ऑफिस के सर के साथ चुदाई का मजा

(Desi Chut Bade Lund Se Chudi)

देसी चूत चुदी बड़े लंड से. मेरे पति का लंड छोटा था तो मुझे सेक्स का मजा नहीं आता था. मैं एक ऑफिस के गेस्ट हाउस में सफाई करती थी. वहां एक साहब रुके थे.

दोस्तो, मेरा नाम राबिया है और मैं सिलचर, असम की रहने वाली हूँ।
मेरी उम्र 28 साल है।
मेरा रंग सांवला है, मेरा फिगर 38-32-36 है, मेरी हाइट 5 फुट 2 इंच है और मेरा वजन 70 किलो है।

मेरे बूब्स बहुत टाइट हैं लेकिन मेरे शौहर को मेरे बूब्स इतने अच्छे नहीं लगते और वह उनसे मजा भी नहीं लेते।
वह कहते हैं कि मेरे बूब्स बहुत बड़े हैं।

लेकिन मेरे शरीर के हिसाब से वे बिल्कुल परफेक्ट हैं जो लोगों की नजरों से भी पता चलता है।
इस कारण मैं अपनी गली में आकर्षण का केंद्र बनी रहती हूँ।

अब मैं आपको अपने शौहर और अपनी फैमिली के बारे में थोड़ा बता देती हूँ।
मेरे शौहर की उम्र 32 साल है और वह हाइट में मुझसे थोड़े छोटे हैं।
उनका लंड भी बड़ा नहीं है जिसके कारण मुझे उनके साथ सेक्स करने में मजा नहीं आता। मेरी देसी चूत चुदकर भी प्यासी रह जाती थी.

हमारी लव मैरिज है और हमारी फैमिली की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
इस वजह से मुझे एक ऑफिस के गेस्ट हाउस में सफाई का काम करना पड़ता है।

मेरी शादी 18 साल की उम्र में हो गई थी।
मेरे दो बच्चे हैं, एक 8 साल की लड़की और दूसरा 6 साल का लड़का।

अब आपका ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ।

यह कहानी उसी गेस्ट हाउस में आए एक ऑफिसर के साथ की है जो दिल्ली के रहने वाले थे।

मैं अपनी डेली रूटीन की तरह काम पर गई और देखा कि आज गेस्ट हाउस के गेट पर ताला नहीं था।
मुझे लगा शायद कोई गेस्ट आया होगा।

मैंने मेन डोर बेल बजाई और इंतजार करने लगी।
थोड़ी देर बाद गेट खुला।

एक गोरा-चिट्टा, 5 फुट 11 इंच लंबा, हट्टा-कट्टा 25 साल का लड़का अंडरवियर में मेरे सामने खड़ा था।

वह बोला, “आप कौन हैं?”
मैं तो उसे देखकर सुन्न पड़ गई।

मैंने कहा, “साहब, मैं यहाँ काम करती हूँ!”
उन्होंने कहा, “अच्छा!” और जाकर अपने रूम में सो गए।

लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया कि उनका लंड अंडरवियर में तंबू बना रहा था।
वह नजारा मेरी आँखों के सामने घूमता रहा और मैं अपने काम में लग गई।

थोड़ी देर बाद उनके रूम में भी सफाई करनी थी.
तो मैंने दरवाजा खटखटाया और उनके रूम में चली गई।

वे सो रहे थे.
लेकिन सोते हुए भी उनका लंड बहुत मोटा लग रहा था।

मैं चोरी-छुपे उनका लंड देखती रही और अपना काम करती रही।

थोड़ी देर बाद मेरा काम खत्म हो गया और मैं जाने के लिए तैयार होने लगी।
लेकिन तब तक वह सर भी उठ चुके थे और मुझसे बात करने लगे।

वे बोले, “आपका नाम क्या है? आपके परिवार में कौन-कौन है?”

मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा।
उनका नाम सुबोध था।

इसके बाद मैंने उनसे थोड़ी देर बात की और घर के लिए निकल गई।
लेकिन पूरे रास्ते और घर पहुँचने के बाद भी वह दृश्य मेरे सामने घूमता रहा।

रात को जब मेरा शौहर घर आया तो मैंने उसके साथ सेक्स किया।
लेकिन मेरे सामने वही दृश्य घूमता रहा।
मैं अपने शौहर के साथ चुदाई करती रही पर मुझे संतुष्टि नहीं मिली।

मैं सोच रही थी कि अगर वह मोटा लंड मेरी चूत में गया, तो कितना मजा आएगा!

अगली सुबह मैं वापस अपने काम पर गई और नॉक किया।
आज सर ने पजामा पहन रखा था जिसके कारण उनके लंड के दर्शन नहीं हो पाए।

मैंने अपना काम किया, सर से थोड़ी देर बात की और फिर घर के लिए निकल गई।

एक-दो हफ्ते तक ऐसी बातें होती रहीं और हमारी अच्छी दोस्ती हो गई।
मुझे यह समझ आया कि वह काफी अच्छे थे, मुझसे अच्छे से बात करते थे और कभी मुझे गंदी नजर से नहीं देखा।

एक दिन मौका देखकर मैंने उनका मोबाइल नंबर ले लिया।

कुछ दिनों बाद एक रात मेरे शौहर का दारू पीने का प्रोग्राम बन गया।
मैं भी अपने शौहर के साथ दारू पी लेती हूँ तो मैंने भी दारू पी ली।

दारू के नशे में मेरा मन चुदाई का करने लगा।

मैंने अपने शौहर से कहा, “आज चुदाई का बहुत मन हो रहा है! मुझे अच्छे से चोद दो और मेरा पानी निकाल दो!”

दारू के नशे में उसने मुझे चोदा लेकिन उसका पानी जल्दी निकल गया और वह सो गया।

लेकिन मुझे नींद कहाँ आने वाली थी?
मैं वही पहले दिन के बारे में सोचने लगी और मेरी आँखों के सामने सर का लंड घूमने लगा।

मैंने सर को मैसेज कर दिया।
उस समय रात के 12:00 बजे होंगे।

सर ने भी नॉर्मल सा रिप्लाई किया, वे बोले, “हाँ, बोलिए!”
अब मेरी सर से बात होने लगी।

बातों-बातों में मैंने पूछा, “सर, आपकी तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड होंगी ना?”
सर ने मना कर दिया।

मैंने कहा, “ऐसा तो हो ही नहीं सकता! आप इतने स्मार्ट हैं, किसी लड़की ने आपको प्रपोज ना किया हो!”
वे हँस पड़े।

मैंने कहा, “यदि मेरी शादी न हुई होती, तो मैं ही आपको प्रपोज कर देती!”
सर बोले, “शादी से मुझे कोई दिक्कत नहीं है! मस्ती तो कर ही सकते हैं!”

मेरे मन में तो मानो लड्डू फूट गए।

मैंने कहा, “हाँ, मस्ती तो कर सकते हैं, लेकिन किसी को पता चल गया, तो मेरी जिंदगी खराब हो जाएगी!”
वह बोले, “ना मैं किसी को बताऊँगा, ना तुम किसी को बताओगी, तो पता कैसे चलेगा?”
मैंने कहा, “यह बात तो सही है!”

मैंने उनसे बातें आगे बढ़ाई और पूछा, “आपको कैसी लड़की पसंद है?”
उन्होंने कहा, “जिनके मोटे-मोटे बूब्स हों और मोटी-मोटी गांड हो, जैसे तुम्हारे हैं!”

यह सुनकर मेरे मन में और ज्यादा हलचल होने लगी।

मैंने कहा, “आपने मेरे चूतड़ और गांड कब देखी?”
उन्होंने जवाब दिया, “वह तो मैं रोज ही देखता हूँ!”

मैंने पूछा, “इसका क्या मतलब है?”
वे बोले, “जब तुम झाड़ू लगाती हो, तो मुझे तुम्हारे बूब्स दिखाई देते हैं, जो मुझे बहुत अच्छे लगते हैं! और जब तुम मटक के चलती हो, तो तुम्हारी गांड ऊपर-नीचे होती है, जो मेरा लंड खड़ा कर देती है!”

यह सुनकर मेरी चूत में आग लगने लगी।

फिर उनका मैसेज आया, “तुम क्या कर रही हो?”
मैंने कहा, “इतनी रात को कोई क्या करेगा?”

वे बोले, “तुम्हारी तो शादी हो गई, जरूर चुदाई कर रही होगी! तुम्हारा शौहर तो तुम्हें रोज चोदता होगा!”
मैंने कहा, “रोज तो नहीं चोदता, पर आज चोदा था!”

उन्होंने पूछा, “तो सेक्स कैसा रहा? तुम्हारा पानी निकला?”
मैंने कहा, “शौहर का हो गया और वह सो गया!”

वे बोले, “तुम क्या कर रही हो?”
मैंने कहा, “आपसे बात!”

वे बोले, “चूत में आग तो लगी होगी अभी भी!”
मैंने कहा, “लगी तो है, और आग शांत करने वाला तो कोई नहीं है!”
वे बोले, “यदि मैं तुम्हारा शौहर होता, तो तुम्हें पूरी रात चोदता!”

उन्होंने पूछा, “क्या तुमको मेरा लंड देखना है?”
मैं कुछ नहीं बोली।

कुछ सेकंड बाद एक फोटो मेरे फोन पर आई।
मैंने उसे खोलकर देखा तो वह सर के लंड की फोटो थी जो एकदम टाइट तना हुआ खड़ा था।

इसे देखकर मेरी चूत में आग और तेज हो गई।

फिर उनका मैसेज आया, “इसको देखकर अपना पानी निकाल लो! आज रात कल मैं अपने लंड से तुम्हारा पानी निकाल दूँगा!”

इसके बाद हमारी गंदी-गंदी बातों का सिलसिला शुरू हो गया और हम दोनों ने अपना-अपना पानी निकाल लिया।

अब हम दोनों सुबह का इंतजार करने लगे।
पता नहीं कब नींद आई, हमें दोनों को ही पता नहीं चला।

सुबह के 6:00 बजे थे और मैं जल्दी से घर का काम करके गेस्ट हाउस के लिए निकल गई।
मैं गेस्ट हाउस पहुँची तो पहले ही दरवाजा खुला हुआ था।

सर अंडरवियर में सोफे पर बैठे थे और मेरा इंतजार कर रहे थे।
वे बोले, “आज आने में बहुत देर कर दी!”
मैं कुछ बोल पाती, उससे पहले ही सर बोले, “आने में बहुत देर कर दी!”

मैं जाकर सोफे पर बैठ गई।
सर ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
वे मुझे पागलों की तरह किस करने लगे।

मैं भी उनके साथ देने लगी।

हम दोनों ने एक-दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डाल दी और चूसने लगे।

अब सर ने अपना हाथ मेरे चूचों पर रख दिया और मेरी चूची कुर्ती के ऊपर से ही दबाने लगे।
उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया।

सर का लंड मुझे फोटो से भी ज्यादा मोटा और लंबा महसूस हुआ।
मैं सोचकर परेशान हो रही थी कि इतना मोटा लंड मेरी चूत में कैसे जाएगा?
यह तो मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा!

लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।

सर ने मेरी कुर्ती निकाल दी।
अब मैं सर के सामने ब्रा में थी।

मैंने लाल रंग की ब्रा पहनी थी, जिसे देखकर सर और पागल हो गए और मेरे बूब्स को टाइट दबाने लगे।

थोड़ी देर में सर ने मेरी ब्रा भी निकाल दी और मेरे चूचों को आजाद कर दिया।
अब मैं सर के सामने आधी नंगी थी।

सर मेरे बूब्स को दबाने और चूसने लगे.
जिससे मुझे और ज्यादा मजा आने लगा।

अब मैंने भी सर के अंडरवियर में हाथ डाल दिया और उनके लंड को आगे-पीछे करने लगी।

सर मेरी चूचियों के साथ खेलने में लगे हुए थे।
वे उन्हें दबा रहे थे, मेरी निपल्स को काट रहे थे।

इधर मैं सर के लंड को पकड़कर तेज-तेज हिला रही थी।
उनका लंड बिल्कुल लोहे की रॉड जैसा हो गया था।

इन हरकतों से हम दोनों की हालत खराब होने लगी।

सर ने मुझे सोफे पर लिटा दिया और मेरी पजामी और कच्छी दोनों एक साथ निकालकर साइड में फेंक दी।
अब सर के सामने मेरी देसी चूत थी, जिस पर एक भी बाल नहीं था।

मेरी चूत देखकर सर बोले, “जानमन, तेरी चूत तो एकदम क्लीन है! एक भी बाल नहीं है! क्या मुझे चुदवाने के लिए साफ करके आई है?”
मैंने कहा, “नहीं सर, मैं तो इसको साफ ही रखती हूँ! मुझे बाल पसंद नहीं हैं!”
सर बोले, “मुझे भी बाल पसंद नहीं हैं!”

सर चूत की साइड से उठे और मेरे सिर की साइड आकर बैठ गए।
अब सर ने अपना लंड हाथ में लिया, मेरा मुँह खुलवाया और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
फिर उन्होंने अपना मुँह मेरी चूत में रखकर उसकी चुसाई करने लगे।

अब हम 69 की पोजीशन में आ गए।
सर अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर तक ले जा रहे थे।

मुझे ऐसा लगा जैसे किसी बच्चे को उसकी मनपसंद चीज मिल गई हो और वह पूरे स्वाद के साथ उसे खा लेना चाहता हो।

मैं भी बिल्कुल स्वाद लेकर सर का लंड चूस रही थी और पूरा अंदर लेने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन वह इतना मोटा और लंबा था कि मैं पूरा ले नहीं पा रही थी।

10-15 मिनट की चुसाई के बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं झड़ गई।
मेरा पानी निकल गया।

अब सर ने भी बहुत तेजी से झटके मारने शुरू कर दिए।
5 मिनट तक मेरा मुँह चोदने के बाद उनका भी पानी निकल गया और उन्होंने मेरे मुँह में ही सारा पानी निकाल दिया।

अब हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेटे रहे।
थोड़ी देर बाद सर ने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया और मेरे बूब्स से खेलने लगे।
मैंने भी उनके लंड को हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया।

मैंने सर से कहा, “सर, बेडरूम में चलते हैं!”

सर और मैं उठकर बेडरूम में आ गए।
वहाँ जाकर हम दोनों लेट गए और एक-दूसरे के अंगों से मजे लेने लगे।

थोड़ी देर में हम दोनों का मन फिर से करने लगा।

सर का हथियार फिर से खड़ा होने लगा था।
यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई।

सर किसी बच्चे की तरह मेरे बूब्स को चूस रहे थे और अपनी उंगली मेरी देसी चूत में डाले हुए आगे-पीछे कर रहे थे।

इससे मेरी चूत में आग लगी हुई थी।

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैं बोली, “सर, ज्यादा मत तड़पाइए! अपना लंड मेरी चूत में पेल दो और मेरी आग को शांत कर दो!”

सर उठे और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे।
इससे मेरी चूत में और ज्यादा आग लगने लगी।
मैं अपनी गांड उठाकर सर का लंड अपनी चूत में लेने के लिए तड़पने लगी।

लेकिन सर तो पूरे पक्के खिलाड़ी थे।
उन्होंने अपना लंड पीछे कर लिया और बोले, “साली कुतिया, मुझसे भीख माँग चुदाई के लिए!”

अब मेरे पास कोई चारा नहीं बचा था।
मैंने सर को गाली देना शुरू कर दिया और भीख माँगने लगी।

मैं बोली, “साले कुत्ते, रंडी चोद! आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे और मुझे रंडियों की तरह चोद दे! मेरी चूत तेरे लंड के लिए तड़प रही है! इसका भोसड़ा बना दे और इसमें से एक बार फिर पानी निकाल दे!”

यह सुनकर सर जोश में आ गए और उन्होंने मुझे गाली देना शुरू कर दिया।
उन्होंने मेरी चूत पर दो चटे भी मारे, जिससे मेरी चूत में दर्द होने लगा।

अब सर ने अपना लंड हाथ में लिया और मेरी चूत के मुँह पर सेट किया।
फिर पीछे से एक जोरदार धक्का मारा, जिससे उनका लंड मेरी चूत फाड़ता हुआ अंदर घुस गया।
मुझे इतना जोर से दर्द हुआ कि पहली चुदाई में भी ऐसा नहीं हुआ था।

मेरे मुँह से बहुत तेज आवाज निकली।

इतने में सर बोले, “साली कुत्तिया, रंडी! आया मजा? फट गई तेरी चूत आज!”
मेरी आँखों से आँसू निकल गए, लेकिन सर नहीं रुके और धक्के पर धक्का मारने लगे।

सर बहुत तेज धक्के मार रहे थे।

थोड़ी देर की चुदाई के बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं अपनी गांड उठा-उठाकर उनके साथ देने लगी।

सर ने पूछा, “कुतिया, अब आ रहा है ना मजा? चुदाई का असली मजा ऐसा होता है! तेरा शौहर तो बस अपना निकालता है!”
मैं बोली, “हाँ सर, अब मजा आ रहा है!”

सर बोले, “अभी तो आधा लंड ही गया है! जब पूरा जाएगा, तो तेरी चूत का क्या होगा, सोच!”

मेरी तो डर के मारे हालत खराब हो गई कि अभी आधा ही गया है।
मेरे दिमाग में विचार आया कि मेरे शौहर का लंड तो बस 3 इंच का है।

मैंने कहा, “सर, अब जो मजा देना है, आपको ही देना है!”
अब सर तेजी से मेरी चुदाई करने लगे।
मुझे भी मजा आने लगा।

सर ने एक तकिया लिया और मेरी गांड के नीचे लगा दिया।
मुझे कुछ समझ नहीं आया।

सर मेरे मुँह के पास आए और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
वे मुझे किस करने लगे और अपने लंड से धक्के पर धक्का मारने लगे।
फिर एक बहुत तेज धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया।

मेरी आवाज उनके मुँह में ही दबकर रह गई।

मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी चूत फट गई हो।
अब सर ने धक्कों की स्पीड थोड़ी धीमी की, लेकिन रुके नहीं।

2 मिनट बाद मुझे भी चुदाई में आनंद आने लगा।
मैं भी अपने चूतड़ हिलाने लगी।
मैंने सर को अपनी बाहों में भर लिया।

सर समझ गए कि मुझे मजा आने लगा है।
उन्होंने मुझे किस किया और खड़े होकर बैठ गए।
लेकिन उन्होंने अपना लंड मेरी देसी चूत से नहीं निकाला।

वे बैठकर मेरी चुदाई करने लगे और मैं लेटी हुई उनके साथ दे रही थी।
वे अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबा रहे थे और चुदाई कर रहे थे।

अब सर ने मुझे अपने ऊपर बैठा लिया।
मैं सर के लंड की सवारी करने के लिए तैयार थी।

मैंने ऊपर-नीचे करना शुरू किया लेकिन मुझे दर्द भी हो रहा था।

सर ने देखा कि मैं पूरा लंड नहीं ले रही.
तो उन्होंने नीचे से ही अपना लंड मेरी चूत में पेलना शुरू कर दिया।

मुझे उनके लंड की आदत होने लगी थी।
अब मैं भी पूरा नीचे तक लंड ले रही थी।

फिर मैं पूरा ऊपर आई लेकिन लंड का टोपा मेरी चूत में ही था।
फिर मैं लंड पर नीचे तक गई।

इतना मजा आ रहा था, क्या बताऊँ?
मुझे बहुत आनंद मिल रहा था।

सर को पता नहीं क्या हुआ, उन्होंने मेरे चूतड़ों पर दो चटे मारे, जिससे मेरे चूतड़ एकदम लाल हो गए।
मुझे बहुत दर्द हुआ।
फिर उन्होंने मेरे बूब्स भी बहुत टाइट दबा दिए।

मैं ऊपर-नीचे कर रही थी कि मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैं एक बार फिर झड़ गई।

अब सर ने पोजीशन चेंज की और मुझे लिटा दिया।
वे खुद पलंग से नीचे खड़े हो गए।

उन्होंने मेरी दोनों टाँगें चौड़ी कीं और मेरी चूत में अपना लंड फिर से पेल दिया।
अब सर नॉनस्टॉप तेज-तेज धक्के मार रहे थे।

10 मिनट की चुदाई के बाद सर बोले, “साली कुतिया, मेरा पानी कहाँ लेगी?”
मैंने कहा, “सर, मेरी चूत में ही छोड़ दो!”

उन्होंने मेरी चूत के अंदर ही फव्वारा छोड़ दिया।
जब उनका पानी निकला तो मेरा भी एक बार फिर पानी निकल गया।
हम दोनों एक-दूसरे से चिपककर लेट गए।

5 मिनट एक-दूसरे से चिपककर लेटने के बाद सर ने पूछा, “कुतिया, मजा आया तुझे? आज तेरी देसी चूत की आग शांत हुई?”
मैंने कहा, “सर, आज बहुत मजा आया! ऐसा मजा जो मुझे आज तक कभी नहीं मिला था!”

हमने उठकर समय देखा, तो 9:00 बजने वाले थे।
इसके बाद हम दोनों उठे और एक साथ नहाए।

नहाते हुए भी सर को मस्ती सूझी, वे बोले, “एक राउंड और चुदाई का हो जाए!”
मैंने कहा, “नहीं सर, आज आपने पहले ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया है! और अब राजीव के आने का समय हो रहा है!”

राजीव के बारे में आपको बताना तो भूल गई।
राजीव गेस्ट हाउस का कुक है।

उसके बारे में और सर के साथ गांड चुदाई की कहानी आपको अगली बार सुनाऊँगी।

आशा करती हूँ दोस्तो, मेरी देसी चूत बड़े लंड से चुदाने की कहानी आपको बहुत पसंद आई होगी।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, इसके लिए आप मुझे मेल कर सकते हैं।
[email protected]

What did you think of this story

Comments

Scroll To Top