लंड की प्यासी मेरी ऑफिस असिस्टेंट

(Nude Oral Xxx Kahani)

राकेश शाह 2025-06-09 Comments

न्यूड ओरल Xxx कहानी में मेरे ऑफिस में एक नई शादीशुदा लड़की आयी. वह मेरे अधीन थी. मुझे वह अच्छी लगी लेकिन मैंने कोई पहल नहीं की. हम साथ में काम करते थे.

नमस्ते दोस्तो, मैं संजय हूँ.
मेरी कई कहानियाँ अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी पर आ चुकी हैं.

एक बार फिर आपके लिए एक सच्ची और कामुक कहानी लेकर हाज़िर हूँ.
आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह न्यूड ओरल Xxx कहानी बहुत पसंद आएगी.

लॉकडाउन खुलने के बाद ज्यादातर कार्यालय भी खुल गए थे.
मेरा ऑफिस भी खुल गया था.

उस दिन लॉकडाउन के बाद मैं पहली बार ऑफिस गया.
मेरा ऑफिस पांच मंजिल की इमारत की तीसरी मंजिल पर है और उस मंजिल पर हमारे ऑफिस के सिवाए कोई दूसरा ऑफिस नहीं है.

मैं जैसे ही लिफ्ट में जाने लगा.

तभी मुझे एक औरत की आवाज़ सुनाई दी- एक्सक्यूज़ मी, प्लीज़ रुकिए.
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो एक 30 साल की महिला थी जो लिफ्ट में आना चाहती थी.

गोरा रंग, आंखों में काजल और उसका कद लगभग पांच फुट होगा.
उसने लाल रंग की साड़ी और लाल रंग का ब्लाउज़ पहना था.
उसके कसे हुए ब्लाउज में से उसके बूब्स मस्त टाइट लग रहे थे, शायद 32 इंच के होंगे.

मैंने लिफ्ट रोके रखी.
उसके आने पर मैंने पूछा- कौन सी फ्लोर पर जाना है?
वह बोली- थर्ड फ्लोर पर!

मैंने तीसरी मंजिल का बटन दबाया और पूछा- आप वहां किस काम से जा रही हैं? उस फ्लोर पर तो मेरा ऑफिस है.
वह बोली- सर, मैंने कल ही यहां जॉइन किया है, बैकएंड की पोस्ट पर.

मैंने ‘ओके’ कहा और इतने में तीसरी मंजिल आ गई.

हम दोनों लिफ्ट से निकल कर अपने ऑफिस में पहुंच गए.
वह अपनी जगह पर बैठ गई और मैं अपने केबिन में आ गया.

कुछ देर बाद हमारे बॉस ने मुझे उस महिला से मिलवाया.
तब मुझे पता चला कि उसका नाम पायल है.

पायल ऑफिस में मेरी जूनियर थी.
फिर हम अपने-अपने काम में लग गए.

कुछ देर बाद पियून चाय लेकर आया.
मैंने उसे कहकर पायल को अपने केबिन में बुलवाया.

हम दोनों बैठकर चाय पीते हुए एक-दूसरे के बारे में बात करने लगे.

थोड़ी ही देर में पायल मुझसे खुलकर बातें करने लगी.
फिर वह अपने टेबल पर चली गई.
हमने अपने व्हाट्सएप नंबर भी शेयर कर लिए थे.

अभी तक मेरे मन में उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था पर मैं उसकी तरफ थोड़ा आकर्षित ज़रूर हो गया था.

लंच टाइम में मैंने उसे खाना खाने चलने के लिए कॉल किया.

वह बोली- सर, मैं अपना खाना साथ लाई हूँ. आप आ जाइए, मैं यहीं केबिन में खा लेते हैं.

मैंने कहा- नहीं, आज तुम खाओ. कल मेरे लिए भी ले आना, फिर साथ खाएंगे.

ऐसे ही हम एक-दूसरे से काफी घुलमिल गए.
अब हम व्हाट्सएप पर भी चैटिंग करने लगे.

जब भी मैं उसके पति या वैवाहिक जीवन के बारे में पूछता, वह थोड़ी उदास हो जाती.

एक बार उसने बताया कि उसके दो बेटे हैं और उसका पति किसी सरकारी कार्यालय में क्लर्क है. वह बहुत शराब पीता है.
मैं समझ गया कि वह अपनी ज़िंदगी में खुश नहीं है.

इन सबके बीच वह मेरी बहुत परवाह करने लगी.
अब वह मेरे लिए भी लंच लाने लगी.

हालत यह थी कि अगर मुझे ऑफिस आने में देर हो जाती, तो वह नाराज़ हो जाती.
फिर मैं उसे सॉरी बोलकर मना लेता.

एक दिन मैंने पूछा- तुम ऑफिस कैसे आती हो?
वह बोली- सर, मैं ऑटो से आती हूँ.

यह सुनकर मैंने कहा- कल से तुम्हें ऑटो से आने की ज़रूरत नहीं. अब तुम मेरे साथ कार में आया करो.
मैं तुम्हें ऑटो स्टैंड से पिक कर लिया करूँगा और शाम को वहीं छोड़ दिया करूँगा.
पहले तो वह मना करने लगी, पर कुछ देर बाद मान गई और बोली- थैंक्यू.

अब उसे ऑफिस लाना और छोड़ना मेरा रोज़ का काम हो गया.
कई बार हम शाम को किसी मार्केट में खाने-पीने के लिए भी रुक जाते.

अब मेरे दिल में उसके लिए प्यार जागने लगा और शायद वह भी मुझे प्यार करने लगी थी.

रविवार को हमारी छुट्टी होती थी तो हम दोनों बहुत बेचैन हो जाते.

एक रविवार की शाम मैं अपने घर के गार्डन में पैग लगा रहा था.
मेरी बीवी और बच्चे मार्केट गए थे.

तभी पायल का व्हाट्सएप पर मैसेज आया- सर, मुझे आपसे एक बात करनी है. क्या मैं अभी आपको कॉल कर सकती हूँ?
मैंने हां बोल दी और उसकी कॉल का इंतज़ार करने लगा.

दस मिनट बाद उसका कॉल आया.
मैं- हां पायल, बोलो, क्या बात करनी है?

पायल- सर, मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपसे कैसे बोलूँ?
मैं- इसमें समझ न आने वाली क्या बात है? जो बोलना है, खुलकर बोलो.

पायल- वह सर, वह ये है कि …
मैं- अरे, क्या बात है पायल? इतना क्यों घबरा रही हो? क्या, कुछ पैसे चाहिए तुम्हें?

पायल- अरे नहीं सर, मुझे कुछ नहीं चाहिए. मैं तो ये कहना चाहती हूँ कि …
मैं- देखो पायल, अगर तुम मुझे अपना कुछ मानती हो तो साफ-साफ जल्दी बोल दो.

पायल- वह ऐसा है सर, अब मैं आपको दोस्त से कुछ ज्यादा मानने लगी हूँ. मुझे आपसे प्यार हो गया है. आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो!
उसने ये सब एक ही सांस में बोल दिया और फोन काट दिया.

मैंने सोचा कि वह दोबारा कॉल करेगी, पर पाँच मिनट तक उसका कोई कॉल नहीं आया.

मैंने उसे फोन किया.
पायल- जी!
मैं- क्या जी? फोन क्यों काट दिया था?

पायल- जी, मुझे शर्म आ रही थी!
मैं- अरे पागल, ये बात बोलने में तुमने इतने दिन लगा दिए. मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ, पर तुम मुझे गलत न समझ लो, इसलिए नहीं बोल पाया!

उसके बाद हमने फोन पर काफी देर तक प्यार भरी बातें की.
मैंने उसे अगले दिन वही लाल साड़ी पहनकर आने को कहा.

अगले दिन पायल मस्त तैयार होकर आई और कार में बैठ गई.
लेकिन शर्म के मारे वह मुझसे कोई बात नहीं कर रही थी.

मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और चूम लिया.
वह सिहर उठी और शर्मा गई, लेकिन उसने अपना हाथ नहीं छुड़ाया.

मैंने एक बार फिर उसका हाथ चूमा और पूछा- पायल, तुम आज चुप क्यों हो?
वह बोली- कुछ नहीं सर, बस मुझे शर्म आ रही है!

मैंने कहा- अब तुम मुझे सर मत बोला करो … और देखो, अब जब हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे हैं, तो शर्माना कैसा?
वह बोली- मैं डरती हूँ कि हमारे इस रिश्ते से कहीं आपका घर न खराब हो जाए!

उसकी ये बात सुनकर मैंने कार को एक साइड में रोका.
उसका हाथ पकड़कर मैंने बोला- देखो पायल, हमारे बीच पल रहे इस रिश्ते की बात सिर्फ मेरे और तुम्हारे तक ही रहेगी. जब हम किसी को बताएंगे ही नहीं, तो किसी को पता कैसे चलेगा?

ये बोलकर मैं उसके होंठ चूमने के लिए उसकी ओर झुका, तो उसने मुझे पीछे धकेल दिया और मुस्कुराकर बोली- ये सब यहां रास्ते में नहीं करना!

मैं- तो फिर कहां करना है?
पायल- मुझे नहीं पता.
मैं- ओह, मुझे एक जगह पता है, जहां मेरे और तुम्हारे सिवा कोई और नहीं होगा.

पायल- अच्छा जी, कौन सी जगह है वह?
मैं- ऑफिस चलो, फिर बताता हूँ.

हम दोनों ऐसे ही बातें करते-करते ऑफिस पहुंच गए.
लिफ्ट में पहुंचते ही मैंने उसकी चिकनी गोरी कमर में हाथ डाला और उसे अपनी ओर खींचकर उसके सुर्ख लाल मुलायम होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

मैं उसे तब तक चूमता रहा, जब तक तीसरी मंजिल नहीं आ गई.
पायल भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

लिफ्ट से बाहर निकलते ही हमने अपने आपको ठीक किया.

पायल ने मेरी पीठ पर चिकोटी काटते हुए कहा- तो लिफ्ट थी आपकी वह जगह.
मैं हँसने लगा.

अब ये हमारा रोज का काम हो गया.

हमें जब भी जहां भी मौका मिलता, हमारी चूमा-चाटी शुरू हो जाती.
लिफ्ट तो अब हमारी पसंदीदा जगह बन गई थी.

इस थोड़े से समय में मैं उसके बूब्स भी बाहर निकाल कर चूस लेता था.

अब पायल की आग बहुत ज्यादा भड़क गई थी.
वह कभी-कभी ऑफिस में जीन्स और शर्ट पहन कर भी आने लगी.
जीन्स में उसकी गांड बहुत मस्त लगती थी.

एक दिन वह मेरे साथ ऑफिस आते समय बोली- संजू, अब आप जब भी शूट पर जाओगे, तो मुझे भी साथ लेकर चलना!
मैं- क्यों, क्या हुआ?

पायल- होना क्या है यार … मैं आपके साथ एक-दो दिन अकेले में बिताना चाहती हूँ.

मैं- संडे को दो दिन के लिए लुधियाना स्टूडियो जाना है.
पायल- सच? तो क्या मैं भी चल सकती हूँ आपके साथ?
मैं- ठीक है, मैं बॉस से बात करता हूँ. पर तुम घर पर क्या बोलोगी?

पायल- इसकी आप चिंता मत करो. मैं बोल दूँगी कि ऑफिस के काम से दो दिन के लिए बाहर जाना है.
ऐसे ही बात करते-करते हम ऑफिस पहुंच गए … और फिर वही, लिफ्ट में हमने चूमा-चाटी की.

फिर मैं अपने केबिन में आ गया.

कुछ देर बाद मेरा बॉस भी आ गया.
उसने मुझे ऑफिस में बुलाया और बोला- संजय, संडे वाली शूट में एक प्रॉब्लम है. वहां पर केशव (स्टूडियो का केयरटेकर) नहीं होगा, तो तुम्हें खाने-पीने की दिक्कत हो सकती है. अगर तुम मैनेज कर सकते हो, तो ठीक है … नहीं तो शूट को स्थगित कर दो.

मैंने कहा- कोई बात नहीं सर, मैं मैनेज कर लूँगा.

ये सुनकर बॉस खुश हो गया और उसने मुझे ऑफिस की डुप्लिकेट चाबियां दे दीं. पर उसे क्या पता था कि मुझे पायल की चूत मारने की जल्दी थी.
फिर मैं अपने केबिन में आया और पायल को सारी बात बताई.

पायल भी सुनकर खुश हो गई.
अगले दिन शनिवार था, तो पायल ने बॉस से सोमवार और मंगलवार की छुट्टी मांग ली.

संडे को सुबह दस बजे मैं पायल को लेने तयशुदा जगह पहुंचा.

देखा तो पायल पहले से ही वहां खड़ी थी.
उसके हाथ में एक छोटा ट्रैवेल बैग था.

क्या लग रही थी पायल … उसने गोल्डन बॉर्डर वाली काली साड़ी पहनी थी, जो उसने नाभि से बहुत नीचे बांधी थी.
उसका गोरा, चिकना पेट कहर ढा रहा था. साथ में मैचिंग काला ब्लाउज पहना था, जिसमें उसके मम्मे बिल्कुल टाइट थे.

उस समय मैं तो क्या … कोई बूढ़ा भी उसे देख लेता, तो उसका लंड खड़ा हो जाता.

खैर, मैंने कार उसके पास जाकर रोकी.
पायल मुझे देखकर मुस्कुराई और कार का दरवाजा खोलकर बैठ गई.

उस दिन संडे था और बाहर ज्यादा रश नहीं था, सड़क पर न के बराबर लोग थे.
इस बात का फायदा उठाकर पायल ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. हमने कुछ देर एक-दूसरे को चूमा.

फिर उसने मुझे चलने को कहा तो मैंने कार दौड़ा दी.

बातें करते-करते हम लुधियाना पहुंच गए.
दोपहर के साढ़े बारह बज चुके थे.

मैंने पायल से पूछा- अगर तुम्हें भूख लग रही हो, तो पहले लंच कर लेते हैं!

पायल बोली- मैं घर से सैंडविच बनाकर लाई हूँ, अभी वही खा लेंगे. लंच हम दो बजे करेंगे.
ये सुनकर मैं गाड़ी सीधे स्टूडियो ले गया.

हम अन्दर गए, तो मैंने एसी चालू किया और पायल को बैठने को कहा.
फिर मैं किचन से जूस की बोतल और दो गिलास ले आया.

पायल ने अपने बैग से सैंडविच का टिफिन निकाला और अपने हाथों से मुझे सैंडविच खिलाया.
वही आधा मेरा झूठा सैंडविच वह खुद खाने लगी.

कुछ देर बाद हम फ्री हुए.

पायल ने झूठे गिलास और टिफिन साइड में रख दिए.
फिर मेरे पास आकर बैठ गई और अपनी बांहें मेरे गले में डालकर मेरी ओर देखकर मुस्कुराने लगी.

मैंने उसके मस्त गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा.
पायल भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

कुछ देर बाद हम अलग हुए, तो वह बोली- मुझे कपड़े चेंज करने हैं.

मैंने कहा- चेंज क्या करना, बस साड़ी निकाल दो. कुछ देर बाद तो तुम्हें नंगी ही होना है.

ये सुनकर वह शर्मा गई और मेरी छाती पर हल्का-सा मुक्का मारकर बोली- बहुत बेशर्म हो तुम!
मैंने कहा- इसमें बेशर्म वाली क्या बात? हम यही सब करने तो आए हैं.

यह सुनकर वह और शर्मा गई.

फिर मैं बोला- चलो, अब और मत तड़पाओ. दिखा दो मुझे अपना मखमली जिस्म.
ये बोलकर मैंने उसके सीने से साड़ी का पल्लू हटा दिया.
काले ब्लाउज में उसकी गोरी, चिकनी क्लीवेज देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया.

वह साड़ी खोलने के लिए खड़ी हुई और बोली- संजू, पहले तुम अपनी आंखें बंद करो, मुझे शर्म आ रही है.
मैं खड़ा हुआ और उसके नंगे, गोरे कूल्हों को पकड़कर उसके होंठों को चूमा.

फिर उससे वही सब बोला जो मैं हर उस लड़की या औरत को बोलता हूँ.
‘सेक्स को खुलकर एन्जॉय करना चाहिए. शर्माने से कभी मजा नहीं आता. आधी से ज्यादा ख्वाहिशें दबी रह जाती हैं. जो करना, खुलकर करो. जो बोलना, बिंदास बोलो.’

ये सुनकर वह बोली- ठीक है संजू. अब मैं बिल्कुल नहीं शर्माऊंगी. बल्कि तुम्हारे मुताबिक तुम्हारे साथ खुलकर सेक्स एन्जॉय करूँगी.
ये बोलकर उसने अपनी साड़ी निकाल दी और अपने काले पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी.

मैंने उसे रोक दिया और कहा- इसे मैं खोलूँगा.

फिर उसने अपनी साड़ी को फोल्ड किया और झुककर बैग में रखने लगी.
पीछे से उसके चूतड़ बाहर को निकले हुए बहुत मस्त लग रहे थे.

मैंने पीछे से उसे पकड़कर अपना लंड पैंट के ऊपर से ही उसके चूतड़ों पर लगा दिया.

मेरे ऐसा करने से वह चिहुंक गई.
फिर मैंने उसे सीधा किया और उसके मस्त गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने-चूसने लगा.

लगभग दो-तीन मिनट तक हम एक-दूसरे को चूमते रहे, हम दोनों की जीभ आपस में लड़ने लगीं.
पायल सचमुच मेरा पूरा साथ दे रही थी.

फिर मैंने उसके पेटीकोट के ऊपर से उसकी गांड को दबाया और पेटीकोट को ऊपर उठाकर उसकी गोरी, मुलायम, चिकनी जांघों को सहलाने लगा.

पायल ने मजे में आंखें बंद कर लीं.
फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, तो पेटीकोट उसकी टांगों से फिसलता हुआ जमीन पर गिर गया.

मैंने उसे सामने से देखा, आह. उसकी टांगों के बीच काली कच्छी कहर ढा रही थी.

मैं अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गया और उसकी कच्छी के अन्दर हाथ डालकर उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए कच्छी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूम लिया.

मेरे ऐसा करते ही उसने मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूत पर दबा लिया.
इतने में मेरे फोन पर रिंग बजी, तो देखा कि एक मॉडल का फोन था.

मैं चूत के चक्कर में ये भूल ही गया कि मैं यहां शूटिंग के लिए आया हूँ.
मैंने फोन पर बात करके पायल को बताया कि आधा घंटे में मॉडल्स आ रही हैं.

उसके चेहरे पर मायूसी छा गई और वह अपनी चूत पर हाथ रखकर बोली- संजू, प्लीज. एक बार इसमें अपना लंड डाल दो, अभी तो आधा घंटा है उनके आने में!

मैंने कहा- डार्लिंग, अभी स्टूडियो भी सैट करना है और ऐसी जल्दबाजी में किसी को भी मजा नहीं आएगा. अभी मैं फिलहाल तुम्हारी चूत चाट देता हूँ.
वह बोली- कुछ भी करो, पर जो आग तुमने लगा दी है, अभी बस वह बुझाओ.

मैंने उसे उठाकर सामने पड़े एक मेज पर बिठा दिया और उसकी कच्छी निकाल कर उसकी टांगें चौड़ी कर दीं.
उसकी चूत देखने में बहुत ही छोटी थी, जैसे किसी कमसिन लड़की की हो, बिल्कुल चिकनी.
मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला, तो देखा कि अन्दर से बिल्कुल गुलाबी थी.

मैंने पहले अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली, तो उसने अपनी गांड उछाली और ‘आह’ करके रह गई.
फिर मैं उसकी चूत में उंगली करते हुए उसके होंठ चूमने लगा. पायल भी मस्ती से अपनी गांड आगे-पीछे खिसकाने लगी.

कुछ देर बाद मैं अलग हुआ, तो पायल ने अपना ब्लाउज और ब्रा दोनों निकाल दिए.
अब वह बिल्कुल नंगी थी.

वह मेज से उतरी और मेरी शर्ट और पैंट दोनों उतार दिए और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाती हुई मेरी छाती को चूमने लगी.

मैं उसकी गोरी, मांसल गांड पर हाथ फेरने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसे फिर से मेज पर बिठा कर उसकी टांगें चौड़ी कर दीं और उसकी चूत को चूमा.

फिर उसकी चूत को खोलकर चाटने लगा.
पायल बिल्कुल मदहोश हो गई.

वह आंखें बंद करके अपनी ककड़ी जैसी पतली उंगलियों से मेरे बाल सहलाने लगी.
वह ‘आह, संजू स्स्स … आह … ओह … उफ्फ’ करने लगी.

मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत में कभी उंगली अन्दर-बाहर करता, कभी उसकी चूत चाटता, कभी उसके चूत के दाने को हल्के से काट लेता.

मेरे ऐसा करने से पायल कुछ ही देर में झड़ने को हो गई और उसने अपनी गांड को आगे-पीछे करते हुए मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा लिया.
‘आ … आह … स्स्स.’ करती हुई वह मेरे मुँह पर झड़ गई और अपनी टांगों को कैंची की तरह लपेट कर मेरे मुँह को अपनी जांघों के बीच दबा लिया.

मैंने उसकी चूत से निकले रस को चाट लिया.
मेरा लंड भी फूलकर रॉड बन चुका था.

पायल ने मुझे अपने से अलग किया और अपने होंठ मेरे होंठों पर लगाकर मुझे बेतहाशा चूमने लगी.

फिर मैंने उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डालीं और कुछ देर आगे-पीछे करके उसके मुँह में डाल दीं.

पायल मेरी उंगलियों पर लगे अपनी चूत के पानी को मजे से चाटने लगी.
मैंने पायल के हाथ में अपना लंड पकड़ाया, तो पायल समझ गई और कूदकर मेज से उतर आई और घुटनों के बल जमीन पर बैठ गई.

उसने मेरे लंड को चूम कर उसे आगे-पीछे किया और उसके टोपे को चाटने और चूसने लगी.

वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी.
न्यूड ओरल Xxx करके कुछ देर बाद मेरा माल छूटने को हुआ, तो मैंने लंड को उसके मुँह से निकाल लिया.

पायल मेरी तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी.

मैंने कहा- मेरा छूटने वाला है.
वह कुछ नहीं बोली और दोबारा से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ देर बाद ही मैंने उसका मुँह अपने लंड के रस से भर दिया.
पायल बड़े चाव से मेरा सारा रस पी गई.

फिर हम दोनों अलग हुए और एक-दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे.
यह न्यूड ओरल Xxx कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्तो, आपके मेल मिलने के बाद इसे पूरा लिखूँगा.
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