सेक्स गुलाम नौकर नौकरानी की चुदाई- 3

(DesiXxx Home Servant Kahani )

DesiXxx होम सर्वेंट कहानी में मैंने और मेरी पत्नी ने घर की नौकरानी से सेक्स किया. एक नौकर से उसकी शादी करवा के उस नौकर की गांड मारने का भी मजा लिया.

दोस्तो, मैं रतन दत्त अपनी इस सेक्स कहानी का अंतिम भाग लेकर आपके सामने पुनः हाजिर हूँ.

कहानी के दूसरे भाग
मेरी पत्नी ने नौकरानी संग लेस्बियन किया
में अब तक आपने विजय की जुबानी सुना था कि उसने आरती के साथ संभोग करना शुरू कर दिया था.

अब आप विजय से ही आगे की DesiXxx होम सर्वेंट कहानी सुनें.

थोड़ी देर बाद मैं फिर से आरती के बदन को चूमने लगा.
आरती पुनः मचलने लगी, वह बोली- मालिक अब मेरे ऊपर आ जाइए … अब सहा नहीं जा रहा!
मैं बोला- तुम चुदाई की भीख मांगो, मुझसे कहो कि मालिक कृपया अपना लंड मेरी चूत में डालकर दया कीजिए!
आरती मेरे कहे अनुसार कहने लगी.

मैं उसे चोदने लगा.

जब मुझे लगता कि मैं झड़ने के समीप हूँ, मैं अपना लंड बाहर निकाल कर लंड को जड़ के पास से कस कर पकड़ लेता और लम्बी लम्बी सांस लेता.
फिर जब लगता कि मेरा झड़ना टल गया है, तो मैं फिर से उसकी चुत चोदने लगता.

मैंने आरती के दोनों गालों पर चांटा मारकर कहा- मुँह खोलो!
उसने मुँह खोला.

मैंने उसके मुँह के अन्दर थूककर कहा- पी जाओ!
आरती थूक पी गयी.

कुछ देर बाद आरती मेरे सहलाने से ही पुनः झड़ गयी.
अब मैंने लंड पेला और चोदने की गति बढ़ा दी. इससे लंड फूलने लगा.

मैंने उसकी चूत अपने वीर्य से भर दी, वीर्य चूत से बहने लगा.
मैंने चम्मच में वीर्य लेकर आरती को मुँह खोलने को कहा.

उसने मुँह खोला तो मैंने उसके मुँह में वीर्य डाल दिया और उससे कह दिया कि पी लो, यह तुम्हारे बदन को ताकत देगा!
आरती वीर्य गटक गयी.

मैंने आरती से कहा कि चलो अब मेरे साथ.
मैं उसे बाथरूम में ले गया.

उधर आरती को फर्श पर बिठाकर उसे पुनः अपना मूत्र पिलाया और मूत्र स्नान कराया.
दो बार झड़ने के कारण आरती पूरी तरह संतुष्ट थी.
मैं दूसरी बार चोदने से बच गया.

मैं आरती को विभिन्न आसनों में चोदता था.
आरती मेरे लंड की सवारी मजे से करती.

मैं आरती के साथ गुलाम के विभिन्न खेल खेलता, उसके गले में रस्सी लगा पट्टा बांधकर उसे पलंग पर बकरी की तरह खड़ा करके बोलता कि चल मेरी बकरी!

आरती जान बूझकर चलने से इंकार करती तो मैं बेल्ट उसके कूल्हों पर मारकर कहता कि चल साली!
वह चलने लगती.

मैं रस्सी को पलंग पर बांधकर आरती के चूचों के नीचे बर्तन रखता, उसके निप्पल मरोड़ कर खींचकर दूध निकालने का नाटक करता.
उससे हम दोनों को खूब मजा आता.

फिर हम दोनों की घमासान चुदाई होती.

उधर मैं अपनी पत्नी सरोज के साथ प्यार भरा सम्भोग हफ्ते में एक बार करता.

सरोज आरती के लेस्बियन संबंध भी चल रहे थे.

एक शाम सरोज किटी पार्टी में गयी, उसने मुझे बताया कि वह रात 10 बजे वापस आएगी.

सरोज जाने के बाद आरती मैक्सी पहन कर मेरे पास आयी.
उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था.

मैंने आरती को बताया कि मेरी एक फंतासी है कि खुले आसमान के नीचे चुत चोदी जाए.
आरती राजी हो गई.

मैंने तय कर लिया कि आज आरती को फर्स्ट फ्लोर की बालकनी में नंगी करके उधर ही उसकी चुदाई करूँगा.
आरती मना करने लगी कि साब बालकनी में तो कोई देख लेगा!
मैं नहीं माना.

मैंने आरती की मैक्सी उतार कर उसे नंगी कर दिया और उसके बाल पकड़ कर कूल्हों पर बेल्ट से मारते सीढ़ियों से बालकनी में ले गया.

आरती को सामने झुककर उसके हाथ बालकनी की रेलिंग से बांध दिए.
उसके चूचे दबाने के बाद मैंने निप्पल पर कपड़े सुखाने की क्लिप लगा दी.
मैं पीछे से उसकी चूत चोदने लगा.

थोड़ी देर चोदने के बाद मैं लंड बाहर निकाल लेता.
फिर आरती के कूल्हों पर बेल्ट मारकर कहता- गुलाम … मालिक को मना करे मुझे पसंद नहीं!
मैंने 45 मिनट तक उसे चोद कर DesiXxx का मजा लिया.

आरती उस दरमियान दो बार झड़ गयी.

कामरस उसकी जांघों से बहकर फर्श पर गिर रहा था.
बाद में आरती ने बताया कि उसने जानबूझ कर मना किया था, जिससे मैं जबरदस्ती उसकी चुत चुदाई करूं और बेल्ट से मारूं … जिससे उसे मजा आए.

दूसरी तरफ 22 उम्र का राहुल फलों की दुकान के मालिक से ख़ुशी से गांड मरवाता था.
मालिक गांड मारने के समय राहुल को थोड़ा पीटता था. पिटने में राहुल को मजा आता था.

मालिक राहुल को दूसरे मर्दों के पास जबरन भेजने लगा था तो राहुल इस अत्याचार से दुखी हो गया था.
मैंने अपने घर उसे नौकरी दी.

राहुल गोरा दुबला सुंदर था.
वह हमारे यहां का अच्छा खाना खाकर फूलने लगा. उसका शरीर भर गया.

मैंने उसकी डॉक्टर से जांच कराई थी तो उसे यौन रोग नहीं निकला था.
उसकी दूसरी बार जांच 3 महीने बाद होनी थी. अब दस दिन बाद 3 महीने पूरे होने वाले थे.

हॉस्टल में मैं जिस दोस्त की गांड मारा करता था, उससे अभी भी फ़ोन पर बात बात होती.

उसी दोस्त ने बताया कि उसकी शादी हो गयी, तो कुछ दिनों तक उसने मोमबत्ती से अपनी गांड चोद कर शांत की.
फिर वह एक पड़ोसी से गांड मरवाने लगा.

गांड मरवाने का अलग ही मजा है, यह वे ही जानते हैं जिन्होंने अपनी मरवाई है.

मैंने एक पैकेट मोमबत्ती राहुल के कमरे में रख दी.
दूसरे दिन मैंने देखा कि उस पैकेट के बाहर एक मोमबत्ती निकली रखी है और उसमें तेल लगा है.
मैं समझ गया कि राहुल की गांड कुलबुलाती है.

तीन महीने पूरे होने पर राहुल की डॉक्टरी जांच हुई और 3 दिन बाद रिपोर्ट आयी कि उसे कोई यौन रोग नहीं है.

मैं- राहुल यह ख़ुशी की बात है कि तुम्हें कोई यौन रोग नहीं है. अब तुम्हारी गांड की खुजली मैं मिटाऊंगा. साफ़ साफ़ कहो तुम्हें क्या क्या अच्छा लगता है?
राहुल- मेरी छाती दबाने, निप्पल मरोड़ने और हल्की पिटाई से मुझे जोश आ जाता है.

मैं- झांट, कांख और दाढ़ी मूंछ के बाल शेव कर लेना और नहाकर आज शाम 7 बजे गेस्टरूम में मेरा इन्तजार करना.
उसने हामी भर दी.

मैं साढ़े सात बजे गेस्ट रूम में गया, राहुल को खड़ा करके उसे नंगा कर दिया. उसके गोरे व थोड़े फूले हुए पुरुष चूचों पर भूरे रंग के निप्पल थे.
मैं चूचे दबाने निप्पल मरोड़ने लगा.

राहुल सिसकारी लेने लगा.

मैंने अपने कपड़े उतारे और हाथ में बेल्ट लेकर पलंग के किनारे बैठ गया.
मैंने अब उससे अपने लंड की तरफ इशारा करके कहा- चूसो!

राहुल पलंग पर हाथ रखकर लंड चूसने लगा.
मेरा लंड खड़ा होने लगा.

मैंने राहुल के कूल्हे पर बेल्ट से मारकर कहा- गले तक लेकर चूसो!

राहुल को एकदम जोश आ गया, वह गपागप लंड गले तक लेकर चूसने लगा.

कुछ देर बाद मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊंगा.
मैंने राहुल से रुकने को कहा पर वह नहीं रुका.

तभी मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली, जिसे राहुल चटखारा लेकर पी गया.
वीर्य पीने के बाद उसने मेरा लंड चाटकर साफ़ कर दिया.

वह बोला- आज इतने महीनों बाद वीर्य पीने मिला, मालिक धन्यवाद!
मैंने कहा- ओके कल फिर मिलते हैं.

दूसरी शाम हम दोनों नंगे हुए.
मैंने राहुल को गर्म किया और तेल की बोतल उसे देकर कहा- मेरे लंड पर और अपने छेद में लगाओ.

फिर उसके बाद राहुल को चित लेटा कर उसे अपने पाँव छाती की तरफ करने को कहा.
वह जानता था कि किस तरह से गांड चुदवाई जाती है.

मैंने उसकी गांड में पूरा लंड पेल दिया और इत्मीनान से गांड मारने लगा.

बीच बीच में रूककर मैं राहुल के गालों पर चांटे मारकर कहने लगा- मुँह खोलो.

उसने मुँह खोला, तो मैं उसके मुँह के अन्दर थूकने लगा.
राहुल मजे से थूक पीने लगा.

फिर मैंने राहुल को घोड़ी बनाकर उसके गोरे सुडौल कूल्हों पर चांटे मारकर उसकी गांड मारी.
राहुल कमर हिलाकर लंड और अन्दर ले रहा था.
इसी बीच राहुल का लंड भी खड़ा हो गया लेकिन उसकी उत्तेजना इतनी अधिक थी कि वह अपने लंड को बिना छुए ही झड़ गया.
मैंने राहुल की गांड वीर्य से भर दी.

एक महीने मैंने राहुल की गांड कई आसनों में मारी.
मैंने देखा कि राहुल का लंड मेरे बराबर लम्बा है.

हफ्ते में एक रात मैं अपनी पत्नी सरोज से सम्भोग करता, बाकी रातों को आरती या राहुल के साथ सम्भोग करता.

आरती राहुल 21-22 उम्र के थे.
उनकी यौन प्यास ज्यादा थी.

मैं शाम को जब घर आता, वे दोनों आशा से देखते कि आज रात मैं किसे बुलाऊंगा.

मैं 40 साल का था, दिन भर बिजनेस का काम करना … और हर रात सम्भोग से मैं थकने लगा था.

मैंने सोचा कि यदि राहुल आरती की शादी करा दूं तो दोनों आपस में सम्भोग करके खुश रहेंगे. मैं कभी कभी स्वाद बदलने के लिए उनके साथ मजे करूँगा.

तब मैंने सरोज से बात की.
उसे यह प्रस्ताव ठीक लगा.

मैं और सरोज 4 दिन बाद जर्मनी घूमने जाने वाले थे.

मैंने राहुल से पूछा- राहुल, तुम्हें आरती कैसी लगती है … क्या उससे शादी करोगे?
राहुल- मुझे आरती अच्छी लगती है, लेकिन क्या वह मुझसे शादी के लिए राजी होगी?

मैं- तुम्हें मालूम है कि मैं आरती के साथ भी सोता हूँ.
राहुल- आप मेरी गांड भी मारते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. पर आप मेरी गांड मारना बंद मत करना!

मैंने आरती से बात की.
वह राहुल से शादी करने राजी हो गयी.

मैंने उससे स्पष्ट कह दिया कि शादी के बाद भी मैं कभी कभी उसके साथ सोऊंगा.

आरती को कोई आपत्ति नहीं थी.
उसने मुझे राहुल की गांड मारते खिड़की से देखा था … तो वह इससे भी राजी थी.

उसी रात राहुल ने आरती की मांग में सिंदूर भरकर शादी की.
सुबह दोनों खुश थे.

चार दिन बाद हम लोग जर्मनी चले गए.
मैं और सरोज जर्मनी में कई जगह घूमे.

एक दोस्त ने बताया था कि जर्मनी में लाइव सेक्स शो कहां देख सकते हैं पर पत्नी को उधर ले जाना सुरक्षित नहीं रहेगा.

इसलिए मैं सरोज को बताकर शो देखने गया.
मैंने कई सेक्स वीडियो देखे थे पर इस लाइव शो का मजा अलग ही था.
काश मैं सरोज को साथ ले जा पाता.

इधर मैं सरोज के साथ सेक्स का आनन्द लेता पर मुझे राहुल की गांड की याद आती.

फिर 15 दिन बाद हम सुबह सुबह घर लौट आए.
राहुल और आरती ने हमारा स्वागत किया, बढ़िया देसी नाश्ता तैयार था.

नाश्ते के बाद सरोज ने आरती से बात की- आरती, मैं सफर से थक गयी हूँ. तू मेरी मालिश कर दे.
यह कह कर सरोज आरती को लेकर चली गयी.
मैं भी राहुल को गेस्टरूम में ले गया.

गेस्टरूम में जाते ही मैंने राहुल के निप्पल मरोड़ कर उसे गर्म किया, उसे घोड़ी बनाकर कूल्हों पर चांटे मारते उसकी गांड मारी.

मैं- राहुल तुम आरती के साथ खुश हो न?
राहुल- हां बहुत खुश हूँ, पर आपकी याद आती थी.

शाम मैंने आरती के साथ गेस्टरूम में जंगली सम्भोग किया, उसे बेल्ट से मारा, उसके मुँह में थूका, बाथरूम ले जाकर उसे मूत्र स्नान कराया और मूत्र पिलाया.

आरती बोली- मालिक मजा आ गया.
फिर आरती नहाकर आयी.

मैं- आरती तुम राहुल के साथ खुश हो?
आरती- हां राहुल एक अच्छा इंसान है. मुझे प्यार करता है, मेरा ख्याल रखता है. उसे बिस्तर में पत्नी के साथ क्या करना है, यह मालूम ही नहीं था. मैंने उसे सब सिखा दिया. वह सम्भोग बड़े प्यार करता है, मुझे अच्छा लगता है, पर वह जंगली सम्भोग के लिए राजी नहीं है. जंगली सम्भोग की कला आप को आती है … कृपया आप उसे बंद मत करना. राहुल को भी आपकी याद आती है, जब उसे पीछे खुजली होती है तो वह खुद अपनी उंगली से अपनी गांड को कुरेदता है.

मैं आरती से कह न सका कि मैं भी अपनी पत्नी से प्यार से सम्भोग करता हूँ.

मैं जर्मनी से स्ट्रेप ऑन डिल्डो लाया था.
मैंने स्ट्रेप ऑन डिल्डो आरती को दिया.
वह उसे अपनी कमर पर पहन कर डिल्डो में तेल लगाकर अपने पति की कैसे गांड मार सकती है … उसे उसका वीडियो दिखाया.

मैं- जब राहुल को ज्यादा खुजली हो और मैं व्यस्त हूँ, तब तुम राहुल की गांड मार देना … और एक बात, कल रात मुझे तुम्हारा और राहुल का सम्भोग देखना है, कमरे की लाइट चालू रखना. मैं कमरे के बाहर खिड़की के पास बैठूंगा. खिड़की खुली रखना और राहुल को बता देना.

चूंकि मैंने सरोज से वादा किया था कि घर आकर उसे लाइव सेक्स शो दिखाऊंगा.

मैं और सरोज ने खिड़की के पास चेयर पर बैठकर लाइव सेक्स शो देखने लगे.
राहुल और आरती ने फोरप्ले के बाद एक दूसरे के कपड़े उतारे … फिर 69 पोजीशन में लंड चूत चूसे.
अनेक आसनों में प्यार से काफी देर सम्भोग किया.

लाइव सेक्स शो देखकर मैं और सरोज उत्तेजित हो गए.
हम दोनों तत्काल उठकर बेडरूम में आ गए और हमने घमासान सम्भोग किया.

कुछ दिन बाद जब मैं आरती के साथ यौन आनन्द ले रहा था, तब आरती ने बताया कि उसने स्ट्रेप ऑन डिल्डो पहन कर कुछ देर राहुल की गांड मारी. इससे राहुल बहुत जोश में आ गया.
उसने आरती का स्ट्रेप ऑन उतार कर उसकी घमासान चुदाई की.
राहुल को इतना जोश पहली बार आया था. इस बात से आरती को बड़ा सुख मिला था.

आरती राहुल को हमारे बंगले में रहते और काम करते हुए 5 साल हो गए हैं.
जब मेरा मूड होता है, मैं आरती या राहुल को गेस्ट रूम में बुला लेता हूँ और उनसे DesiXxx यौन आनन्द लेता हूँ.

सरोज आरती से मालिश कराती है, लेस्बियन सेक्स का आनन्द लेती है.
हम दोनों राहुल आरती के लाइव सेक्स शो देखते हैं.
हम सभी खुश हैं.

आपको यह DesiXxx होम सर्वेंट कहानी कैसी लगी, कृपया जरूर बताएं.
मेल भेजते समय कहानी का नाम अवश्य लिखें क्योंकि मैंने अनेक कहानियां लिखी हैं तो मुझे जबाव देने में सुविधा रहेगी.
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