पड़ोसन भाभी को छत पर पटाकर कमरे में पेला
(Hot Bhabhi Good Fuck Story)
हॉट भाभी गुड फक स्टोरी में मेरे पड़ोस की भाभी छत पर मुझे मिलती थी, मैंने उसे सेट कर लिया और उसके साथ खूब चूमा चाटी करने लगा. एक दिन मैं घर में अकेला था.
हाय दोस्तो.
सभी को नमस्ते.
आप सबका फ्री सेक्स कहानी के इस पटल पर स्वागत है.
मेरा नाम माही ठाकुर है, मैं गाज़ियाबाद सिटी से हूँ. मैं 26 साल का एक नंबर जवान और हैंडसम लड़का हूँ.
मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मेरी हाइट 5.5 फुट है.
मैं एस.एन. ऑपरेटर हूँ.
मेरे परिवार में हम पांच लोग हैं. मम्मी-पापा, मैं, भाई-भाभी.
यह मेरी पड़ोसन भाभी की सेक्स कहानी है, जिनको मैंने बड़े प्यार से चोदा था.
यह हॉट भाभी गुड फक स्टोरी पिछले साल की है, मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी के साथ की है.
भाभी के दो बच्चे हैं. उनका नाम अनु है और उनकी उम्र 30 साल है.
भाभी देखने में बहुत गोरी हैं और उनका फिगर भी मस्त है.
अलग अलग बताऊं तो भाभी की चूचियों का नाप 3 इंच है. गांड का नाप 36 और कमर का साइज 30 है.
अनु भाभी की हाइट 5 फुट है.
मेरी अनु भाभी से बातचीत होती रहती थी.
उनसे चुदाई वाली सेटिंग छत पर हुई थी.
उधर वे रोजाना कपड़े सुखाने आती थीं और मैं छत पर घूमता रहता था.
क्योंकि उन दिनों मेरी जॉब छूट गई थी, मैं एक एक्सपोर्ट कंपनी में काम करता था.
मैंने भाभी को सैट कर लिया था और छत पर ही उन्हें खूब मसला था.
बस उनकी चुदाई होनी बाकी रह गई थी.
भाभी भी मुझसे चुदने के लिए रेडी थीं.
फिर एक दिन हुआ यूं कि मेरे घर में कोई नहीं था.
मैंने भाभी को छत से ही अपने घर बुला लिया.
क्योंकि हमारी छत और उनकी छत आपस में मिली हुई हैं.
बस दो छतों के बीच थोड़ा फासला है और सारी छतें एक-दूसरे से जुड़ी हैं.
मैंने पहले ही नीचे का मेन गेट लॉक कर दिया था.
मैंने अनु भाभी को छत पर अपने पास बुलाया.
मैं उन्हें अपने बेडरूम में ले गया और भाभी को कसकर गले लगाया.
भाभी बोलीं- क्या बात है जनाब … आज अकेले कैसे हैं … घर के लोग कहां गए?
मैंने उन्हें बताया कि मेरे घर के लोग मौसी के लड़के की सगाई में गए हैं और मैं नहीं गया था.
भाभी इतरा कर बोलीं- तुम क्यों नहीं गए?
मैंने कह दिया कि मुझे आपकी लेनी थी न … इसलिए नहीं गया.
भाभी ने आंखें नचाईं और अंगड़ाई लेकर बोलीं- मेरी लेनी थी … मेरी क्या लेनी थी?
मैंने भी अपने लौड़े को सहला कर साफ शब्दों में कहा- आपकी टांगों के बीच में जो चुत का छेद है न … मुझे उसको अपने लौड़े से चोदना है!
मेरी इतनी खुली बात सुनकर भाभी एकदम से शर्मा गईं और बोलीं- धत … कैसे बोल देते हो!
मैंने उन्हें अपनी बांहों में खींचा और चुम्मी लेते हुए कहा- जब आपको समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे आपकी क्या लेनी है, तभी तो मैंने साफ साफ कहा.
वे कुछ नहीं बोलीं और मेरे साथ चिपकी रहीं.
मैंने भाभी को गले से लगा लिया.
अनु भाभी ने काला सूट पहना था.
भाभी उस ड्रेस में इतनी कमाल लग रही थीं कि मैं बता नहीं सकता.
मेरा तो रुकने का मन ही नहीं कर रहा था.
बस यह मन कर रहा था कि सीधे भाभी की चूत में लंड घुसा दूँ!
मैंने अनु भाभी को गले लगाए हुए ही उनकी कमर से हाथ फेरना शुरू किया.
फिर हाथ नीचे लाकर उनकी गांड को अपने हाथों से सहलाने लगा.
वे मेरे साथ मस्त होने लगीं.
मैं उनकी रसभरी चूची दबाने लगा.
इससे भाभी के शरीर में करंट दौड़ने लगा.
भाभी ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और किस करने लगीं.
मैंने अनु भाभी की जीभ से जीभ टच करते हुए उनके होंठ काटने शुरू किए और तेजी से उनके होंठ चूसने लगा.
अनु भाभी गर्म होने लगीं और उनकी सांसें तेज होने लगीं.
वे मेरा साथ देने लगीं.
मैंने भाभी के दोनों हाथ ऊपर किए और उनका काला कुर्ता उतार दिया.
भाभी ने एक हाथ मेरे पेट पर फेरते हुए मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए.
मैंने अपनी शर्ट उतार दी.
इसके बाद मैंने भाभी की ब्रा पकड़कर उतार दी.
भाभी की चूचियां आज़ाद हो गईं.
उनकी चूचियाँ हवा में फुदक रही थीं तो मैंने अपने एक हाथ से उनकी एक चूची को नीचे से थामा और उसे तौलने के अंदाज में देखने लगा.
भाभी हंस रही थीं.
वे बोलीं- कितने वजन की है?
मैंने कहा- कम से कम एक डेढ़ किलो की एक तो होगी ही?
वे अपनी दूसरी चूची की तरफ इशारा करती हुई बोलीं- और ये वाली?
मैंने कहा- यह भी सेम ही होगी!
वे बोलीं- जरा ध्यान से देखो … बड़ी छोटी होती है!
मैं अचकचा गया कि यह क्यों कह रही हैं?
मैंने पूछा, तब भाभी ने बताया कि हर लड़की के दोनों स्तनों में फर्क होता है.
उस दिन मैंने पहली बार एक नई चीज जानी थी.
फिर मैंने भाभी की एक चूची को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू किया.
भाभी ने मेरा सिर अपनी चूची में दबाया और वे मुझे लेकर बेड पर गिर गईं.
मैंने भाभी की चूची पीते हुए उनकी सलवार का नाड़ा भी खोल दिया और उनकी कच्छी में हाथ डालकर चुत को सहलाने लगा.
भाभी की सांसें और तेज़ होती जा रही थीं.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और उठकर मेरी पैंट उतारने लगीं.
मैंने भी भाभी की काली सलवार और कच्छी दोनों को एक साथ एक झटके में उतार दिया.
भाभी ने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया.
अब अनु भाभी और मैं दोनों पूरी तरह नंगे थे.
मैंने भाभी को दोबारा बेड पर लिटाया और उनकी चूत पर किस करने लगा.
भाभी ने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में धकेलना शुरू किया और तेज़ तेज़ सांसें लेने लगीं.
भाभी बड़बड़ाने लगीं- आह चूसो मेरी चूत … माही … और तेज़ चूसो … ऊह्ह्ह आह्ह्ह आह्ह आआ आ.
मैं भाभी की चूत को चूसते हुए अपनी तीन उंगलियां उनकी चूत में घुसा दीं.
भाभी ऊपर को उछलती हुई सिसकारी भरने लगीं और बोलीं- और तेज़ करो!
मैंने 10 मिनट तक उंगलियां उनकी चूत में डालीं और चूत को चाटने में लगा रहा.
भाभी की चूत पर बहुत छोटे-छोटे हल्के बाल थे, जो पकड़ में नहीं आ रहे थे.
मुझे ऐसी चूत बहुत पसंद है!
अचानक भाभी की आवाजें और तेज हो गईं और उनका जिस्म ऐंठने लगा.
उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाया और अपनी चूत का पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया!
मैंने अनु भाभी की चूत का सारा पानी पी लिया. नमकीन सा स्वाद लग रहा था क्योंकि पहली बार मैंने किसी लड़की की चूत का पानी पिया था.
भाभी ने मुझे हटाया और बोलीं- मुझे जाना भी है माही … आधा घंटा हो गया!
मैंने भाभी से जिद की- भाभी अभी तो मेरा निकला ही नहीं और तुम जा रही हो!
भाभी बोलीं- अभी ज्यादा समय नहीं है मेरे पास … बाद में आऊंगी, फिर चोद लेना. तब जैसी मर्जी हो वैसी चुदाई कर लेना!
अनु भाभी बेड से जैसे ही उठने को खड़ी हुईं, मैंने अपना लंड उनके हाथों में रख दिया.
अनु भाभी लंड को आगे-पीछे करके हिलाने लगीं और मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो गया.
मैंने भाभी से लंड चूसने को कहा तो वे मना करने लगीं.
मैंने अनु भाभी की चूची मसलते हुए समझाया.
कुछ देर बाद भाभी मान गईं और मेरा लंड चूसने लगीं!
भाभी की जीभ मेरे लंड पर घूम रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था!
भाभी ने मेरा लंड सात-आठ मिनट चूसकर मेरा चुदाई का मूड बना दिया.
मैंने भाभी को उठाया और बेड पर डालकर उनकी एक टांग को कंधे पर रखते हुए पूरा सात इंच का लंड एक जोरदार धक्के से अन्दर डाल दिया!
भाभी के मुँह से चीख निकली- आह्ह मर गई … साले फाड़ ही देगा क्या … आह आराम से कर माही!
मैं बहुत गर्म हो रहा था.
मैंने भाभी की नहीं सुनी और उनकी जोरदार चुदाई शुरू कर दी.
भाभी चीखने लगीं- चोदो आह और तेज पेलो माही!
मैं बिना रुके धकापेल चुदाई में लगा रहा.
अब भाभी के मुँह से आवाज आने लगी- आह आह आह्ह … उम्म माही … फाड़ दो मेरी चूत … मेरी प्यास मिटा दो. आह्ह आह्ह!
मैंने भाभी की दस मिनट तक टांग उठाकर चुदाई की. इसके बाद मैंने उनको घोड़ी बनाया.
अनु भाभी घोड़ी बन गईं.
मैंने लंड पर थूक लगाकर जोरदार धक्के से भाभी की चूत में लंड उतार दिया.
भाभी लंड डालते ही पांच मिनट की डॉगी स्टाइल चुदाई में झड़ गईं और तेज-तेज हांफने लगीं!
वे बोलीं- अब जाने दो … मैं दो बार झड़ चुकी हूँ, जान … मेरी चूत का रस अब बाद में चाट लेना. अपनी भाभी जान को जाने दो!
मैंने भाभी से कहा- भाभी अपने देवर का लंड तो अभी झड़ा ही नहीं, इसका स्वाद चखना नहीं चाहोगी?
भाभी बोलीं- जरूर करूँगी, लेकिन थोड़ा जल्दी से करो जो करना है!
मैंने कहा- ठीक है!
अब मैंने भाभी की गांड पकड़ कर दोबारा चुदाई चालू की.
भाभी को डॉगी स्टाइल में फिर से किया और चुदाई शुरू कर दी.
भाभी दोबारा गर्म हुईं और बोलीं- पेलो आह जोर से चोदो और तेज और तेज आह फाड़ दो अपनी भाभी की चूत आज … बहुत परेशान करती है ये जानू!
बस भाभी के मुँह से अनाप शनाप गाली निकलने लगीं और वे कामुक सिसकारियां भरने लगीं- आह्ह आह्ह साले माही, आई लव यू! मेरे मादरचोद देवर … उम्म्म आह्ह … और तेज चोद बहन के लौड़े … आह बहुत मजा आ रहा है जान … आह्ह आह्ह!
मैं भाभी की गालियां सुनकर और जोश में आ गया.
मैंने भाभी को अपने ऊपर ले लिया और भाभी मेरे लंड पर कूदने लगीं.
मैं भाभी की चूची दबाकर नीचे से तेजी से चूत में धक्के लगा रहा था.
अब पूरे कमरे में भाभी और मेरी चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं.
फच फच फच ..
भाभी के मुँह से सेक्सी आवाज आ रही थी- माही चोदो जानू … आह तेजी से और तेजी से जान! आह्ह आह्ह! बहुत मजा आ रहा है … आह्ह आह्ह उमम्म आह्ह!
मैं नीचे से चोदते हुए तेजी से कमर हिला रहा था.
पैंतीस मिनट की हॉट भाभी गुड फक में मेरा लंड से पानी निकलने को हुआ.
मैंने अनु भाभी से पूछा- भाभी मैं अपने लंड का पानी कहां निकालूँ … जल्दी बता मेरी चुदक्कड़ भाभी?
भाभी सिसकारी लेती हुई बोलीं- आह्ह आह्ह आउउ आह्ह … मेरी चूत में निकाल दो मेरे देवर जी! आह मेरे जानू जी!
मैंने भाभी को झट से घोड़ी बनाया और बहुत ही तेज शॉट पर शॉट लगाए.
उनकी चूत में लंड अन्दर-बाहर करते हुए और पंद्रह-बीस धक्कों में मैं और भाभी दोनों एक साथ झड़ गए.
भाभी तीन बार झड़ चुकी थीं. मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- भाभी आपको तो जल्दी जाना था?
वे हंस दीं और बोलीं- बिना चुदे कैसे जा सकती थी.
दोस्तो, ये थी मेरी पड़ोस में रहने वाली अनु भाभी की चुदाई की अंतरंग कहानी.
मैंने भाभी के साथ उनकी छोटी ननद को भी चोदा, वह मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
आपको मेरी अंतरंग सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल में बताएं.
हॉट भाभी गुड फक स्टोरी पर मुझे आपके ईमेल का इंतजार है.
मेरी ईमेल आईडी है
[email protected]
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