रंडी सेक्रेटरी की नमकीन लौंडिया की पलंगतोड़ चुदाई- 2

(Xx Girl Oral Sex Kahani)

मानस यंग 2025-12-22 Comments

Xx गर्ल सेक्स कहानी में सेठ अपनी रखैल की जवान चालू बेटी को चुदाई के लिए सेट करके अपने घर ले आया. लड़की भी सेठ को फांसने के चक्कर में थी.

दोस्तो, मैं मानस आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग का मजा देने के लिए पुनः हाजिर हूँ.

कहानी के पहले भाग
सेक्रेटरी की गर्म लौंडिया की जवानी
में अब तक आपने पढ़ा था कि रतन ने अपनी रांड सेक्रेटरी आयज़ा के बीमार हो जाने से उसकी लड़की इसरा को अपने ऑफिस में काम के लिए बुला लिया था और उसे जल्द ही अपने जाल में सैट कर लिया था.
इसरा अपने बॉस रतन का लंड चूसने के लिए मन बना चुकी थी.

अब आगे Xx गर्ल सेक्स कहानी:

रतन को खुश करने और अपनी जवानी के जलवे दिखाने के लिए इसरा कुर्सी से उठकर खड़ी हुई.
उसने अपने बाल घुमाते हुए पीछे बांध दिए.

फिर रतन की आंखों में देखते हुए उसने रतन को धक्का देकर सोफे पर बिठाया और खुद उसके सामने जाकर घुटनों पर बैठ गई.
किसी पेशेवर धंधेवाली रंडी जैसे उसने रतन की पतलून के ऊपर से उसका लंड सहलाया और पतलून ढीली कर दी.

चूंकि वह अपना दुपट्टा पहले से ही उतार चुकी थी तो ऊपर बैठे रतन को इसरा की आधी नंगी चूचियां साफ दिखाई देने लगीं.

इसरा ने हाथ चला कर दिखाया और अपनी अम्मी की चुत को चोदने वाला लौड़ा बाहर निकाल कर रतन की आंखों में देखने लगी.

इसरा ने रतन के लौड़े को बड़े प्यार से चूमा और सूंघने लगी.
इसरा की गर्म सांसें लौड़े के अन्दर शोला भड़काने लगीं और अपने आप ही रतन का हाथ इसरा के सर पर आ गया.

चुदक्कड़ इसरा ने रतन की भावना समझते हुए लंड की खाल पीछे की और भूखी बिल्ली जैसे उसे अपने मुँह में भर लिया.

‘आआहह … इसराआह … मस्त माल है तू आह ..’
मदभरी सिसकारियां भरते हुए रतन ने अपनी आंखें बंद कीं और हाथों से इसरा का मुँह लौड़े पर दबाने लगा.

इसरा भी रतन का लौड़ा ऐसे चूसने लगी जैसे कि वह दिखाना चाह रही थी कि वह भी अपनी अम्मी जैसी ही गर्म चुदक्कड़ रंडी है, जो अब रतन की रखैल बनने लायक हो चुकी है.

एक हाथ से लौड़ा पकड़ते हुए उसने दूसरे हाथ से रतन के कामरस से भरे हुए भारी गोटे पकड़ लिए और सहलाने लगी.

बहुत जल्द ही उसने अपने थूक से रतन का लौड़ा गीला-चिपचिपा कर दिया और अब उसकी जीभ रतन के गोटे चाटने लगी.

ऐसी मादक चुसाई से रतन खूंखार हो चुका था और उसने अपना लौड़ा पूरे जोर से इसरा के मुँह में घुसाना चालू कर दिया.

कुर्सी से खड़े होते ही उसकी पतलून पैरों में जा गिरी और उसके हाथों ने इसरा के बालों पर कब्जा कर लिया.
आठ इंच लंबा लौड़ा अब पूरा का पूरा इसरा की हलक में आने जाने लगा था.

इस हमले से इसरा की आंखों से पानी निकलने लगा पर अपने आप को ऊंचा दिखाने के लिए इसरा वह हमला भी सहन कर गई.

अपनी जीभ बाहर निकालते हुए उसने लौड़ा मुँह में किया और जीभ से रतन के टट्टे चाटने लगी.

मुट्ठी में इसरा के बाल जकड़ते हुए रतन कराहते हुए बोला- आआ ह्ह्ह मादरचोदी रंडी की पैदाइश … खा जा बहन की लवड़ी मेरा लंड … तू भी रंडी हो गई है कुतिया … आह चूस भोसड़ी की चूस मेरा लंड अच्छे से आह.

इसरा तो उसका जवाब देने के लिए काबिल नहीं थी क्योंकि रतन का पूरा लौड़ा उसके मुँह को भोसड़ा समझ कर चोदने में लगा था.

इसरा की आधी नंगी चूंचियां देख रतन ने अपना लौड़ा उसके मुँह से बाहर निकाला और इसरा को खड़ी होने का इशारा किया.
इसरा खड़ी होते ही उसने इसरा की कुर्ता ऊपर उठाते हुए उसे निकालने को कहा और इसरा ने भी कोई विरोध ना करते हुए अपना कुर्ता उतार दिया.

उसकी 36 इंच से बड़ी और मदमस्त रसभरी चूचियां देख कर रतन का खून और उबलने लगा.

उसने ब्रा को बिना खोले नीचे सरकाते हुए इसरा की चूचियां भी नंगी कर दीं.

आयज़ा के पिलपिले आमों को चूसते चूसते अब रतन ऊब चुका था पर उसकी बेटी इसरा के उन्नत ठोस बोबे देख कर वह बड़ा खुश हुआ.

गोरी चमड़ी, उनके ऊपर नाजुक काली घुंडियां देख वह भूखे बच्चे के जैसे उन पर टूट पड़ा.
उसके दोनों हाथ उन मस्त चूचियों को अच्छे से मसल रहे थे.

कभी दायां तो कभी बायां निप्पल मुँह में भरते हुए … तो कभी कस कसके इसरा की चूचियों को मसलते हुए मजा लेने लगा.

मर्दाना हाथों और होंठों के स्पर्श से इसरा घायल होने लगी ‘आशह्ह इश्श सर … आपने तो आज सच में मेरी मां चोद दी आह!’
कुछ इसी कामुक भाषा में सिसकारती हुई इसरा ने अपने हाथ से रतन के बाल सहलाना चालू कर दिए.

रतन का मुँह अपने चूचे पर दबाती हुई वह बोली- आआह इस्स्स् ह्ह्ह राज्जा … चूसो इनको आआईए इशश्शः काटो मेरे निप्पलों को आह मसल दो इनको … और जोर-जोर से चूस साले बुड्ढे ठरकी!

अपने आप को रतन के हवाले करते हुए इसरा ने फिर से उसका लंड अपनी मुट्ठी में भर लिया.
वह उसके थूक से सने लंड को जोर-जोर से मुठियाने लगी.

चुदाई की प्यास तो दोनों को थी पर उनको पता था कि संभोग के लिए ना तो सही समय है और ना सही जगह.

समय की नजाकत देखते हुए रतन ने उसे उठाया और मेज पर लिटा कर अपना लंड इसरा के मुँह में पेल दिया.

वह अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियां गूंथते हुए इसरा का मुँह चोदने लगा.
तभी इसरा ने अपना हाथ सलवार के अन्दर डाल दिया और अपनी भोस रगड़ दी.

उसकी मदद करते हुए रतन ने सलवार नीचे सरका दी और खुद भी उसकी भोसड़ी में उंगली घुसेड़ कर चोदने लगा.

अब दोनों वासना से भड़क कर आहें भरने लगे थे.
नए-नए शरीर से मिलती उत्तेजक वासना की लहर ने इसरा और रतन का कामरस उबाल दिया था.

अचानक लंड मुँह से बाहर निकाल वह बोली- सर एक बार चाट दो मेरी भोस को … मैंने देखा है कि कैसे आप अम्मी की चूस-चूस कर पीते हो आह क्या मस्त लंड है आपका आज सारी रात चुदवाऊंगी!

रतन को भी औरतों की भोसड़ी काट-काट कर खाने में बड़ा आनन्द मिलता था इसलिए उसने तुरंत अपना मुँह इसरा की चूत में दबा दिया और जीभ बाहर निकाल कर चाटने लगा.

खुरदरी जीभ के स्पर्श से Xx गर्ल सेक्स इसरा पागलों की तरह उसका लौड़ा चूसने लगी.
उसका थूक अब उसी के मुँह पर फैल चुका था.

इसरा के लंड की खातिरदारी से खुश रतन ने कस कसके मुँह की चुदाई चालू कर दी और पूरी जीभ उसके भोसड़े में घुसा दी.

कुछ ही पल बाद इसरा की गर्म चूत से निकलती आग और नमकीन पानी को रतन पूरे चाव से चाट रहा था.

उसकी जीभ के साथ अब दो उंगलियां भी चूत के अन्दर दाखिल हो चुकी थीं.

एक हाथ से फुद्दी रगड़ते हुए उसने दूसरे हाथ से इसरा का गला दबोच लिया था और आयज़ा का भोसड़ा याद करते हुए वह जमकर धक्के देने लगा.

फुद्दी के ऊपर का मटरदाना वह अपने मुँह में भर कर खींचने लगा.
बीच-बीच में वह उसे चबा भी देता, जिससे इसरा की चीख निकल जाती.

बड़े दिनों के बाद मिले पुरुषस्पर्श से और जंगली रवैये से इसरा का भोसड़ा तिलमिलाने लगा.
जीभ और उंगलियों से हुए हमलों के आगे उसने अपना दम तोड़ दिया.
रतन ने चूत-रस के उमड़ते फव्वारे की बूंद भी जाया ना हो इसलिए उसने पूरी चूत अपने मुँह में भर ली.

इसरा का गला दबाते हुए वह गुर्राया- आह्ह्ह इसराआ साली रंडी की औलाद … मूत मेरे मुँह में मादरचोद!

गर्म-गर्म मूत पीने से और इसरा के मुँह की गर्मी से बेहाल रतन के लौड़े ने भी हार मान ली.

इसरा का गला फाड़कर उसका सुपाड़ा अन्दर तक जा घुसा.

‘आअह्ह ह्ह्ह्ह इसराआ रांड साली’ की पुकार लगाते हुए रतन के लौड़े से निकली वीर्य की पिचकारियां इसरा के गले से होते हुए उसके पेट में जमा होने लगीं.
वीर्य की आखिरी बूंद निकलने तक उसने लंड को अन्दर दबा कर रखा.

इसरा ने भी खुशी-खुशी अपने मां के यार के लौड़े की मलाई खा ली.

वासना की आग शांत होते ही उसने लंड बाहर निकाला.
तो इसरा ने खुद उसका लौड़ा चाट-चाट कर ऊपर की मलाई खा ली और उसे वापिस रतन के हवाले कर दिया.

अपनी सांसों को नियंत्रित करते ही उन दोनों को फिर से काम याद आ गया.

अपने नंगे बदन को कपड़ों से ढकते हुए इसरा ने बाल संवारे और अपना काम करने लगी.

काम के चक्कर में और कल व्यापारियों के परीक्षण के तनाव में दिन का रात कब हुई, किसी को पता नहीं चला.
लगभग सारा काम पूरा करके बाकी के कर्मचारी घर जाने लगे.

काम पूरा होने की खुशी रतन और इसरा के चेहरे पर दिख रही थी.

दोनों को पता था कि अब आगे क्या होने वाला है.
काम के चक्कर में दोनों ने भी अपनी वासना को कुछ देर के लिए अपने गुप्तांगों में छुपाकर रखा था पर अब और देर उनसे यह आग सही नहीं जा रही थी.

रतन ने इसरा की तरफ देख कर कहा- चल मेरे लौड़े की रंडी, आज तो तुझे उस रंडी आयज़ा के बिस्तर पर ही नंगी करके चोदूंगा … तैयार हो जा मेरे लौड़े की गुलामी करने!

इसरा ने भी उसके पास आते हुए कहा- मैं तो कब से तैयार हूं रतन बाबू … आज तो आपको ऐसे मजे दिलाऊंगी कि आप उस रंडी आयज़ा को भूल जाएंगे!

जैसे ही इसरा उसके पास पहुंची, उसने झट से उसे अपने पास खींचा और अपनी गोदी में बिठाकर चूमने लगा.
कुर्ते के ऊपर से ही उसकी चूचियां मसलते हुए वह उसे आज रात को आनेवाली आंधी से पहचान करवाने लगा.

इसरा भी अपनी जीभ उसके मुँह में देती हुई उसका थूक चाटने लगी.
अपने हाथ से वह रतन का चौड़ा सीना सहलाने लगी.

दोनों की सांसें अब तेज होने लगी थीं. ‘इस्सस सरररर धीरेईई …’ सिसकती हुई इसरा अपने बोबे मसलवाने लगी थी.

पर तभी कमरे के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी.
रतन गुस्से से चिल्लाया- कौन है वहां?

उसका ड्राइवर बाहर से बोला- सर मैं हूं … बस ये जानना था कि हमें निकलने में कितनी देर है?

तभी दोनों को ध्यान आया कि वे अभी भी दफ्तर में ही हैं.
रतन की गोद से उठकर उसने अपना आधा नंगा सीना दुपट्टे से ढक लिया.

दरवाजा खोलकर रतन ने ड्राइवर को सामान गाड़ी में रखने को कहा.

ड्राइवर के जाते ही इसरा उससे लिपट गई और उसकी आंखों में देखकर होंठों को चूमने लगी.
जवानी से मदमस्त इसरा को देख टनटनाता रतन का लंड फिर से गर्माने लगा.

कुछ देर चूमकर इसरा ने उसे दूर किया और बोली- चलिए साहब, अब तो मुझसे भी रहा नहीं जा रहा … सब कुछ यहीं कर दोगे क्या?

कुछ सोचकर रतन ने अपने ड्राइवर को पैसे दिए और वहीं से घर भेज दिया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसे कुछ पता चले.

ड्राइवर के जाते ही दोनों गाड़ी में बैठे.
रतन ने अपनी गाड़ी इसरा के घर की तरफ दौड़ानी चालू की.

एक-दूसरे के गुप्तांग सहलाते हुए वह घर पहुंचे.
तक तक रात के नौ बज चुके थे.

सुबह से हो रही भागम-दौड़ में दोनों भूखे ही थे.

रतन के कहने पर इसरा ने अपने नजदीकी होटल से खाना मंगवाया और वह नहाने चली गई.

बैठे-बैठे रतन ने भी (आयज़ा के प्यार के खातिर) आयज़ा को फोन करके उसके हालचाल भी जान लिए.

आयज़ा से बात समाप्त होने वाली थी कि तभी इसरा अपने कमरे से नहाकर निकली और उसे देख कर रतन की आंखें और लौड़ा दोनों फूल गए.

एक नई-नवेली दुल्हन के जैसे इसरा ने सिर्फ एक झीना सा गाउन पहना था, मानो जैसे वह पति को कामसंभोग के लिए उकसा रही हो.

उस झीने गाउन से इसरा का गदराया कामुक शरीर साफ दिखाई दे रहा था, फूले निप्पल तो गाउन फाड़ कर बाहर आने को व्याकुल थे.

रतन के पास आकर उसने झुक कर उसे अपने चूचों का जलवा दिखाया और झट से उसकी गोद में जा बैठी.
रतन ने फिर से उन मादक कबूतरों को अपने पंजों में कसते हुए उनको चूमना चालू कर दिया.

रतन के बालों में उंगलियां घुसाती हुई इसरा बोली- इसश्शह सर चूस लो मेरे दूध हह … काट-काट कर खा ले साले ईईई ठरकी मेरी मां के यार!

वहशी दरिंदे से रतन ने झट से इसरा का एक बोबा गाउन से बाहर निकाल लिया और बड़ी बेरहमी से उसे काट-काट कर चूसने लगा.
उसकी दोनों चूचियों को अपनी मुट्ठियों से गूंथते हुए उसने इसरा का एक निप्पल जोर से काट दिया, जिस कारण वह बेचारी चिल्ला उठी.

आंखों से बहते पानी में भी इसरा को एक असीम आनन्द मिल रहा था.
काटने से निकलती पीड़ा ने उसकी चूत की भट्टी में चिंगारी जला दी.

दोनों एक-दूसरे में खोए थे कि तभी रंग में भंग डालने के लिए होटल वाला खाना लेकर आ गया और उसने दरवाजे की घंटी बजा दी.
मन ही मन गालियां देते हुए दोनों अलग हुए और रतन ने जाकर दरवाजा खोला.

जब रतन दरवाजा खोलने जा रहा था तो उसे दारू की तलब होने लगी थी.

दोस्तो, अगले भाग में लिखूँगा कि अपनी सेक्रेटरी आयज़ा की लड़की इसरा नमकीन रांड बन चुकी थी.
उसके साथ दारू का मजा लेते हुए किस तरह से रतन ने उसकी चुत गांड बजाई.

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Xx गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग:

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