मैं चुप रहूँगा
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं […]
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं […]
आपका प्यारा दुलारा : सनी एक बार फिर हाज़िर हूँ.. नमस्ते गुरूजी, प्रणाम दोस्तो, कैसे हैं सभी ! अन्तर्वासना का धन्यवाद कैसे करूँ जिसकी वजह से मेरी चुदाई लोगों के सामने आ रही है और मुझे बहुत लौड़ों की पेशकश आने लगी है। अब तो मेरी गाण्ड और मस्त हो चुकी है, और गुदगुदी हो […]
आपने मेरी कहानी कितने लोगों के नीचे मेरी माँ-1 पढ़ी, अब उससे आगे : यह कहानी उस वक़्त की है जब हम लोग अपना पुराना घर छोड़ कर नए घर में आ गए थे। उस वक़्त हमारा घर पर ज्यादा लोगों का आना-जाना नहीं था, तब हमारे घर से दूर एक घर था, वहाँ के […]
कहानी का पिछला भाग: राजा का फ़रमान-4 मैं मदमस्त हुई अपनी जवानी का रस लुटा रही थी. अब मैं भी मज़े लेने लगी थी; मेरे अंदर की छिपी राण्ड अब बाहर आकर अंगड़ाइयाँ लेने लगी थी… मेरी आहें दरबार में गूँज रही थी.. कि तभी अचानक राजा ने लण्ड निकाल कर मेरी गाण्ड में पेल […]
कहानी का पिछला भाग: राजा का फ़रमान-3 राजा ने फरमान सुनाया- इस लड़की ने मुझसे चुदने से इनकार किया है, इसलिए इसकी इसी दरबार में बोली लगेगी, ऐसी बोली जैसी आज तक किसी की नहीं हुई होगी। इस बोली के बाद इसका इसी सभा में चीरहरण होगा, उसके बाद यह रखैल तो क्या किसी की […]
कहानी का पिछला भाग: राजा का फ़रमान-2 राजा- मैं बेगैरत..? मैं बुज़दिल..? तो तू क्या है? रण्डियो की रानी? जब सिपाही तुझे मसल कुचल रहे थे, तब कहाँ था तेरा सतीत्व..!!! मैं- वो तेरे आदेश का पालन कर रहे थे और अगर मैं साथ न देती तो तू उनका क़त्ल करवा देता ! मेरी वजह […]
यह कहते ही राजा ने मेरी चूचियों पर से कपड़ा नीचे सरका दिया। मैंने बिन कंधे का टॉप पहना था और ब्रा तो रास्ते में ही खुल चुकी थी, सो चूचियाँ उसके सामने झूलने लगी और राजा की आँखों में लालच आने लगा...
नमस्कार दोस्तो! मैं वृंदा पहली बार अन्तर्वासना पर अपना एक स्वप्न प्रस्तुत कर रही हूँ, मुझे अक्सर इस तरह के स्वप्न आते हैं! और मैंने आज तक किसी को इनके बारे में नहीं बताया है, आज पहली बार बहुत हिम्मत करके लिखने का प्रयास कर रही हूँ! इस स्वप्न में मैं एक ऐसे देश में […]
अब मेरी कुंवारी गाण्ड के लिया दर्द सहना बहुत कठिन हो गया था क्योंकि मैं जानती थी कि उसका लण्ड मेरी गाण्ड के लिये मोटा है और मैं उसको सहन नहीं कर पाऊँगी।
प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक होली वाले दिन साबुन लगवाने के बाद अब राजू मेरे से कुछ ज्यादा खुल गया था। अब वो मेरे साथ भाभी देवर की तरह मजाक करने लगा था और कभी कभी तो द्विअर्थी शब्दों का भी प्रयोग करने लगा था। अब वो अक्सर मुझे साबुन लगाने के लिए […]
प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक उसके बाद मेरे पति वापिस आ गए। आते ही मैंने उन्हें उलहाना दिया और अकेले छोड़ कर जाने के लिए थोड़ा सा झूठ-मूठ का झगड़ा भी किया। पर उस रात अजय ने पूरी रात असली लण्ड से मेरी चूत का पोर-पोर मसल दिया और मेरा सारा गुस्सा ठण्डा […]
प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक मेरे सभी दोस्तों का धन्यवाद जिन्होंने मेरी सुहागरात की दास्तान पिया संग मेरा हनीमून को सराहा और मुझे अपनी मस्ती की एक और दास्ताँ लिखने के लिए प्रेरित किया। मैं कोई लेखिका नहीं हूँ पर जब मैंने अपनी दास्ताँ अपने एक मित्र राज को बताई तो उसने मुझे […]
प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हम दोनों ने साथ खाना खाया, खाने का स्वाद गजब का था, अंत में गाजर का हलवा भी परोसा गया। मैंने कहा- आप तो बहुत अच्छ खाना बना लेती हैं ! इस पर उन्होंने कहा- मैंने होटल मैनेजमेंट किया हुआ है, तीन साल एक बड़े ही नामचीन होटल में काम भी […]
प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हमने एक दूसरे को देखा, अब आँखों ही आँखों में बातें होने लगी। उन्होंने मेरे हाथ पर अपनी हाथ रख दिया मैंने भी उनके हाथ को धीरे से दबाया, अब हम दोनों मस्त हो रहे थे। मुझे लगने लगा कि क्या यह मस्त चीज मेरे ही लिये है? अगर हाँ तो […]
प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर दोस्तो, मेरा नाम क्या है या है भी कि नहीं, इससे कुछ फ़र्क पड़ता ! किस्सा क्या है यह ज्यादा मायने रखता है। प्रेम किसी को भी किसी से भी हो सकता है, और जब हो जाये तो दुनिया रंगीन, जिन्दगी हसीन लगने लगती है, यह सिर्फ़ सुना था पर महसूस […]
प्रेषक : शंकर आचार्य मेरा नाम शंकर है, बंगलोर में जॉब करता हूँ। आज आपको मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी बता रहा हूँ। जब मैं इंस्टिट्यूट में था तो मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी, उसका नाम है निशा। बिल्कुल मस्त माल है। उसकी उम्र 19 साल थी जब मैंने उसे चोदा था। तो […]
प्रेषिका : मेघना सिंह मुझे उत्तेजना की वजह से पेशाब जाने की इच्छा होने लगी, मैं बोली- जीजू, पेशाब लगा है। जीजू बोले- अब तुम्हारी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी है। तुम चाहे न मानो, लेकिन तुम्हारी चूत चुदने को तैयार है। मैं गिड़गिड़ाई- नहीं जीजू ! तकलीफ़ हो जायेगी मुझे ! मैं उनसे […]
दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थी। मैं स्कर्ट पहनती थी। जब अकेली हो जाती थी तो चड्डी उतार देती थी। अपनी चूत को उँगली से छेड़ती रहती थी। एक दिन मैं पता नहीं कैसे दरवाजा बंद करना भूल गई। मेरी आँख लग गई। शायद जीजू अन्दर आये होंगे। पता नहीं मेरी स्कर्ट अपने आप […]
मैं शादी से पहले अपने जीजू से कई बार चुद चुकी हूँ। जीजू भी मुझे चोदते समय बेरहम हो जाते थे। पहले मैं जीजू से अपनी चुदाई के बारे मैं बताती हूँ।
अंजू ने पतली सी नाईटी पहन रखी थी! बाहर से ही उसके मोटे चूचे दिख रहे थे और गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं! उसने पूरी तैयारी की थी चूत चुदवाने की! लग रहा था जैसे आज ही बाल साफ़ किए हैं।