परिचित महिला को होटल में चोदा
(Hot Indian Sex Story)
हॉट इंडियन सेक्स स्टोरी में चुनावी ड्यूटी में मैंने अपनी पहचान की एक भाभी को होटल में चोदा. वह मेरे साथ ही इस ड्यूटी पर गयी थी. मुझसे चुद कर पहली बार उसका पानी निकला.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, नमस्कार, सलाम!
आप सभी ने मेरी कहानी
अपरिचित मैडम की होटल में चुदाई
को सराहा है जिन्होंने नहीं पढ़ी, इस लिंक से पढ़ सकते हैं.
आज एक और नई हॉट इंडियन सेक्स स्टोरी आपके लिए लाया हूँ।
यह कहानी आपके तन में आग लगा देगी! इसे पढ़कर लंड खड़ा और चूत गीली हो जाएगी।
हॉट इंडियन सेक्स स्टोरी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव की है।
मेरी ड्यूटी चुनाव में लगी थी तो मैं शाम को ही घर से कार लेकर निकल गया क्योंकि सुबह जल्दी जाना था।
इस बार चुनाव में महिलाओं की भी ड्यूटी लगाई गई थी।
मेरी परिचित एक मेम को भी ड्यूटी पर जाना था।
वो बोली, “आप कब जाओगे? मुझे भी साथ ले चलना!”
मैंने कहा, “ठीक है, साथ चलते हैं, पर आपको मेरे साथ रहना पड़ेगा।”
वो एक बार तो थोड़ी शरमा गई, पर धीरे से बोली, “ठीक है, कोई और नहीं है आपके साथ?”
मैंने कहा, “नहीं है।”
“ठीक है, मुझे ले चलना!” उसने कहा।
वो बोली, “मैं बस से आती हूँ, आगे मिलूँगी।”
मैं नियत समय पर वहाँ पहुँच गया।
आपको बता दूँ कि मेम बहुत ही सुंदर और स्मार्ट थी।
वो ज़्यादा मेकअप नहीं करती थीं, जिससे वो और भी ज़्यादा आकर्षक लगती थीं।
छोटे-छोटे बाल, जिन्हें वो खुला रखती थीं और बड़े-बड़े बूब्स।
सलवार सूट में वो बहुत ही जबरदस्त लग रही थी।
जैसे ही वो बस से उतरी और मेरी ओर आने लगी, उसे देखकर ही मेरे लौड़े ने सलामी ठोक दी!
वो जल्दी से कार में आकर बैठ गई।
“अब चलो, आज आपके साथ हूँ!” उसने कहा।
मैंने कार स्टार्ट की और मंजिल की ओर बढ़ने लगा।
वो बार-बार मेरी तरफ देख रही थी.
और मैं उसकी चूचियों को।
क्या मस्त थीं!
हल्के-हल्के खड्डों में भी वो उछल रही थीं।
उसकी आँखें शर्म से लाल हो रही थीं।
वो बोली, “पहले कभी नहीं देखा मुझे?”
मैंने कहा, “इतना करीब से आज ही देख रहा हूँ!”
वो बोली, ” तो अच्छे से देख लो!”
तब कार की स्पीड धीरे कर मैंने एक हाथ से उसके बूब्स को सहलाना शुरू किया।
नज़रें रोड पर थीं पर मन पूरी तरह उसकी तरफ था।
मैंने कहा, “अब इन्हें आज़ादी दे दो, बेचारे अंदर परेशान हैं!”
वो बोली, “आप भी … यहीं सब कर लोगे क्या?”
“नहीं, पर थोड़ा तो कर ही सकते हैं!” मैंने जवाब दिया।
उसने अपनी कुर्ती ऊपर कर ली और दोनों कबूतरों को आज़ाद कर दिया।
मेरी आँखें खुली रह गईं।
क्या मस्त बूब्स थे!
पपीते जैसे, एकदम सख्त और गोल-मटोल, मानो पूरे पेड़ पर दो ही फल लगे हों, पके हुए और गिरने वाले।
मैंने धीरे से छुआ, तो लगा बहुत ही कोमल हैं।
मैं तो बस उन्हें सहलाने लगा।
हल्के-हल्के दबाया तो उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
धीरे से उसका हाथ मेरी जाँघों पर फिरने लगा।
मैंने तो पहले से जीप खोलकर लंड को बाहर निकाल लिया था।
उसके छूने से वो फड़फड़ा उठा।
वो उसे सहलाने लगी।
मैं बूब्स दबा रहा था और वो मेरा सहला रही थी।
कसम से ऐसा लग रहा था जैसे आसमान में उड़ रहे हों!
मैंने कहा, “आप इसे चूस भी सकती हैं!”
वो बोली, “मैंने ऐसा कभी नहीं किया। ये बहुत गंदा होगा!”
मैंने कहा, “नहीं, आप चूसो। गंदा लगे, तो छोड़ देना।”
“ठीक है!” उसने कहा और मुँह में ले लिया।
मुझे करंट-सा लगा।
उसके कोमल होंठों की छुअन से लिंग झनझना उठा।
शायद वो पहली बार कर रही थी तो दाँत से काट रही थी।
मैंने कहा, “आपने कभी कुल्फी चूसी है?”
“हाँ!” उसने कहा।
“तो कुल्फी की तरह चूसो, थोड़ा मुँह खोलकर!” मैंने समझाया।
वो बोली, “मेरा पहली बार है, पर अच्छा लग रहा है!”
“तो चूसती रहो!” मैंने कहा।
मैं कार धीरे-धीरे चला रहा था और वो जोर-जोर से चूस रही थी।
बिना अनुभव के चूसने से लिंग में दर्द होने लगा।
मैंने कहा, “अभी रहने दो!”
उसने छोड़ दिया और अपने कपड़े सही कर बैठ गई।
वो बोली, “ये सब मैंने कभी नहीं किया था, और आपका ये तो बड़ा है!”
मैंने कहा, “क्या बड़ा है?”
वो शरमा गई और बोली, “जो मैंने चूसा!”
“अरे, ना! क्या है?” मैंने पूछा।
वो और शरमा गई।
“ये गंदा है, और आप बहुत गंदे हो!” उसने कहा।
मैंने कहा, “आप सेक्स को गंदा कहते हैं और करते भी हैं? ये तो मज़ाक हो गया! सेक्स करना है, तो खुलकर करो, फिर गंदा या अच्छा समझकर नहीं।”
वो बोली, “मैंने कभी इस तरह सेक्स पर बात नहीं की!”
मैंने पूछा, “तो आप कैसे करते हैं?”
वो बोली, “जैसे पति करते हैं। वो पहले से सोए रहते हैं, और मैं काम कर उनके पास सो जाती हूँ। फिर वो मुझे अपनी ओर खींच लेते हैं और मेरे कपड़े उतारते हैं, अपने भी। दोनों नंगे हो जाते हैं, और वो जल्दी-जल्दी मेरे ऊपर आकर मेरी टाँगें फैलाकर अपना अंदर डालते हैं। चार-पाँच झटकों में उनका निकल जाता है, और फिर करवट बदलकर सो जाते हैं। मैं भी।”
“तो आपके हो जाता है इतनी देर में?” मैंने पूछा।
वो बोली, “मेरे क्या होता है? मुझे क्या पता! बस कई बार मुझे नींद नहीं आती, अजीब-सी बेचैनी रहती है।”
“मतलब, आपका नहीं निकलता?” मैंने कहा।
“क्या पता, हम तो ऐसे ही करते हैं!” उसने जवाब दिया।
मैंने कहा, “जिस तरह आपके पति के लिंग से वीर्य निकलता है, उसी तरह आपके भी निकलना चाहिए। वही चर्मोत्कर्ष होता है।”
वो बोली, “मेरे तो कभी नहीं निकलता ऐसा!”
ऐसी ही बातें करते-करते हम होटल पहुँचे।
कमरा लेने में छोटे शहर में दिक्कत होती है।
दोनों कौन हो, क्या करते हो—बहुत सारे सवाल पूछे गए।
हमने कहा, “चुनाव में ड्यूटी लगी है, सुबह जल्दी जाना है, तो अभी आ गए।”
वे मान गए।
जैसे ही अंदर गए, दरवाज़ा बंद करते ही मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा।
मैं उसके होंठ चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद वो भी चूसने लगी।
थोड़ी देर में उसने मुझे अलग कर दिया, शायद साँस लेने में दिक्कत हो रही थी।
वो बोली, “ऐसे क्या करते हो?”
मैंने कहा, “अभी तो शुरुआत है, बहुत कुछ बाकी है!”
मैंने फिर से चूमना शुरू किया — होंठ से गाल, गले तक।
दोनों हाथ भी शुरू हो गए।
एक से कपड़े उतार दिए और बूब्स दबाने लगा।
दूसरा हाथ नीचे चूत को सहलाने लगा।
जैसे ही मैंने चूत को छुआ, वो उछल पड़ी।
मैंने एक उंगली अंदर डालते हुए अंदर-बाहर करने लगा।
थोड़ी देर में वो पूरी तरह गरम हो गई और उत्तेजक आवाज़ें करने लगी।
मैंने उसे ऐसे ही किस करते हुए पलंग पर पटक दिया।
वो मेरे ऊपर थी — मखमली बदन, बड़े-बड़े स्तन, और बड़े नितंब।
मेरे हाथ उसके पूरे शरीर का मुआयना कर रहे थे।
वो बोली, “अब डालो ना अंदर! अब रहा नहीं जा रहा!”
मैंने उसे लिटाया और उसके स्तन चूसना शुरू किया।
वो उछल रही थी।
क्या मस्त बूब्स थे, पपीते जैसे! कसम से, मज़ा आ रहा था।
मैंने उसके पूरे शरीर पर चूमना-चाटना शुरू किया।
ऊपर से नीचे की ओर बढ़ने लगा।
वो तड़प उठी।
मेरे होंठों ने जैसे ही चूत को छुआ, वो उठकर बैठ गई।
“ये बर्दाश्त से बाहर है! आप अपना अंदर डालो!” उसने कहा।
मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और चूसना चालू रखा।
एक-एक फाँक को चूसा।
जैसे ही मैंने जीभ चूत के अंदर डाली, उसने दोनों टाँगें फैला दीं और चूत पूरी तरह खुल गई।
वो अपने हाथों से मेरा सिर पकड़कर दबाने लगी और अजीब-सी आवाज़ें निकालने लगी।
मैं 69 की पोज़ीशन में आ गया और मेरा लंड उसके मुँह में दे दिया।
वो चूसने लगी।
हम दोनों एक-दूसरे को चूस रहे थे।
चूत से नमकीन पानी निकल रहा था।
थोड़ी देर चूसने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और दोनों टाँगें आपस में दबाने लगीं।
फिर चूत से एक पिचकारी निकली।
मैंने अपना मुँह हटा लिया था, वरना पूरा गीला हो जाता।
वो जोर-जोर से हाँफने लगी।
उसका पूरा शरीर ढीला पड़ गया।
वो बोली, “ऐसा लग रहा था जैसे मैं हवा में उड़ रही थी! अब शरीर बहुत हल्का-फुल्का लग रहा है।”
मैंने कहा, “ये ही जन्नत है, और आज पूरी रात स्वर्ग की सैर करेंगे!”
मैंने अपने होंठ उसके होंठों से लगा लिए और एक हाथ से फिर से चूत को सहलाने लगा, दूसरे से बूब्स।
वो फिर से गरम होने लगी, मुँह से आह, उह, उह, ओह, ओह की आवाज़ें निकालने लगी।
मैंने उसे बैठाया और मैं खड़ा हो गया।
मेरा लंड उसके मुँह के पास आ गया।
मैंने इशारा करते हुए उसे मुँह में डाल दिया।
वो मज़े से चूसने लगी।
बहुत देर चूसने के बाद मैं लेट गया और उसे अपने ऊपर बिठा दिया।
उसने अपने हाथ से लंड को चूत पर सेट किया और हल्के से दबाया।
लंड पूरा अंदर तक घुस गया।
उसकी चीख निकल गई।
वो उठने लगी पर मैंने दोनों हाथों से पकड़ लिया और धीरे-धीरे हिलाने लगा।
अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो खुद उछल-उछलकर चुदाने लगी।
मैं भी बैठ गया।
मेरा लंड उसकी चूत में था।
मैं दोनों हाथों से उसके नितंबों को पकड़कर अपनी ओर खींच रहा था।
उसके दोनों स्तन मेरे मुँह के सामने उछल रहे थे, मानो बोल रहे हों, “हमारा रस पी लो!”
मैंने एक बूब को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।
मस्त नज़ारा था! आप खुद कल्पना कर सकते हैं कि इस स्थिति में कितना मज़ा आता है।
मैं दोनों बूब्स को बारी-बारी चूस रहा था
वो मस्ती में सराबोर जोर-जोर से चिल्लाए जा रही थी।
“आहह! उहहह! आहहह! उहहह! और जोर से! और जोर से!” उसने चिल्लाकर कहा।
मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर हिलने के बाद वो अकड़ने लगी और पूरी तरह लिपट गई।
“अब बहुत हो गया!” उसने कहा।
मैंने उसे लिटा दिया और दोनों टाँगें फैलाकर शुरू हो गया।
लंड और चूत से खच पछ – खच पछ की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
मैं पूरा बाहर निकालकर फिर जोर से अंदर डालते हुए अंदर-बाहर कर रहा था।
वो फिर से मेरा साथ देने लगी, नीचे से उछल रही थी।
बहुत देर तक करने के बाद भी मेरा लंड तो डटा हुआ था।
मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और गांड को थोड़ा ऊपर किया।
मैं उसे पीछे से पेलने लगा।
फिर से वही आवाज़ — खचपछ, खचपछ, खचपछ आने लगी।
मैं पूरी तरह पसीने में भीग गया था।
बहुत देर तक करने के बाद लंड ने अपना मुँह खोल दिया और वीर्य उसकी चूत में सररर से निकल गया।
मैं निढाल होकर उसके ऊपर ही पसर गया।
थोड़ी देर ऐसे ही सोए रहे.
पर होटल वाले ने घंटी बजा दी।
मैं जल्दी से कपड़े पहनकर बाहर गया।
देखा, पुलिस वाले चेकिंग करने आए थे।
शहर की होटल में अक्सर ऐसा होता रहता है।
उन्होंने नाम-पता पूछा और चले गए।
मैं फिर से कमरे में आ गया।
उसने भी डर से कपड़े पहन लिए थे और घबरा गई थी।
मैंने कहा, “कुछ नहीं है!”
उसके बाद हमने खाना खाया, जो वो बना कर लाई थी।
वो बोली, “आपने तो आज मेरी चूत को फाड़कर रख दिया! ऐसी चुदाई पहली बार की है। रोम-रोम खिल गया। मुझे तो सेक्स से नफरत थी, पर आज जो मज़ा आया, तो लगा कि बाकी सारे मज़े इसके आगे फेल हैं!”
मैंने कहा, “हाँ यार, जो मज़ा इसमें है, और किसी में नहीं!”
खाने से फ्री होने के बाद थोड़ी देर बातें करते रहे और एक-दूसरे के अंगों को सहलाते रहे।
अब वो पूरी तरह खुल गई थी।
शुरू में थोड़ी शरमा रही थी, पर अब आगे बढ़कर लंड को अपने हाथों से पकड़कर दबाने लगी।
वो बोली, “आपका बहुत बड़ा है यार! मेरे उनके तो छोटा-सा है, और उनका तो तीन-चार झटकों में निकल जाता है। आपके तो निकलना ही नहीं है, बहुत सख्त है!”
ऐसा बोलकर वो लंड को चूमने लगी।
उसके होंठों की छुअन से लिंग में हरकत होने लगी।
वो मुँह में लेकर चूसने लगी।
इस बार उसके चूसने में दर्द नहीं हो रहा था।
मैं भी उसके बूब्स दबाने लगा।
अब वो खुद ही करने लगी।
उसे बैठकर चुदाने में मज़ा आ गया था तो फिर से ऊपर चढ़ गई और लिंग को चूत में डालकर शुरू हो गई।
मेरा लिंग उसकी बच्चेदानी को छू रहा था।
वो उछल-उछलकर चुदाई कर रही थी।
उसके दोनों बूब्स हवा में उछल रहे थे, दोनों हाथ मेरे हाथों में थे।
ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे पूरा अपने अंदर समा लेगी।
इस बार की चुदाई थोड़ी लंबी होने वाली थी।
थोड़ी देर बाद वो हाँफने लगी और एक झटके के साथ मेरे ऊपर निढाल होकर गिर पड़ी।
मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठों को चूसने लगा।
धीरे-धीरे उसकी साँसें नियंत्रित हुईं।
अब मेरी बारी थी। मैंने उसे पलंग के सिरे पर झुकाकर घोड़ी बनाया और पीछे से पेलने लगा।
उसके दोनों बूब्स को अपने हाथों से पकड़ लिया और पूरे जोश के साथ चोदने लगा।
बहुत देर तक करने के बाद मेरे लौड़े ने भी हार मान ली और छलकने लगा।
मैंने उसके मुँह पर पिचकारी निकाल दी।
उसने पूरा मुँह में निगल लिया और लंड को चूसकर साफ कर दिया।
फिर हम दोनों नंगे ही सो गए।
सुबह जल्दी उठकर जाना था, पर रात को नींद कहाँ आने वाली थी?
थोड़ी-थोड़ी देर में नींद खुलती और फिर से वही—रातभर चुदाई करते रहे।
उसकी चूत सूज गई थी, चलने में दिक्कत हो रही थी।
इस बार भी मैंने सेक्स का पूरा मज़ा लिया।
आपको मेरी हॉट इंडियन सेक्स स्टोरी कैसी लगी? मुझे ज़रूर बताएँ।
मुझे आपके ईमेल का इंतजार रहेगा.
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