रंडी सेक्रेटरी की नमकीन लौंडिया की पलंगतोड़ चुदाई- 4

(Gand Lund Nonveg Story)

गांड लंड नॉनवेज़ स्टोरी में चुदक्कड़ लड़की अपनी अम्मी के सेठ के लंड से चुद कर मजा रही थी. तभी सेठ ने अपना मोटा लंड उसकी गांड में पेल दिया.

दोस्तो, मैं मानस आपको नमकीन सेक्रेटरी की नमकीन लौंडिया की चुदाई की कहानी का मजा दे रहा था.
कहानी के तीसरे भाग
जवान लड़की की मोटे लंड से चुदाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि रतन वासना की हवस में इसरा के मुँह की चुदाई करते हुए एकदम हैवान बन चुका था.

अब आगे गांड लंड नॉनवेज़ स्टोरी:

रतन इसरा की नंगी गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला- अच्छी तरह से लंड चूस कर साफ कर रंडी … ये तेरे असली बाप का लौड़ा है … जिससे तेरी मां चुदवाती है छिनाल!

लंड को धार लगवा कर उसने इसरा को बिस्तर के किनारे लिटाया, जिस कारण उसकी फूली हुई गांड उभर कर रतन के सामने आ गई.

मटके जैसे फूले चूतड़ अपने हाथों से खोलकर उसने अपना लंड फुद्दी के मुँह पर रखा तो इसरा खुद आगे झुक गई.

पर इस बार रतन का ध्यान इसरा की गांड के छल्ले पर था.
कसी हुई चुस्त गांड … रतन के खून और लंड दोनों में आग लगा रही थी.

लौंडिया की गांड के छेद पर थूकते हुए रतन ने अपने लंड का सुपारा गांड के छेद पर रगड़ना चालू किया तो इसरा के शरीर में तेज उत्तेजना उमड़ने लगी.
हालांकि वह अपनी गांड दो बार चुदवा चुकी थी, पर रतन का लंड देख थोड़ा डर भी रही थी.
उसके शरीर में कंपन होने लगा.

इसरा को कांपते देख वह बोला- डर मत पगली, मैं आराम से घुसाऊंगा … पर लगता है इसका उद्घाटन किसी ने पहले ही कर दिया है!

रतन की बातों पर विश्वास रखते हुए इसरा बोली- हां मालिक, बस दो बार ही लिया था … पर उस साले के पास आपके जैसा लौड़ा नहीं था. प्लीज थोड़ा आराम से करना मेरे राजा!

रतन ने हंसकर उसकी गांड पर थूका और सुपारा गांड के छल्ले पर रगड़ने लगा.
इस कारण से इसरा बहकने लगी.

एक हाथ से उसने इसरा की फुद्दी मसल दी तो इसरा ने ‘आअह्ह ह राजा आआ आह …’ कहकर अपनी गांड को पीछे धकेलना चालू कर दिया.

धीरे-धीरे गांड का छल्ला अपने आप खुलने-बंद होने लगा तो रतन समझ गया कि अब इस लौंडिया की गांड लंड के लिए तरस रही है.
रतन ने अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर गांड के छेद पर रखा और एक हल्का सा धक्का लगा दिया.

पौअक की आवाज के साथ सुपारा गांड में घुस गया और ‘ईसस्श ह्ह …’ कहती हुई इसरा ने लंड का स्वागत किया.

चूत को मसलना बंद करते हुए रतन ने इसरा की कमर कसकर पकड़ ली.
इसरा ने अपने हाथों से अपने चूतड़ उसके सामने खोल रखे थे.

इसरा इस भ्रम में थी कि रतन इस बार प्यार से उसकी गांड खोलेगा.
पर वह रतन की कमीनगी को ठीक से पहचान नहीं पाई.

आंखें बंद करके गांड चुदाई का आनन्द की प्रतीक्षा करती इसरा को देख रतन ने अपनी चाल चली और एक जबरदस्त वार से लंड गांड में पेल दिया.

उस वार से इसरा की चीख निकल गई और भयंकर पीड़ा से वह अर्धमूर्छित हो गई.
उसका शरीर पसीने से गीला हो गया.

तभी रतन को अपने गोटों पर कुछ गर्म चीज का अनुभव हुआ तो उसने चूतड़ खोल कर देखा कि गांड का छल्ला फट चुका था और खून की धार निकलने लगी थी.

अर्धमूर्छित इसरा की कोई परवाह न करते हुए उसने कस-कस कर गांड चोदना चालू कर दिया.
बेचारी इसरा रतन के कड़क धक्कों से कराह रही थी.

अब उसकी गांड से निकलता खून चूत की तरफ टपकने लगा था, पर रतन के ताबड़तोड़ धक्कों से गांड ने लौड़े से दोस्ती कर ली.
थूक की चिकनाहट से लंड अब बिना किसी परेशानी गांड में अन्दर-बाहर होने लगा.

गांड में हो रही कामुक संवेदना से इसरा में फिर से चेतना जाग उठी, पर दर्द से वह ऊपर उठने में असमर्थ थी.

इसरा को उत्तेजित होता देख कर रतन ने अपने धक्के मारने की गति धीमी कर दी और अपने एक हाथ से इसरा की चूत का दाना सहलाने लगा.

कुछ पल बाद बची-खुची ताकत जुटाकर इसरा बोली- आह मादरचोद हरामी शूगर डैडी … साले फाड़ दी आखिर तूने मेरी गांड आह भोसड़ी के आआ ह्ह्ह्ह मम्मी के लौड़े … धीरे ईई ईईईई चोद मादरचोद कुत्ते!

इसरा की दुर्दशा पर हंसते हुए रतन बोला- आज तेरा असली लौड़े से पाला पड़ा है साली रंडी … अब तो तेरी गांड की खुजली ही लेकर आएगी तुझे मेरे पास … जैसे तेरी वह रखैल मम्मी आती है!

रतन ने इसरा के बालों को खींचते हुए उसको जरा ऊपर को उठाया और उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में दबोच कर धमाकेदार चुदाई का आगाज कर दिया.

वीर्य से भरे काले गोटे इसरा के फटी चूत पर ऐसे पट पट कर रहे थे मानो वे उस पर हथौड़े जैसे मार रहे हों.

पूरी क्रूरता और वासनाधीन होकर रतन ने इसरा का सर बिस्तर पर दबाया और उस पर अपना पैर रख कर गद्दे पर धंसा दिया.
असीम पीड़ा से बेहाल इसरा ने अपने आप को रतन को समर्पित कर दिया और एक गुलाम रंडी की तरह वह रतन से अपनी गांड चुदवाने लगी.

इसरा के चूतड़ों पर थप्पड़ लगाते हुए रतन ने उसकी चूत का दाना सहलाना जारी रखा ताकि इसरा फिर एक बार मजे ले सके.
वही हुआ भी … कुछ ही देर बाद अपने दोनों छेदों में हो रही कामोत्तेजना से इसरा पुनः मदमस्त होकर सिसकने लगी.

गांड की अंदरूनी दीवारों पर रगड़ता लंड उसे बदचलन रंडी बना रहा था ‘उफ्फ फ्फ्फ आअ ह्ह्ह चोदओ …’
मिन्नतें करती हुई अब इसरा खुद रतन को गांड चुदाई का आमंत्रण देने लगी थी.

लंबे समय तक चल रही घमासान वासनाकांड से रतन थक चुका था.
उसके टट्टों में उबलता हुआ वीर्य अब बाहर आने की पूरी कोशिश कर रहा था.

इसरा का तो हाल काफी बुरा हो गया था.
रतन ने उसके शरीर का एक-एक हिस्सा नोंच-नोंच कर लाल-पीला कर दिया था.
चूचियां और चूचुक सूजन के मारे फूल चुके थे.

गोरे स्तनों पर रतन की उंगलियों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे.
चूत तो बुरी तरह से खुल चुकी थी पर गांड का छल्ला फटने से खून भी निकल चुका था.
चूतड़ों को पीटने से वे लाल हो चुके थे.

रतन का लंड भी काफी परेशानी से गुजरा था.
लंड की चमड़ी इतने घर्षण के कारण जलन होने लगी थी.

इतनी बुरी हालत में भी दोनों एक-दूसरे को परास्त करने में लगे थे.
बाप की उम्र के रतन का दम-खम देख कर इसरा भी खुल कर अपनी गांड चुदवा रही थी.

तभी अचानक रतन ने लंड गांड से बाहर निकाला और इसरा के मुँह में ठूंसते हुए बोला- ले मादरचोदी … चूस अपने बाप का लौड़ा … आह रंडी अच्छे से साफ कर इसे … जैसे तेरी मां करती है छिनाल!

‘मरती क्या ना करती’ ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी?
बिना किसी घिन के इसरा ने अपनी ही गांड से निकला लंड अपने मुँह में भर लिया और उसे थूक से भिगोने लगी.

भूखी वासना से अंधी हो चुकी इसरा को देख कर रतन मन ही मन मुस्कुराया.

उसे पता चल चुका था कि अब आयज़ा के साथ-साथ उसकी बेटी भी उसकी गांड लंड नॉनवेज़ खेल में रखैल बन चुकी है.
कुछ देर लंड चुदवाने के बाद उसने फिर से इसरा को बिस्तर पर लिटाया और लंड उसकी चूत में पेला.

इस बार इसरा को पहले जितनी पीड़ा नहीं हुई पर उसके मुँह से ‘आह्ह …’ निकल पड़ी.

जमीन पर खड़े होकर रतन ने इसरा की चूत की धुलाई चालू की और उसके दोनों बोबे मसलते हुए वह उसे चूमने लगा.
रतन के लौड़े के नीचे इसरा ने अपनी जवानी बिछा दी और गांड उठा-उठाकर वह उसका साथ देने लगी.

इस भयानक चुदाई में इसरा की चूत निरंतर पानी छोड़ रही थी.

उसे खुद नहीं पता था कि वह कितनी बार झड़ चुकी थी.

लौड़े की रगड़ से चूत फिर से फड़फड़ाने लगी.
शरीर का सारा खून अब जैसे चूत में इकट्ठा होने लगा था.

इसरा रतन का सर अपनी छाती पर दबाती हुई बोली- आआ ईआ साले मादरचोद उखाड़ ले मेरे चूचे कुत्ते … और चोद मुझे इशह आअह्ह मम्मी ईईई चोद गई ईईईई मैं आह तेरी रंडीईई गई रतन बाबू.

रतन ने भी अपने धक्कों की गति तेज करते हुए कहा- ले बहन की लौड़ी … आज तेरे भोसड़े की मां चोद दूंगा. कुतिया मां का भोसड़ा तेरी … साली रंडी की पैदाइश!

तेज धक्कों ने सुपाड़े को बच्चेदानी के पार घुसा दिया.
तेज-तर्रार घाव ने इसरा का पत्ता काट डाला ‘आह मैं गईइइ…’
गला फाड़ते हुए उसने रतन को जोर से गले से लगाया और उसकी वासना चूत से बहने लगी.
लंड समेत रतन के पेट पर चूत से निकला फव्वारा उमड़ने लगा.

शरीर में जैसे हजारों बिजलियां चल रही हों, वैसे वह थरथराने लगी.
उस गर्म फव्वारे की गर्माहट ने रतन का सुपारा ऐसे गुदगुदाया कि उसके टट्टों में उबलता वीर्य भी उसी तेजी से ऊपर चढ़ने लगा.

जैसे ही उसने अपने धक्के रोक दिए, वैसे ही इसरा को आने वाले सुख का संकेत मिल गया और उसने रतन को कसके गले लगा लिया.

रतन भी समझ गया कि इसरा उसका वीर्य अपनी कोख में लेना चाह रही है.
शायद उसे भी इसरा की कोख को अपने गर्म गाढ़े वीर्य से भर कर चूत को ठंडा करना था.

वे दोनों एक-दूसरे को गले लगाते हुए उस कामसुख का आनन्द ले रहे थे और तभी रतन के वीर्य की पिचकारी छूट गई.
बच्चेदानी का कोना-कोना उसके वीर्य से भरने लगा.
वीर्य की गर्माहट और सुखद अनुभव से इसरा फिर एक बार थरथरायने लगी.

झड़ते समय भी रतन ने इसरा की चूचियां बुरी तरह से मसलते हुए उसकी कानों की पुत्तियों को काटना चालू कर दिया.
वह दोनों कानों की लौ को बारी बारी से काटते हुए चूसने लगा.

अपनी आखिरी बूंद बच्चेदानी में भरते हुए रतन बोला- आह्ह्ह सालीईई रंडी … भर ले मेरे लौड़े का माल अपने भोसड़े में मादरचोदी आह.

आंखें बंद किए इसरा ने रतन के लंड से निकलते वीर्य की आखिरी बूंद अपने कोख में जमा की और अभी वह चुत को सिकोड़ कर लंड को चूसने की सोचती कि तभी रतन ने अपना लंड बाहर निकाल लिया.
रतन की इस हरकत से उसने आंखें खोलीं तो रतन ने उसे जमीन पर बैठने का इशारा किया.

बड़ी जंगली जानवरों जैसी चुदाई के कारण इसरा उठकर बैठने में भी असमर्थ थी, पर उस राक्षस बन चुके रतन ने बाल खींच कर इसरा को जमीन पर खींचा.
इसरा जैसे-तैसे अपने आप को संभालती हुई जमीन पर बैठ गई.
इसी कारण से उसकी चूत में भरा वीर्य बाहर टपकने लगा.

जमीन पर टपकता वीर्य देख रतन बोला- चाट रंडी … साली एक बूंद भी जाया की, तो आज तुझे रांडबाजार में बेच दूंगा मादरचोदी.

वासना के मजे में डूबी इसरा ने अपनी जीभ बाहर निकाली और फर्श पर गिरा वीर्य चाटने लगी.
वीर्य के साथ-साथ उसकी चूत से कुछ मात्रा में उसका मूत और चूत-रस भी निकला था, जिसे वह मन लगा कर चाटने लगी.

अपनी बाप के उम्र के आदमी से चुदवा कर वीर्य चाटने वाली इसरा को कोई और देख लेता तो उसे भी इसरा को चोदने का मन आ जाता.

इसरा को वीर्य चाटते देख कर रतन को अपनी मर्दानगी पर गर्व होने लगा. बाजारू रंडी का मादक शरीर नोंचने के बाद भी उसका झड़ा हुआ लौड़ा अब भी थोड़ा खड़ा था.

अपना आधा खड़ा लौड़ा इसरा के मुँह पर देते हुए वह बोला- अब ये काम क्या तेरी अम्मा करेगी? चल साफ कर अपने बाप का लौड़ा साली कुतिया!

इसरा ने तुरंत रतन का लौड़ा अपने मुँह में भर लिया.
वीर्य और चूत-रस की गंध से महकता उसका लंड वह मस्ती से चूसने लगी और कुछ ही पलों में उसने रतन का लंड चमका दिया.

रतन ने भी इसरा के बाल छोड़ते हुए उसे खड़ा किया और बड़े प्यार से अपने आलिंगन में भर लिया.
इसरा का माथा चूमते हुए आज पहली बार वह इसरा के प्रति अपना प्यार दर्शा रहा था.

रतन के इस व्यवहार से प्रफुल्लित होकर इसरा ने भी रतन को उतनी ही आवेश से आलिंगन में भर लिया.

अगले दिन दफ्तर का काम निपट गया.

सारे व्यापारी उत्पादन की गुणवत्ता से काफी प्रभावित थे.
ये बात उन्होंने रतन को भी बता दी.

रतन ने खुश होकर इसरा को भी अपने दफ्तर में काम दे दिया.

जब तक आयज़ा अस्पताल में रही, तब तक रतन ने इसरा की जवानी का जमकर लुत्फ़ उठाया.

इसरा दिन-रात उसके लौड़े की वासना शांत करने में जुटी रही, पर जब आयज़ा को ये बात का पता चला तो वह थोड़ी उदास हो गई.

खैर … इसके आगे क्या हुआ, आयज़ा ने कैसे अपने आपको संभाला और कैसे इसरा की तरक्की हुई, ये सारी बातें फिर कभी लिखूँगा.

आशा है आपको ये गांड लंड नॉनवेज़ स्टोरी जरूर पसंद आई होगी.
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी. धन्यवाद.
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