऊ नौकरी में मुझे बॉस की बीवी का ड्राईवर भी बनना पड़ता था. बड़ी खूबसूरत लेकिन बददिमाग थी वो! बन संवर कर रहना किटी पार्टियों की शान बनना उसका शौक था.
जब से बाइक लिया था मैं सोचा करता था कि कभी तो कोई लड़की मेरे साथ भी मेरी बाइक पे बैठेगी, मुझे कस के पकड़ेगी और मुझे भी कुछ सिंगल लड़कों को जलाने का मौका मिलेगा जैसे तब तक मैं जला करता था!
मुझे लड़कों के लंड बहुत रुचि थी. एक दिन ट्यूशन में मेरे दोस्त ने मजाक में मेरी मुलायम छाती मसल दी, बोला- तेरा सीना तो लड़कियों जैसा है. टीचर जी ने देख लिया तो मेरी गांड कैसे चुदी.
मेरी सास मेरे घर आई हुई थी. एक दिन मैंने अपनी सास को नंगी देख लिया. वो नहाने के बाद कपड़े पहन रही थी. मेरा मन उनके रस भरे यौवन को चखने के लिए व्याकुल था, वहीं रिश्तों की मर्यादा भी थी.
मेरे भाई का एक नीग्रो दोस्त हमारे घर काफी आता है. हम दोनों अच्छे दोस्तों की तरह थे.एक दिन मैं नहा कर नंगी निकली, उसने मुझे देख लिया. फिर मेरी वर्जिन चूत कैसे चोदी उसने, पढ़ें मेरी कहानी में!
फिर एक बार मेरी ठुकाई की तैयारी थी, मेरे चोदू यार ने मेरी टाँगें अपने डौलों पर धर लीं और मेरी तह लगा दी मगर उसने खुद लौड़ा अंदर नहीं डाला और मुझसे बोला- डाल जट्टीये अपने आप अंदर!
इस कहानी के अंतिम भाग में पढ़ें कि कैसे दिव्या की माँ ने दिव्या और मेरी सुहागरात की तैयारी की और हम दोनों ने अपनी सुहागरात मनाई.
नोटबंदी के समय पड़ोसी अंकल ने मुझे कुछ नोट बदलने को कहा और उनकी सेक्सी बेटी मेरे पास बैंक में आई. उसी दिन मैंने उस की चूत को चोदा. आप पढ़ कर मजा लें कि वो चालू लड़की कैसे चुदी.
उन्होंने अपने लंड को मेरी चुत के मुँह पर रखा और मेरी तरफ देखा, वह पल आ गया था कि मैं अपने पचास साल के मौसा जी पर अपनी अठारह साल की कमसिन जवानी लुटाने जा रही थी।
मेरी कहानी ट्रेन में सेक्स की है. मैं ट्रेन से लखनऊ से गोरखपुर वापस जा रहा था. सामने वाली सीट पर एकदम मस्त लड़की बैठी थी. उसके साथ कैसे सेटिंग हुई और क्या क्या हुआ? पढ़ें!
एक दिन मेरी गर्लफ्रेंड की बहन बाजार में मिली तो उसके साथ उसकी ननद भी थी. मैं उसे देखता ही रह गया. एकदम गोरी चिट्टी पंजाबन माल थी. उसे कैसे पटा के चोदा मैंने!
दिव्या ने मुझे उसकी माँ के साथ सेक्स करते देख लिया तो वो बहुत दुखी हुयी, फिर भी उसने हालात को समझा और मैंने उसे और उसकी माँ को बता दिया कि मैं दिव्या से ही शादी करूंगा.
मेरे यारो, आज मैं अपनी रियल चुदाई स्टोरी में बताऊंगी कि कैसे मैं अपनी दीदी के देवर से चुदी. मेरी जान पहचान उससे कुछ ज्यादा ही हो गयी थी. एक बार उसने मेरी चूची को मसल दिया तो...