पड़ोसन भाभी को मुझसे प्रेम हो गया

(Bhabhi Ka Sex Love)

प्रिंस 1 2022-07-25 Comments

पड़ोस की भाभी का सेक्स भरा प्यार मुझे तब मिला जब मैंने उनसे एक अन्य लड़की के बारे में बात की. वो मेरी बात से चिढ़ गयी. मुझे लगा कि उनके मन में मेरे लिए कुछ है.

अन्तर्वासना के सभी सदस्यों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार.
ये पड़ोस की भाभी का सेक्स भरे प्यार की पहले सेक्स की कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ कर देना.

मेरा नाम प्रिंस है.

मेरी कहानी मेरे और मेरी दूर के रिश्ते की भाभी की है, जो गुरुग्राम में ही रहती हैं.
उनका नाम निकिता है.

निकिता भाभी बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी बदन की मालकिन हैं.
उनका फिगर 34-30-36 का है और मेरा लंड 6 इंच का है.

निकिता भाभी पहले फरीदाबाद ही रहती थीं और हमारे घर के सामने वाले घर में ही किराए पर रहती थीं.
उनके पति बैंक में जॉब करते थे और एक 2 साल का लड़का था.

ये बात उस समय की है. जब मैं बीकॉम फाइनल कर रहा था और उस वक्त निकिता भाभी का हमारे घर आना जाना खूब रहता था.
यूं समझो कि हम दोनों के घरों का कौन सा बंदा कहां खाना खा रहा है, इससे कोई फर्क ही नहीं पड़ता था.

मैं कॉलेज से आने के बाद घर ही रहता था और जब भाभी का आना जाना कुछ ज्यादा होने लगा, तो स्वाभाविक था कि उनसे मेरी बात होती.
बस इसी तरह से धीरे धीरे भाभी से मेरी बात होने लगी.

कुछ ही दिनों में निकिता भाभी मुझे कुछ ज्यादा बात करने लगी थीं.
वो मुझसे हर बात पूछती थीं. कभी कहीं जाना हो, तो मुझे साथ ले जाती थीं.

मेरा भी उनको लेकर अब तक कोई गलत ख्याल नहीं था.
घर वालों को भी कोई टैंशन नहीं थी कि मैं कहां हूं, क्या कर रहा हूँ.

फिर मैंने एक बात नोटिस की कि भाभी मेरी हर बात को कुछ ज्यादा ही ध्यान से सुनती हैं.
एक बार हम दिसंबर में छत पर बैठ कर धूप सेंक रहे थे तो हमारी गली में ही एक लड़की थी. उसका नाम प्रीति था. वो भी अपनी छत पर घूम रही थी.

मैंने भाभी से कहा- क्या आपकी प्रीति से कोई बात होती है?
भाभी ने बहुत ही अजीब तरीके से मुझे देखा और पूछा- आपको क्या करना है?

मैंने कहा- भाभी वो लड़की है, मैं लड़का हूं … क्या कर सकते हैं?
भाभी ने कहा- वो लड़की आपके लिए सही नहीं है.

मैंने कहा- क्यों सही नहीं है? इतनी खूबसूरत है, मुझे तो अच्छी लगती है.
उस समय मैंने ध्यान दिया कि भाभी को गुस्सा आने लगा था.

अब मैंने जानबूझ कर कहा- मुझे तो इस लड़की को पटाना है.
इस पर भाभी अचानक से गुस्सा होकर बोलीं- तो जाओ, उसके पास चले जाओ, मेरे पास क्यों बैठे हो.
वो ये कह कर उठ कर जाने लगीं.

मैं भी चौंक गया कि भाभी को ये क्या हुआ.
मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं मजाक कर रहा हूँ … आप गुस्सा ना करो.

बात आई गई हो गई.
लेकिन अब मेरे मन में सवाल उठने लगे कि भाभी को गुस्सा क्यों आया.
मुझे लगने लगा कि भाभी के मन में मेरे लिए कुछ है.

मैंने भी सोचा कि भाभी का टेस्ट लिया जाए, अगर बात बन जाती है, तो मेरे लिए भी फायदा हो जाएगा.

थोड़े दिन बाद हम दोनों भाभी के घर में बैठे बातें कर रहे थे.
भाभी ने पूछा- देवर जी आजकल किसके ख्यालों में खोए रहते हो?

मैंने कहा- भाभी कोई नहीं है, बस ऐसे ही पढ़ाई की ही टैंशन रहती है.
भाभी जोर देकर पूछने लगीं- कुछ तो बात है, आप बता नहीं रहे हो.

मैंने कहा- भाभी, मुझे किसी से प्यार हो गया है, पर मैं उसका नाम बता नहीं सकता.
भाभी को तो ये सुनने के बाद कुछ सूझा ही नहीं, उन्होंने बस एक ही रट लगा ली कि किस से प्यार करते हो, नाम बताओ.
मैंने हर बार बस इतना ही कहा कि मैं उसका नाम नहीं बता सकता.

भाभी भी कम नहीं थीं, उन्होंने अपना राम बाण चलाया और पूछा- बताओ आपको मेरी कसम है, कौन है वो खुशनसीब लड़की?
मैंने कहा- भाभी बता दूंगा लेकिन आपको भी मेरी कसम है, आप बुरा नहीं मानोगी.

तो उन्होंने कहा- हां, आप बताओ मैं बुरा नहीं मानूँगी.
मैंने कहा- भाभी, वो आप ही हो, जिसे मैं प्यार करता हूँ.

भाभी थोड़ी देर के लिए चुप हो गईं, बाद में बोलीं- पागल, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी.
मैंने पूछा- मतलब?

उन्होंने कहा- मैं भी तुमसे प्यार करती हूं, पर कह नहीं पाई.
उन्होंने उठ कर मुझे गले से लगा लिया.
मैंने भी भाभी को कसके गले लगा लिया.

हम दोनों दस मिनट तक गले लगे रहे.
मैं उनकी गांड के ऊपर हाथ फिराने लगा और पीछे से ब्लाउज के ऊपर से ही हाथ फेरने लगा.

मैंने देखा कि भाभी गर्म हो चुकी थीं, भाभी का सेक्स जाग उठा था तो मैंने भी मौके पर चौका मारने का सोच लिया.

मैंने भाभी के होंठों पर होंठों टिका दिए और उनके रसीले होंठों का रसपान करने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो … क्या मस्त सेक्सी लिप लॉक किस की थी भाभी ने.
मुझे तो ऐसा लग रहा था मानो भाभी मेरे होंठों खा ही जाएंगी.

मैं भी सेक्स का काफी भूखा था तो मन लगा कर भाभी की जवानी खाने लगा.
भाभी और मैं पूरी तरह उत्तेजित हो गए थे. मेरा लंड खड़ा हो गया और भाभी के पेट पर चुभने लगा था.

इस बीच भाभी ने अपनी साड़ी उतार दी.
मैंने भी लिप किस करते करते भाभी का ब्लाउज उतार दिया और पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया.

पेटीकोट नीचे जा गिरा और तभी भाभी ने मेरा लोअर उतार दिया.
फिर मेरी टी-शर्ट भी उतार फैंकी.

अब भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं और मैं सिर्फ अंडरवीयर में था.

मैं भाभी के मम्मों को दबाने और चूसने लगा.
भाभी भी मेरे लंड को सहला रही थीं.
मैंने भाभी को पूरी तरह नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया.

मैंने भाभी को बेड पर उल्टा लिटा दिया और पीछे से उनसे चिपक गया.
मैं एक हाथ से उनके मम्मों को मसलने लगा और एक हाथ उनकी चूत पर मसलने लगा. पीछे से उनकी गांड पर मेरा लंड रगड़ खा रहा था.

मैंने उनका कान काटना शुरू कर दिया.
भाभी एकदम मस्त हो गईं और बोलीं- मुझे अब सेक्स करना है.

मैंने कहा- भाभी, अभी इतनी जल्दी कैसे कर सकते हैं. मुझे आपकी चूत चाटनी है और आपको लंड चूसना है.
भाभी बोली- हां जल्दी से लाओ लंड को … मैं लंड चूसना चाहती हूँ.

भाभी और मैं 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं उनकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चाटने लगीं.

भाभी की चूत वाकयी में बड़ी रसीली थी. मेरी जीभ अन्दर तक चलने लगी.

नीचे भाभी भी ऐसे लंड चूस रही थीं जैसे आइसक्रीम खा रही हों.
भाभी मचलने लगीं और बोलीं- अब प्लीज मुझे चोद दो.

मेरा लंड भी चूत में जाने के लिए मचल रहा था.
मैंने भाभी को सीधा लेटा कर उनकी चूत में लंड पेल दिया.

भाभी की चूत गीली थी तो मेरा भी लंड एकदम सट से घुसता चला गया.
लेकिन लंड मोटा था तो भाभी की चूत चिर सी गई.

भाभी के मुँह से जोर से निकला- आआहह … मर गई … आंह धीरे राजा … फट गई.
मैंने कहा- भाभी आपकी चूत तो फटी हुई ही है, फिर कैसा दर्द?

भाभी बोलीं- कभी तुम अपने भैया के लंड से अपने लंड की तुलना करो तो मालूम चलेगा कि फाड़ना किसे कहते हैं?

चूंकि भाभी दर्द से तड़फ रही थीं तो मैं भी कुछ देर उन्हें बातों में उलझाना चाहता था.
मैंने कहा- क्या हुआ भाभी … भैया का लंड कैसा है?

वो कराहती हुई बोलीं- आपके लंड के सामने आपके भैया का लंड, लुल्ली ही समझो.
मैंने कहा- अरे … ये बात थी. अब मुझे कहां पता था भाभी? आप लेने से पहले कह देतीं … तो मैं सम्भल कर करता.

अब तक मेरे लंड में चूत की गर्मी सताने लगी थी, मैं पूरा लंड ठोकना चाहता था.
मैंने भी पूरे जोश के साथ लंड को पेला और भाभी की चूत की जड़ में पेल दिया.

भाभी की फिर से आह निकल गई.
मैंने उनसे कहा- अब थोड़ा झेल लो भाभी … फिर सब सही हो जाएगा.
ये कहा कर मैंने ताबड़तोड़ शॉट मारना चालू कर दिए.

भाभी की चूत की मां चुद गई और वो अपनी मुट्ठियों को भींच कर मुझे नौंचती रहीं.

दस बारह तगड़े शॉट लगवाने के बाद भाभी की चूत ने लंड को झेल लिया और अब उनकी आहें व कराहें धीमी पड़ने लगी थीं.
हमारे बीच चुदाई की मस्त आवाजें आने लगीं.

मैं पांच मिनट तक भाभी को मिशनरी पोज में चोदता रहा.
मुझे सेक्स के वक्त पोजीशन बदल बदल कर सेक्स करना अच्छा लगता है

मैंने भाभी से कहा- भाभी, अब आप मेरे लंड के ऊपर चढ़ जाओ.
भाभी एकदम मस्त हो गई थीं, उन्हें उस वक्त चूत से लंड निकालना अच्छा नहीं लग रहा था.

वो बोलीं- ऐसे ही चोदो न … मजा आ रहा है.
मैंने लंड निकालते हुए कहा- अरे मेरी जान … लौड़े की सवारी का मजा नहीं लिया क्या कभी?
भाभी बोलीं- अब क्या क्या बताऊं?

ये कह कर वो मेरे लौड़े के ऊपर आ गईं और लंड चूत में सैट करके उसपर बैठ गईं.
अब ऊपर से भाभी मेरे लंड पर कूद रही थीं और मैं नीचे से झटके मार रहा था.

भाभी के चुचे मस्त हिल रहे थे. मेरी आंखों के सामने जबरदस्त उछल रहे थे.
मैं उन्हें दबाने में लगा हुआ था.

भाभी झुक गईं और मुझे अपना एक दूध पिलाने लगीं.
मैं भाभी के निप्प्ल को अपने होंठों में दबा कर खींचता हुआ चूसने लगा.
भाभी की गांड आगे पीछे हो रही थी, इस वजह से उनका निप्पल कुछ ज्यादा ही खिंच रहा था.

इससे भाभी को बेहद सनसनी हो रही थी और वो इस्स अह आंह चूसो राजा … आंह.’ की मादक आवाजें भर रही थीं.

तभी मुझे मस्ती सूझी और मैंने भाभी के निप्पल को दांत से दबा लिया.
अब जैसे ही वो पीछे को गईं, उनके निप्पल में खिंचाव के साथ साथ उन्हें दांत के नुकीलेपन का अहसास भी हुआ.

उनकी तेज चीख सी निकल गई- आंह काट क्यों रहे हो … आंह छोड़ो न.
मैंने झट से निप्पल छोड़ दिया.
और भाभी मेरी तरफ अपनी आंख तरेरने लगीं.
मैंने आंख दबा दी, तो वो हंस दीं.

फिर ऐसे 5 मिनट तक चुदाई के बाद भाभी थक गईं और उनकी चूत का पानी भी निकल गया, भाभी का सेक्स पूर्णता को प्राप्त कर गया.
वो मेरे ऊपर ही लेट गईं और हांफती हुई बोलीं- आंह जान, मेरा काम हो गया.
मैंने उनकी गांड मसलते हुए कहा- अभी मेरा बाकी है जान … और बस होने ही वाला है.
वो बोलीं- हां ठीक है … आप भी फारिग हो जाओ.

मैंने भाभी को जल्दी से घोड़ी बनाया और एक झटके में लंड को उनकी चूत में पेल दिया.
वो एक बार कराहीं, मगर लंड लील लिया.

मैं तेज तेज झटके मारने लगा.
भाभी नीचे से बस ‘आआह्हह ऊऊऊ …’ कर रही थीं.

कुछ 5 मिनट की ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद मेरे लंड ने उनकी चूत को अपने वीर्य से लबालब भर दिया.

भाभी और मेरी ये पहली चूत चुदाई थी. उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता था, चुदाई कर लेते थे.
हालांकि अब मुझे उन्हें चोदने के लिए गुरुग्राम जाना पड़ता है.

अब मेरा और भाभी, हम दोनों का थ्री-सम सेक्स करने का मन है.
अगर कोई लौंडिया ज्वाइन करना चाहेगी, तो थ्रीसम सेक्स की कहानी बन जाएगी.
ऐसा होते ही मैं आपको सेक्स कहानी का मजा लिखूंगा.

मेरी मेल आईडी नीचे लिखी है, आप अपने मेल लिखकर बता सकते है कि आपको पड़ोस की भाभी का सेक्स भरा प्यार कैसा लगा?
[email protected]

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