मैंने अपने बॉस को अपना कौमार्य अर्पित कर दिया
(Virginity Gift To Boss)
विर्ज़िनिटी गिफ्ट टू बॉस मैंने दे दी जब मैं उनके साथ एक प्रोजेक्ट के लिए होटल में रुकी थी. मैंने उन्हें बाथरूम में केवल अंडरवियर में देखा तो मेरे तन बदन में आग लग गयी.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं रोमा आपको एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में सहकर्मियों के बीच सेक्स संबंधों को लेकर अपनी एक पाठिका द्वारा भेजी गई सेक्स कहानी को आपके सामने रख रही हूँ.
आप मेरी उसी पाठिका की जुबानी इस सेक्स कहानी का मजा लीजिए. 
मेरा नाम मीरा है व मेरी उम्र 28 साल है. मेरा फिगर 36-32-38 का है.
मैं दिखने में काफी सुंदर और गोरी भी हूँ. 
पढ़ाई में मैं काफी अच्छी थी तो हमेशा से ही मेरा फ़ोकस पढ़ाई में ही रहा.
मैं अपना कैरियर अच्छा बनाना चाहती थी, तो मैंने कभी स्कूल या कॉलेज में कोई बॉयफ्रेंड नहीं बनाया था.
जब मेरा कॉलेज खत्म हुआ तो मुझे कॉलेज के ही प्लेसमेंट से एक मल्टीनेशनल कंपनी में मेरी जॉब लग गई.
इधर मेरी उम्र भी बढ़ रही थी और मेरे माँ बाप मेरी शादी को लेकर चिंतित थे. 
मेरे माँ बाप जब भी मेरी शादी के बात करते, तो किसी न किसी वजह से में उनकी ये बात टाल देती थी क्योंकि मैं अभी शादी नहीं करना चाहती थी.
मेरी जॉब भी अच्छी चल रही थी, दिन भी अच्छे कट रहे थे तो मैं कुछ दिन बिंदास जीवन बिताना चाहती थी.
तभी हमारी कंपनी में एक न्यू मैनेजर की जोइनिंग हुई.
वह मैनेजर दिखने में काफी हैंडसम था.
उस मैनेजर का नाम निखिल था.
कंपनी के अधिकारियों ने मुझे उस मैनेजर का असिस्टेंट बना दिया.
कुछ ही दिनों में मेरी और निखिल के मध्य बहुत अच्छी बॉन्डिंग हो गई.
हम दोनों अपना काम पूरी मेहनत के साथ कर रहे थे.
जब भी कोई मीटिंग होती तो हम दोनों साथ में जाते थे. 
ऑफिस में लंच टाइम पर भी हम साथ में ही लंच करते थे.
देखते ही देखते हमारी नजदीकियां भी बढ़ने लगी थीं.
मन ही मन मैं निखिल को पसंद भी करने लगी.
कहीं न कहीं निखिल भी मुझे पसंद करने लगा था.
एक बार की बात है, हमें एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट मिला था, जिसकी मीटिंग के लिए हम दोनों को मीटिंग के लिए एक दूसरी सिटी में जाना था.
निखिल सर मुझसे बोले- मीरा, क्या तुम मेरे साथ इस मीटिंग के लिए चलोगी?
तो मैं बोली- मुझे एक बार अपने घर में बात करना होगा. मैं कल बताऊंगी.
तो सर बोले- देखो आगे बढ़ने के लिए तुम्हें कई जिम्मेदारियां लेनी होंगी … और मैं चाहता हूँ कि तुम कंपनी का कामकाज अच्छे से हैंडल करो.
उस बात पर मैं बोली- हां सर, मैं भी ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती हूँ.
सर बोले- ओके … देखो कंपनी में आगे कई नए प्रोजेक्ट आएंगे, जिसके लिए मैं कंपनी को तुम्हारे ही नाम रिकमण्ड किया करूँगा.
इतना सुनते ही मैं खुश हो गई.
मुझे लगा कि मुझे आगे काफी मेहनत और ईमानदारी से काम करना होगा. 
फिर निखिल सर बोले- अभी मेरे साथ इस बड़े प्रोजेक्ट की मीटिंग में चलो, सारा खर्चा कंपनी की तरफ से होगा … और साथ में तुमको मीटिंग में जाने के बोनस के रूप में दस हजार रूपये भी मिलेंगे.
मैं मन ही मन खुश होती हुई बोली- ठीक है सर … मैं जाऊंगी, अपने घरवाले को मना लूँगी.
मैं शाम को घर गई और मैंने अपने मम्मी पापा से बात की तो मम्मी पापा ने बड़े आराम से मुझे जाने की परमिशन दे दी.
दूसरे दिन ऑफिस आकर मैंने सर को बोल दिया कि सर मुझे जाने की अनुमति मिल गई है.
निखिल सर ने मेरा टिकट करवाया और हम दोनों अगले ही दिन मीटिंग के लिए निकल गए.
जब हम पहुंचे तो हमारी मीटिंग एक फाइव स्टार होटल में थी.
पर मीटिंग को जॉइन करने के लिए पहले हमें फ्रेश होना था तो निखिल सर उसी होटल में 2 कमरे बुक करवाने लगे.
रिशेप्शनिस्ट ने कहा कि अभी 2 रूम नहीं मिल पाएंगे, पूरे रूम बुक हैं, सिर्फ एक ही रूम मिल पाएगा.
मैंने सर से कहा- ठीक है सर एक ही रूम बुक कर लीजिए, हम लोग एडजस्ट कर लेंगे.
सर ने एक ही रूम बुक कर लिया.
फिर हम दोनों रूम में जाकर फ्रेश हुए.
मैं तैयार होकर गजब की हॉट माल लग रही थी.
निखिल सर ने भी मुझे देख कर कहा- मीरा तुम तो इस ड्रेस में बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही हो.
मैंने मुस्कुरा कर थैंक्स कहा.
अब हम लोग मीटिंग के लिए होटल के मीटिंग हॉल में चले गए.
वहां हमारी मीटिंग हुई.
हमें पता चला कि अभी एक और मीटिंग होगी, जो अगले दिन होगी.
अब हमको वहां रुकना ही पड़ा. 
जब शाम हो गई तो निखिल सर ने कहा कि चलो कहीं बाहर घूम कर आते हैं.
मैं भी इस नए शहर को घूमना चाहती थी तो मैंने हां कह दी.
हम लोग घूमने के लिए निकल गए.
हम लोग एक मॉल में गए और वहां घूमने लगे.
हम दोनों ने अपने लिए कुछ शॉपिंग भी की.
एक शॉप में मुझे एक ड्रेस बहुत पसंद आई.
पर जब मैंने उसका प्राइज़ देखी तो वह मेरे बजट के बाहर थी.
फिर हम पूरा मॉल घूम कर होटल में आ गए और होटल में ही डिनर किया.
डिनर के बाद कमरे में आ गए. 
रूम में आकर निखिल सर ने मुझे एक पैकेट दिया और कहा कि मीरा ये तुम्हारे लिए!
मैंने हैरान होते हुए कहा- ये किस लिए?
तो निखिल सर ने कहा- ऐसे ही बस मन किया तो ले लिया, अब तुम देखो तो इसमें क्या है?
मैंने जब वह पैकेट खोला, तो उसमें वही ड्रेस थी … जो मैंने मॉल में देखी थी और प्राइज़ ज्यादा होने के कारण उसे नहीं खरीदी थी.
मैंने खुशी के मारे निखिल सर को गले से लगा लिया और उनके गाल पर एक किस कर दी.
फिर जैसे ही मुझे होश आया तो ये सब मुझे थोड़ा अजीब सा लगा.
मैं झटके से उनसे अलग हुई और उनसे आंखें चुराती हुई बोली- सॉरी सर, मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई थी … इसलिए अपनी खुशी पर कंट्रोल ही नहीं कर पाई.
सर ने भी कहा- कोई बात नहीं मीरा, जब भी खुश हो तो खुश हो ही लेना चाहिए. 
इतना कह कर वे बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चले गए.
आज पहली बार मुझे किसी ने इतना महंगा गिफ्ट दिया था और निखिल सर का साथ भी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था तो मुझे उन्हें गले लगा कर व किस कर दिया था.
हालांकि मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था. मैं बहुत खुश भी थी.
इतने में निखिल सर बाथरूम से बाहर निकल आए. 
जब वे बाथरूम से बाहर निकले तो उन्हें देख कर मैं चौंक गई.
निखिल सर ने सिर्फ एक वी-शेप वाली अंडरवियर पहनी हुई थी और वे गजब के सेक्सी लग रहे थे.
पहली बार मैं किसी मर्द को इस हालत में देख रही थी.
निखिल सर हैंडसम तो थे ही, पर उनकी बॉडी देख कर तो मैं उन पर फिदा ही हो गई थी और एकटक उन्हें ही देखी जा रही थी.
निखिल सर- माफ करना मीरा, मैं ऐसे ही बाथरूम से बाहर आ गया. वह क्या है ना रात में पहन कर सोने के लिए मेरे पास कोई कपड़े नहीं है और इन टाइट कपड़ों में मुझे नींद नहीं आई. इसलिए मैं सिर्फ अंडरवियर में ही सोना चाहता हूं अगर तुमको कोई परेशानी न हो तो!
मैं तो निखिल सर को इस हालत में देख कर अपनी आंखें सेक रही थी- नहीं नहीं सर, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है … जैसे में आप कंफर्टेबल हों, आप वैसे ही सोएं.
निखिल सर- मीरा एक बात बोलूँ!
मैं- जी, कहिए न! 
निखिल सर- मीरा क्या तुम ये ड्रेस पहन कर दिखा सकती हो कि ये तुम पर कैसी लगी?
मैं- जी हां सर क्यों नहीं, मैं अभी पहन कर आती हूँ.
मैं उसी वक्त ड्रेस लेकर बाथरूम में चली गई.
बाथरूम में जाकर पहले तो मैं अच्छे से फ्रेश हुई उसके बाद मैंने अपने कपड़े उतारे और उस ड्रेस को पहना, जो एक वन पीस वेस्टर्न ड्रेस थी.
फिर थोड़ा मेकअप किया और उसके बाद मैं बाथरूम से बाहर आ गई.
निखिल सर- मीरा तुम इस ड्रेस में गजब की सुंदर लग रही हो!
मैं- क्या सच में सर?
निखिल सर- हां मीरा … मैं झूठ क्यों बोलूंगा! लगा ये ड्रेस सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए ही बनाई गई थी.
मैं हंसती हुई बोली- सर आप भी कम सेक्सी नहीं लग रहे हो इस हालत में!
यह सुनकर निखिल सर हंसने लगे और धीरे धीरे वे मेरे करीब आ गए.
माहौल कुछ सेक्सी सा हो गया था.
मैं पहली बार किसी जवान मर्द के साथ अकेली थी और मुझे उनका ये साथ अच्छा भी लग रहा था.
पर मैं बोली- सर ये सब … फिर कभी!
निखिल सर बोले- फिर कभी क्या इससे बढ़िया मौक़ा कब आएगा. मीरा मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ बल्कि मैं यह कहूँ कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ. आज जो कुछ भी हो रहा है, उसे हो जाने दो मीरा!
मैं- सर कहीं ना कहीं आप भी मुझे अच्छे लगते हो. पर मुझे डर लगा इसलिए मैं कुछ कह ही ना सकी.
वे मुझे करीब से महसूस करने लगे.
मैं बोली- आप मुझे धोखा तो नहीं दोगे सर?
निखिल सर बोले- नहीं नहीं … कभी नहीं. मैं तुम्हें किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा. 
मैं बोली- खाओ मेरी कसम?
वे बोले- तुम्हारी कसम … मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ.
मैंने उनकी ये बात सुनते ही विर्ज़िनिटी गिफ्ट देने का फैसला किया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और हम दोनों एक दूसरे को हौले हौले से किस करने लगे.
फिर हम दोनों ने लिप-लॉक कर लिए.
मैं अपनी जीभ सर के मुँह में डाल दी वे मेरी जीभ को चूसने लगे.
उनका हाथ मेरे स्तन पर आ गया. उसे वे हौले हौले से दबाने लगे.
मैं अपनी आंख बंद करके उनकी जीभ को चूसती रही और उनको सहलाती रही.
अब सर ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरी पीठ को सहलाते हुए चूतड़ों को दबाते हुए मसलने लगे.
हम दोनों खड़े हो गए और एक दूसरे के जिस्म को टटोल रहे थे और चूम रहे थे.
फिर उन्होंने मेरी वह ड्रेस उतारनी चाही पर उन्हें पता नहीं चल रहा थी कि उसे कैसे उतारना है.
तो मैं उनके हाथ को अपनी पीठ पर ले गई और उन्हें इशारे से बताया कि पीछे एक चेन है, जिसे खोलने से ड्रेस उतर जाएगी.
उन्होंने वह चैन खोल दी और मेरी ड्रेस को उतार दिया.
अब मैं निखिल सर के सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
वे मेरे सामने सिर्फ अपनी अंडरवियर में खड़े थे.
उनकी अंडरवियर एकदम से फूल गई थी.
मैं उनकी चड्डी को देख कर शर्मा गई. 
उन्होंने मुझे इस हालत में देख कर कहा- मीरा तुम तो गजब की सेक्सी लग रही हो.
अब वे मुझे अपनी गोदी में उठा कर बेड पर ले गए और मुझे चूमने लगे.
मेरे पैर की उंगली से चाटना शुरू किया था और मेरे सिर तक पहुंच गए.
मैं पानी पानी हो गई थी. मेरे बदन में आग जल रही थी.
चूत गर्म हो गई थी. चूचियां बड़ी बड़ी और टाइट हो गई थी. 
मेरे मुँह से कामुक आवाज आने लगी थी ‘आह आ आह आ ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह!’
फिर उन्होंने मेरी पैंटी और ब्रा को उतार दिया और मेरे बूब्स को मसलते हुए मेरे होंठों को चूसने लगे.
मैं पागल होने लगी और अंगड़ाई लेने लगी. मेरे रोम खड़े हो रहे थे. 
उन्होंने मेरी चूत को अच्छे से देखा और चीर कर बोले- वर्जिन हो!
मैं बोली- हां सर!
वे थोड़ा मुस्कुराते हुए बोले- मीरा, तुम्हारी चूत का तो कोई जवाब नहीं, इतनी छोटी और इतनी प्यारी चूत मैंने आज तक नहीं देखी है … मन कर रहा है कि अभी इसे खा जाऊं!
इतना कह कर निखिल सर ने मेरे पैरों के बीच में जाकर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
मेरे बदन में सिहरन हो रही थी … गुदगुदी हो रही थी.
वह अपनी जीभ से मेरी चूत को चोद रहे थे.
क्या बताऊं दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था कि पूरे शरीर में बिजली दौड़ रही हो.
निखिल सर करीब आधा घंटा तक ऐसे ही करते रहे.
अब ये सब सहना मेरी बर्दाश्त के बाहर हो गया था और चूत गीली हो गई थी.
मेरी चूचियां तन गई थी और निप्पल खड़े हो गए थे.
उनका लंड भी खड़ा हो गया था. 
फिर जैसे ही मैंने अपना हाथ निखिल सर की अंडरवियर के ऊपर रखा … तब मैंने महसूस किया कि उनका लंड एकदम टाइट हो गया था और अकड़ कर खड़ा था.
कुछ देर बाद जब उन्होंने अपना मुँह मेरी चूत पर से हटाया तो मैंने उठ कर उनकी अंडरवियर को निकाल दिया.
उनका लंड एकदम से बाहर आकर किसी शेर की तरह गुर्राने लगा.
उसे ऐसा तनतनाता देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए.
मैंने पहली बार किसी मर्द का लंड देखा था, वह भी इतना बड़ा.
उसे देख कर पहले तो मेरे मुँह में पानी आ गया कि क्या मस्त लंड पाया है मेरी बुर ने!
मगर अगले ही पल मैं यह भी सोचने लगी कि इतना बड़ा लंड मेरी इस छोटी सी चूत में कैसे जाएगा!
तभी निखिल सर ने अपने लंड को अपने हाथ से सहलाया और पकड़ कर मेरे मुँह के आगे कर दिया.
वे बोले- मीरा लो चूसो इसे!
मैंने पॉर्न वीडियो में देखा था कि फिरंगी लड़कियां बड़े मजे से मर्द का लंड चूसती हैं, तो मैं लौड़े को चूसने के बारे में जानती थी.
पर मुझे भी ये करना होगा, ये मैंने कभी सोचा ही नहीं था. 
मैंने उन्हें थोड़ा इन्कार किया.
पर निखिल सर नहीं माने और उन्होंने अपना लंड मेरे होंठों से लगा दिया. 
मैंने मुँह भींच लिया था कि लौड़े को अन्दर नहीं लूँगी.
मगर तभी सर ने मेरे एक दूध को पकड़ कर जोर से मसला तो मेरी चीख निकली और उसी चक्कर में मेरा मुँह खुल गया.
बस सर को मौका मिल गया और उन्होंने मेरे मुँह में अपने लंड को डाल दिया.
मैं सकपका गई, मगर सर ने मुझसे लंड चूसने को कहा. 
उनका लंड मेरे मुँह में जाते ही मुझे भी बहुत अच्छा लगा तो मैं भी मज़े ले लेकर उनके लंड को चूसने लगी.
मैं काफी देर तक निखिल सर का लंड चूसती रही और वे मेरे मम्मों को दबाते सहलाते रहे.
अब वे मुझे चोदने के लिए तैयार थे.
उन्होंने मुझे बेड पर चित लिटा दिया और मेरे दोनों पैरों को खोल कर बीच में आ गए.
उन्होंने अपने लंड को चूत पर सैट किया और अन्दर घुसेड़ने की कोशिश करने लगे. 
पर मेरी छोटी से चूत में निखिल सर का इतना बड़ा लंड इतनी आसानी से कहां जाने वाला था, लंड फिसल कर गांड की तरफ चला गया.
उन्होंने फिर से लंड को चूत पर सैट करके दोबारा कोशिश की.
इस बार उनके लौड़े के सुपारे ने बुर को चीर कर अपनी हनक दिखाई और थोड़ा सा लंड मेरी चूत में घुस गया. 
बुर चिरने से मैं एकदम से चिल्लाई, तो उन्होंने मेरे मुँह को दबा दिया और कुछ देर के लिए रुक गए. इसी पकड़ा धकड़ी में सर का लंड और अन्दर घुस गया.
मुझे काफी दर्द होने लगा था और खू.न भी निकल आया था.
कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने दोबारा एक और तेज झटका मारा. इस बार उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया था.
इधर दर्द के मारे मैं चिल्लाने की कोशिश कर रही थी.
पर निखिल सर का हाथ मेरे मुँह पर जमा हुआ था तो मैं चिल्ला भी नहीं पा रही थी.
बस बिन पानी मछली के जैसे तड़प रही थी. 
मेरी विर्ज़िनिटी गिफ्ट पाकर अब वे बिना रुके मुझे चोदते रहे.
मेरी चूचियों को मसलते रहे.
कुछ ही देर में मुझे भी दर्द कम होने लगा था और मैं सर के साथ जबरदस्त तरीके से चुदने लगी थी.
बस मुझे भी लंड से रगड़वाने में मजा आने लगा था तो मेरी गदराई हुई जवानी को उन्होंने खूब चूमा और मेरी चूत के रस को खूब पिया.
बाद में मेरे दोनों दूध चूस चूस कर लाल कर दिए.
मेरे निप्पलों को तो उन्होंने खींचते हुए चूसा और काट भी खाए.
मैं मीठे दर्द से कराहती रही और पहली बार मिल रहे अपने प्रेमी के साथ सेक्स के इस खेल में मस्ती से साथ देती रही.
चूसने के साथ साथ निखिल सर का लंड भी मेरी बुर के परखच्चे उड़ा रहा था.
कुछ देर की चुदाई के बाद निखिल सर ने कहा कि अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ.
यह कह कर निखिल सर नीचे लेट गए और मैं उनके ऊपर आ गई.
मैंने अपने हाथ से उनके लौड़े को पकड़ कर अपनी बुर में ले लिया और झटके से लौड़े पर बैठ गई.
मैं अब इस पोजीशन में झुक कर निखिल सर को अपने दूध चुसवा रही थी. 
उसी के साथ कभी कभी निखिल सर नीचे से धक्के मार कर मुझे चोदते तो कभी मैं उनके लंड पर बैठ कर गांड को उछाल उछाल कर उनके लंड को अपनी चूत में लेकर चुदवाती.
उस पूरी रात को हम दोनों ने तीन बार चुदाई की और सेक्स की मस्ती करते हुए ही सुबह जाकर सोए.
अगले ही दिन अपने अपनी दूसरी मीटिंग अटेंड की और हम कमरे में जाकर एक बार चुदाई का सुख लेकर अपने घर वापस आ गए.
आगे क्या हुआ उसे मैं अगली कहानी में लिखूँगी.
दोस्तो, आपको मेरी यह सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज अपने मेल जरूर भेजें.
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विर्ज़िनिटी गिफ्ट कहानी का अगला भाग: असिस्टेंट से चुद कर चूत की प्यास बुझाई
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