जिस्मानी रिश्तों की चाह -19
मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..
मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..
रेनू ने कोई जल्दी बाज़ी नहीं दिखाई और आराम से पूरी मलाई को मुंह में गिरने दिया। मैं मुंह के अंदर छोटे छोटे धक्के लगाकर पूरी तरह संतुष्टि का मज़ा लूट रहा था।
मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया था और उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से लपेट लिया था और अब वह मुझे बड़े मज़े से चोद रहा था, मेरी चूत पानी छोड़ने लगी.
इस बार मैंने फ़ैसला कर लिया कि मौसी की गाण्ड मारनी है.. तो उनकी चीखों की परवाह ना करते हुए उनकी गाण्ड मारनी होगी.. चाहे वो कितना भी चीखें या चिल्लाएं..
कलुआ- वो तो दीदी, आप पूरी नंगी हमारे सामने बिल्कुल नहीं शरमा रही थी, तभी लग गया था! हमें तो पता लग गया था कि हमें आप की इत्ती प्यारी फ़ुद्दी मिल जाएगी।
'अब मुझे ये बताओ कि बाजी के जिस्म में ऐसी कौन सी चीज़ है.. जिसे देख कर तुम्हें बहुत मज़ा आता है और तुम्हारा जी चाहता है बार-बार देखने का?' आपी सवालिया नजरों से मुझे देखने लगीं।
मैं एक बहुत चुदक्कड़ और लौड़े की हमेशा प्यासी रहने वाली लड़की हूँ और शादी के पहले से ही सेक्स की ज़बरदस्त खिलाड़ी रही हूँ। मेरी चूत गर्म की गर्म पड़ी रहती है।
'ऐसे नहीं… नीचे बैठ कर खोल और मेरा लौड़ा बाहर निकाल!' राजीव ने ज़ीनत को नीचे गिरा दिया, वह उसकी जीन्स खोल कर उसका अंडरवियर नीचे सरकाने लगी।
तब मैंने अपनी आँखों में शरारत भरते हुए कहा- तुम्हारे पीछे का छेद तो कुंवारा है.. इसलिए आज मैं अपनी सुहागरात में अपनी पत्नी की गाण्ड मारूँगा।
कपड़े उठाते वक्त वो उन लड़कों की तरफ़ अपने चूतड़ करके झुकी तो उसकी गांड का छेद और पीछे को निकली हुई चूत भी उन लड़कों ने खूब अच्छे से देखी होगी।
'अच्छा जी तो मेरे सोहने भाई की कहाँ-कहाँ नज़र पड़ी है.. और क्या-क्या देखा है जनाब ने.. अपनी सग़ी बाजी और सग़ी खाला का?' आपी ने ये कह कर सोफे से पाँव उठाए और टाँगें सीधी करते हुए पाँव ज़मीन पर टिका दिए।
मैं अपने दोस्त के गाँव गया तो मुझे उसकी चचेरी बहन बहुत सेक्सी लगी। हालात कुछ ऐसे बने कि हम दोनों अकेले रह गए। वो मेरे करीब आकर बोली कि आप बहुत सीधे हो!
एक विवाहिता पड़ोसन के साथ चुदाई की कहानी है यह, मैंने उसे छेड़ा तो उसने मुझे रात के समय उसके घर के पीछे वाले कमरे में आने को कहा.
जब से हमारी चुदाई हुई थी.. मौसी मुझसे और मेरे लौड़े से बहुत प्यार करने लगी थीं, मैं भी उनकी पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं।
अब मेरे नाजुक अंग पर उसकी मुट्ठी का अधिकार था, उसके होंठ उसके ऊपर थे, मुझे तो बस शान्त रह कर देखना था कि सलोनी आगे क्या करती है।
आपी आधी लेटी आधी बैठी हुई सी हालत में सोफे पर पड़ी थीं और पाँव ज़मीन पर थे। उनकी टाँगें थोड़ी खुली हुई थीं.. मैंने अपना सीधा हाथ उठाया और थप्पड़ के अंदाज़ में ज़ोर से अपनी सग़ी बहन की टाँगों के दरमियान मारा और फ़ौरन भागा..
गरमी की छुट्टियों में हम चार दोस्त चूत के सपने लेते लेते स्कूल चले गए. वहाँ हमें एक औरत दिखाई दी. हिम्मत करके उसके पास गए, पूछा, वो चौकीदार की बीवी थी.
नए घर में पहली ही रात को मैं पूरा नंगा होकर अपनी बीवी मधु के साथ फ़ोन पर सेक्स चैट कर रहा था कि जोर की एक आवाज़ आई और मैं तुरन्त देखने भागा।
मोटा लण्ड जब मौसी की चूत की नाज़ुक मगर आती संवेदनशील त्वचा पर रगड़ता.. तो लाली मौसी सिसक उठतीं और अब वो वास्तव में अपने आपको आसमान में उड़ती हुई परी महसूस करने लगी थीं..
जब मैं सलोनी को पूरी नंगी देखता हूँ तो मुझे लगता है कि जैसे वह अभी तक अक्षतयौवना अनछुई कच्ची कली हो... सच में ही मेरी सलोनी कुँवारी कमसिन बाला से भी ज्यादा जवान और नाजुक नज़र आती है