झांटू पति के बॉस के लौड़े से चूत फड़वाई- 1

(Hindi Xxx Affair Story)

सोनम वर्मा 2025-09-29 Comments

हिंदी Xxx अफेयर स्टोरी में मेरे पति मुझे चोद कर संतुष्ट नहीं कर पाते थे, उनका लंड छोटा था. एक बार उनके बॉस हमारे घर आये तो उनकी वासना भरी नजर मेरे सैक्सी बदन पर टिक गयी.

यह कहानी सुनें.

नमस्कार दोस्तो, मैं सोनम वर्मा आप सभी लोगों का एक बार फिर से स्वागत करती हूँ.

मैं उम्मीद करती हूँ कि मेरे द्वारा भेजी गई कहानियां आप लोगों को पसंद आ रही होंगी.

मेरे अन्तर्वासना के पाठक मुझे लगातार अपनी अपनी कहानियां भेज रहे हैं और मुझे जो कहानी सच्ची और कामुक लगती है, उन्हीं कहानियों को आप लोगों के सामने प्रस्तुत करती हूँ.

आज की कहानी मेरी पुरानी पाठिका ने भेजी है, उनका नाम दीपा है.
आगे की हिंदी Xxx अफेयर स्टोरी दीपा की कलम से सुनें.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दीपा है और मेरी उम्र 24 साल है. मैं किस शहर से हूँ, ये तो नहीं बता सकती.

मेरा फिगर 36-32-38 का है और मेरा वजन 56 किलो है.
मेरी हाइट 5 फ़ीट 6 इंच है और शरीर भरा और गदराया हुआ है.

सन 2020 में मेरी शादी हुई है और मैं अपने पति की दूसरी बीवी हूँ.
मेरे पति एक सरकारी कर्मचारी हैं. उनकी पहली पत्नी के निधन के बाद मेरी उनसे शादी हुई.

मेरे पति की उम्र 44 साल है और मैं उनसे 20 साल छोटी हूँ.

आप लोग सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी उम्र के आदमी के साथ मैंने कैसे शादी कर ली!

दरअसल मैं एक बहुत गरीब परिवार से हूँ और जब मेरे लिए शादी का रिश्ता आया, तो हम सब इस रिश्ते को लेकर बात करने लगे.
चूंकि यह रिश्ता एक अच्छे परिवार से आया था और मेरे पति की सरकारी जॉब थी तो मेरे परिवार ने मेरी भलाई के लिए ही इस शादी के लिए हां कर दी.

शादी से पहले मैंने कभी सेक्स नहीं किया था.
मैंने शादी के बाद ही अपने पति ने मेरे साथ पहली बार सेक्स किया था.

मेरे पति के पहले से कोई बच्चा नहीं था क्योंकि उनकी पहली पत्नी काफ़ी बीमार रहती थीं.

शादी के बाद मैं और मेरे पति सरकारी आवास में रहते हैं.
मेरे सास ससुर गांव में रहते हैं.

शादी से पहले भले ही मैंने कभी सेक्स नहीं किया था लेकिन सेक्स के बारे में मुझे पूरी जानकारी थी क्योंकि मेरी कई सहेलियों की शादी हो चुकी थी और कई सहेलियां अपने दोस्तों से सेक्स कर चुकी थीं.

सहेलियों के द्वारा ही मुझे सेक्स की जानकारी मिलती रहती थी.
इसके अलावा मैं हमेशा मोबाइल पर नंगी वीडियो और अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ा करती थी.

कई बार जब मैं घर पर अकेली रहती थी, तो नंगी वीडियो देखती हुई इतनी गर्म हो जाती थी कि खुद ही अपनी चूत को सहला सहला कर अपना पानी निकाल लेती थी.

मुझे हमेशा से ही सेक्स के लिए मन में एक उत्तेजना थी कि शादी के बाद मेरा पति क्या क्या करेगा, हम दोनों कैसे सेक्स करेंगे!
ये सब सोच सोचकर मन में एक अलग ही उत्तेजना रहती थी.

लेकिन जब शादी के बाद मेरी सुहागरात थी तो उस रात मेरा मन टूट गया.

उस रात मेरे पति ने मेरे साथ सेक्स की शुरुआत की और मुझे पूरी नंगी करने लगे.
मुझे नंगी करने के बाद वे मेरे कुंवारे बदन को चूम चूमकर मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित करने लगे.

उन्होंने मुझ जैसी जवान लड़की को खूब गर्म तो कर दिया लेकिन जब मैंने उनका लंड देखा तो मैं कुछ मायूस हो गई.

उनका लंड केवल 4 इंच का था और पतला सा लंड था.
लंड देख कर मेरा मन ही टूट गया उसके बाद उन्होंने लंड मेरी चुत में पेला और 2-3 मिनट ही चुदाई की होगी कि उनके लंड का पानी निकल गया.

उनका लंड इतना बड़ा भी नहीं था कि मेरी चूत को अच्छे से खोल पाता.
इसलिए मुझे खास दर्द नहीं हुआ क्योंकि मैंने अपनी चुत में अलग अलग समय पर गाजर मूली आदि को डाला हुआ था.

सुहागरात के दिन से ही मैं बिल्कुल उदास हो गई क्योंकि पहले मैं नंगी वीडियो में देखती थी कि मर्द का लंड 6-7 इंच का होता है और वह लड़की को तरह तरह की पोजीशनों में चोदता है.
लेकिन मेरे साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ और मैं अभी भी कुंवारी चूत लिए ही अशांत सी रह गई थी.

शादी के इतने दिन बाद भी आज तक मेरे पति ने मुझे कभी संतुष्ट नहीं किया.
वे कभी भी 2-3 मिनट से ज्यादा नहीं टिक पाते थे और उनका मन कभी कभी ही सेक्स के लिए होता था.

मैं हमेशा बिस्तर पर मचलती रहती और मेरे पति झड़ कर मुझसे अलग होकर पलट कर सो जाते थे.

शादी के बाद हम दोनों गांव के घर से शहर के सरकारी आवास में आ गए थे.
यहां तो मैं बिल्कुल अकेली रह गई और मैं अपनी वही पुरानी आदत में आ गई.

पति के जाने के बाद मोबाइल पर अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ना, नंगी वीडियो देखना और फिर अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाते हुए अपने आप को शांत करना … वापस शुरू हो गया था.

बस ऐसे ही मेरी जिंदगी चल रही थी.

इसके बाद 2022 में मेरी जिंदगी में वह हुआ जिसके बारे में मैंने कभी भी नहीं सोचा था.

सन 2022 में होली के समय की बात है.
होली में मेरे पति की 2 दिन की छुट्टी थी और वे घर पर ही थे.

होली के दिन उन्होंने अपने बॉस को खाने के लिए आमंत्रित किया.

सुबह से ही मैं नहाने के बाद तैयार हुई और खाने की तैयारी में लग गई.
दोपहर तक मैंने खाना बनाकर तैयार कर लिया और दोपहर एक बजे पति के बॉस खाने के लिए हमारे घर आ गए.

शुरुआत में मैं उनके लिए पानी लेकर गई और उन्होंने पहली बार मुझे देखा.
मैंने उन्हें पानी दिया और वे मुझे बहुत गौर से देखते हुए पानी का गिलास लेकर पीने लगे.

इसके बाद वे दोनों बाहर कमरे में ही बैठकर शराब पीने लगे और मैं अन्दर बैठी हुई थी.
इसके बाद खाना खाने की तैयारी हुई.

मैंने खाना लगाया और वे दोनों खाना खाने लगे.
पति के बॉस का नाम सुरेंद्र था.

उन्होंने मुझे भी साथ में बैठकर खाना खाने के लिए कहा.
मैं मना करने लगी.

फिर उनके बार बार बोलने के कारण मैं भी उन दोनों के साथ खाना खाने लगी.
मेरे पति शराब के न/शे में चूर थे और वे चुपचाप केवल खाना खा रहे थे.
उनके बॉस सुरेंद्र मुझसे बात कर रहे थे.

कुछ देर बाद मैंने गौर किया कि सुरेंद्र जी की नजर मेरे सीने पर जा रही है क्योंकि मैं गहरे गले का ब्लाउज पहनी हुई थी और मेरे ब्लाउज के बीच से मेरे दूध की लाइन दिख रही थी.

मैं बार बार अपने आंचल से अपने सीने को ढक रही थी लेकिन बार बार आंचल गिरा जा रहा था.

सुरेंद्र जी बहुत ही कामुक निगाहों से देखते हुए मुझसे बात कर रहे थे जो कि उस वक्त न जाने क्यों मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था.
खाना खाने के बाद मेरे पति को कुछ ज्यादा ही न/शा हो गया था.
वे बिस्तर में लेट गए और सुरेंद्र जी सामने सोफे पर बैठकर मुझसे बातें करने लगे.

इसके बाद जब वे जाने के लिए उठे तो उन्होंने मुझसे कहा- अरे आज होली है और हमने आपको ग़ुलाल तक नहीं लगाया … ये तो आपकी और आपकी खूबसूरती की तौहीन है!

इसके बाद उन्होंने अपनी जेब से ग़ुलाल का पैकेट निकाला और मेरे माथे पर हल्का सा ग़ुलाल लगाने के बाद मेरे दोनों गालों पर भी ग़ुलाल लगाने लगे.
मैं उन्हें रोकती रही लेकिन उन्होंने गालों के साथ साथ मेरे गले तक हाथ डाल दिया और मेरे ब्लाउज के ऊपर तक गुलाल लगा दिया.

इसके बाद वे मुस्कुराते हुए बोले- आपकी खूबसूरती में ये ग़ुलाल का रंग भी फीका पड़ गया!

उनके द्वारा इस तरह की बात सुनकर मुझे बहुत अजीब और गन्दा सा लगा.
मैं नजरें नीचे किए हुए बस उनकी बात सुन रही थी.

उस दिन के बाद से सुरेंद्र जी का हमारे घर आना जाना शुरू हो गया और अक्सर वे किसी न किसी बहाने से हमारे घर आने लगे.
जब भी वे घर आते तो मेरे पति से ज्यादा मुझसे बात करने की कोशिश करते.

मैं इतना तो समझ रही थी कि सुरेंद्र जी की नजर मेरे ऊपर है क्योंकि वे हमेशा अजीब नजर से मुझे देखते थे.

कई बार तो ऐसा हुआ कि जब मेरे पति घर पर नहीं होते तो वे घर आ जाते और चाय पीने के बहाने से मुझसे घंटों बात किया करते.

एक दिन उन्होंने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर भी मांग लिया और वे अब आए दिन मुझसे फोन पर बात करने लगे.

धीरे धीरे मैं भी उनके साथ घुल-मिल गई और उनसे एक दोस्त की तरह बात करने लगी.

सुरेंद्र जी की उम्र 56 साल थी और वे मेरे पति से भी उम्र में बहुत बड़े थे.
उनकी हाइट 6 फ़ीट के करीब थी और वे करीब 100 किलो के हट्टे-कट्टे मर्द थे.

शुरुआत में तो मुझे उनसे बात करना अच्छा नहीं लगता था लेकिन धीरे धीरे मैं भी उनके करीब जाने लगी.
यूं कहें कि मेरा अकेलापन और मेरे बदन की प्यास मुझे उनके करीब ले जा रही थी.

फिर एक दिन जब सुबह मेरे पति काम पर गए, उसके थोड़ी देर बाद ही सुरेंद्र जी हमारे घर आ गए.
मैंने उनके लिए चाय बनाई और हम दोनों साथ में चाय पीने लगे.

कुछ देर बाद सुरेंद्र जी उठे और मेरे बगल में आकर बैठ गए.

उनके पास आते ही मैं खड़ी हो गई.
तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझसे अपने प्यार का इजहार कर दिया.

मैं ऊपर से नीचे तक पसीने पसीने हो गई और बस आंख नीचे किए हुए खड़ी रही.
सुरेंद्र जी बार बार मुझसे मेरी राय पूछते रहे लेकिन मैं कुछ नहीं बोल पा रही थी.

उन्होंने मेरी ख़ामोशी को ही मेरी हां समझ लिया और मुझे एक झटके में अपनी बांहों में ले लिया और मेरा चेहरा ऊपर करते हुए मेरी आंखों में देखने लगे.

मैं उनसे छूटने के लिए मचलती रही लेकिन उन्होंने मुझे कस लिया.
मैं कुछ समझ पाती इससे पहले ही उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठ चूमने लगे.

कुछ देर तक मैं उनका विरोध करती रही.
लेकिन जल्द ही मेरे जिस्म ने मेरा साथ छोड़ दिया और मैंने उनके सामने घुटने टेक दिए.

अब मैं भी Xxx अफेयर में उनका साथ देने लगी और मेरी उंगलियां उनके बालों में चलने लगीं.

काफ़ी देर मेरे होंठ चूमने के बाद जैसे ही उनका हाथ मेरे सीने पर गया, मैं एकदम से होश में आई और उनको रोक दिया.

मैंने उनसे कहा- नहीं नहीं अभी इससे आगे मत बढ़िए … अभी मुझे कुछ समय दीजिए!
अगर मैं चाहती तो उसी दिन वह मुझे चोद लेते लेकिन उस समय मैं मासिक धर्म से थी इसलिए मैंने उन्हें रोक दिया.

मेरे रोकने पर वे मान गए और मुझे छोड़ दिया.
उस दिन से हम दोनों और ज्यादा नजदीक आ गए और मैंने उनसे वादा लिया कि ये बात कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.

फिर करीब एक महीने तक हम दोनों ऐसे ही दूर दूर रहे और उसके बाद उन्होंने ही मेरे पति को 3 दिन के लिए बाहर किसी काम से भेज दिया.
उसके बाद उन्होंने 3 दिन तक मेरी ऐसी चुदाई की, जो मेरी जिंदगी की तब तक की सबसे बेहतरीन चुदाई थी.

दोस्तो, इस हिंदी Xxx अफेयर स्टोरी में आगे क्या हुआ और कैसे सुरेंद्र जी ने मेरी पहली चुदाई की, वह सब आप सेक्स कहानी के अगले भाग में जरूर पढ़िए.
धन्यवाद.
आपके विचारों का सदैव स्वागत है.
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हिंदी Xxx अफेयर स्टोरी का अगला भाग: झांटू पति के बॉस के लौड़े से चूत फड़वाई- 2

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