सगी भाभी की चूत की आग बुझाई- 2

(Nangi Ladki Desi Kahani)

सिद्दीकी 2025-12-12 Comments

नंगी लड़की देसी कहानी में मुझे घर में मौक़ा मिला तो मैंने भाभीजान को चुदाई के लिए कहा. हम दोनों चूमा चाटी कर ही रहे थे कि पड़ोस की लड़की आ गयी.

कहानी के पहले भाग
सगी भाभी की चूत चाट कर मजा दिया
में आपने पढ़ा कि मेरे भाईजान शादी के 2 महीने बाद ही काम पर बाहर चले गए. भाभी की चूत सूनी हो गयी. मैंने भाभी को सेट कर लिया और एक रात मैंने छत पर भाभी को नंगी करके उनकी चूत चाट कर स्खलित करवा दिया.

अब आगे नंगी लड़की देसी कहानी:

मैंने भाभी के होंठों को किस करने के बाद नीचे आकर के उनके बूब्स दबाने लगा और भाभी अब बिस्तर पर मचलने लगी।

अब मैंने भी देर ना करते हुए फिर से उनके बूब्स को पीने लगा और एक उंगली को उनकी चूत पर फिराने लगा।

थोड़ी देर बाद भाभी फिर से गरम हो गई और अब मेरे सिर को ऊपर लाकर मेरे गले पर अपने नाखून गड़ाने लगी और मुझे अपनी बाहों में दबोच कर मेरी पीठ को सहलाने लगी।

भाभी की चूत से अब बिलकुल आग की तरह ज्वाला निकल रही थी.
इसलिए उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर एक दो बार अपने चूत के छेद के सामने किया और मेरे चूतड़ को दबाने की कोशिश की मगर मैंने अपने लंड को अंदर नहीं डाला।

आखिरकार उन्होंने मुझे अपने से छुड़ाकर अपनी टांगों को खोलते हुए मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखते हुए अंदर डालने का इशारा किया।
मगर मैंने उनको नजरअंदाज किया।

भाभी को थोड़ा सा गुस्सा आ गया और उन्होंने उठकर मुझे नीचे करते हुए खुद मेरे ऊपर आ गई और अपनी चूत में मेरे लंड को सेट करती हुई उस पर बैठने लगी और साथ में बड़ी जोर जोर से हांफते हुए चीख भी निकलती रही. मगर उन्होंने मेरे पूरे लंड को लगभग तीन बार में अंदर ले लिया और अब मेरे ऊपर लेट गई और मुझे किस करती हुई पलटने लगी जिससे कि अब मैं उनके ऊपर आ जाऊं।

आखिरकार अब मैं उनके ऊपर आ गया और उनके बूब्स को पकड़ कर उनकी चूत में धक्के लगाने लगा और हर धक्के पर भाभी अपनी चीखें निकालने लगी।

लगभग दस मिनट के बाद भाभी ने फिर से मुझे जकड़ लिया और कहा- मेरा होने वाला है!
और इसके साथ ही वो फिर से झड़ने लगी और लगभग 20 धक्कों के बाद मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों की आग बुझ गई थी और अब मैंने मोबाइल में देखा तो 3:30 बज रहे थे।

अब भाभी ने कहा- अभी जाने दो मुझे! अगर किसी को शक हो गया तो मेरी तो जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। सुबह होने को है अगर सादिया जाग गई होगी बीच में तो मेरी तो खैर नहीं।

मैं भी उनकी इस बात से राजी था तो भाभी को जाने के लिए कह दिया.
भाभी ने अपने कपड़े पहने और नीचे जाने के लिए जैसे ही झोपड़ी से निकली तो देखा कि वहां पर मेरे पड़ोस की लड़की जोया खड़ी थी।
अब भाभी को काटो तो खून नहीं।
और वो फिर से अंदर आ गई और उनके पीछे-पीछे जोया भी झोपड़ी के अंदर आ गई।

मैं, “तुम कब आई जोया मेरी छत पर!”
जोया, “जब तुम अपनी भाभी की बुर चोद रहे थे। मैंने सब कुछ देख लिया है कि क्या कर रहे थे तुम दोनों!”

भाभी, “प्लीज जोया इस बात को किसी को मत बताना अगर किसी को पता चल गया तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी!”
मैं, “अरे भाभी तुम डरो मत, मैं देखता हूं इस रण्डी को!”

जोया, “मैं अगर रंडी हूं तो तेरी भाभी क्या है!”
मैं, “तुझे क्या चाहिए जोया इस बात को छुपाने के लिए!”

जोया, “सोच कर बताऊंगी!”
मैं, “अच्छा ठीक है अब जाओ तुम दोनों!”

जोया, “मुझे एक किस चाहिए लंबी वाली जो अभी भाभी को दी थी!”
मैं, “ओके!”

और फिर जोया ने मुझे किस किया और फिर दोनों अपने-अपने रास्ते से होकर नीचे चली गईं।

सुबह में देर से उठा और नीचे गया तो देखा कि अम्मी पड़ोस में गई थी और भाभी किचन में थी और सादिया शायद बाथरूम में नहा रही थी।

मैं किचन में गया और भाभी को पीछे से पकड़ कर उनकी गर्दन पर किस करनी शुरू कर दी।

भाभी, “क्या कर रहे हो कोई देख लेगा तो ख्वामखाह की दिक्कत हो जाएगी!”
मैं, “रात को दिक्कत तो नहीं हुई थी!”

भाभी, “जोया वाली दिक्कत क्या कम थी जो कोई और दिक्कत की पूछ रहे हो!”
मैं, “अरे सादिया तो नहीं जगी थी!”

भाभी, “मैं जब आई थी तो सो रही थी। अब बीच का पता नहीं उठी थी या नहीं!”

मैं, “आज का क्या प्लान है!”
भाभी, “क्या?”

तभी बाथरूम से सादिया के निकलने के लिए बाथरूम का दरवाजा खड़का और मैं तुरंत किचन से बाहर निकल आया और बरामदे में बैठ कर मोबाइल चलने लगा।

थोड़ी देर में भाभी मुझे चाय देने आई और अपने बूब्स के दर्शन देती हुई मुझे चाय देकर चली गई।

किचन के पास जाकर उन्होंने मुझे देखकर अपनी आंख मारते हुए मुस्कुरा कर किचन में चली गईं।

सारा दिन मैंने उनकी इसी मुस्कुराहट को देखकर बिता दिया।

दोपहर को खाना खाने के बाद मैं छत पर झोपड़ी में चला गया और वहां पर मैं अपने मोबाइल में लूडो खेलने लगा.
मगर ज्यादा गर्मी होने की वजह से मुझे वहां बैठा नहीं जा रहा था तो मैं वहां से नीचे आया.

तो देखा कि अम्मी और सादिया अब्बू के साथ पास के ही शहर में शॉपिंग करने के लिए तैयार हो रहे थे।
इसलिए शाम तक मुझे घर पर ही रुकने को बोल दिया कि घर पर भाभी अकेली कैसे रहेगी।

तो जैसे मेरी लॉटरी निकल पड़ी थी।
बिल्ली के भरोसे दूध की रखवाली थी इसीलिए मुझे इस मौके का फायदा उठाने का अच्छा मौका मिला था।

लगभग 1 बजे सब लोग घर से निकल गए और घर पर मैं और भाभी अकेले रह गए।
सभी के घर से निकलते ही मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर मुस्कुराती हुई दरवाजे से अंदर चली गईं।

मैं बाहर ज्यादा धूप के होने की वजह से मेन गेट को बंद करके घर के अंदर बरामदे में आ गया और भाभी से फ्रिज के ठंडे पानी की मांग की।
मगर पता चला कि आज सुबह से लाइट नहीं आई है तो आज ठंडा पानी पीने को नहीं मिल सकेगा।

तो मैंने उनसे नॉर्मल पानी ही लाने को बोल दिया।
भाभी ने जल्द ही नॉर्मल पानी लाकर के मेरे सामने रख दिया और कहा, “आज तो बहुत गर्मी है यार ऊपर से ये लाइट भी नहीं आई है आज तो!”

मैं, “बहुत गर्मी लग रही है क्या?”
भाभी, “तुम्हें नहीं लग रही है क्या जो मुझसे ऐसे पूछ रहे हो? अच्छा एक बात तो बताओ मुझे!”
मैं, “पूछो!”

भाभी, “जो कुछ भी हुआ मेरे तुम्हारे बीच रात को वो सब जोया किसी से कहेगी तो नहीं इस बारे में? मुझे तो डर लग रहा है, अगर उसने किसी से कुछ कह दिया तो मैं तो कहीं भी मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी!”
मैं, “अरे उसकी टेंशन न लो, भाभी कल रात को टाइम नहीं था तो सही से लेने का मौका नहीं मिला था चलो आज दिन में ही करते हैं!”

भाभी, “और यार यहां मेरी डर के मेरे फटी पड़ी है और तुम्हें लेने की पड़ी है!”

इसके बाद मैंने भाभी की तरफ बढ़कर भाभी के हाथों को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगा और उनके हाथों को चूम लिया।

इससे भाभी की शरीर में सिहरन होने लगी और वो बोलते-बोलते लड़खड़ाने लगी, “तु तुम छू ऊऊऊऊ न बंद करो पहले तो मुझे अभी और भी बहुत सारे काम हैं!”

अब मैंने उनको बरामदे की दीवार के सहारे सटाकर खड़ा कर दिया और उनके सिर को पकड़ कर इनके लिप्स को अपने मुंह में लेने के लिए अपने होठ उनको होंठों पर लगाने के लिए उनको तरफ बढ़ा दिए मगर वो सिर हिलाकर अपने होंठों मुझसे मिलने से बचाती रही।

मगर आखिर कर मैंने उनके लिप्स पर अपने लिप्स रखकर उनको किस करने लगा और उनके शरीर से सटकर उनके बूब्स को दबाने लगा।

मेरे लिप्स से उनके लिप्स हटते ही वो कहने लगी- प्लीज अभी छोड़ दो. मुझे अभी नहाने जाना है वैसे भी इस गर्मी में बॉडी से पसीना बहुत निकल रहा है और अब तुम भी मुझे पेलने की सोच रहे हो रात को ले लेना कल की तरह ही।
मैं, “मैं रात तक नहीं रुक सकता जानेमन भाभी जान!”

भाभी, “प्लीज मुझे छोड़ दो अभी रात को ले लेना पक्का। जितनी देर मर्जी हो!”

तभी हमारे दरवाजे पर दस्तक हुई और मैं और भाभी दोनों दूर-दूर हो गए।

पहले तो हम लोगों ने अपनी सांसों को काबू में किया फिर मैं वहां से निकल कर बाथरूम की तरफ चला गया और भाभी ने अपने बालों और कपड़ों को सही करके दरवाजे को खोलने के लिए चली गईं।

दरवाजे पर जोया आई हुई थी और अम्मी और सादिया के बारे में भाभी से पूछने लगी। जब उसे पता चला कि घर पर सिर्फ मैं और भाभी है तो वो घर के अंदर आ गई और भाभी से कहकर कुंडी लगवा दी।

भाभी की तो अब सांसें ऊपर नीचे होने लगी और वो तुरंत मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर सीधा जोया के पास ले आई और खुद वहीं पर सोफे पर बैठ गई।

मैंने जोया से पूछा- क्या हुआ कोई काम था क्या?
जोया, “क्या कोई काम हो तब ही आ सकता है क्या कोई!”
मैं, “और ऐसी कोई बात नहीं है!”

जोया, “मैंने तुम्हारी अम्मी और सादिया को जाते हुए देखा तो मुझे इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा तुमसे दोनों से बात करने का इसीलिए आ गई!”
भाभी, “प्लीज ये बात किसी को नहीं बताना तुम जो भी कहोगी मैं करने को तैयार हूं!”

मैं, “और भाभी इस बुरचोदी से क्यों डर रही हो ये तो हरामजादी बहुत बड़ी कुतिया है। साली नफीस से चुदवाती है खेतों में और कई बार तो एक दूसरे के घर पर भी चुदवाई हुई है इसने!”
भाभी, “सच में!”

मैं, “भाभी अब क्या देख रही हो इस बुरचोदी को, आज तो अच्छा मौका मिला है घर पर भी कोई नहीं है!”

जोया, “अच्छा तो ये प्लानिंग चल रही है तुम लोगों की!”
भाभी, “ऐसी कोई बात नहीं है जोया, वो तो ऐसे ही कह रहा है!”

जोया, “तो दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यों लगाई थी तुमने!”
भाभी, “अरे मैं बाथरूम में थी बाबा इसीलिए!”

जोया, “ज्यादा झूठ मत बोलो मेरी रण्डी भाभीजान मैंने दरवाजे के कीहोल से सब कुछ देख लिया था। कि कैसे तुम दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे!”

मैं, “अरे जोया अगर तुझे चुपचाप यहां रहना है और अगर मजे लेना है मजे कर बस हम दोनों को डिस्टर्ब न कर और मजे लेने दे!”
जोया, “ये क्या बात हुई तुम दोनों मजे लोगे और मैं देखती रहूंगी, ऐसा तो तुम दोनों सोचना भी मत। अरे मजा लेने और देने के लिए ही तो घर से छुप कर आई हूं तुम्हारे यहां!”

भाभी, “अच्छा तो आग तेरी भी चूत में लगी हुई है!”
जोया, “बहुत लगी हुई है भाभी, आजकल नफीस भी काम के सिलसिले में ज्यादातर बाहर ही रहता है तो मेरी चूत भी सर्विसिंग मांग रही है। और कल जब मैंने इसका लौड़ा देखा तेरी चूत में तो मैं तो इसके लंड की फैन ही हो गई साला क्या मस्त लौड़ा है इसका!”

जब भाभी ने ये सब सुना जोया के मुंह से तो वो अब बेफिक्र हो गई क्योंकि अब उन्हें जोया के बारे में विश्वास हो गया था कि वो भी एक चुदक्कड़ कुतिया है जो मौका मिलते ही किसी से भी अपनी आग बुझाने के लिए चुदवा लेगी।

भाभी, “अच्छा तो अब ज्यादा टाइम खोटी न कर और लग जा काम पर!”

अब भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने रूम की तरफ जाने को कहा और कहा- आज तो तेरे लंड की लॉटरी निकल पड़ी है एक साथ दो-दो की पेलने को मिलेगी मैं जरा बाथरूम से फारिग होकर आती हूं तब तक तुम दोनों चल कर अपना काम शुरू करो और जोया दोनों मेरी तरफ धकेल दिया।

अब मैंने भी देर ना करते हुए भाभी को एक लंबा सा स्मूच देकर भाभी के बेडरूम की तरफ बढ़ गया और मेरे पीछे से जोया भी आ गई।

मैं अंदर आते ही रूम की सारी लाइट्स को ऑन कर दिया और जोया को दरवाजे पर ही दीवार के सहारे खड़ा करके किस करने लगा।

साली जोया भी बहुत दिनों से भूखी थी तो उसने भी मेरे गले में हाथ डालकर बड़ी शिद्दत से किस कर रही थी और हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुंह में थूक का आदान-प्रदान कर रही थी।

लगभग पांच मिनट बाद भाभी आई तब उन्होंने देखा तो कहा- अंदर चलकर आराम से करो ये सब! आज हम दोनों की आग बुझानी है तुझे!

अब मैंने देखा कि भाभी ने अपने कपड़े बाथरूम में उतार कर सिर्फ अंडरगार्मेंट्स में आई थी.
जब मैंने पूछा- ऐसा क्यों?
तो उन्होंने बताया कि वो कपड़े उन्होंने धोने के लिए भिगा कर रख दिए हैं।

हम तीनों अंदर आ गए और मैं अंदर बेड पर लेट गया और भाभी मेरी जांघों पर बैठकर मेरे लोअर को नीचे कर लंड पकड़ कर उसे अपने हाथों से हिलाने लगी और बीच-बीच में उसे किस भी करने लगी.
और जोया साइड में लेटकर किस करने लगी।

अब मैं उठकर बैठ गया और भाभी से कहा- अगर लंड चूसना है तो सही से चूसो वरना इस बहनचोद जोया को दे दो।

जोया, “मैंने कब अपने भाई से चुदवाया जो तू मुझे बहनचोद बोला रहा है बहनचोद तो तू होगा!”
भाभी, “अभी नहीं है साला जब सादिया को चोदेगा तब हो जाएगा!”

जोया, “अरे पहले हम दोनों की आग को तो शांत करदे उसके बाद सादिया की चूत के बारे में बात करना!”

अब जोया मेरे लंड को मुंह में लेने लगी और भाभी ने अपनी ब्रा उतार कर मुझे लिप्स से लेकर छाती तक किस करने लगीं।

मैंने देखा कि जोया तो साली अभी भी फुल कपड़े में थी.
मैंने अब उठकर जोया को नीचे लिटाया और भाभी को कहा कि वो उसके लिप्स पर किस करे और मैंने उसकी सलवार के नाड़े को खोलकर अलग करने लगा.

तो पाया कि जोया ने तो सिर्फ ऊपर के कपड़े ही पहने हुए थे उसने अंडरगार्मेंट्स नहीं पहने हुए थे।
उसकी चूत से काम रस रिस-रिस कर नीचे बह रहा था।

मैंने उसकी कुर्ती को ऊपर की तरफ किया और उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगा दिया जोया इस अचानक के हुए हमले से चौंक गई और भाभी की होंठों को काटने लगी।

अब भाभी ने भी उसके बूब्स को दबाते हुए उसे किस करना चालू कर दिया।
लगभग पांच मिनट में ही जोया के पैर कपकपाने लगे और वो मेरे सिर को अपने पैरों से जकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

मैं भी अब अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर उसकी चूत के रस को पीने लगा।

अब भाभी भी उसे बहुत जोरों से किस करने लगी थी अब जोया फारिग हो गई थी तो उसने भाभी से कहा कि मेरा तो पानी निकल गया इसका अपनी चूत में डलवाए बिना।

भाभी, “अच्छा जी तुम्हारा पानी इतनी जल्दी निकाल दिया आज इसने!”

मैंने अब भाभी की चूत को देखा तो उन्होंने अभी भी पैंटी पहनी हुई थी.

नंगी लड़की देसी कहानी पढ़ कर आपको मजा आया होगा.
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