चूत एक पहेली -1
सोचा था कि अब ‘बहन का लौड़ा’ ख़त्म हो गई है.. थोड़ा आराम करूँगी.. मगर आप सभी के इतने ईमेल आ रहे हैं कि नई कहानी लिखो.. तो मुझे दोस्तों की बात माननी ही पड़ी..
सोचा था कि अब ‘बहन का लौड़ा’ ख़त्म हो गई है.. थोड़ा आराम करूँगी.. मगर आप सभी के इतने ईमेल आ रहे हैं कि नई कहानी लिखो.. तो मुझे दोस्तों की बात माननी ही पड़ी..
भाभी ने मेरे खड़े लंड को अपनी सफाचट चूत में डाल रखा था और वो ऊपर चढ़ कर मुझको बड़े मज़े से चोद रही थी। धीरे धीरे वो ऊपर नीचे हो रही थी और मेरे होटों को भी झुक कर चूस रही थी।
वो आगे को घूम गई और कैमरा को अपनी चूत के सामने ले गई.. क्या हॉट और चिकनी चमेली चूत थी.. उसकी चूत को देख कर ही लग रहा था कि ये अब तक सच में ही कुँवारी है.. मानो मेरे लंड को बुला रही है.. कि आओ और मेरे अन्दर समा जाओ।
उसकी चूत के दोनों लबों को खोलते हुए मैं बोली- जाहिरा तुम्हारी चूत तो कल की बनिस्बत ज्यादा खुली हुई लग रही है.. जैसे किसी ने अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत में डाल दिया हो?
भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए। अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी।
सुमी मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डाल कर हल्के हल्के ऊपर नीचे हो रही थी। सुमी एकदम नंगी थी और मैंने भी जब अपने को देखा तो मैं भी नंगा था। इधर उधर देखा तो कम्मो भी नंगी और साथ ही शांति भी पूरी नंगी थी।
मेरी गर्लफ़्रेन्ड मुझे अपनी सहेली के जन्मदिन की पार्टी में ले गई, लेकिन वहां हम तीनों ही थे। वाइन पीकर हम तीनों बहक गए और दोनों सहेलियाँ आपस में फ़्रेंच किस करने लगी।
अमर उसकी चूत चाट रहा था, विजय उसके होंठों को चूमे जा रहा था, संतोष और पप्पू उसके दोनों चूचों के पीछे पड़े थे, मधुर और राहुल उसके चूतड़ दबा रहे थे।
अब पापा ने फिर से मम्मी के गालों को, कभी कोमल अधरों को, कभी उरोजों की घाटी, कभी मम्मी की नरम बाँहों को चूमना चूसना शुरु कर दिया। मम्मी भी अब पापा के सुर सुर मिला रही थी और उनका पूरा साथ दे रही थी, कभी वो पापा के गालों को पुचकारती, तो कभी उनके माथे को चूम लेती।
जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है। मेरे पड़ोस की एक भाभी के साथ मेरे यौन सम्बन्ध हुए, उसी घटना को इस कहानी में लिख रहा हूँ।
कम्मो ने पड़ोस वाली आंटी और उनकी जवान नौकरानी की चूत चुदाई के बारे में बात की और उनको बुला लिया. कहानी के इस भाग में उन दोनों की चूत चुदाई का विवरण है.
जहाँ पापा मम्मी के गुलाबी अधरों का रस पान कर रहे थे, वहीं मम्मी पापा के मुँह का रस पी रही थी और रोमाँच के कारण उनके मुँह से केवल उम्म... उम्ह... उम्ह की सिसकारी रूपी आवाजें निकल रही थी। अब पापा के हाथ मम्मी के ब्लाउज पर आ गए, पापा अपने हाथ मम्मी के उरोजों पर ब्लाउज के ऊपर से ही फिराने लगे।
अन्तर्वासना के पाठक पाठिकाओ, ख़ास कर गर्ल्स लडकियाँ या भाभी आंटी मुझे बता सकती हैं कि औरत को सबसे ज्यादा क्या पसंद है, किस तरीके में, किस आसन में लड़कियों को सबसे ज्यादा मज़ा आता है?
मेरी सहेली ने मुझे अपने घर बुलाया, कहा कि सेक्सी बन कर आना. वहां हमने ताश के खेल में अपने कपड़े उतारने शुरू किये और नंगी हो गई. उसने डिल्डो से मेरी चूत चोदी और अपनी फुद्दी चटवाई !
दोनों बहनें अलग अलग अपने अपने बॉय फ्रेंड से चुदती रही, धीरे धीरे हम दोनों ने एक दूसरे को अपने अपने यारों से भी मिला दिया। वो दोनों भी आपस में दोस्त से बन गए।
जाहिरा- मेरी प्यारी भाभीजान, आज तो आपके शौहर मेरे भी शौहर बनने जा रहे हैं, आज भाई का लंड मेरी चूत में जाने वाला है, जैसे आपकी चूत में जाता है, कैसा लगेगा?
मां मेरा लण्ड दीदी को दिखाते हुए चूसने लगी तो दीदी की अन्तर्वासना भड़की, उसने माँ की गांद और चूत चाटनी शुरु कर दी, फ़िर मां ने दीदी को मेरे लंड से चुदवा दिया।
मुझे मम्मी पापा की उस रात की बात याद थी कि वो दोनों इस बार अकेले और सुहागरात वाली रात की तरह सेक्स करना चाहते हैं। मैं पापा मम्मी को उनकी दूसरी सुहागरात मनाने और उन लोगो को उसका पूरा आनंन्द लेने का मौका देना चाहता था और उन्हें सुहागरात मनाते देखना चाहता था।
प्रेमा और रानी दोनों ही गर्भवती हो चुकी थी तो वे दोनों आई और नंगी होकर मेरे लंड की पूजा की. उसके बाद कम्मो ने उन दोनों से मजाक में मेरा गुप्त विवाह करवाया.