पड़ोस के लड़के ने मुझे मेरे घर में ही चोदा

(Hot Xxx Ladki Chudai)

हॉट Xxx लड़की चुदाई कहानी में मेरे पड़ोस के लड़के ने मुझे होटल से निकलती देख लिया. मैं चुदवा कर आ रही थी. उसने मुझे रोक लिया और सीधे चुदाई की बात कह दी.

यह कहानी सुनें.

हाय फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी फ्रेंड अंकिता फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी लेकर।

मैंने अपनी पुरानी कहानी
अचानक एक दिन में 3 लंड से ठुकी मैं
में बताया था कि कैसे मेरी सील टूटी और मैं चेतन और मॉन्टी के साथ सेक्स करती रही।

कॉलेज खत्म होने के बाद हम रूम के अलावा कभी-कभी होटल में कमरा लेकर भी सेक्स करते थे।

यह हॉट Xxx लड़की चुदाई कहानी तब की है जब मैं और चेतन होटल से सेक्स करके निकल रहे थे, तभी मेरे पड़ोस के लड़के गगन ने हमें देख लिया।

उसने मुझसे सीधे पूछा, “अंकिता, तुम यहाँ होटल में?”
मैं थोड़ी घबरा गई।

मैंने गगन से कहा, “कुछ नहीं, बस ऐसे ही।”
उसने बताया कि उसका दोस्त वहाँ मैनेजर है और वो उसी से मिलने आया था।

मैं तुरंत वहाँ से निकल गई और घर आ गई।

मुझे हमेशा से डर था कि एक ना एक दिन पकड़ी जाऊँगी।

उसी शाम गगन मुझसे मिलने मेरे कमरे में आया।
उसने कहा, “अंकिता, मैंने अपने दोस्त से तुम्हारे बारे में पता किया। तुम अलग-अलग लड़कों के साथ वहाँ गई हो, CCTV में तुम आते-जाते दिख रही हो।”

मैंने कहा, “इससे तुम्हें क्या?”
वो बोला, “मैं तुम्हारे घरवालों को सारी बात बता दूँगा।”
वो उठकर जाने लगा।

मैंने उसे ऐसा करने से मना किया।

गगन ने कहा, “किसी एक के साथ चुदती तो ठीक था, लेकिन एक से ज्यादा? इस मोहल्ले में लड़कों की कमी है जो तुम दूसरों से लंड लेने जाती हो?”

ये सुनकर मेरा दिमाग खराब हो गया।
मैंने गुस्से में कह दिया, “हाँ, दूसरों का लंड लिया, इससे तुम्हें क्या?”

गगन बोला, “आवाज़ धीरे, अंकिता, वरना घरवालों को तुम्हारी करतूत बता दूँगा। मोहल्ले में भी बात फैल जाएगी।”
मैं थोड़ी शांत हो गई।

मैंने गगन से पूछा, “तुम चाहते क्या हो? मेरा पीछा कैसे छोड़ोगे?”
वो बोला, “मेरे लंड की प्यास भी बुझानी है। मैं तुम्हें चखना चाहता हूँ।”

मेरे पास कोई रास्ता नहीं था।
मैंने कहा, “ठीक है।”

पहले सीनियर ने मुझे चोदा, फिर मॉन्टी ने मेरी चूत मारी, और अब ये।
कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।

वो बोला, “कल मिलो, उसी होटल में।”
मैंने कहा, “नहीं, वहाँ नहीं। अगर किसी ने देख लिया तो?”
मैंने कोई सेफ जगह ना होने की बात कही।

उसने कहा, “फिर मेरे घर आ जाओ।”
मैंने कहा, “अगर मेरी मम्मी ने देख लिया तो?”

कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो मेरी चूत लेने के लिए उतावला हो रहा था।
मैंने कहा, “कल देखते हैं।”

अगले दिन, पापा के ऑफिस जाने के बाद मैंने कॉलेज नहीं जाने का फैसला किया।
मैंने मम्मी को तबीयत खराब होने का बहाना बनाया।
मम्मी ने कहा, “ठीक है।”

उसी दिन मम्मी पड़ोस वाली आंटी के साथ शॉपिंग जाने वाली थीं, यानी 2-3 घंटे मैं अकेली थी।

मम्मी के जाने से पहले ही गगन आ गया।
उसने मम्मी से पूछा, “आंटी, अंकिता कहाँ है?”
मम्मी ने बताया- वह अपने कमरे में है।

वो मेरे कमरे में आया और बोला, “क्या, तुम्हारा मन नहीं है?”
मैंने कहा, “पागल मत बनो, मम्मी अभी बाहर जाने वाली हैं। उसके बाद मैं अकेली हूँ।”

वो बोला, “मैं अपने घर वालों को बोल देता हूँ कि मैं अंकिता के घर पर हूँ।” बचपन से इस मोहल्ले में रहने की वजह से किसी को शक नहीं होगा, क्योंकि सबके घर आना-जाना लगा रहता है।

मम्मी चली गईं।

गगन खुश होकर आया, दरवाजा बंद किया और मेरे पास आते हुए बोला, “अंकिता, अब चुदने के लिए तैयार हो जाओ।”
उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया।

मैंने उसे धक्का देकर कहा, “रुक जाओ। इसके बाद तुम मुझे बार-बार ब्लैकमेल नहीं करोगे।”
उसने कहा, “ठीक है, पक्का।”

गगन बहुत हॉट है। हल्की-हल्की दाढ़ी रखता है, कान में बाली पहनता है।
वह कॉलेज बाइक से जाता है, जिम भी जाता है, और उसकी बॉडी भी कमाल की है।
वो मेरी ही उम्र का है, लगभग 24 साल।

उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे सामने गोली खाई, बोला, “आज पूरे मजे लूँगा, अंकिता।”
मैंने मन ही मन सोचा, “आज तो मैं गई।”

मैंने घर पर सिर्फ शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी।
मैं ब्रा घर में नहीं पहनती।

गगन का लंड उसकी चड्डी में साफ दिख रहा था।

वो मेरे पास आया, मुझे चूमने लगा और ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगा।

एक झटके में उसने मुझे ऊपर से नंगी कर दिया और मेरे शॉर्ट्स भी खींचकर उतार दिए।
मैं सिर्फ पैंटी में थी।

हम दीवार के सहारे खड़े थे।

उसने मेरे दोनों हाथ पकड़कर ऊपर कर दिए।

मैं नीचे देख रही थी और अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसने मजबूती से पकड़ रखा था।
वो धीरे-धीरे चूमते हुए मेरे कंधे और गर्दन तक गया।

उसने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए मेरी पीठ मसलनी शुरू की।
मैं अपनी पीठ झटककर उसका हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी.

लेकिन वो तो आज चुदाई के मूड में था।
उसका लंड खड़ा था।

उसने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे गाल पर किस किया।
अब मैंने विरोध नहीं किया और एक आह भरी।
मेरी भी कामेच्छा जागने लगी थी।
मैं उससे चिपककर बैठ गई।

वो मेरे निप्पलों को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा।

“ऊफ फफ, प्लीज … धीरे करो.” मैंने दर्द से तड़पते हुए कहा।
गगन बोला, “तू मेरी गर्लफ्रेंड से भी ज्यादा कड़क माल है।”

फिर उसने मुझे नीचे बैठाया और पूरा नंगा हो गया।

उसका 8 इंच का लंबा और मोटा लंड देखकर मैं हैरान थी।

उसने पूछा, “तुम्हें लंड चूसना आता है ना?”
मैंने हाँ में इशारा किया।

उसने मेरे मुँह में लंड दिया।

कुछ देर चूसने के बाद वो बोला, “बस कर, अंकिता, अब लेट जा।”
मैं लेट गई।

उसने मेरे दोनों पैर उठाए और मेरी चूत में जीभ डाल दी।
उसकी हल्की दाढ़ी मेरी चूत को टच हो रही थी जिससे बहुत मजा आ रहा था।

चूत चाटने के बाद गगन बोला, “अंकिता, पीठ के बल लेट जाओ।”
मैं लेट गई और उसने मेरी चूत में लंड घुसा दिया।

इतना बड़ा लंड था उसका कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी।

वो शुरू हो गया, 2-3 बार पूरा लंड मेरी चूत के अंदर-बाहर कर रहा था।
फिर उसने मुझे खींचकर अपने सीने से लगा लिया और मेरे होंठों पर अपने मोटे होंठ रख दिए।

उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई।
वो मेरे मुँह का कोई कोना छोड़ना नहीं चाहता था।

एक हाथ से मेरे बदन को अपने सीने पर दबाए हुए था और दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रहा था।

अचानक उसने मेरे चूतड़ पकड़कर जोर से दबाए और मुझे अपने से सटा लिया।
मैं उसके लंड को अपनी चूत के ऊपर महसूस कर रही थी।

मैं उसके चेहरे को चूम रही थी लेकिन उसने मुझे पल भर के लिए छोड़ा और मेरे दोनों बूब्स पकड़कर जोर से मसल दिए।

इतनी जोर से मसला कि मेरे मुँह से “आ आह हह” निकल गया।

वो मेरे निप्पलों को जोर-जोर से मसलने लगा।

“ऊफफफ, प्लीज… धीरे करो,” मैंने कहा, “दर्द हो रहा है।”

वो मेरी एक छाती को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

गगन बोला, “मुझे रफ सेक्स ज्यादा पसंद है। मेरी गर्लफ्रेंड भी मुझसे चुदते वक्त घबरा जाती है।”

फिर मैं भी मजे लेकर चुदवाने लगी।

मैं झड़ने वाली थी।
मैंने अपनी टाँगें उसके कूल्हों से लपेट लीं और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

वो दनादन धक्के लगाकर चुदाई कर रहा था।
पानी छूटने के बाद गीली चूत से ‘पच पच’ की आवाज़ आ रही थी।

थोड़ी देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा।
मैंने घोड़ी बनकर गांड उठा ली।

उसने अपने लंड से मेरी गांड पर ठप्पे मारने शुरू किए।

फिर उसने मेरी चूत में लंड घुसा दिया और कमर पकड़कर चोदने लगा।

हम दोनों जवान पति-पत्नी की तरह नंगे होकर चुदाई का आनंद ले रहे थे।
मैं और गगन पागल प्रेमियों की तरह कामक्रीड़ा में मग्न थे।

वो मेरी गांड को आटे की तरह मसलते हुए ‘पच पच’ चोद रहा था।
मैं भी मजे लेकर उसका लंड अपनी चूत में ले रही थी।

वो मेरी पीठ पर झुक गया और मेरे दोनों मम्मे पकड़कर दबाते हुए चोदने लगा।

मुझे चूत चुदवाने में असीम आनंद आ रहा था।
उसका पूरा शरीर मेरे शरीर से चिपका था और लंड मेरी चूत में था।

वो मेरे गाल और गर्दन पर चूम भी रहा था।

कसम से … स्वर्गिक आनंद आ रहा था।

इसी बीच मैं फिर से झड़ने वाली थी।
वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

मैं झड़ गई।
फिर वो बोला, “अंकिता, खड़ी हो जाओ।”
मैंने कहा, “मैं थक चुकी हूँ।”

वो बोला, “किसी के आने से पहले ये सब खत्म भी करना है।”

उसने मुझे गोद में उठाया और बाथरूम में ले जाकर खड़ा कर दिया।
तब उसने शावर चालू कर दिया, मानो बारिश हो रही हो।

उसने अपने खड़े लंड का इशारा किया और मेरी टाँगें फैला दीं।
जितना हो सकता था, उसने मेरी टाँगें फैलाईं और हाथों से पकड़े रखा।

फिर उसने अपनी उँगलियों से मेरी चूत का मुँह फैलाया और अपने लंड का टोपा वहाँ लगाया।
तब उसने अपने शरीर का पूरा वजन मेरे ऊपर डाल दिया।

उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को छीलता हुआ अंदर जाने लगा।
मैं चीखने लगी, “ओह उह हहह … माँआआ … मर गईईई … मुझे कोई बचाओ … नहींईई!”
ऊपर से शावर का पानी शरीर को ठंडक दे रहा था।
मैं भी नीचे से अपनी कमर उछालने लगी।

फिर उसने मुझे डॉगी स्टाइल में झुकाया और जोर-जोर से पीछे से ठोकने लगा।
काफी देर तक पीछे से चोदने के बाद उसने मुझे लेटाया और मेरे पैर अपने कंधों पर रखे।

फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत में सेट करके चुदाई शुरू कर दी।
गगन बोला, “अंकिता, मजा आ रहा है?” मैंने हाँ कहा।

उसने पूछा, “तुमने गांड नहीं मरवाई अभी तक?”
मैंने कहा, “नहीं, तुम सोचना भी मत।”
उसने कहा, “ठीक है।”

फिर वो खड़ा हुआ और इसी तरह हॉट Xxx लड़की चुदाई करते हुए झड़ गया।

मैंने कहा, “मैं दो बार झड़ी, लेकिन अभी फिर से उत्तेजित हूँ। मेरा पानी निकालो।”
उसने कहा, “ठीक है।”

वो मेरी चूत चाटने लगा, कभी उंगली डालता, कभी मेरी गांड में उंगली डालकर छेड़ता।

थोड़ी देर में मैं फिर झड़ गई।

फिर हम दोनों साथ में नहाए और बाहर निकले।

मैं अपने कमरे में गई और कपड़े पहने।

गगन बाथरूम के पास नंगा खड़ा था।

मैं उसे देखने गई तो वो रस्सी पर टंगे मेरे और मम्मी के कपड़ों को देख रहा था।
मम्मी की ब्रा उसके हाथ में थी।

मैंने कहा, “क्या कर रहे हो?”
वो बोला, “ये ब्रा?”
मैंने कहा, “मम्मी की है, रखो।”

उसने कहा, “यार, तुम्हारी मम्मी भी माल है। 34C की ब्रा साइज़ है।”
मैंने गुस्से में उससे ब्रा छीन ली और कहा, “चलो यहाँ से!”

वो मेरे कमरे में आया और बोला, “अंकिता, तुम गजब की हो। मजा आ गया। बुरा ना मानो तो कुछ पूछूँ?”
मैंने कहा, “हाँ, बोलो।”

उसने पूछा, “तुम्हारी मम्मी का फिगर क्या है?”
मैंने गुस्से में कहा, “तुम पागल हो? ये क्या पूछ रहे हो? अपनी माँ को भी ऐसे देखते हो क्या?”

वो बोला, “अंकिता, गुस्सा मत हो। मेरी मम्मी का फिगर 36-33-36 है। इसमें क्या गलत है? हर औरत का साइज़ होता है। तुम्हारी मम्मी का साइज़ बोलो।”

मैंने कहा, “34C-33-34 है … अब खुश?”
वो बोला, “हाँ, खुश।”

फिर उसने पूछा, “क्या तुमने मम्मी और पापा को सेक्स करते देखा है?”
मैंने कहा, “क्या बकवास कर रहे हो?”
वो बोला, “मैंने देखा है।”

मैंने कहा, “पहले अपने कपड़े पहनो और हॉल में चलो। दरवाजा खोल दो।”

फिर हम दोनों टीवी देखते हुए बात करने लगे।

थोड़ी देर बाद वो चला गया और उसके बाद मम्मी भी आ गईं।

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