मकान मालिक की गदरायी बेटी को पेला

(Moti Ladki Ki Chudai Kahani)

अनु अनिल 2021-12-05 Comments

मोटी लड़की की चुदाई की मैंने बारिश में! वो मकान मालिक की बेटी थी। एक दिन वो बारिश में नहा रही थी तो मैं भी नहाने लगा. उसके बाद क्या हुआ?

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनिल है। मैं अपनी कहानी आज यहां लिखने जा रहा हूँ।

कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में मैं आप सब को बता दूं।

दोस्तो, मैं कानपुर से हूँ और मेरी उम्र 28 साल है। शरीर के बारे में बात करूं तो मैं 6 फीट लंबा हूं और चौड़ा शरीर है।
मेरे लंड का साइज लम्बा, मोटा है। मेरा लंड ऐसा है कि किसी भी फुद्दी को तहस-नहस कर सकता है।

तो अब ज्यादा बात इधर-उधर ना घुमाते हुए सीधे मोटी लड़की की चुदाई कहानी की तरफ आगे बढ़ते हैं।
ये बात तक की है जब मेरा ट्रांसफर रायपुर, छत्तीसगढ़ में हो गया था।

वहां मुझे ज्यादा बड़ा कमरा किराये पर नहीं लेना था क्योंकि 2 महीने की ही बात थी और इतने ही समय मुझे वहां रुकना था।
मुझे बहुत मुश्किल से एक छोटा कमरा मिला।

कमरे के लिए मैंने एक महीने का एडवांस दिया और अपना सामान लाने होटल चला गया।

जब रात में मैं सामान लेकर अपने रूम में गया तो बाहर छत पर एक लड़की खुले बालों में मोबाइल पर बात करते हुए घूम रही थी।
वो मकान मालिक की बड़ी बेटी थी।

दिखने में रंग उसका गोरा था, भरे हुए गाल थे और लंबे बाल जो उसके चूतड़ों तक आ रहे थे।
उसका शरीर भर पूरा था। उसका फिगर 38-34-40 रहा होगा। शरीर से दिखने में वो शादीशुदा लग रही थी लेकिन उसकी शादी नहीं हुई थी।

उसके मोटापे की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पा रही थी।

मैंने उससे उसका नाम पूछा तो बिना बात किये वो नीचे चले गयी।
फिर मैंने भी ठान लिया कि इसे एक न एक दिन चोद कर रहूँगा।

ऐसे करीब 15 दिन बीत गए वहां!

मैं रोज़ उसे देखता और उसके नाम से रोज़ मुठ मार कर सो जाता।

फिर एक दिन तबीयत ठीक ना होने के कारण मैं घर जल्दी आ गया।

करीब दोपहर के 3 बज रहे थे।
ऊपर मैं जैसे ही अपने कमरे का ताला खोलने लगा तो मैंने बाथरूम में से कुछ आवाज़ आती सुनी।

दरअसल मेरा बाथरूम छत पर एक कोने में बना था और नीचे वाले लोग भी कभी कभार उसको इस्तेमाल कर लेते थे।

मैंने जब कान लगा कर सुना तो वहां से मकान मालिक की लड़की की आवाज़ आ रही थी।
वो किसी से फ़ोन सेक्स कर रही थी और बातें करते हुए वो कह रही थी- जान … आह्ह … जान … आह्ह … और अंदर डालो … ओह्ह … और तेज़ करो … आह आह आह … ऊऊईईई माँ … और तेज़ … हाँ ऐसे ही … और अंदर!

ऐसी कामुक आवाजें सुनकर मेरा तो लंड रॉड की तरह टनटना गया।

मैंने झांककर देखा तो मेरे होश ही गुम हो गए।
वो अपनी चार उंगली चूत में डाले हुए बहुत तेज़ी से अंदर बाहर कर रही थी।

बाथरूम में अंदर वो पूरी नंगी बैठी हुई थी; उसके बड़े बड़े चूचे लटके हुए थे।
वो जल बिन पानी की तरह तड़पती हुई अपने हाथ से अपनी और अपने बॉयफ्रेंड की हवस बातों से शांत करने में मस्त थी।

मैंने वहीं से नीचे देखा कि कहीं कोई आ तो नहीं रहा है! फिर उसके बाद उसको अहसास दिलाने के लिए कि कोई बाहर है, मैंने बाथरूम के गेट के सामने लंड हिलाना चालू कर दिया।

5 मिनट मुठ मारने के बाद मेरा माल बाहर आ गया और सारा माल गेट के सामने गिरा दिया मैंने।
फिर मैं लंड को अंदर करके अपने रूम में चला गया।
मैं अब कान लगाकर सुन रहा था कि कब बाथरूम का दरवाजा खुलेगा।

करीब 10 मिनट के बाद दरवाजा खुलने की आवाज हुई।

मैंने अपने रूम से हल्का सा झांककर देखा।
उसने जैसे ही बाहर अपना पैर रखा वैसे ही उसका पैर मेरे माल पर पड़ा और उसके मुंह से निकला … छीः!

उसको कुछ चिपचिपा लगा तो वो पैर धोने वापस बाथरूम में चली गयी।
जब वो पैर धोकर वापस निकली तो मैं अपने रूम के बाहर ही घूमने लगा।

बाहर मुझे देखकर वो समझ गयी कि ये काम मेरा ही किया हुआ है।

मैंने उसे देखकर स्माइल पास की मगर वो गुस्से में मुंह बनाकर नीचे चली गई।

अगली सुबह जब मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तो वो ऊपर अपने भाई के साथ किसी काम से आयी थी।

उसके भाई के मुंह से मैंने उसका नाम सुना और पता चला कि वो मधु है।

वहां से मैंने तय कर लिया था कि जल्द से जल्द मधु को लन्ड का स्वाद चखाना है।
इन 15-20 दिन में मैंने इतना तो पता कर लिया था कि यहां घर में कौन कौन रहता है और किस टाइम मधु अकेली रहती है।

उसके तीसरे चौथे दिन बारिश हुई।
मैं बारिश में भीग गया। मैं अपने रूम में जा रहा था।

तभी मैंने देखा कि मधु भी ऊपर बारिश में भीग रही थी।
उसके मोटे मोटे दूध … गोल गोल गांड … पानी में भीग कर अलग से नज़र आ रहे थे। उसके निप्पल पूरे कड़े होकर अलग से दिख रहे थे।

वो भी मुझे भीगा हुआ देख कर कुछ नहीं बोली।

मैंने सोचा कि आज ट्राई करके देखना चाहिए। माहौल भी गर्म लग रहा है। इसकी चूचियां भी पूरी दिख रही हैं, शायद ये कुछ सिग्नल दे दे।

मैं अंदर गया और भीगे कपड़े उतार दिए।

अंदर मैंने बनियान पहनी थी। मैंने अंडरवियर निकाला और शॉर्ट्स डाल लिए बिना अंडरवियर के।
फिर मैं बाहर आ गया।

मधु की चूचियों को देखकर मेरा लंड पहले से ही हल्के तनाव में था।
मैं बारिश में आकर नहाने लगा।

उसकी गांड में चिपके सूट और छाती पर सूट में निकले नुकीले निप्पल देखकर मेरा लौड़ा पूरा तन गया।

दोस्तो, मेरा लम्बा लंड शॉर्ट्स में जब तन गया तो अलग से ही साइड में निकल कर दिखने लगा।

मधु की नजर मेरे लंड पर पड़ी। वो उसे देखकर थोड़ी चौंक रही थी।

हालांकि वो मुझसे नजर बचाकर मेरे लंड को देख रही थी लेकिन मेरी नजर से वो नहीं बच पा रही थी।

मैं जानता था कि जब ये फोन सेक्स करके अपने बॉयफ्रेंड से चुदने के सपने देखती है तो शायद मेरे से चुदने के लिए भी तैयार हो जाएगी।

वो बार बार मेरे लंड को देख रही और मैं भी उसको हवस भरी नजर से देख रहा था।
मैंने हिम्मत की और उसके पास जाकर बोला- उस दिन बाथरूम में मैंने कुछ सुना था।

ये सुनकर वो थोड़ी सकपका गयी।
वो हड़बड़ाकर बोली- क्या मतलब है तुम्हारा?
मैं- मतलब तो तुम भी जानती हो।

उसने फिर कुछ जवाब नहीं दिया।
मैं बोला- एक बात बोलूं … बुरा तो नहीं मानोगी?
मधु- हम्म … बोलो।

मैं- तुम्हारा फिगर वाकई में ही बहुत गजब है। इतने बड़े पहाड़ हैं कि कोई भी इन्हें छूकर देखना चाहेगा। काफी किस्मत वाला होगा तुम्हारा बॉयफ्रेंड। इन्हें ब्रा से खोलकर भीगने दिया करो।

ये कह कर मैंने उसके निप्पल को प्यार से सहलाते हुए हल्का सा दबा दिया।
वो थोड़ी पीछे हट गई और मेरी आंखों में देखने लगी।
मैंने उसको आँख मार दी।

वो पलटी और बाथरूम में चली गई।

मैंने सोचा कि शायद मेरी हरकत इसको पसंद नहीं आई और कहीं ये घरवालों को न बता दे।

यह सोच कर मैं भी अपने रूम के अंदर आ गया और कपड़े बदलने लगा।

करीब 5 मिनट बाद मैंने देखा कि वो सच में अपनी ब्रा निकाल कर एक पतली कुर्ती में भीगने लगी।

उसकी मोटी मोटी चूचियां अब झीनी सी कुर्ती के पीछे से ऐसी उभर कर आ गईं थीं मानो कि नंगी ही हों।
निप्पल एकदम साफ चमकने लगे थे।
यह देखकर मेरे अंदर तो हवस का तूफान सा उठ गया।

मैं मौका बिना गंवाए उसके पास गया और उसकी कमर में पीछे से हाथ डालकर उसकी गांड पर अपना तना हुआ लंड सटा दिया।
मेरे हाथ आगे जाकर सीधे उसकी चूचियों पर जाकर कस गए।

वो बोली- हटो … कोई देख लेगा।
मैंने उसकी गांड पर लंड को दबाते हुए कहा- कोई नहीं देखेगा जान … मत रोको … बहुत दिनों से प्यासा था तुम्हारे लिए। आज बारिश में मिलन हो जाने दो।

मैं बार बार उसकी गांड की दरार में लंड सटा रहा था और उसकी मोटी मोटी चूचियों को दबा रहा था।

दोस्तो, वो छत ऐसी थी कि उसके चारों ओर के मकान सब नीचे ही थे।
कोई भी छत पर झांक नहीं सकता था।

फिर मैंने मधु को पलटा कर अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों को अपने होंठों से लगाकर चूसने लगा।
वो भूखी शेरनी की तरह मुझसे लिपट कर पूरा साथ देने लगी।

मेरे बदन पर बस शॉर्ट्स थे तो उसे मेरे शरीर की गर्मी अच्छी लगने लगी।
मैंने जैसे ही उसकी चूत के पास से अपने हाथ से सहलाया तो मुझे उसकी चूत की गर्मी महसूस हुई।
मेरा लंड और ज्यादा फनफना गया।

मैं बार बार उसकी गांड में लंड को कपड़े के ऊपर से ही घुसाने की कोशिश करने लगा।

साथ में अब मैंने उसकी चूत को भी उसकी लैगी के ऊपर से ही पकड़ कर भींच लिया।

उसके मुंह से आह्ह … निकली और मेरा हाथ उसकी चूत को रगड़ने लगा।
वो थोड़ा पीछे की ओर झुक गई और मेरे हाथ पर हाथ रखकर अपनी चूत को रगड़वाने लगी।

मेरा दूसरा हाथ उसकी चूचियों पर था तो उसने उस हाथ पर भी अपना हाथ रख लिया।

मधु की चुदास भड़क उठी थी।
अब वो मेरे काबू में थी।

फिर सीने वाले हाथ को वो मेरे लंड पर ले गयी और उसको शॉर्ट्स के ऊपर से ही सहलाने लगी।

कुछ ही पल के बाद उसने मेरे शॉर्ट्स में हाथ दे दिया और मेरे गर्म लंड को पकड़ कर दबाने लगी।
वो बार बार उसकी लम्बाई पर हाथ फिरा रही थी जैसे कि नापने की कोशिश कर रही हो।
उसके चेहरे के भावों से पता लग रहा था कि लंड को हाथ में लेते ही वो ज्यादा ही कामुक हो गयी थी।

मैं उसके दूध का स्वाद उसकी कुर्ती के ऊपर से ही ले रहा था।

तभी अचानक उसने अपना हाथ मेरी पैंट से निकाल कर अपनी कुर्ती को निकाल दिया।
मैंने पूछा- घर से कोई ऊपर आ गया तो?
मधु- घर में कोई नहीं है, सब बाहर गए हैं।

ये सुनकर मेरा मन किया कि मैं उसको वहीं छत पर गिरा लूं और उसकी चूत में लंड देकर चोदने लगूं।

अब मैं बिना देर किए उसके दूध पागलों की तरह दबाने लगा।
वो मदहोश होकर मेरा पूरा साथ देने लगी थी।

उसके दूध मेरे हाथों में पूरे नहीं आ रहे थे।
मैंने उसको दीवार के साथ लगाया और उसकी लैगी को नीचे कर दिया।
नीचे से उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी।

मैंने लंड निकाल कर उसके हाथ में दे दिया जिसको उसने अपनी चूत पर टिका लिया और मेरे होंठों को जोर से पीने लगी।

अब मैंने भी देर न की और जल्दी से मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूत में लंड को धकेल दिया।

शायद काफी दिनों से लन्ड नहीं लिया था उसने, इसलिए उसके मुंह से चीख निकल गई।
वो बोली- आराम से … बहुत मोटा है … धीरे धीरे डालो।

मगर मैं जैसे पागल हो गया था, मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और लंड को धकेलता चला गया।
मैंने पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया और लगा उस मोटी लड़की की चुदाई करने!

मैं जोर जोर से उसके बूब्स को भींच रहा था।
वो मेरी छाती से लिपट कर चुदने लगी।

मैंने उसकी एक टांग उठवा ली और अपनी गांड पर रखवा ली, फिर उसको तेज तेज पेलने लगा।

दोस्तो, क्या बताऊं … कितना मजा आ रहा था मधु की चूत मारने में!

ऊपर से बारिश का ठंडा पानी पड़ रहा था और हम दोनों नीचे इतने गर्म हो गए थे कि बदन से भाप निकल रही थी।

वो चूत में लंड लेते हुए मेरी गर्दन को काटने लगी।
मेरे सिर के बालों को खींचने लगी।

मैं भी गचागच उसकी चूत में धक्के देता रहा।

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए।

मगर शायद उसकी भूख अभी शांत नहीं हुई थी।
उसने सीधा मेरे लन्ड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

फिर मैंने उसे कहा- चलो … अंदर कमरे में चलते हैं।

वो तुरंत तैयार हो गयी और हम दोनों जल्दी से मेरे रूम में आ गए।

कमरे में आते ही उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और 69 पोजीशन में होकर मेरे लंड को तेज तेज चूसने लगी।

मैं समझ गया कि अब ये चूत चटवाना चाहती है।
मैंने देखा कि उसकी चूत अच्छे से चुदी हुई थी लेकिन पूरी चिकनी थी।
शायद उसने एक दो दिन पहले ही चूत के बाल साफ किए थे।

उसकी चूत के होंठ बाहर की ओर लटक रहे थे।
शायद उसने अपने बॉयफ्रेंड से बहुत चूत चुदवाई थी।
मैंने उसके लटकते चूत के होंठों को खींचते हुए चूसना शुरू कर दिया।

करीब आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे के लंड और चूत को ऐसे ही चूसते चाटते रहे।

फिर मैंने उसको बेड में सीधा लिटा दिया।
इससे पहले कि मैं कुछ कहता उसने पहले ही अपनी चूत को ऐसे फैला दिया जैसे कह रही हो- बस आ जाओ … और डाल दो इसमें अपना लौड़ा!

मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और चूत में एक बार में अपना लन्ड डाल दिया।
उसकी चूत को चीरता हुआ मेरा लन्ड उसकी बच्चेदानी से टकराया और वो बहुत जोर से चीख पड़ी।

वो रोने लगी और बोली- प्लीज अनिल … निकालो बाहर एक बार … बहुत लम्बा और मोटा है तुम्हारा … बहुत दर्द कर रहा है।
मगर मैं रुका नहीं … मैं उसको बिना रुके चोदने लगा।

5 मिनट के बाद वो भी मज़े से क़मर उठाकर लन्ड लेने लगी।

फिर मैंने उससे कहा- मैं नीचे आता हूं, तुम मेरे ऊपर आओ।
वो बिना देरी किए मेरे लन्ड को अपनी चूत में लेकर मेरे ऊपर बैठ गयी और लन्ड की सवारी करने लगी।

वह मजे ले लेकर मेरे लंड पर उछल रही थी और नीचे से उसकी चूत में जब लंड अंदर बाहर हो रहा था तो मुझे भी उससे दोगुना मजा आ रहा था।

मैं उसके बड़े बड़े दूधों को अपने मुंह से काटने लगा।
वो सिसकारियां भरने लगी।

मैंने देखा कि उसकी आंखें जैसे भारी होने लगी थीं।
अब शायद वो झड़ने वाली थी … पूरी स्पीड से वो ऊपर नीचे कूदने लगी।

वो लंड लेते हुए बड़बड़ा रही थी- आह्ह .. ओह्ह … याह … मेरी चूत … आह्ह … हाय … ओह्ह … मजा आ रहा है… ओह्ह्ह ऐसे ही चोदा करो रोज मुझे।

ये कहते हुए एकदम उसकी स्पीड थम गई और वो मेरे ऊपर गिरते हुए सुस्त होकर लेट गई।
उसकी चूत का गर्म माल मेरे लन्ड से बहता हुआ बेड पर गिरने लगा।

मगर मेरा लन्ड अभी शांत नहीं हुआ था।
मैंने उससे कहा- अब तो तू मेरी रंडी बन गई है तो रंडी बनाकर ही चोदूंगा।

ये कहते हुए मैंने उसे कुतिया बना दिया.
लेकिन वो बोली- अभी रुको।
मगर मैं उसकी नहीं सुन रहा था।

बिना देरी किये मैंने कुतिया बनाकर उसकी चूत में लन्ड पेल दिया।

उसकी गांड का साइज देख कर मैं पागल हो गया था।
उसके गीले बालों को अपने हाथों में पकड़ कर मैंने धक्के लगाना शुरू ही किया था कि वो दो-तीन मिनट में फिर से झड़ गयी।

मैं फिर भी लगातार उसकी चुदाई करता रहा।
फिर मैंने उसकी गांड के छेद में अपना अंगूठा डाल दिया और चोदने लगा।

वो दर्द से रोने लगी।
काफी देर तक लगातार उसको चोदने के बाद मेरा माल निकलने को हो गया।

फिर मैंने उसको सीधी किया और आगे से उसकी चूत को चोदा।
जब मेरा माल आने लगा तो मैंने एकदम से लंड निकाल दिया और उसके पेट और चूचों पर सारा माल गिरा दिया।

वो मेरे सारे माल को उंगली से चाट गई।

उस दिन के बाद से उसके साथ मेरा टांका फिट हो गया।

मैंने उसकी भारी भरकम चूचियों और गांड को रगड़ते हुए उसे खूब पेला।

इस कहानी में बस इतना ही बता रहा हूं। आप इस मोटी लड़की की चुदाई कहानी के बारे में अपनी राय जरूर भेजना।
फिर मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने उसकी गांड भी चोदी।
आपकी अपनी प्रतिक्रियाएं मुझे नीचे दी गई ईमेल पर भेजें।
मेरा ईमेल आईडी है- [email protected]

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