लेडी डेंटिस्ट की प्यासी जवानी- 7

(Hot Horny Girl Sex Kahani)

हॉट हॉर्नी गर्ल सेक्स कहानी में अपने ढीले पति से नाखुश भाभी मेरे साथ चुदाई के लिए सेट हो गयी. उसने मुझे रात को अपने बेडरूम में बुलाया. मैं उसके चिकने जिस्म को चाट रहा था.

कहानी के छठे भाग
जवान पड़ोसन ने मेरा लंड चूसा
में आपने पढ़ा कि मैं एक जवान पड़ोसन के बेडरूम में उसे अपना लंड चुसवा रहा था. अब वह अपनी चूत में लंड मांग रही थी.

अब आगे हॉट हॉर्नी गर्ल सेक्स कहानी:

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर बेड पर खींच लिया और हम गुत्थमगुत्था हो गए.

एक बार फिर से चूमा चाटी शुरू हो गयी और मैं उसके बूब्स मसलकर चूस कर उसकी पैंटी में हाथ घुसा कर चूत में उंगली करने लगा और उसके क्लाइटोरिस को छेड़ने लगा.
जिससे वो एकदम से उत्तेजित हो गयी और अपनी ऐड़ियां बिस्तर पर रगड़ने लगी थी और बार बार मुझे अपने से लिपटाने लगी थी.

मैं उठ कर बैठ गया और उसके पांव चूमने लगा, पैरों की उंगलियां अपने मुंह में भर के चूसने लगा, तलवे तक चाट डाले और फिर उसकी पिंडलियाँ, घुटने तक चूम चाट डाले.
फिर मैं बेसर्ब्री से उसकी जांघें चाटने लगा.

मेरे पुराने पाठक तो जानते ही हैं कि मुझे अपनी संगिनी की नंगी जांघें चाटना चूमना बेहद अच्छा लगता है.

मेरे ऐसे करने से हॉट हॉर्नी गर्ल की सांसें भारी और तेज हो गयीं थीं, उसकी आँखों में वासना के गुलाबी डोरे तैरने लगे थे और उसके निप्पल जो पहले किशमिश की तरह मुलायम से थे अब फूल कर काले अंगूर जैसे कड़क हो चुके थे.

“अंकल जी स्सस्सीई ईई अब करो न जल्दी से!” गुंजन बेचैनी से बोल उठी.
पर मैंने उसकी बात को अनसुनी करके उसकी जांघें चाटना जारी रखा.

फिर मैं ऊपर पेट की ओर बढ़ चला और पैंटी को छोड़ कर उसके बूब्स दोनों हाथों में दबोच लिए और उसकी नाभि चूमने लगा.
गुंजन अब अपनी कमर उचकाने लगी थी.

उसकी तड़प को समझते हुए मैंने उसकी पैंटी उतारना शुरू किया तो उसने झट से अपनी कमर उठा दी जैसे उसे खुद जल्दी थी पैंटी उतरवाने की.

इधर मेरा लंड फिर से जोश में आने लगा था.

पैंटी उतरते ही उसकी फूली हुई लम्बी सी गदराई हुई गद्देदार चूत मेरे सामने थी, चूत की झांटें शेव की हुईं थीं.
लगता था उसने अपनी चूत अभी शाम को ही वीट लगा कर चिकनी कर ली थी.

गुंजन की चूत की लम्बी दरार खुली हुई थी और उसमें से उसकी मदनमणि या क्लिट फूल कर उठी हुई सी लग रही थी.
चूत की चिकनी फांकें भूरे रंग की थीं चूत का अंदरूनी लेबिया मिनोरा भी हल्के भूरे रंग का था जिसके लब आपस में लिपटे हुए थे.

हमारी ये भारतीय बहुएँ चाहे जितनी भी गोरी चिट्टी चिकनी क्यों न हों पर इनकी चूत के बाहरी होंठ चार छह बाहर चुद कर ही सांवले पड़ जाते हैं.
पर लगते अच्छे हैं देखने में जैसे चूत की आँख में काजल लगा रखा हो.
ऐसी ही कजरारी थी गुंजन की चूत.

मैंने चूत के अंदरूनी होंठ जीभ से चाटना शुरू किया तो वो खुद ब खुद खुल गए और ऊपर की तरफ चूत का दाना स्पष्ट नजर आने लगा था जो पहले से अधिक उत्तेजित लग रहा था.

नीचे की तरफ उसकी चूत का छेद खुला हुआ उसकी सांसों के उतार चढ़ाव के साथ सांस सा लेता प्रतीत होता था.
चूत का भीतरी भाग एकदम गुलाबी रंग था.

कुल मिलाकर मस्त गद्देदार चूत थी डा. गुंजन रानी की.

अट्ठाईस बरस की उमर होती ही कितनी सी है, लड़की पहले चाहे जितना भी चुद चुकी हो पर उसके जिस्म की कसावट, अंगों की सुडौलता जस की तस रहती है.
ईश्वर ने हमारे शरीर, चूत और लंड लॉन्ग लास्टिंग यूसेज के हिसाब से ही बनाये हैं; जवानी में कदम रखने के बाद भी अगले साठ वर्षों तक ये साथ निभाते ही हैं.

गुंजन मेरे सामने अपनी चूत खोले लेटी थी.

अब चूत मेरे सामने खुली पड़ी हो और मैं उसे न चाटूं ये तो हो ही नहीं सकता.
मैंने झट से उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और क्लिट को चाटने चूमने लगा.

एक ही मिनट हुआ होगा कि गुंजन ने अपने पैर मेरे सिर में लपेट दिए और उसके मुंह से आनन्ददायक किलकारियां निकलने लगीं और वो मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी.

“अंकल जी अब सहन नहीं होता, आ जाओ अब!” वो अधीरता से बोली.
“बहू, तेरे पास ही तो हूं न मैं!” मैंने कहा और उसकी चूत का दाना जीभ से चाटने लगा चुभलाने लगा.
“अंकल जी, फ़क मी … मुझमें समा जाओ जल्दी से!” वो अपनी कमर उठाते हुए बोली.

“अच्छा बताओ मैं क्या करूं?”
“आप अपना वो मेरी इसमें घुसा दीजिये जल्दी से!”

“मेरा ये तुम्हारी वो क्या मतलब?” मैंने उसे और सताया.
“उफ्फ अंकल जी, मेरी वेजाइना में अपना पेनिस घुसा कर मुझे फक करिए न प्लीज!” वो मिसमिसा कर बोली.

“गुंजन बेटा, हिंदी शब्दों में बताओ … फिर करता हूं.”
“हे भगवान् आज तो आप मुझे पागल बना दोगे. अरे अंकल मेरी योनि में अपना लिंग घुसा दो और सम्भोग करो जल्दी से अब!” वो थोड़ा झुंझला कर बोली.

“बहू ये लिंग ये योनि ये क्या बेकार शब्द बोल रही हो … वो वाले शब्द बोलो न जल्दी से!”
“कौन से शब्द?” उसने पूछा.
“चूत लंड चुदाई बोलो न … फिर चोदता हूं तुम्हें!” मैंने उसके दोनों मम्मे दबा कर कहा.

“धत्त, ऐसे बोल तो मैं कभी न बोलूं; अच्छा अलग हटो आप, मुझे नहीं करवाना कुछ भी!” गुंजन गुस्से से तमक कर बोली और पलट कर पेट के बल लेट गयी.

वाओ मित्रो, क्या नजारा था ये.
गुंजन के डबल बेड पर मखमली लाइट ब्लू कलर की शनील की बेडशीट बिछी थी जिस पर वो नंगी पेट के बल औंधी लेटी थी और उसका गोरा गुलाबी बदन तेज रोशनी में सोने की तरह दमक रहा था.
घने काले काले बाल उसकी नंगी गुदाज पीठ पर बिखरे हुए थे.
उसकी चिकनी पीठ की ढलान जहां खत्म होती थी वहीँ वो छोटा सा गड्ढा बड़ा प्यारा लग रहा था फिर वहीं से आगे उसके नितम्बों का उभार शुरू हो रहा था.

गुंजन के पुष्ट कूल्हों के बीच वो पतली सी खाई जैसी दरार जैसे मुझे आमंत्रित कर रही थी.

उसके दोनों हाथ ऊपर की तरफ उठे हुए सिर के ऊपर तकिये पर रखे थे, नीचे की तरफ फैलीं उसकी जांघें, पिंडलियां, पांव के मुलायम गुलाबी तलुये अलग ही नजारा पेश कर रहे थे.

मैं विस्मित सा मंत्रमुग्ध सा गुंजन की इस रूप राशि को निहारता रह गया.

फिर मैंने उसे गर्दन से नीचे तक चूम डाला, कूल्हों को दांतों से काट लिया और फिर मैं उसके पैरों के बीच बैठ गया और उसके दोनों पैर फैला दिए जिससे उसके नितम्बों के बीच की दरार थोड़ा खुल गयी और उसकी गांड का छेद और उससे जरा सा नीचे उसकी चूत खुल के सामने आ गयी.

मैंने फिर उसके चूतड़ों की दरार को और चौड़ा किया तो उसकी चूत का छेद साफ साफ नजर आने लगा.

मैंने अपना लंड उसकी चूत से सटा दिया और उसकी पीठ पर से बाल एकतरफ हटा कर उसकी नंगी पीठ चूमने लगा.

फिर मैंने उसकी चूत की खाई में अपना लंड कई बार ऊपर नीचे घिसा फिर उसकी गांड के झुर्रीदार छेद पर थूक कर अपना सुपाड़ा उस छेद पर टिका दिया और दबाव डालने लगा.

थूक की चिकनाहट की वजह से मेरा लंड करीब आधा अंगुल उसकी गांड में बड़े आराम से सरक गया.

मैंने और जोर लगाया तो हॉट हॉर्नी गर्ल गुंजन लगभग चीख उठी- अंकल जी वहां नहीं … बहुत मोटा है आपका, मर जाऊंगी मैं!
वो दर्द से कराहते हुए बोली.

“नहीं … मैं तो अब तेरी गांड ही मारूंगा. और गांड मरवाने से कोई औरत नहीं मरी आज तक!”
“नहीं प्लीज … आप सामने से कर लो जो करना हो!”

“क्यों … अभी तो तू बोल रही थी कि तुझे कुछ नहीं करवाना?”
“अंकल जी मुझे माफ़ करो, अच्छा लो मैं वो बोलती हूं. आप मेरी चूत में अपना मोटा लम्बा लंड घुसेड़ कर चोदो मुझे!” वो कातर स्वर में बोली.
और ऐसे कह के गुंजन फिर से चित लेट गयी.

फिर मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिये लगा दिए जिससे उसकी चूत अच्छे से ऊपर उठ गयी.

“डॉक्टर साहिबा, अब अपनी चूत के पट अपने हाथों से खोल दीजिये न.” मैंने कहा.

तो उसने कोई प्रतिवाद नहीं किया और अपने घुटने ऊपर की तरफ मोड़ कर अपनी चूत पर दोनों हाथ रख कर उँगलियों से अपनी चूत पसार दी.

मेरी बहू सोनम भी बिल्कुल ऐसे ही मेरे सामने नंगी लेट अपनी चूत अपने दोनों हाथों से खोल देती है जैसे ये डॉक्टर गुंजन मेरे सामने अपनी चूत पसारे बिछीं थीं, औरत का ये मेरा फेवरेट पोज़ है

मैं गुंजन की भरपूर नंगी जवानी को निहारता ही रह गया और मैंने उसकी तरफ देखा तो जैसे ही नजर मिली उसने शर्मा कर अपना मुंह घुमा लिया पर चूत खोले लेटी रही.

फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत के ठीये पर जमाया और धकेल दिया चूत में. पहले ही धक्के में मेरा लंड का एक तिहाई हिस्सा कोई तीन अंगुल के करीब उसकी गीली चूत में घुस गया फिर मैंने कमर को थोड़ा सा पीछे खींचा और एक और धक्का पूरी ताकत से मार दिया और इस बार मेरा समूचा लंड उसकी चूत में पेवस्त हो गया और मेरी झांटें उसकी चिकनी चूत की फांकों से जा मिलीं.

“हाय राम रे मार डाला … निर्दयी हो आप अंकल जी!” गुंजन मुझे परे धकेलते हुए बोल उठी.
“क्या हुआ बहू?”

“रहने दो आप. कोई ऐसी बेदर्दी से घुसेड़ता है क्या, चाहे कोई मर ही जाय आपकी बला से!” वो भुनभुनाई.
“डॉक्टर साहिबा, अभी देखना ये लंड आपको कैसा मज़ा देता है.” मैंने कहा और लंड को धीरे धीरे आराम से अन्दर बाहर करने लगा.

गुंजन कोई कोरी कुंवारी तो थी नहीं वो भी पूरे सात सालों तक चुदी थी अपने यारों से सो दो मिनट बाद ही वो अपनी पर आ गयी और आवेश में आकर अपनी कमर उचकाने लगी.
मैंने अपने धक्के तेज किये तो वो भी मेरे धक्कों के ताल से ताल मिलाती हुई मेरे लंड से लोहा लेने लगी.

जल्दी ही उसकी संघर्षरत चूत से फचफच फचाफाच की आवाजें निकलने लगीं और उसकी चूत से रस का झरना सा बह रहा था जिससे मेरी झांटें, मेरी जांघें तक गीलीं हो चुकीं थीं.

“आह … स्सस्सीई ईईई अंकल जी, कितना मस्त मज़ा दे रहे हो आप!” वो मुझे चूमते हुए बोली.
“बहू, चूत लंड चुदाई शब्द यूज किया करो फिर देखो कितना मजा आता है तुझे!” मैंने उसे समझाया.

“हां, अंकल जी चोदिये मुझे. जी भर कर चोदिये … मस्त लंड है आपका. मैंने पहले चार पांच लंड लिए हैं अपनी चूत में पर आपका वाला गजब ढा रहा है मेरी चूत में आह … कितना गर्म, मोटा और लम्बा है आपका लंड; आज सच्चा मजा आ रहा है चुदने का. अंकल जी मैं कब से ऐसी चुदाई करवाने के लिए तरस रही थी … आई लव यू जानूं!” गुंजन मुझे चूमते हुए कामुक स्वर में बोलती जा रही थी.

तभी उसके मोबाइल की घंटी बज उठी.

गुंजन ने फोन देखा और बोली- अंकल जी, मेरे पति का फोन है. आप तो मुझे चोदते रहिये पर बोलना कुछ नहीं, मैं देखती हूं इस चूतिये को!

यह वासना से ओत प्रोत हॉट हॉर्नी गर्ल सेक्स कहानी अगले अंक में समाप्त हो जायेगी.
आप कमेंट्स करते रहें.

हॉट हॉर्नी गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग:

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