भाभी की कामुकता और मेरी वासना

(Bhabhi Ki Kamukta Aur Meri Vasna)

नमस्ते भाइयो, लड़कियो, भाभियो और सभी चुत वाली माल.. आप सभी को मेरे तने हुए लंड का सलाम. ये कहानी मेरे एक पाठक ने मुझे भेजी है, मजा लीजिएगा.

मेरा नाम सागर है और मैं पुणे का रहने वाला हूं. मैं एक स्टूडेंट हूँ, फिलहाल स्टडी कर रहा हूँ. मेरी उम्र 21 साल की है और मैं बाकी लोगों की तरह झूठ नहीं बोलूंगा, पर मेरे लंड महाराज का साइज 8.5 इंच है. मेरे घर में माँ पापा और मैं ही हूँ. माँ घर का सारा काम करती हैं और पापा सरकरी नौकरी करते हैं.

तो आइए अब मनोरंजन का वक्त आ गया है. लड़कियां भाभियां आदि अपनी चूत में उंगली डाल लें और भाई लोग अपना लंड हाथ में पकड़ लें.

आज से दो ढाई साल पहले हमारे घर किराये पर रहने एक कपल आया. उसमें लड़के तरुण की उम्र 30 साल होगी और लड़की शायना 28 की थी. वो दोनों कहीं से भाग कर आये थे. उन दोनों ने शादी कर ली थी. मुझे इन सबके बारे में उतना पता नहीं था. मेरे घर वालों ने उनकी समस्या समझी और उनको किराये पर एक कमरा दे दिया. वो दोनों ख़ुशी से रहने लगे. मुझे उस वक़्त ऐसा वैसा कुछ नहीं लगा. मैं उन दोनों को भैया और भाभी बोलता था. लड़के का नाम तरुण (बदला हुआ) और लड़की का नाम शायना (बदला हुआ) था. शायना भाभी मुझे अपने छोटे देवर जैसा मानती थी.

सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था. कभी कभी मैं जब खेलने जाता था तो उनके कमरे से ‘आआह.. उह ऊऊऊहह ईईए.. अऊऊ.. धीरे करो न.. थुप्पप्प थाअप्पप्प..’ की आवाज़ आती थी. मुझे देखने की बहुत इच्छा होती थी, पर नहीं देख पाता था. इसी तरह करीब दो साल गुजर गए. उनका एक साल का बेटा भी है, जो आज भी शायना भाभी का दूध पीता है. मैंने बहुत बार शायना भाभी के बूब्स के दर्शन किये हैं. मैं जब भी उनके मम्मों को देखता हूँ, तो मुझसे रहा नहीं जाता और मैं बॉथरूम में जाकर लंड हिला लेता हूँ और शायना भाभी को सपनों में ही चोद लेता हूँ.

तरुण शायना भाभी से प्यार तो करता था, पर वो कहते हैं न कि लंड एक चूत को अगर रोज रोज ले तो उसका जी भर जाता है. तरुण भैय्या का भी यही हाल था, वो किसी रंडी लड़की के चक्कर में आ गए थे और वो रोज रात में उस रंडी लड़की के पास जाने लगे. शायना भाभी इससे बहुत उदास रहने लगीं. वो बहुत रोती थीं. मुझे अच्छा नहीं लगता था, पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता था. इस बात को लेकर दोनों में बहुत लड़ाई भी होने लगी और बात तलाक तक आ गयी. कुछ महीने पहले ही वो दोनों का तलाक हो गया. उनका बेटा शायना भाभी के साथ रहने लगा, तरुण भैय्या ने शायना भाभी को छोड़कर उस रंडी लड़की के साथ शादी कर ली.

शायना भाभी पढ़ी लिखी हैं, तो वो अपना गुजारा करने लगीं. हमारे घर वालों ने भी शायना भाभी का बहुत साथ दिया. वो मुझे अपने देवर से भी बढ़कर मानती हैं. मैंने बहुत बार शायना भाभी को नंगी नहाते हुए देखा है. शायना भाभी दिखने में एकदम माल हैं. उनका फिगर मुझे चुदाई के वक़्त पता चला.. जो कि 35-28-32 का फिगर था. वो बहुत मस्त लगती हैं. जब वो अपने बेटे को दूध पिलाती थीं.. तो मैं उनके मम्मों को देखता रहता था. भाभी के बूब्स देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और पैंट में तंबू बना देता. ये बात भाभी भी देख लेती थीं कि मेरा लंड फूल रहा है, तब शायना भाभी देखकर मुस्कुरा देती थीं, पर कुछ बोलती नहीं थीं. मैं जाकर बॉथरूम में लंड हिला लेता था.

इसी तरह दो महीने निकल गए. भाभी कभी कभी मेरी गांड पर चपत लगा देतीं और कभी कभी मैं उनको इधर उधर छू लिया करता था. इस सबमें मुझे बहुत मजा आता था, शायद उनको भी मजा आता होगा.

पर अचानक एक दिन ऐसा हुआ, जिसका मुझे बहुत दिनों से इंतज़ार था.

एक दिन मेरी माँ को मायके जाना था और पापा भी साथ जाने वाले थे. मुझे जाने का मन नहीं था तो मैं नहीं गया. माँ ने शायना भाभी को मेरा ध्यान रखने को बोला और वे लोग चले गए.
उसी शाम को शायना भाभी ने कहा- आज कोई नहीं है, तो बाहर से खाना लाते हैं.

मैंने भी हां कर दी और बाहर से खाना ले आया. हम दोनों ने रात में खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए. मैं भाभी के बारे में सोच ही रहा था कि दरवाजे पर दस्तक हुई. मैंने दरवाजा खोला तो शायना भाभी सामने थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने कहा- मैं आज तेरे कमरे में सोऊंगी.. क्योंकि पूरा घर खाली है इसलिये एक कमरे में हम दोनों सो जाएंगे.

मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं थी बल्कि मुझे लगा कि शायद मेरी किस्मत चमकने वाली है. मैंने कहा- ठीक है भाभी, मुझे कपड़े बदलने हैं.. तुम एक मिनट को बाहर जाओ.
शायना भाभी- अरे तू तो मेरे देवर जैसा है.. मेरे सामने कपड़े बदल सकता है.
मैंने कहा- मैं छोटा नहीं हूँ.. अब मैं बड़ा हो गया हूं.
भाभी- अच्छा दिखने से तो बच्चा छोटा लगता है.
यह बात मेरे मुँह पर थप्पड़ के जैसा लगा. मैंने गुस्से में कह दिया- अगर मैं चाहूँ तो अभी बच्चा पैदा कर सकता हूँ.
इस बात पर वो हँसने लगीं और मेरे करीब आकर बोलीं- इतने समय से तो कुछ कर नहीं पाया और तू बच्चा करेगा?

वो मेरे इतने करीब थीं कि उनकी गर्म सांसें मुझसे टकरा रही थीं. हम दोनों एकदम चुप थे.. बस एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे, हम दोनों के दिलों की धड़कन भड़क रही थी.

तभी अचानक शायना भाभी ने अपने लाल होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और स्मूच करने लगीं. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. अचानक भाभी ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया, दूसरे हाथ से मेरे बालों को.. और वे बहुत जोर से काटने लगीं.
इसमें मुझे भी मजा आने लगा था. मैंने भी किसिंग शुरू कर दी. हम दोनों करीब 15 मिनट तक किस करते रहे. शायना भाभी का बेटा बहुत गहरी नींद में सो रहा था.

हम दोनों ने उनके बेटे को देखा और फिर से किस करने लगे. किस करते करते मैंने उनकी नाइटी को उतार दिया. अब वो मेरे सामने बस पैंटी में थीं. मैंने उनको खुद से दूर किया और एक नज़र देखा. ऊपर से नीचे तक वो सेक्सी अंदाज़ में खड़ी थीं. तभी भाभी बड़ी अदा से चलते हुए मेरे पास को हुईं और मेरी शर्ट और पैंट दोनों उतार दी. मैं भी अंडरवियर में आ गया था और वो भी.

मैं उनके मम्मों को चूसने लगा, मुझे बहुत मजा आ रहा था, जिन मम्मों को मैंने उनके बेटे को चूसते हुए देखा था उनको आज मैं चूस रहा था.

दस मिनट तक भाभी के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसता रहा. फिर मैंने उनकी पैंटी उतार दी और उनकी गोरी फूली हुई बुर मेरे सामने थी. उन्होंने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लम्बे लंड को देख कर पहले तो हैरान रह गईं, फिर लगभग झपटते हुए भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.
लंड चुसाई क्या शुरू हुई, मैं तो जन्नत में सैर करने लगा था. कसम से लंड चुसवाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
भाभी ने करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसा. इसी में मैं एक बार झड़ चुका था.

मैंने अब शायना भाभी को लिटा कर उनकी चूत को चाटना शुरू किया. उनकी चूत से बहुत भीनी खुशबू आ रही थी. मैं मजे में भाभी की चूत चूस रहा था. करीब दस मिनट में भाभी उठते हुए एकदम से झड़ गईं.

इसके बाद मैंने उनको फिर से नीचे जमीन पर लिटा दिया और उनके ऊपर आ गया. इतना काम करने के बीच में हम दोनों ने एक दूसरे से एक भी शब्द नहीं बोला था. मैंने भाभी के ऊपर आकर अपने लम्बे लंड को उनकी बुर की फांकों पर रखा और एक धक्का दे मारा. भाभी के मुँह से एक लम्बी चीख निकल गई- आआहह.. आऊऊ ऊऊऊ..

मैंने उनको तुरंत किस कर लिया और जोर से चुम्मा लेने लगा. मेरे लंड का सुपाड़ा भाभी की चूत के अन्दर था. मैंने एक मिनट इंतज़ार करने के बाद जब वो नार्मल हुईं तो मैंने एक जोर से धक्का मारा. इस बार उनको हल्के दर्द हुआ और लंड आधे से ज्यादा अन्दर हो गया था. अब मैं हल्के हल्के से उनकी बुर में धक्का मारने लगा. कुछ देर बाद उनको मजा आने लगा तो मैंने और जोर से धक्का मारा और अब मेरा पूरा लंड भाभी की चूत के अन्दर बच्चेदानी तक जा रहा था.

वो जोर जोर से ‘आआहह.. ऊऊहह.. ईईए उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से आआह.. ऊऊह..’ कर रही थीं.

मुझे जन्नत में होने का एहसास हो रहा था. वो भी मजे से गांड उछाल कर मेरे साथ दे रही थीं. हम दोनों ने करीब 20 मिनट तक चुदाई की, इस बीच वो झड़ चुकी थीं और मैं अब तक टिका हुआ था. वो थकने लगी थीं. कुछ मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने बस इतना पूछा- कहां??
भाभी- अन्दर…
बस मैं जोर से धक्का देता गया और अचानक मेरे लंड ने अन्दर उल्टी कर दी. हम दोनों एक दूसरे पर ही ढेर हो गए.. कब आँख लगी, पता ही नहीं चला.

कुछ देर बाद फिर से अभिसार शुरू हो गया. हमें चुदाई करते करते सुबह 3 बज गए थे.

हम दोनों 10 बजे उठे क्योंकि भाभी का बेटा उठकर रोने लगा था. हम दोनों की आंख खुलीं और हम दोनों की नजर मिली. शायना भाभी आँख मुझे मारते हुए उठीं और बिना कुछ बोले नंगे ही बेटे को दूध पिलाने लगीं.

मैं वैसे ही जमीन पर लेटा रहा. शायना भाभी का बेटा दूध पीते पीते सो गया. अब शायना भाभी उठीं और बाथरूम में जाने लगीं. मैं उन्हें पीछे से देख रहा था. अचानक शायना भाभी मुड़ीं और मुझे आंख मारकर बाथरूम में चली गईं. मैंने देखा भाभी ने दरवाजा लॉक नहीं किया था. मैं उठा और बाथरूम में चला गया. वहां मैंने शायना भाभी की एक बार फिर से चुदाई की और गांड भी मारी.

गांड चुदाई की कहानी बाद में लिखूंगा, तब तक के लिए सभी चूत और लंड वाले भैया भाभियों, माल आइटमों को मेरे लंड का सलाम.

आपको कहानी अच्छी लगी या नहीं, प्लीज मुझे बताइये. मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.
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