प्यासी मकान मालिकन भाभी को चोदा

(Bhabhi fuck Fuck Story)

भाभी फक फक स्टोरी में मकान मालकिन के पति बाहर काम करते थे मालकिन की चुदाई नहीं हो पाती थी. मैं उन्हें चोदना चाहता था पर उन्होंने ही मुझे पटा कर अपनी चूत मुझे दी.

नमस्कार दोस्तो, मैं कपिल (बदला हुआ नाम).

यह भाभी फक फक स्टोरी एक सच्ची घटना पर आधारित है.
उस वक्त मैं 30 साल का था. मेरी शादी हो चुकी थी और मेरे एक बेटी भी थी.

उन्हीं दिनों मैं अपनी जॉब के चलते एक घर में किराए से रहने आ गया था.

उस मकान के नीचे वाले हिस्से में मकान मालकिन अपनी बेटी और बेटे के साथ रहती थीं.
उनके पति कहीं बाहर दूसरे शहर में जॉब करते थे.

मकान के ऊपर वाले हिस्से में मैं रहने लगा था.

मैं मकान मालकिन से भाभी बोलता था.
चूंकि भैया का जॉब दूसरे शहर में था तो उनका साल में एक दो बार ही घर आना हो पाता था.

भाभी बहुत सुंदर थीं.
उनके बड़े-बड़े स्तन 36 इंच के थे जो मेरी नजरों में चुभ से गए थे.

भाभी का पिछवाड़ा तो गज़ब का था.
वे हमेशा लोअर और टी-शर्ट में रहती थीं तो उनकी चूचियां और गांड का आकार किसी के लौड़े को भी खड़ा करने में सक्षम था.

भाभी कभी कभी गाउन में भी रहती थीं, तो मैं उन्हें देख कर समझ लेता था कि भाभी ने आज अन्दर ब्रा पैंटी आदि कुछ नहीं पहनी है.
क्योंकि उनके दूध गांड मस्त थिरकते हुए दिखते थे.

चूंकि मैं उनके ऊपर वाले हिस्से में रहता था और मकान के ऊपरी हिस्से में जाने के लिए नीचे से दरवाजा खुलवा कर ही जाना होता था.
जब भी मैं कहीं से बाहर से वापस घर आता, तो भाभी ही गेट खोलने आती थीं.

वे मुझे आया देख कर मुस्कुरा देतीं.
उनकी स्माइल भी बहुत प्यारी थी.
उन्हें मुस्कुराते हुए देख कर मैं भी मुस्कुरा देता था.

फिर नमस्ते करके मैं उनसे उनके हाल-चाल पूछ लेता और वे हंस कर ‘सब बढ़िया है’ कह देतीं.
साथ में भाभी मुझसे भी पूछ लेतीं कि और आप ठीक हैं न!
मैं भी हंस कर हामी भर देता था.

सच में भाभी बहुत लाइन मारती थीं पर मेरी हिम्मत नहीं होती थी.
मैं बहुत फट्टू किस्म कर चिरकुट था.

मैंने एक भी बार उनसे हाल चाल के आगे कुछ भी पूछने की हिम्मत नहीं की थी क्योंकि एक तो मुझे लगता था कि कहीं मेरी बीवी को पता चल गया तो सब गड़बड़ हो जाएगी और दूसरी बात यह थी कि पता नहीं भाभी लाइन देती भी हैं या मुस्कुराना उनकी आदत में ही है.

एक दिन मैं देर रात को घर आया.

भाभी ने गेट खोला और बोलीं- आज बड़ा लेट आए?
मैं बोला- हां भाभी जी कुछ काम था!

तो वे बोलीं- काम तो मुझे भी है तुमसे!
मैं बोला- बोलिए क्या काम है?

वे इठला कर बोलीं- टाइम आने पर बता दूँगी … पर आपको काम करना ही पड़ेगा!
मैं बोला- हां ठीक है भाभी, आप बता देना … मैं पूरी कोशिश करूंगा.

फिर मैं ऊपर अपने कमरे में सोने चला गया.

अगले दिन मैं मार्केट जा रहा था तो भाभी बोलीं- मुझे बाजार से कॉल कर लेना … मुझे आपसे कुछ बात करनी है … कुछ मँगवाना है.
मैंने ओके कह दिया और चला गया.

मैंने मार्केट से भाभी को कॉल किया- हां भाभी जी … बताइए क्या लाना है?
वे मादक अंदाज में बोलीं- मेरे लिए पैंटी और ब्रा लाना है … आप ले आओगे?

मैं यह सुनकर एकदम सन्न रह गया कि यह मामला तो एकदम से खुलने लगा है.

मैं अचकचा कर बोला- क्या?
वे हंस कर बोलीं- क्यों शर्मा गए क्या? मैंने कहा मेरे लिए ब्रा और पैंटी लाना है.

मैं खुद को संयत करता हुआ बोला- ओके भाभी जी … साइज़?

वे बोलीं- आपको पता होगा ना!
मैं बोला- मुझे कैसे पता होगा?

वे बोलीं- मैंने उस दिन आपको देख लिया था … मेरी ब्रा ऊपर सूख रही थी, तो आप उसे बड़े प्यार से सूँघ रहे थे और साइज़ का टैग भी देख रहे थे!
यह सुनकर मेरी गांड फट गई.

दरअसल एक दिन मैंने सच में ये किया था.
उस दिन मैं छत पर उनकी ब्रा के साथ खेल रहा था.
उन्होंने शायद देख लिया था.

मैं बोला- ठीक है … आपका 36 साइज़ है ना?
वे बोलीं- हां सही पकड़े हो!

फिर मैंने हंस कर पूछा- ओके … कलर कौन सा लाना है?
वे आप से तुम पर आती हुई बोलीं- जो तुमको पसंद हो!

अब तक मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई थी, मैं बोला- मेरी पसंद की ब्रा पैंटी पहन कर क्या करोगी आप? मैं तो देख नहीं पाऊंगा!
भाभी बोलीं- अच्छा तुमको देखना भी है क्या?

मैं बोला- हां आप दिखाएंगी तो क्यों नहीं देखूँगा!
वे बोलीं- ओके मैं दिखा दूँगी … आप अब अपनी पसंद की ही लाना!
मैं बोला- ठीक है.

मैं तो इतना खुश था कि बस भाभी को ब्रा पैंटी में देखने के लिए उतावला हो गया था.
मैं घर आया.

भाभी ने गेट खोला.
मैंने भाभी को ब्रा-पैंटी का पैकेट पकड़ा दिया.

वे बोलीं- थैंक्यू.
मैं बोला- थैंक्यू से काम नहीं चलना है भाभी जी … बस आप एक किस दे दो!

वे बोलीं- अभी?
मैं बोला- हां.

उन्होंने मुझे अन्दर खींचा और मेरे गाल पर किस करके बोलीं- रात को सब सो जाएं, तब नीचे आ जाना … मैं मैसेज कर दूँगी.
मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था.

मैं ऊपर गया और अपने लौड़े की झांटों की सफाई आदि करके उस पर खुशबू वाला जैल लगाया और रात का इंतज़ार करने लगा.
रात को जब मेरी बीवी और बेटी सो गए तो मैं बेसब्री से भाभी के फोन का इंतजार करने लगा.

रात को 12 बजे उनका मैसेज आया- सो गए क्या?
मैं बोला- नहीं, नींद कहां आ रही … आपके मैसेज का इंतज़ार कर रहा था!

वे बोलीं- मेरी बेटी-बेटा सो गए … आ जाओ आज तुम्हारी इच्छा पूरी कर दूँ!
मैं रूम को बाहर से बंद करके नीचे उतर आया.

भाभी मुझे लेने के लिए नीचे आने वाली सीढ़ी में ही खड़ी थीं.
उन्होंने बोला- बाहर के कमरे में चलना है.

उनके बाहर वाले कमरे में दो गेट हैं. उन्होंने बाहर के कमरे को सजा कर रखा था, मानो उनकी सुहागरात हो.
भाभी ने वहां बिस्तर पर फूल सजा रखे थे.

मैं तो जाते ही भाभी से चिपक गया और उनके होंठों को चूमने लगा.

वे बोलीं- इतनी क्या जल्दी है?

मैं बोला- रहा नहीं जा रहा भाभी … आपको देख कर भला कौन रुक सकता है?

वे बोलीं- आपकी पसंद बहुत अच्छी है ब्रा-पैंटी बहुत सुंदर है.
मैं बोला- दिखाओ.

उन्होंने सामने से खुलने वाला गाउन पहना हुआ था, मेरे कहते ही तुरंत उतार दिया.
मैं रेड कलर की ब्रा-पैंटी लाया था.

भाभी कमाल लग रही थीं. मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने उनको पकड़ कर बांहों में भर लिया और चूमने लगा.
वे भी मुझे चूमने लगीं.

मैंने पीछे से उनकी ब्रा खोल दी.
उनके बड़े-बड़े स्तन एकदम से खुली हवा में फुदकने लगे.

मैं उनके मम्मों को देख कर पागल हो गया और उनको सहलाने लगा.

भाभी पहले से ही चुदासी थीं तो मेरे हाथ लगाते ही वे काफी गर्म हो गईं.

उनकी तेज तेज आती हुई सांसों से साफ लग रहा था कि उनको मेरे लौड़े के लिए कितनी ललक है.

उन्होंने बहुत समय से सेक्स नहीं किया था, तो सच में वे आग का शोला हो रही थीं.

मैंने भाभी के दूध मसलना शुरू किये तो उन्होंने भी लोअर के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया.

वे बोलीं- क्यों रखे हो इसको अन्दर? बाहर निकालो ना!
मैं बोला- यह अब आपका है … आप खुद ही निकाल लो न!

उन्होंने मेरे लोअर को नीचे करते हुए उतार दिया और घुटनों के बल बैठ कर लौड़े से खेलने लगीं.

भाभी ने लंड को सूंघा और मस्त महक सूंघते ही वे उसे चाटने लगीं.
फिर उन्होंने लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.

आह क्या चूस रही थीं … लग रहा था कि मैं कहीं उनके मुँह में ही ना झड़ जाऊं.
कुछ देर में ही लंड एकदम सख्त हो गया, तो मैंने उनको धक्का देते हुए बेड पर गिरा दिया और उनकी पैंटी उतार दी.

वे हंस कर बोलीं- आराम से करो न … ज्यादा जोर लगाओगे तो कहीं फट ही ना जाए!
मैं बोला- क्या फट जाएगी भाभी?

वे हंस कर बोलीं- पैंटी की कह रही हूँ … चुत तो पहले से ही फटी हुई है.
मैंने कहा- पैंटी का क्या है भाभी जी … वह तो और आ जाएगी … अभी आप मुझे रोको मत आज मुझे मजा ले लेने दो.

यह सुनते ही उन्होंने दोनों टांगें फैला दीं.
मैं समझ गया कि भाभी अपनी चूत चटवाना चाहती हैं.

मुझे भी चूत चाटने का बहुत शौक था.
मैं उनकी सफाचट चुत को चाटने लगा.
वे ‘आह आह’ की आवाज़ें निकाल रही थीं.

मैं बोला- भाभी कब से सेक्स नहीं किया?
वे बोलीं- साल भर होने जा रहा … तुम्हारे भैया साहब तो आते ही नहीं!

मैं बोला- अब मैं हूँ … अब तो मैं ही आपको रोज़ चोदूँगा!
वे बोलीं- यही तो मैं चाहती थी … तभी तो पैंटी-ब्रा के बहाने से तुमको पटाया!

उनकी चूत पानी छोड़ चुकी थी.
मैंने लंड टिकाया और चुत में डाल दिया.
वे आह की आवाज निकालती हुई बोलीं- आह बड़ा मस्त है तुम्हारा ये लंड … अब बस हचक कर चोद दो अपनी भाभी को!

मैं भाभी की चूत को ताबड़तोड़ चोदने लगा.
वे अपनी गांड उठाती हुई चुदाई का मज़ा ले रही थीं.

मैंने तेज तेज झटके मारना शुरू किया तो वे थर्रा उठीं.
भाभी बोलीं- आह आराम से चोदो न … अब यह तुम्हारी ही चूत है … आराम आराम से चोदोगे तो मुझे मजा आएगा … दर्द नहीं दे देना.

मैंने चुदाई बंद दी और फिर से चुत चाटने लगा.
वे बोलीं- चुदाई से गंदी हो गई है … मत चाटो न!

मैं बोला- इसमें क्या गंदा? पानी है मेरा और तुम्हारा!
वे हंस कर बोलीं- अच्छा लाओ तो मैं भी तुम्हारा लंड चूस लूँ!

हम दोनों 69 मे हो गए.
भाभी भी लंड चूसने लगीं.

इस तरह से हम दोनों ने लगभग आधा घंटा तक चुदाई की.
झड़ने के बाद मैं कपड़े से लंड को पौंछने लगा.

भाभी बोलीं- आज यहीं सो जाओ न!
मैं बोला- नहीं यार … ऊपर कोई जग गया तो गड़बड़ हो जाएगी.
भाभी बोलीं- ठीक है. अभी जाओ तुम … लेकिन कल फिर से चुदाई करने आ जाना!

मैंने कहा- एक काम करते हैं … अभी तो टाइम है … अपन एक बार और कर लेते हैं!
वे बोलीं- ठीक है आ जाओ.

मैंने कहा- लंड खड़ा करो पहले.
भाभी ने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
भाभी एकदम नंगी थीं तो उनकी गांड भी बहुत मस्त लग रही थी.

मैं बोला- भाभी इस बार पीछे से करूँ?
वह बोलीं- हां करो.

मैंने उनको घोड़ी बनाया और चुत में लंड डाल दिया.

वे दोनों तरफ से चलती थीं, तो बोलीं- गांड में डालने वाले थे न!
मैंने कहा- हां गांड में अभी पेलूँगा.

कुछ देर के बाद भाभी चुदाई का मजा लेने लगीं.
तभी अचानक से मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया.

अचानक से लौड़े की धमक से भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं.
मैंने जल्दी से उनका मुँह दबा लिया.

वे बोलीं- आह ये क्या किया?
मैं बोला- भाभी … गांड में तो शुरू में दर्द होता ही है. कुछ देर रुको … अभी आपको भी मज़ा आएगा.

वे कराहती हुई बोलीं- दर्द हो रहा!

उनकी आवाज़ शायद उनकी लड़की ने सुन ली थी.
वह दूसरे कमरे में सोती थी, वह अभी-अभी 18 की हुई थी.

उसकी बाहर से आवाज़ आई- मम्मी क्या हुआ?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं छिपकली थी, तुम सो जाओ.

वह बोली- मैं आऊं क्या?
भाभी बोलीं- नहीं भाग गई. तुम सो जाओ.

अब हम दोनों बेड से उतर कर नीचे ज़मीन पर आ गए.
भाभी बोलीं- मेरी चूत चाटो … मुझे चूत चटवाने का बहुत मज़ा आता है. तुम्हारे भैया चाटते ही नहीं!

भाभी मेरे मुँह पर आकर अपनी चूत रगड़ने लगीं.
मैं भी चाटने लगा.

भाभी अब अपने हाथ से ही अपनी चूचियां मसलने लगीं. फिर वापस आकर मेरे लंड पर बैठ गईं और मुझे चोदने लगीं.

भाभी दूध चुसवाती हुई बोलीं- आह देखो न … मैं तुमको चोद रही हूँ … और चुदोगे ना?
मैं बोला- हां साली रंडी … चोद ले मुझे!
वे भी मुझे गाली देने लगीं- चोद साले बहन के लौड़े आह आह … मजा आ रहा है और जोर-जोर से चोद.

हम दोनों में मस्त चुदाई हुई.
भाभी फक फक करते हुए झड़ गईं और मैं भी.

हम दोनों 30 मिनट तक नंगे लेटे रहे.

फिर भाभी बोलीं- अब ये ब्रा-पैंटी तुम ही पहना दो.
मैंने उनको ब्रा पैंटी पहनाई और मैं अपने कपड़े पहन कर ऊपर आ गया.

दोस्तो, अगली सेक्स कहानी में भाभी के साथ उनकी बेटी भी चुदेगी.

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