एक भाई की वासना -38
भाई को चूची चुसवा कर मेरे पास आई तो जाहिरा को मैंने दबोच लिया उसकी चूची चूसने के साथ साथ मेरी नज़र जाहिरा की जाँघों के बीच में जाहिरा की अनछुई चूत पर थी।
भाई को चूची चुसवा कर मेरे पास आई तो जाहिरा को मैंने दबोच लिया उसकी चूची चूसने के साथ साथ मेरी नज़र जाहिरा की जाँघों के बीच में जाहिरा की अनछुई चूत पर थी।
मम्मी की चूत को चाटने में मुझे बहुत मजा मिल रहा था। थोड़े समय बाद मैं अपनी जीभ से मम्मी की चूत को जीभ से ही चोदने लगा और उनकी चूत से निरंतर निकलते रस का पान करने लगा। अब मम्मी की साँसें काफ़ी तेज हो गई थीं।
मैं कुछ देर वैसे ही उसके हाथों को अपने हाथों में लिए बैठा रहा, उसकी आँखों में देखता रहा, कभी वो मुस्कुराती, कभी पलकें झुकाती, कभी अपने जुल्फों को हाथों से पीछे करती।
फैजान मुस्कराया और खुद ही हाथ आगे बढ़ा कर उसके कन्धों से उसके टॉप की डोरी को नीचे खींचते हुए उसकी चूची को नंगा करते हुए बोला- तेरे जैसी गर्म बहन हो.. तो भाई खुद ही बहनचोद बन जाता है डार्लिंग..
माँ कमरे में आईं और नाईटी पहन कर पलंग पर आने लगीं और लाइट ऑफ करने के लिए जैसे ही मुड़ीं.. एकदम से वे मेरे लंड को देखते ही रुक गईं.. थोड़ी देर वैसे ही मेरे लंड को जो की पूरे 6” लम्बा और 1.5” व्यास बराबर मोटा था.. को देखती रहीं।
पहले रानी की चूत चोद कर उसको वीर्य से भरा ताकि वो गर्भवती हो सके, उसके बाद कम्मो ने प्रेमा की चुदाई घोड़ी बन कर करवाई कि उसके गर्भ धारण में कमी पूरी हो सके!
नयना ने झुककर दीप्ति की जाँघों पर पड़ा मेरा पूरा वीर्य चाट लिया और मैंने उसकी जीन्स की बटन खोल कर पैन्टी के साथ नीचे खींच ली। वॉऊ.. क्या चूतड़ थे नयना के.. एकदम राउंडेड.. चिकने और दूध की तरह मुलायम.. ! मैं उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा। अब वक्त था मेरी गाण्ड में ककड़ी जाने का…
फैजान ने अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसका नंगा लंड अपनी बहन की नंगी मुलायम जाँघों से टकरा रहा था। वो अपने लौड़े को जाहिरा की दोनों जाँघों के दरम्यान में घुसा रहा था।
सेक्स भी अगर पार्टनर बदल के करा जाए, तो मजा बरक़रार रहता हैं। वर्ना थोड़े समय बाद चीज़ें अपने आप बोरिंग लगने लगती हैं फिर चाहे आपका पार्टनर कितना ही आकर्षक क्यूँ न हो। याक्ह कहानी मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली की है.
जब तक मैं धीरे से अपना लंड माँ की बुर से निकालता.. तब तक मेरे लंड का पानी माँ की बुर में पूरा खाली हो चुका था और लंड निकालते वक़्त वीर्य की गाढ़ी धार माँ के गाण्ड के छेद पर बहने लगी।
वहाँ प्रेमा जी तो बैठी ही थी साथ में उनके एक और ख़ूबसूरती का मुजस्मा बैठा था गुलाबी रंग की साड़ी ब्लाउज और गुलाबी ही रंग चेहरे का! मन ही मन मैंने कहा- माशाल्लाह… क्या हुस्न है। चेहरे पर क्या चमक और दमक थी ब्यान नहीं की जा सकती।
मैं नयना के घर गया, वहाँ दीप्ति ने मेरे टट्टे पकड़ कर अपनी चूत चाटने को कहा। नयना मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ बरसाने लगी। मैं एकदम से दीप्ति की जाँघों पर ही झड़ गया।
ट्रेन में मामा की लड़की के साथ एक ही बर्थ पर सफर करते हुए कुछ रोमांटिक सेक्सी बातें, चूमाचाटी और टॉयलेट में बहन की चूत चटाई, चूचियों की और लौड़े की मसलाई!
फैजान ने अपनी उंगली जाहिरा की चूत से बाहर निकाली और उसे जाहिरा के बरमूडा से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया और अपनी बहन की चूत की पानी को चाटने लगा।
मेरी साली ने मेरे लौड़े को चाटते हुए कहा- जीजू.. तुम बिल्कुल चूतिया हो.. इशारों में कुछ समझते नहीं हो। मैं शादी के बाद भी तुमसे चुदवाने को तैयार थी।
प्रेमा आंटी को एक बार चोद कर मुझे मज़ा आया, दो दिन बाद वो फिर आई और उसको गर्भधारण कराने के लिए कम्मो ने अपने सामने उसकी चुदाई कराई! प्रेमा की प्यास बुझ गई थी
मेरी माँ टीचर है.. उसकी उम्र 37-38 की होगी.. मगर देखने में किसी भी हालत में 31-32 से ज्यादा की नहीं लगती थी, माँ और दीदी एकदम गोरी हैं, माँ मोटी तो नहीं.. लेकिन भरे हुए शरीर वाली थीं और उनके चूतड़ चलने पर हिलते थे। मेरी दीदी की उम्र 22 साल की थी..
नयना के अपार्टमेंट की मैंने डोर बेल बजाई और नयना ने दरवाज़ा खोला- वेलकम आशीष.. यहीं पर तुम अपने कपड़े उतार कर मेरे पास दे दो.. अब ये तुम्हें रविवार की रात में जब यहाँ से जाओगे.. तब इसी जगह मिलेंगे..
थोड़ा सा जोर लगाते हुए मैंने अपनी उंगली की नोक जाहिरा की चूत के सुराख के अन्दर दाखिल की, तो जाहिरा ने एक तेज सिसकारी के साथ अपनी दोनों जाँघों को खोल दिया।
मेरी भतीजी की उम्र 18 साल, स्कूल में पढ़ती थी. रंग थोड़ा सांवला जरूर है लेकिन वो बहुत ही सुंदर है। उसके सीने पर स्तन उभर चुके थे, गोल कूल्हे बहुत सुंदर थे।