कामवाली की चूत का काम कर दिया
(Xxx Maid Sex Kahani)
Xxx मेड सेक्स कहानी में मेरे घर नई कामवाली आई। वो फोन पर अपनी सहेली से गर्म बातें करती रहती थी। उसे देखकर मेरा मन भी चोदने का कर गया। मैंने उसकी गर्म चूत का मजा लिया.
दोस्तो, कैसे हो सब?
मैं आपको अपनी जिंदगी की रियल सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं।
कहते हैं कि जब चुदाई का नशा चढ़ जाए तो इंसान ये नहीं देखता कि सामने कौन है।
वो किसी को भी चोद देता है।
ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ इस Xxx मेड सेक्स कहानी में।
चूत मिले हुए मुझे बहुत वक्त हो गया था।
अब मेरा लंड मेरे बस में नहीं था।
वो मान नहीं रहा था और हर वक्त फड़कता रहता था।
मेरे लंड को हर हाल में एक चूत चाहिए थी चोदने के लिए।
उन दिनों मेरे घर में नई कामवाली आई थी।
उसका शरीर एकदम से पतला था।
नींबू के आकार की छोटी-छोटी चूची, और गांड का उभार भी हल्का ही था।
हालांकि वो लम्बाई में काफी थी और देखने में भी अच्छी दिखती थी।
मेरी कामवाली बातें बहुत करती थी।
वो जब शुरू में आई तो मेरे मन में उसके प्रति कुछ गलत ख्याल नहीं थे।
ऐसे ही दिन बीत रहे थे।
एक बार की बात है कि ये किचन में खाना बना रही थी।
खाना बनाते हुए वो फोन पर बातें कर रही थी … शायद अपनी किसी सहेली के साथ।
मुझे दोनों तरफ की आवाजें तो सुनाई नहीं दे रही थीं लेकिन पता चल रहा था कि सामने वाले ने क्या कहा होगा।
ये बोली- मैं तो इनको भैया बुलाती हूं।
फिर ये जोर-जोर से हंसने लगी।
मैं समझ गया कि सामने से सहेली ने क्या बोला होगा इस बात पर।
मुझे धीरे-धीरे अहसास हुआ कि शायद ये मुझसे चुदना चाहती है।
बस तब से ही मेरे मन में भी कामवाली की चुदाई के ख्याल आने शुरू हो गए।
दोस्तो, मैं जब घर पर रहता हूं तो पैंट के नीचे कुछ नहीं पहनता हूं क्योंकि मुझसे गर्मी में अंडरवियर बर्दाश्त नहीं होता है।
मैं घर में हाफ शॉर्ट्स में रहता हूं और नीचे से अंडरवियर नहीं डालता हूं।
कई बार मेरी कामवाली को देख मेरा लंड तन जाता था।
उसका नाम शिखा था।
एक दिन ऐसे ही वो फोन पर खिलखिलाकर बातें कर रही थी।
उसकी बातें सुनकर मेरा लंड तन गया था।
वो किचन में थी और खाना बनाने में लगी हुई थी।
वो बार-बार बहनचोद … बहनचोद करके बात कर रही थी।
मैंने सोच लिया कि आज इसको बहनचोद का मतलब समझाता हूं।
जब मैं रूम से बाहर आया तो उसने फोन रख दिया था।
वो अपने काम में लगी थी और मेरे अंदर का काम उसको चोदने के लिए उतारू था।
मैं धीरे से उसके पास जा पहुंचा।
मेरी तरफ उसकी पीठ थी और मुंह आगे की ओर।
मैंने पीछे से जाकर उसकी कमर से हाथ डालते हुए चूल्हा बंद कर दिया।
दूसरे हाथ से मैंने उसकी नींबू जैसी छोटी चूची दबा दी।
वो सकपकाते हुए एकदम से मेरी तरफ घूम गई।
उसका मुंह मेरे ठीक सामने था।
इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती मेरा हाथ उसके सूट को उठाते हुए सलवार में पहुंच कर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा था।
मैं जोर जोर से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा जैसे उसे कुछ समझने का मौका ही नहीं दिया।
अगले ही पल मेरे होंठ उसकी गर्दन पर चूमने लगे।
जिसके बाद मैंने उसके कांपते होंठों पर होंठ रख दिए।
वो अभी तक अचंभे में थी और अचानक ही उसने समर्पण कर दिया।
उसने मेरी कमर में बांहें डाल दीं और खुद को ढीला छोड़ दिया।
अब मैं जोर-जोर से उसके होंठों को चूस रहा था और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।
हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों से लिपट रहे थे।
शॉर्ट्स में मेरा 7 इंच का नाग फुंफकार रहा था।
मेरा लंड उसकी जांघों में बार-बार टकरा रहा था।
मैंने बिना देर किए उसकी सलवार खोलकर पैंटी समेत नीचे खींच दी।
नंगी चूत पर जोर से हथेली और उंगलियों से सहलाया।
उसकी इस्स … करके सिसकारी निकल गई।
जल्दी से मैंने लंड चूत पर रखकर उसे टोपे से टटोला और जैसे ही छेद की छुअन महसूस हुई मैंने पक् से लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वो एकदम से कराह गई और ‘आई ईईई’ … करके चीखते हुए एकदम से अपने पंजे उठाकर एड़ियों पर आ गई।
लग रहा था जैसे लंड ने उसकी बालों वाली चूत को फाड़कर रास्ता बनाया हो।
मेरे लंड पर चूत का गर्म-गर्म अहसास मिला।
मैंने जल्दी-जल्दी में उसे चोदना शुरू कर दिया।
मेरे सिर पर हवस बुरी तरह से चढ़ी हुई थी।
मैं बस उसकी चूत में गड्ढा खोद देना चाहता था अपने लौड़े रूपी फावड़े से।
शिखा की चूत में तेज दर्द हो रहा था।
वो मुझे पीछे हटाने की कोशिश कर रही थी।
कभी मुझे नोंचती हुई धकेल दे रही थी- आह्ह भैया … छोड़ दो … आह्ह आईई … ऊईईई प्लीज … छोड़ दो।
जितना वो मुझे छोड़ने की मिन्नतें कर रही थी, मैं उसकी चूत में और तेजी से धक्के लगाये जा रहा था।
मैं पच-पच धक्के लगाते हुए उसकी चूचियों को मसल रहा था।
उसके जिस्म पर मैं दोहरे वार कर रहा था।
नीचे से लंड उसकी चूत को मसल रहा था और ऊपर से मेरे हाथ उसकी चूचियों को।
अगले 3-4 मिनट में ही वो झड़ गई।
उसने खुद को ढीला छोड़ दिया और मेरे ऊपर ही लटक गई।
लंड चूत से निकाल कर मैं उसे उठाकर बेड पर लेट गया तो वो वहीं पड़ गई, जैसे उसमें जान ही न हो।
मैं घबरा गया कहीं इसे कुछ हो न गया हो।
फिर उसने आंखें खोलीं तो मेरी जान में जान आई।
मुझे देखकर हांफते हुए बोली- नहीं, इतनी कमजोर नहीं हूं। अभी जिंदा हूं। वो तो बस आपका लंड इतना मोटा और बड़ा था कि सूखी चूत झेल नहीं सकी।
उसकी ये बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया।
साली ने मेरा सारा खेल खराब कर दिया।
मेरा लंड पानी छोड़ने के लिए बेताब था लेकिन शिखा ने मुझे ऐसे ही गर्म का गर्म छोड़ दिया।
मैंने गाली देते हुए कहा- साली रंडी, दो मिनट में ही टेढ़ी हो गई … और बातें बहुत चोद रही थी फोन पर … तुझे तो चोदने से भी डर लग रहा है मुझे, कहीं मर-मुरा न जाए।
फिर वो शांत हुई और जाकर किचन में खाना बनाने लगी।
फिर कुछ देर बाद आकर बोली- भैया मुझे चोद दो, एक बार आपका लंड ले लिया है अब दोबारा लेने का मन कर रहा है। आप मुझे चोद दोगे तो मैं आपको एक और दीदी की चूत दिलवा दूंगी, जिसके यहां मैं काम करती हूं। प्लीज … मुझे आराम से चोद दो।
वो बोली- मैं झेल लूंगी आपका लंड। यकीन करो, बहुत दिनों से ऐसी मस्त नहीं चुदी हूं। बहुत भूखी हूं लंड की!
मैंने कहा- साली, चूतिया समझती है क्या तू मुझे? तू अपनी दीदी को बोलेगी और वो चूत खोलकर खड़ी हो जाएगी मेरे सामने?
शिखा बोली- नहीं, आपको सारी कहानी बताती हूं शुरू से!
दीदी का बॉयफ्रेंड कभी-कभी आता है। दीदी को उनका मकान मालिक, और वो दलाल जिसने मकान दिलाया था, दोनों मिलकर चोदते हैं।
आपको सच कहती हूं, एक बार मैंने अपनी आंखों से दीदी को चुदते हुए देखा था।
मैं खाना बना रही थी। वो दोनों लोग आ गए। उनका किचन ऐसा बना है कि मैं उनको दिखी नहीं।
वो दोनों दारू पीकर आए हुए थे। दीदी से पहले प्यार से किराया मांगने लगे। लेकिन उस वक्त दीदी की सैलरी रुकी हुई थी।
दीदी बोली- सैलरी नहीं आई है, आते ही मैं किराया भेज दूंगी।
इस पर मकान मालिक गुस्सा हो गया।
वो बोला- मजाक समझ लिया है तूने शबनम (दीदी का नाम)।
फिर उसने कहा- देखो शबनम या तो किराया दे दो, या फिर ‘वो’ (चूत) दे दो, सारा सब कुछ माफ कर दिया जाएगा।
दीदी ने उन दोनों को गुस्से में देखा और फिर चुप होकर कुछ सोचने लगी।
दीदी ने कुछ सोचकर बोला- ठीक है, अभी किराया तो दे नहीं सकती है। आगे आप लोगों की मर्जी।
वो समझ गए कि ग्रीन सिग्नल मिल गया है।
दीदी की सहमति मिलते ही उन्होंने गद्दा जमीन पर बिछा दिया।
मैं अंदर से सब देख रही थी।
मुझे डर था कि कहीं इन्होंने मुझे देख लिया तो मुझे भी साथ में चोदेंगे।
मुझे उन बुड्ढों से नहीं चुदना था।
एक 55 साल का था और 60 का हो चुका था।
मैं बस किसी तरह छुप कर बाहर का सीन देख रही थी।
उन्होंने दीदी को नंगी कर दिया और फिर उसको दारू पीने के लिए कहा।
वो नहीं पी रही थी।
फिर दीदी के बाल पकड़ कर उन्होंने दीदी के मुंह में दारू डाली जो उसकी चूचियों पर से भी बह रही थी।
फिर उसने दीदी को गोद में बिठा लिया और बोला- शबनम, जब से तुझे मकान किराये पर दिया था, तब से ही मेरी नजर तुझ पर थी। तेरे गदराये बदन ने सच में बहुत तड़पाया है। आज मौका मिला है तेरी चूत मारने का। अगर चोद-चोदकर फाड़ न दी तो हमारा नाम भी गिरधर-विलास नहीं।
इतना बोलकर दोनों ने दीदी को अपने बीच में ले लिया।
दोनों तरफ से वो दीदी के बदन से सट गए और उसके जिस्म को कुत्तों की तरह नोंचने लगे।
दीदी का गोरा बदन जल्द ही पूरा का पूरा लाल हो गया।
कभी वे उसकी चूचियों को भींच देते तो कभी चूत में उंगली डाल देते।
वो दोनों बेरहम होते जा रहे थे।
फिर गिरधर ने सीधे ही अपना लंड दीदी की गांड में डाल दिया।
दीदी की चीख निकल गई- आईईई … माआआआ।
वो एकदम से उछलकर खड़ी हो गई।
इतने में विलास ने दोनों हाथ दीदी की कमर में डालकर उसे कस कर पकड़ लिया।
विलास बोला- गिरधर, तू किराया वूसल, फिर मैं अपना कमिशन लूंगा। साली ने मेरा कमिशन पूरा नहीं दिया था। लेकिन मैं इसकी चूत में लंड पूरा का पूरा ही दूंगा। कटौती नहीं करूंगा।
दीदी को भी नशा हो चला था।
वो कुछ कर नहीं पा रही थी।
बस नशे में इतना बोल रही थी- प्लीज कॉन्डम लगा लीजिए।
इस पर वे भड़क गए और दोनों साथ में बोले- साली रंडी, तू ऐसे ही चुदेगी। बिना कंडोम के।
इतना बोलकर गिरधर ने अपना लंड दीदी की गांड में बिना थूक लगाये ही पेल दिया।
दीदी तड़प गई।
वो जोर से दीदी की गांड चुदाई करने लगा।
काफी देर तक उसने दीदी को चोदा और जैसे ही हटा तो विलास ने दीदी की गांड में लंड को पेल दिया।
चोदते हुए वो बोला- रानी, ऐसे चोदेंगे तुझे आज कि रोज तू हमें ही बुलाया करेगी।
फिर दोनों ने दीदी की गांड-चूत को एकसाथ चोदना शुरू किया।
वो दोनों एक घंटे तक उसकी चूत और गांड को लगातार चाटते रहे।
दीदी भी काफी खुल गई थी अब उनके सामने।
वो लगातार सिसकार रही थी- आह्ह … स्स्स … आह्ह … ओह्ह …
ऐसे करते हुए वो उनको उकसा रही थी, बोली- चोदो हरामियों … चोद दो मुझे … आह्ह।
फिर वो भी जोश में आ गए और दीदी की गांड-चूत को एकसाथ चोदने लगे।
भैया क्या बताऊं … उन दोनों ने लगातार 2 घंटे तक दीदी की चुदाई की।
मैं वहीं किचन में खड़ी हुई गीली होती रही।
चोद-चादकर वे उठे और दीदी से बोले- तू तो पहली बार में ही झेल गई। इससे पहले वाली तो झेल नहीं पाई थी। विलास को तो चूत भी नहीं मिली उसकी। चुपचाप मकान छोड़कर भाग गई थी कुतिया। लेकिन तेरा हम दोनों ही अच्छे से ख्याल रखेंगे। और चिंता न कर, ये राज अब राज ही रहेगा।
शिखा ने आगे बताया- भैया … उन दोनों ने दीदी को रंडी बना दिया। अपना काम निकलवाने के लिए वे दोनों दीदी को थानेदार से भी चुदवाते थे। मगर मैं आपको बता रही हूं … दीदी को प्यार से चोदने वाला चाहिए है कोई, हवस का पुजारी नहीं। मैं आपको दीदी की चूत दिलवा दूंगी। दीदी बहुत खूबसूरत है देखने में। आपको बहुत पसंद आएगी। लेकिन उससे पहले मेरी चूत की आग को शांत करो।
दोस्तो, उसकी दीदी की चुदाई की कहानी सुनकर मेरा लौड़ा एकदम से तनतना गया था।
मैं भी चोदने के लिए उतावला हो चला कामवाली को।
मैंने बिना कुछ कहे उसे अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।
मैं प्यार से उसे चूसने लगा, उसकी चूचियों से खेलने लगा।
फिर मैं उसको बेड पर ले गया और उसके सारे कपड़े अलग कर दिए।
मैंने कामवाली को नंगी कर दिया।
उसका पतला सा सांवला बदन बहुत ही मादक लग रहा था।
मैंने शिखा की टांगें खोलीं और आराम से बैठकर उसकी खुली चूत को खाने लगा।
चूत को मजा मिला तो उसने मेरे सिर को अपनी जांघों के बीच में जकड़ लिया और आहें भरने लगी।
मैं उसकी चूत का रस पीता रहा।
अब मैंने उसको गोद में उठाया और लंड को चूत पर लगा दिया।
फिर मैंने उसको एकदम से नीचे की ओर छोड़ दिया।
एकदम से लंड उसकी चूत में जा घुसा।
वो दर्द से कराह गई।
लेकिन यही एक तरीका था उसकी चूत में लंड को घुसाने का।
फिर मैं उसके छोटे छोटे चूचों को पीने लगा।
मैंने फिर अचानक से पोजीशन बदल ली।
शिखा अब मेरे नीचे थी। मैं उसके ऊपर आ चुका था।
लंड और चूत की कमाल की जुगलबंदी हो चुकी थी।
पच-पच की आवाज लगातार आ रही थी।
Xxx मेड सेक्स की ये कामुक आवाजें लगातार मेरा जोश बढ़ा रही थीं।
लगभग 10 मिनट के बाद मैंने शिखा को घोड़ी बनाया और तेजी से पेलने लगा।
20 मिनट के बाद वो झड़ गई।
उसके झड़ने के बाद मैंने उसे 10 मिनट तक और चोदा।
वो भी कमाल की गर्म थी।
कामवाली की चूत मारकर मैंने खूब मजा लिया और उसे भी दिया।
अब उसकी गांड चुदाई बाकी है।
जल्द ही मैं वो कहानी भी आप लोगों को सुनाऊंगा।
आपको कामवाली की चुदाई की ये गर्म कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
Xxx मेड सेक्स कहानी पर आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
[email protected]
लेखक की पिछली कहानी थी: पड़ोस वाले की घमंडी गर्लफ्रेंड चोदी
What did you think of this story
Comments